नौकर ने मालकिन की प्यासी चूत को ठंडा किया

ही फ्रेंड्स, मैं कल्पना केपर अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने वापस आ गयी हू. मेरी पिछली कहानी को अपना प्यार देने के लिए आप सब का धन्यवाद. उमीद है की आप इस पार्ट को भी उतना ही प्यार देंगे.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की पंकज और मेरा सेक्स शुरू हो चुका था. उसने मुझे उपर से नंगा कर दिया था, और मेरे बूब्स चूस-चूस कर लाल कर दिए थे. फिर उसने मुझे उठाया और बेड पर ले गया. अब आयेज की कहानी.

बेड पर लिटने के बाद पंकज मेरे उपर आया, और मेरे पेट पर अपनी जीभ फेरने लगा. उसके जीभ फेरने पर मेरे बदन में सुरसुरी सी दौड़ रही थी. मेरे पेट को वो चूस-चूस कर चाट रहा था.

फिर वो मेरी नाभि पर आया, और नाभि में अपनी जीभ डाल कर चाटने लगा. मैं मदहोश हो रही थी, और उसके सर पर हाथ रख कर उसको अपने पेट पर दबा रही थी. फिर वो और नीचे गया, और मेरी लोवर वेस्ट पर दाँत काटने लगा. वो ये सब एक माँझे हुए खिलाड़ी की तरह कर रहा था.

उसके बाद उसने मेरी जीन्स का बटन खोला, और फिर ज़िप खोल कर जीन्स नीचे करने लगा. जीन्स काफ़ी टाइट थी, लेकिन उसने एक ही झटके में मेरी जीन्स उतार दी. अब मैं उसके सामने सिर्फ़ पनटी में थी. मेरा सेक्सी बदन जिसको देख कर किसी भी मर्द की नीयत फिसल जाए, वो अब नंगा पंकज के सामने था.

फिर पंकज ने मेरे पैर पकड़े, और मेरे अंगूठे को चूसना शुरू कर दिया. आज तक किसी ने भी मेरा अंगूठा नही चूसा था, और ये नया अनुभव मुझे बहुत अछा लग रहा था. उसके बाद वो उपर आया, और मेरी टाँगो को चाटने लगा.

टाँगो को चाट-ते हुए वो मेरी जांघों पर आया, और मेरी जांघों को चाटने और काटने लग गया. वो ये सब इतनी आचे से कर रहा था, की मेरी छूट ने पानी छ्चोढ़ दिया, और मेरी पनटी बहुत ज़्यादा गीली हो गयी.

फिर वो उपर आया, और मेरी गीली पनटी को सूंघने लगा. सूंघने के बाद उसके चेहरे का भाव ऐसा था, जैसे उसने बड़ी ही खुश्बुदार चीज़ सूंघ ली हो. फिर उसने कमर से पनटी को पकड़ा, और उसको मेरी टाँगो के रास्ते से होते हुए निकाल दिया.

अब मेरी सेक्सी और टाइट छूट उसकी आँखों के सामने थी. जिस बंदे ने सारी बॉडी चाट डाली, वो छूट ना छाते, ऐसा कैसे हो सकता था. उसने छूट देखते ही मेरी टांगे थोड़ी खोली, और अपना मूह मेरी छूट पर लगा लिया. उसके मूह लगते ही मेरे मूह से आ निकल गयी.

फिर उसने मेरी छूट पर जीभ फेरनी शुरू कर दी. उसकी जीभ मेरी छूट की आग में गीयी डालने का काम कर रही थी. मैं कसमसा रही थी, जब वो मेरी छूट पर जीभ फेर रहा था. फिर उसने अपने एक हाथ से मेरी चूत के मूह को खोला, आंड अपनी जीभ को छूट के अंदर डालने लगा.

वो सीधे मेरी छूट के दाने को अपनी जीभ से टीज़ कर रहा था. और मुझे नही लगता आप सब को बताने की ज़रूरत है, की जब जीभ छूट के दाने पर लगती है, तो क्या होता है.

मैं पागल हो रही थी, और गांद हिला-हिला कर छूट चुस्वा रही थी. मेरी छूट बहुत ज़्यादा पानी छ्चोढ़ रही थी. फिर मैने उसके सर पर हाथ रखा, और उसको अपनी छूट में दबाने लगी. वो भी मेरी छूट को मूह खोल कर खाने की कोशिश कर रहा था. इससे उसके दाँत मेरी छूट पर रग़ाद रहे थे.

कुछ देर ऐसा करने के बाद मैने उसको मुझे छोड़ने को कहा. फिर वो मेरे उपर आया, और वापस मुझे किस्सिंग करने लगा. उसका लंड नीचे मेरी छूट पर लग रहा था. मैं अपना हाथ नीचे लेके गयी, और उसके सख़्त लॉड को अपनी छूट के मूह पर रख दिया. मेरे ऐसा करते ही उसने ज़ोर का धक्का दिया, और उसका आधा लंड मेरी छूट में घुस गया.

काफ़ी देर से ना चूड़ने की वजह से छूट टाइट हो चुकी थी, इसलिए मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मैं चीख भी नही सकती थी, क्यूंकी उसने मेरे होंठो को अपने होंठो से ब्लॉक कर रहा था. उसके 2-3 धक्के और लगे, और उसका पूरा लंड मेरी छूट में समा गया. मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन मज़ा भी बहुत आया.

पूरा लंड डाल कर उसने कुछ मिनिट वेट की. फिर वो अपनी गांद आयेज-पीछे करके मेरी छूट छोड़ने लगा. बड़ा मज़ा आ रहा था. उसका लंड रग़ाद खाता हुआ मेरी छूट में अंदर-बाहर जेया रहा था. अब उसने मेरे होंठ छ्चोढे, और मेरे बूब्स चूस्टे हुए मेरी छूट छोड़ने लगा.

वो बड़ी ज़ोर के धक्के लगा रहा था, जिससे उसका मोटा लंड मेरी बच्चे-दानी से टकरा रहा था. एक-दूं ज़बरदस्त मज़ा आ रहा था. 15 मिनिट वो मुझे वैसे ही चूस्टा और छोड़ता रहा. इस बीच मैं एक बार झाड़ भी गयी थी. छूट में से पानी रिसने की वजह से छाप-छाप की आवाज़े निकल रही थी.

फिर उसने मेरी छूट से अपना लंड बाहर निकाला. उसका लंड मेरी छूट के पानी से एक-दूं चिपचिपा हो चुका था. फिर उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा. मैं आज तक कभी घोड़ी नही बनी थी. मुझे लगता था की घोड़ी बना कर औरतों को गुलाम दिखाने की कोशिश की जाती है.

लेकिन आज मेरे लंड की प्यास इतनी बढ़ चुकी थी, की मैं चुप-छाप उसके सामने घोड़ी बन गयी. फिर उसने मेरे छूतदों को आचे से मसला, और उन पर ज़ोर के थप्पड़ लगाए. इससे मैं बहुत उत्तेजित हो गयी.

उसके बाद उसने अपना लंड पीछे से मेरी छूट पर लगाया, और एक ही झटके में पूरा अंदर डाल दिया. मेरी ज़ोर की चीख निकली, और मेरी पूरी बॉडी काँप गयी. फिर उसने मेरे छूतदों पर अपने हाथ रखे, और तबाद-तोड़ मेरी छूट में अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा.

बहुत मज़ा आ रहा था. उसकी जांघों के मेरी गांद के साथ टकराने से ठप-ठप की आवाज़े आ रही थी. मुझे ऐसा फील हो रहा था, जैसे मैं जन्नत में थी. मेरी छूट ने एक और बार पानी छ्चोढ़ दिया था.

फिर 10 मिनिट तक वो फुल स्पीड में मेरी छूट छोड़ता रहा. मुझे अब छूट में दर्द होने लगा था. फिर वो आहह आ करने लगा. इससे पहले की मैं उसको बोलती मेरे अंदर ना निकालने को, उसने अपना लंड छूट से बाहर निकाला, और मेरी गांद पर अपना माल निकाल दिया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. दोस्तों अगर कहानी पढ़ कर मासा आया हो, तो इसको दोस्तों के साथ शेर ज़रूर करे.

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