चुदासी मम्मी बेस्ट फ्रेंड की

ये एक रियल घटना हे जो आजतक चल रही हे. आज से 2 साल पहले की बात हैं मैं दुसरे शहर में किराए के रूम में रहता था. तब मैं बीए की पढाई कर रहा था. कोलेज में मेरी दोस्ती रेहान से हुई थी जो मी कुछ ही समय में मेरा बेस्ट फ्रेंड हो गया था. मैं अक्सर उसके घर जाता था. और कभी कभी रेहान के साथ ही उसके घर पर ही सो भी जाता था. उसके घर में सिर्फ 2 लोग ही हैं; रेहान और उसकी माँ. उसके पिताजी 3 साल पहले मर गए थे.

रेहान की माँ का नाम सुहानी हे और वो एक स्कुल टीचर हैं. उसकी एज 35 साल की होगी और फिगर 36 30 38 का होगा. पहले मेरा कोई भी गलत इरादा नहीं था सुहानी आंटी को ले के. लेकिन एक दिन हमारे बिच में वो हुआ जो नहीं होना चाहिए था.

हुआ ये की आज से 6 महीने पहले मैं अपने रूम में सोया हुआ था की रात के करीब 1 बजे रेहान की माँ का फोन आया और उसने रोते हुए कहा की जल्दी से घर आओ रेहान की तबियत बहुत ही खराब हैं. मैंने अपनी बाइक ली और उसके घर पहुँच गया. रेहान का बहुत बुरा हालत था. मैंने 108 को कॉल किया और उसे हॉस्पिटल ले गया. डॉक्टर ने चेक किया और उसे नीद की गोली देते हुए कहा की चिंता की कोई बात नहीं हे और सुबह तक ठीक हो जाएगा.

लेकिन सुहानी आंटी रो रही थी. मैंने उनको हौशला दिया. थोड़ी देर बाद वो नोर्मल हो गई. सार वात वही बैठे थे हम दोनों. सुबह हुई और रेहान का बुखार थोडा कम हुआ था. फिर मैंने रेहान को आरान करने को कहा और अपने रूम पर वापस आया खाना लेन के लिए. मैंने आंटी को कहा आप खाना बनाओ मैं रूम पर हो कर आता हूँ. मैं रूम पहुँचा और बेड पर लेट गया. लेटते ही मेरी आँख लग गई और मुझे पता ही नहीं चला कितना टाइम हुआ. आँख खुलते ही नहाया और रेहान के घर गया तो वहां ताला लगा हुआ था. फिर होस्पिटल गया. आंटी वही पर थी. मैंने उन्हें सोरी कहा और कहा की मेरी आँख लग गइ थी. फिर हमने साथ में बैठ के खाना खाया.

फिर रेहान ने मुझे कहा की राज तुम हमारे साथ घर में रहो तो हमारी हेल्प भी हो जायेगी. मैंने कहा नहीं यार. फिर अचानक आंटी ने कहा अपना मोबाइल दो. मैंने दे दिया. आंटी ने मेरे पापा को कॉल किया और मोबाइल ले के बहार चली गई.

10 मिनिट के बाद वो लौटी और मोबाइल दिया. मैंने पापा से बात की. पापा ने मुझसे कहा की तुम उनके साथ रहो घर का खाना भी खा पाओगे. मैंने कहा ठीक हे. आंटी और रेहान बहुत खुश हुए. फिर शाम को रेहान को साथ ले के घर आ गए हम. आंटी ने कहा अपना सामान ले आई राज. मैंने अपने रूम पर जा के अपना सामान पेक किया और रूम मालिक से बात की. और फिर मैं रेहान के घर आ गया. आंटी ने मुझे रूम दिखाया. घर मर 4 रूम थे.

रात के 8 बजे हमने खाना खाया. और फिर मैंने रेहान को दवाई पिलाई और उसे सुला दिया. उसके बाद मैंने अपने रूम में सामान सेट कर रहा था. और जल्दी सो भी गया. सुबह 9 बजे उठ के फ्रेश हुआ और फिर रेहान के रूम में बहा. रेहान मोबाइल में गेम खेल रहा था. मैंने पूछा की अब तबियत कैसी हैं? तो उसने कहा की बहुत ठीक हे अब तो.

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फिर मैं नास्ता कर के कोलेज चला गया. 4 बजे वापस आया तो खाना खाया और रेहान से बाते करने लगा. फिर रात को आंटी ने खाने के लिए बुलाया. खाना खा के मैं टीवी देखने लगा. रेहान जल्दी ही सोने चला गया. थोड़ी देर बाद आंटी भी टीवी देखने के लिए आई और हम दोनों बातें करने लगे. आंटी ओपन माइंडेड हैं और वो मुझे पूछने लगी की मेरी गर्लफ्रेंड हे की नहीं!

मैंने हां कहा तो उसने नाम पूछा. ये सब बातें करते करते रात के 11 बज चुके थे. मैंने आंटी को गुड नाईट कहा और मैं सोने के लिए चला गया. रात को करीब 2 बजे मैंने पानी पिने के लिए उठा और किचन में आके पानी पी लिया. मैं वापस जाते वक्त आंटी के रूम के पास से निकला तो अन्दर कुछ आवाज आ रही थी. मैंने सुना तो आंटी रो रही थी. मैंने दरवाजे को पुश किया तो वो अन्दर खुल गया. मैंने आंटी से कहा आप तो क्यूँ रही हो आंटी?

उन्होंने कुछ नहीं कहा. मैंने सोचा शायद रेहान को ले के परेशान हैं आंटी. मैंने उनको कहा की आप रेहान की चिंता ना करो आंटी उसे ठीक हो जाएगा जल्दी ही. और फिर मैं अपने रूम में आ के लेट गया. सुबह मेरा क्लास था इसलिए मैं जल्दी कोलेज चला गया. शाम को लौटा तो टीवी देखने लगा और खाना खाया. रेहान खाना खा के सो गया. और फिर मैं और आंटी साथ में बैठे हुए थे. आंटी ने कहा थेंक्स मुझे हौशला देने के लिए. मैंने कहा इट्स ओके आंटी. फिर हम दोनों टीवी देखने चले गए. करीब 10 बजे आंटी अपने कमरे में चली गई सोने के लिए.

उस दिन मुझे नींद नहीं आ रहा था इसलिए 12 बजे तक टीवी देख रहा था. जब सोने जाने लगा तो रोने की आवाज आई. मैंने सोचा की आखिर माजरा क्या हैं. पूछने के लिए उनके रूम में घुस गई. अन्दर का सिन देख के मैं शर्मा गया. आंटी बिलकुल नंगी थी और वो अपनी चूत के अन्दर ऊँगली कर रही थी. और वो रो भी रही थी. आंटी मुझे देख के चद्दर से अपनेआप को ढँक दिया. मैंने कुछ नहीं कहा और अपने रूम में आ गया. मेरी अन्दर का शैतान जाग रहा था उनकी गुलाबी क्लीन चूत और मोटी भरी हुई गांड और सेक्सी बड़े मम्मो को देख के. ओह माय गॉड मेरे लंड में आग लग गई. मैंने अपने होश खो दिए और कुछ बिना सोचा उनके रूम में फिर से चला गया.

आंटी बैठी हुई थी. मुझे देख के खड़ी हुई. मैं भी बिना कुछ कहे उनसे लिपट गया. मैं आंटी के बूब्स दबाने और किस करने लगा. आंटी भी मुझे पागलों की तरह किस करने लगी थी. आंटी मानो जन्मो की प्यासी थी. मैंने उनको बेड पर लिटा दिया और उनके उपर चढ़ गया. आंटी ने मेरा लंड निकाला और चूत के ऊपर सेट कर के कहा, राजा प्लीज़ चोद दो इसको बहुत टाइम से प्यासी हैं. तुम्हारे अंकल के जाने के बाद आज पहली बार लंड ले रही हूँ!

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मैंने भी पुरे जोश में धक्का मारा और इमरा बड़ा लंड आंटी की चूत में घुस गया. आंटी बोली अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा हैं राज अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह! मैंने कुछ नहीं सुना और उसे जोर जोर से चोदता रहा. लंड अन्दर बहार करने लगा था और आंटी रो रही थी और जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह राज फक मी अह्ह्ह्ह आई लव यु अह्ह्ह्ह अह्ह्ह! थोड़ी देर बाद उनको भी मजा आ रहा था और कहने लगी और जोर से फाड़ दो!

वो कह रही थी और जोर जोर से फाड़ दो मेरी चूत को अह्ह्ह तुम्हारे अंकल चोदते थे मगर इतना मज़ा कभी नहीं आया. आज तुमसे चुदवाने में बड़ा मज़ा आ रहा हैं, अह्ह्ह अह्ह्ह्हह चोदो चोदो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह.

फिर वो धीरे से बोली, देखना रेहान ना आ जाए.

मैंने कहा घबराओ नहीं कोई नहीं आएगा, मैं उसको दवाई दे के आया हूँ.

आंटी बोली, राज आज से तुम अकेले में मुझे कभी आंटी मत कहना, मैं सिर्फ सुहानी हूँ तुम्हारे लिए, सिर्फ सुहानी! और मैं तुम्हारी हो के रहना चाहती हूँ. और मैं रोज इस बड़े लंड से चुदवाना चाहती हूँ. मैं बहुत प्यासी हूँ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह!

मैंने कहा, जरुर आज से तुम मेरी पत्नी हो लेकिन सुहानी एक प्रोमिस करो जब मुझे चोदने का मन होगा तब चोदुंगा. सुहानी ने कहा ओके मेरे पति आज से मैं आप की दासी हूँ. आप के इस लंड की गुलाम हूँ मैं. जब चाहो इस पत्नी को चोदना. ये बाते मुझे और भी जोश चढ़ा रही थी. और मैंने जोर जोर से चोदना जारी रखा. फिर उनको घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड डाला तो वो जोर से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह करने लगी.

मैंने कहा कैसा लगा सुहानी. उन्होंने कहा जोरदार राज. और मैं अह्ह्ह अह्ह्ह्ह डार्लिंग कर के उसे चोदता रहा. पौने घंटे तक मैं आंटी को ऐसे ही चोदता रहा और इस बिच में वो 4 बार झड़ गई थी मेरे लंड के ऊपर ही.

फिर मैंने लंड को बहार निकाला तो वो एकदम लाल हो गया था और उसके अंदर कम्पन भी आ रहे थे. मैंने कहा चुसो इसे सुहानी डार्लिंग. आंटी ने फटाक से पुरे लंड को अपने मुहं में भर लिया और उसे कस के सक करने लगी. आंटी ने बॉल्स पकड़ के दबाये और मेरे लंड का पानी उसके मुहं में ही निकल गया. आंटी सब वीर्य चाट गई और लंड के डंडे को भी उसने साफ़ कर दिया.

आंटी ने खड़े हो के अपने बाल सही किये और बोली, राज आई लव यु!

मैंने कहा, आई लव यु टू.

और ये कह के मैं आंटी के बूब्स मसल दिए.

आंटी तृप्त हो चुकी थी और फिर हम लोग नहाने के लिए चले गए. नाहा के हम दोनों एक दुसरे से लिपट के सो गए. आंटी आज भी मेरे लंड की गुलाम हे और जब हम दोनों में से किसी का भी मन होता हे तो हम सेक्स कर लेते हैं.



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