ही फ्रेंड्स, मेरा नाम गीता है. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आई हू. उमीद है आपने पिछला पार्ट पढ़ा होगा. अगर नही पढ़ा, तो पहले जाके वो पार्ट ज़रूर पढ़ ले. उमीद है की आपको कहानी पसंद आएगी.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मेरी नौकरानी बीमार होने की वजह से गाओं चली गयी. उसने वाहा से काम करने के लिए अपने बेटे को हमारे यहा भेज दिया. उसका बेटा भोला-भला था.
उस 19 साल एक जवान लड़के को देख कर मेरी नीयत फिसल गयी, और मैने उसको सिड्यूस करके अपनी छूट की आग बुझवाई. अब आयेज की कहानी की तरफ बढ़ते है.
चुदाई ख़तम करके हम दोनो नंगे लेते हुए थे. मैं पूरी तरह संतुष्ट हो चुकी थी, और आँखें बंद करके लेती हुई थी. तभी मुझे कुछ आवाज़ आई. मैने आँखें खोल कर देखा, तो कमाल रो रहा था. मैं उसको रोते देख कर हैरान हो गयी. फिर मैने उससे पूछा-
मैं: क्या हुआ तुम्हे?
कमाल (रोते हुए): मुझसे बहुत बड़ी ग़लती हो गयी. मुझे माफ़ कर दीजिए.
मैं: ऐसा कुछ नही हुआ है.
कमाल ने मेरी बात नही सुनी, और रोते हुए कमरे से बाहर चला गया. मुझे टेन्षन हो गयी की अगर उसने मुझे दोबारा नही छोड़ा, तो मेरी छूट फिरसे प्यासी हो जाएगी.
फिर मैने जल्दी से कपड़े पहने, और उसके पीछे गयी. वो रूम में जेया कर रो रहा था, और दरवाज़ा अंदर से बंद कर रखा था. मैने दरवाज़ा नॉक किया, लेकिन उसने खोला नही. फिर मैं ऐसे ही अपने रूम में आ गयी.
उस दिन के बाद कमाल ने मुझसे कभी नज़र मिला कर बात नही की. मैं जान बूझ कर उसके सामने झुक कर कभी अपनी क्लीवेज दिखती, तो कभी अपनी सेक्सी गांद के दर्शन करवाती. लेकिन वो मेरी तरफ नज़र ही नही उठा रहा था.
लेकिन कब तक वो मुझसे बचा रह सकता था. अगर एक औरत चाहे तो किसी भी मर्द को अपने वश में कर सकती है. और यही काम मुझे करना था. फिर मैने सोचा की क्या किया जाए. और 2-3 दिन बाद मैं अपने प्लान के साथ रेडी थी.
कमाल अपने रूम को अंदर से लॉक करके सोने लगा था. हमारे घर में हर दरवाज़े की टीन कीस रहती है, ताकि अगर एमर्जेन्सी में कोई दरवाज़ा खोलने पड़े, तो उनको उसे किया जेया सके. मैने उनमे से कमाल वाले रूम की के निकाल ली.
फिर आधी रात में जब सब सो गये थे, तो मैं नीचे चली गयी. नीचे जाके मैने अपनी के से कमाल का दरवाज़ा खोला. कमाल अंदर त-शर्ट और शॉर्ट्स पहन कर सोया हुआ था. उसका लंड उसकी शॉर्ट्स में खड़ा हुआ था.
उसका खड़ा लंड देख कर मेरी छूट में खुजली होने लगी. फिर मैने धीरे से उसकी शॉर्ट्स नीचे की. उसके बाद उसका अंडरवेर नीचे किया. जैसे ही उसका अंडरवेर नीचे किया, उसका लंड उछाल कर बाहर आ गया.
मैने चेक किया की कही वो जाग तो नही रहा था. लेकिन वो सो रहा था. उसका लंड देख कर मेरे मूह में पानी आने लगा. पहले मैने उसके लंड पर 2-3 किस किए, और फिर उसके लंड को मूह में डाल कर चूसने लगी.
आहह… क्या मज़ा आ रहा था उस साँप जैसे लंड को चूसने में. इतना टेस्टी था उसका लंड की मैं क्या बतौ. अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था, और मैने ज़ोर-ज़ोर से उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया.
लंड ज़ोर से चूसने की वजह से उसकी नींद खुल गयी. जैसे ही उसने मुझे लंड चूस्टे देखा, वो उठ कर बैठ गया, और उसका लंड मुझसे डोर हो गया. फिर वो मेरी तरफ देखने लगा. तभी मैने उससे कहा-
मैं: कमाल मुझे ज़रूरत है इसकी. प्लीज़ मुझे ये डेडॉ.
कमाल: मैने तुमसे कहा था ना की मुझे नही करना. लेकिन तेरी भूख शांत ही नही होती रंडी.
उसके मूह से ये शब्द सुन कर मैं हैरान हो गयी.
कमाल: अब देख तेरी छूट का कैसे भोंसड़ा बनता हू मैं.
ये बोल कर उसने मेरे बाल पकड़े, और अपना लंड मेरे मूह में डाल दिया. वो ज़ोर-ज़ोर से मेरा मूह छोड़ने लगा, और मुझे अपना मोटा लंड चुसवाने लगा. मैं भी मज़े से उसका लंड चूसने लग गयी.
फिर उसने अपनी स्पीड बधाई, और अब मुझे साँस लेने का टाइम भी नही दे रहा था. मेरी साँस रुक रही थी, और मेरे मूह से बहुत सारी थूक बाहर आ रही थी. लेकिन वो वाइल्ड हो रहा था.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद उसने बाल पकड़ कर ही मुझे अपने उपर खींच लिया, और फिर अपने नीचे कर लिया. मैने नाइट सूट पहना हुआ था पिंक कलर का.
उसने मेरा पाजामा उतरा, और पनटी के उपर से मेरी छूट चूमने लगा. फिर उसने मेरी पनटी फाड़ दी, और अपनी जीभ मेरी छूट में डाल कर चूसने लगा. मैं उसकी वाइल्डनेस देख कर हैरान थी. मुझे नही पता था की वो इतना वाइल्ड भी हो सकता था.
वो मेरी छूट चूस रहा था, और मैं अपनी गांद हिला-हिला कर मज़ा ले रही थी. फिर उसने अपनी 2 उंगलियों से मेरी छूट के दाने को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया. इससे मेरे जिस्म में भयंकर करेंट लगने लगा.
फिर वो उपर आया, और मुझे उपर से भी नंगी कर दिया. उसने अपना लंड मेरी छूट पर सेट किया, अपने दोनो हाथ मेरे बूब्स पर रखे, और ज़ोर के धक्के से पूरा लंड मेरी छूट में घुसा दिया.
मेरी चीख निकालने से पहले उसने अपने होंठो से मेरे होंठ पकड़ लिए, और उनको चूसने लगा. अब वो मेरे होंठ चूस रहा था, बूब्स दबा रहा था, और छूट छोड़ रहा था. फिर वो मेरे निपल्स चूसने लगा, और नीचे से धक्के चालू रखे.
इस बार के उसके धक्के पिछली बार से बहुत ज़ोर के थे. कुछ देर उसने मुझे ऐसे ही छोड़ा, और मैं झाड़ भी गयी. फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया, और पीछे से लंड मेरी छूट में डाल दिया. अब उसके ज़ोर के धक्को से उसका लंड मेरी बच्चे-दानी को लग रहा था. मुझे मज़ा और दर्द दोनो मिल रहे थे.
उसने थप्पड़ मार-मार कर मेरे चूतड़ लाल कर दिए थे. कुछ देर में मेरा फिरसे पानी निकल गया, और मैने उसको रुकने को कहा. लेकिन वो अब रुकने वाला नही था. उसने अपने धक्को की स्पीड और बढ़ा दी, और मुझे कस्स के पकड़ लिया, ताकि मैं उससे डोर ना हो पौ.
वो ज़ोर-ज़ोर से मुझे छोड़ता रहा और उसने मेरी छूट से खून निकाल दिया. अब तो चरम-सुख से भी उपर की शांति होती है, जिसमे छूट सुन्न पद जाती है, वो मुझे मिल रही थी. आधा घंटा और मुझे छोड़ने के बाद, वो मेरी छूट के अंदर ही झाड़ गया.
इसके बाद क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.