नानी की चूत और मां की गांड़ मारी

हेलो दोस्तो मेरा नाम प्रकाश है और मै बिहार से हु। मेरा गांव पटना से कुछ ही दूर है। मै आप को गांव का नाम नहीं बता सकता… मेरी उम्र 22 साल का हु दिखने में सवाल और दुबला पतला ल़डका हु।

दोस्तो मेरी मां जब मैं छोटा था तभी इस दुनियां से चली गई थी मुझे मेरे पापा ने ही पाला है.. पर जब मैं 10 साल का था तब मेरे पापा ने दूसरी शादी की। मेरी सौतेली मां का पहले ही एक बार तलाक हो गया था। क्यूं की वो बच्चा पैदा नहीं कर सकती थी।

1 साल पहले एक मेरे पापा की भी मृत्यु हो गई। अब घर मे मै और मेरी मम्मी ही रहती है। गांव में मेरा राशन का दुकान है और खेती है। मुझे खेती के बारे में ज्यादा समझ नहीं है तो मां ही संभालती है।

मां उनकी उम्र 38 साल है। वो दिखाने में सावली और शरीर से एक भरे बदन की औरत है। उनके बूब्स और गांड़ थोड़ी बड़ी है। खेत में काम करने की वजह से वो थोड़े काली दिखती है।

पापा के जाने के बाद उन्होंने ही मेरा खयाल रखा।

एक दिन मम्मी खेत से आई और खाना बनाया। रात के 9 बजे होंगे तभी मैने भी दुकान बंद की और हम खाना खाने लगे।

मां:- बेटा तुमसे कुछ बात करनी है।

मै:- हां मां बोलो

मां:- बेटा मेरी मां का कॉल आया था। मां और तुमरी मामी का अक्सर झगड़ा हो रहा है। मां बोल रही थी अब उसे वहा रहा नहिं जाता तो क्या मैं उन्हें अपने पास बुलाऊ अगर तूमे बुरा ना लगे तो।

मै:- मुझे क्यों बुरा लगेगा वैसे भी हम दोनो ही रहते है और आप के सिवा कोई और है भी नहीं मेरा।

फिर कुछ दिनों बाद मामा नानी को हमारे घर छोड़ गए। नानी की ऊमर 58 साल की थी। पर वो उमर के हिसाब से एकदम बुड्ढी नही लगती। अब उनके बूब्स ढीले हो गए थे। नानी भी मां की तरा सावली थी और थोड़ी मोटी थी। उनको आए हुऐ एक महीना बीत गया था। सब कुछ ठिक चल रहा था।

एक दिन रात को मां ने मेरा बिस्तर नीचे लगाया और दादी के लिए खाट पर बिस्तर लगाए और मां बेड पर सोने लगी।

करीब रात को मेरी नींद खुली तो मुझे हल्की सी सिसकारी की 4आवाज सुनाई दी। मैने नज़र ऊपर उठाकर देखा तो। नानी एक हाथ चादर के अंदर शायद चूत पर था हो हाथ हिल रहा था और आंखें बंद करके अबने होंठ चबा रही थी।

मैं लेट लेटे सुनने लगा और मेरी नींद उड़ गई।

तभी नानी उठी और बाहर जाने लगी। थोड़ी देर बाद आई और सो गई। मै भी बाहर गया और बाथरुम में गया। मैने देखा नानी ने पिशाब की तो पानी भी 4नही डाला था।
और बाथरुम के अंदर एक रस्सी थी उसपर नानी की अंडरवेयर थी जो अभी धुली हुई थी।

मैने अंडरवेयर को बाहर लाया और लाइट के नीचे लाकर देखा तो उनकी अंडरवीयर पर अब भी स्पर्म की कुछ बूंदे थी। मै समझ गया बुड्ढी चूत में उंगली की और चड्डी ही खराब करदी।

अगले दिन मै नानी को हवस की नज़र से देखने लगा।

2 दिन बीत गए

मै दुकान का सामान लाने पटना जाने की तैयारी करने लगा तो नानी ने मुझे उनके लिए कुछ सामान लाने को बोला। नानी को पान खाने का शौक था तो पान भी मंगवाए।
मैने उन्हे बोला मैं आते वक्त ले आऊंगा ।

फिर मै तैयारी करने लगा तभी। मेरे दिमाग में नानी की उस रात की बात याद आई और पता नही क्यों मैने उन्हे साथ मे आने को बोला। और नानीजी भी तैयार हों गई फिर हम जाने लगे। जाते जाते मै जानबूझ कर ब्रेक लगा रहा था। और नानी जो एक साईड पैर करके बैठी थी उनका एक बूब्स मेरे पीठ को लग रहा था। उनके बूब्स अब बहोत लूज हो गए थे। फिर हम पटना पोहछ गए।

नानी ने उनके लिए और मां के लिए पेटीकोट लिए और कुछ सामान लिया। मैने भी दुकान का सामान लिया क्यूं की बाइक पर नही इतना समान नही आ सकता था इस लिए मैंने कुछ सामान नही लिया।

आते समय मुझे बहोत जोर से पिशब आईं पर मै कंट्रोल करने लगा। हम पटना के बाहर निकले और सुनसान रोड पर थे। दिनों साईड सिर्फ़ खेत थे। मुझे लगा इससे पहले पेंट मे हो जाए मै गाड़ी रोक कर कर लेता हु।

मैने गाड़ी रोकी।

नानी:- क्या हुआ बेटा

मै:- नानी मै जल्दी से पिषाब करके आता हु।

नानी:- बेटा मुझे भी लगी है। मै भी आती हु। फिर हम एक खेत मे गए और मैं पिशाब करने एक साईड गया और नानी दूसरे साईड गई।

जब मै वापास आने लागा तो देखा नानी खड़ी होकर चड्डी पहने लगी तभी मैने उनके गोरी जांघें देखी। तभी वो पलटी और मुझे देखा फ़िर मैने अपनी नज़र फेर ली और हम वापास घर आएं।

मै नानी को नज़र नही मिला पा रहा था। क्यों की नानी ने मुझे उन्हे घूरते देखा था। नानी समझ गई मै क्यूं उन्हसे आंख नही मिला रहा था।

अगले दिन नानी दुकान मे बैठ कर बातें करने लगी।

नानी:- क्या हुआ बेटा कल से तुम तो बात भी नहीं कर रहे हों क्या हुआ

मै:- कुछ नही नानी जी बस यूंही

नानी:- तुम कल के लिए शर्मिंदा है ना। कल तुम मुझे देख रहे थे इसलिए।

मै:- ऐसा कुछ नही बस मै आने वाल था की नज़र गई तभी अप ने देखा।

नानी:- कुछ नही होता बेटा। होता है इस ऊमर में

और मुस्कुराकर पान बनाने लगी और मेरे लिऐ भी बनाया।

अगले दिन मैं नहाने जाने लगा और कपडे लेकर अंदर गया तभी अंदर नानी पिशाब के लिए बैठी थी मुझे मुझे दिख कर खड़ी हो गई मै वापास बाहर आया। मै फिर शर्माने लगा।

वैसे भी मै बहुत शर्मीला ल़डका हु। कभी किसी लड़की के साथ कुछ कर नही पाया तो अब बुड्ढी को देख कर भी लंड खडा होने लगा था। फिर मै नहाने गया तो बुड्ढी के बारे में सोचकर मूठ मारी।

फिर कुछ दिन बाद मैं गड़बड़ी मे नहाने गया तो मैं अंडरवेयर लाना भूल गया। मां खेत में गई थी और नानी को मैने दूकान में बिठाया था तो 4मै टॉवल लगाकर बाहर आया और रूम में अंडरवियर ढूंढने लगा। पर मिल नही रही थी।

तभी नानी 4आईं और बोलीं क्या धुंड रहे हो 4तो मैने बताया। वो भी मेरे साथ धुंडने लगी। हम अपने कपडे एक तार पर लटकाए हुऐ थे वहा भी नही थी। इसी चक्कर मे मेरा टॉवल नीकल कर गिर गया। मै नानी के सामने पूरा नंगा था। मैने जल्दी से टावल उठाया और बाथरुम गया। अब शर्म के मारे मुझे पसीना आ रहा था। मैने अंडरवेयर के बिना ही पेंट पहना। और दूकान में बैठे गया।

फिर नानी जब भी मेरे सामने से गुजरती मुझे चोदने के खयाल आते और मेरा लंड खडा हो गया।

मै सहलाने लगा तभी नानी दूकान के अंदर आईं और बैठ गई। मै उन्हें देख कर थोडा शरमाया और नीचे बैठे कर एक कपड़ा गोद में रखा ताकि खडा लंड ना दिखे।

नानी:- क्या हुआ बेटा इतना पसीना क्यूं आ रहा है

मै:- कुछ नही नानी जी।

नानी:- अंडरवेयर दिखी तुमारी

मै:- नही दिखी

नानी:- तो अभी कुछ नही पहना

मै शर्मते हुए ना बोला तो नानी भी मुस्कुरा रही थी।

नानी:- इतना मत शरमाओ। इतना शर्मावोगे तो शादी के बाद कैसे चलेगा।

मै फिर शर्माने लगा तभी

नानी:- कितना शरमाते हो तुम मैने जो देखा किसी को नही बताऊंगी। तुमने भी तो देखा है मै शरमाई क्या?

कितना पसीना आ रहा है तुझे शर्म के मारे इतना बोल कर मेरे गोद का कपड़ा उठाकर मेरा माथा पोछने लगी।

तभी उनकी नज़र मेरे लंड वाली जगा पर गई। और वो स्माइल करते हुए देखने लगी।

नानी:- अभी छोटा था और अभी अंदर बडा हो गया तेरा। मै शरमाते हुऐ फिर इधर उधर देखने लगा। तभी मानी का हाथ मेरे जांघों पर आया और हाथ फेरते हुऐ नानी बोलीं

नानी:- अभी मै तुमारी सारी शर्म उतारती हु। बोलते हुए जांघों पर हाथ फेरने लगी।

तभी एक कस्टमर आया तो मैं खडा होकर उन्हें समान देना लगा और फ़िर बैठ गया। नानी ने फिर हाथ जांघों पर रखा और फेरने लगी। मै उन्हें हस्ते हुए मना कर रहा था और वो हस्ते हुऐ और फेरने लगी। तभी उन्होंने पेंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया और दबाने लगी।

नानी:- अब शर्म कम हुइ।

मै मुस्कुराने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था। बुड्डी ही सही किसी औरतों ने मेरा लंड हात में पकड़ा था।

नानी:- कैसा लग रहा है।

मै:- अजीब लग रहा है

नानी:- इतना शर्माओगे तो कैसे चलेगा। तुमारा मैने हाथ में पकड़ा और तुमे अजीब लग रहा है। पहले किसी ने नहीं पकड़ा क्या

मैने ना में गर्दन हिलाई।

नानी:- अच्छा एक काम कर दूकान का शटर बंद कर थोड़े देर के लिऐ।

मै शरमाते हुऐ इधर उधर देख कर मुस्कुरा रहा था। तभी सोचा यही मौक़ा है। जवान लड़की जब मिले तब मिले अभी इसी से काम चलाना पड़ेगा। मै उठा और शटर डाउन किया। फिर नानी ने मज़े पास बिठाया और पेंट को नीचे करके लंड बाहर निकाला। मेरा लंड करीब 8 इंच लंबा था और काफ़ी काड़ा था।

नानी मेरे तरफ़ देख कर लंड हिलाने लगी। मै शर्मा रहा था। तभी नानी ने झूल कर लंड मुंह में लिया और चूसने लगी। तभी नानी ने डस्बिन मे पान थूका और लंड चुसने लगी।

लंड को केस कर पकड़ा और चमड़ी पिछे करले लंड पर थूक कर सुर सुर करके चूसने लगी। मुझे हलकी सी जलन और बाहोट माजा आने लगा। 2 मिनट भी नहीं हुऐ थे की

मैने नानी को फुसफुसाते हुऐ बोला-

मै:- नानीजी मेरा पनी निकलने वाला है निकालो बाहर।

नानी ने मेरे तरफ़ देख कर हाथ से और आंखों से इशरा किया की निकलने दे। और चुनने लगी तभी मेरा पनी नीकल गया। और नानी मेरा पूरा वीर्य पी गई। फिर लंड चूसते हुऐ मेरे जांघों पर भी चाटने लगी।

कुछ देर और चुनने लगी। नानी ने ब्लाउज के हुक खोले उनके बूब्स झूल रहे थे

नानी फुसफुसाते हुऐ:- इसे दबाओ जब ताक मै चूसती हु।

फिर नानी लंड चूसे लगी और पूरे लंड और गोटियों पर चाटने लगी और मैं उनके बूब्स दबाने लगा।

मेरा लंड फिर खड़ा हुआ। मेरे लंड का सूपड़ा पूरा बाहर आया था। नानी खड़ी हुइ और साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठा कर चड्डी निकाली। और चूत को फैलाकर दिखाने लगी नानी की चूत बहोत काली और ढीली थी।

नानी फुसफुसाते बोलीं:- ये मेरी चूत देख। नीचे बैठ कर उसमे अपनी जीभ से चाट जेसे मैने चाटा वैसे और एक उंगली अंदर बाहर कर। मैं शर्माने लगा तो नानी गुस्सा हो गई।

नानी:- अभी इतना कुछ किया अब क्यूं शर्मा रहा है बैठ नीचे।

मै नीचे बैठ कर चूत चाटे लगे। और एक उंगली चूत मे डालकर इंदर बाहर करने लगा।

नानी:- थोड़ा और तेज जुबान चला। मै नानी की चूत चाट रहा था और उंगली कर रहा था।

नानी:- और एक उंगली डाल

फिर मैने दो उंगलियां डाली। नानी ने चड्डी मुंह मे डाली और धिरे से सिसकरिया लेने लगी।

कुछ देर बाद नानी नीचे लैट गई और मैं हांटो के सहारे उनके ऊपर आया। नानी ने लंड पकड़ कर चूत पर रखा और मुझे अंदर डालने को बोलीं।

मैने धिरे से अंदर डाला नानी ने अपनी आंखे बंद की और बोलीं कमर हिलाकर अनदर बाहर करो। मै वैसे ही करने लगा। अब मुझे मजा आ रहा था। और नानी भी सिसकारियां ले रही थी।

कुछ देर बाद नानी:- जोर से कर

मैने स्पीड बडा दी और नानी की चूत 6ने पनी छोड़ दीया।

नानी उठी और चूत पोंछ कर मेरा लंड हिलाया फ़िर चूसने लगी। करीब 15 मिनट चूसे के बाद मेरा पानी नीकला। नानी पुरा पी गई और लंड साफ करके मैंने पैंट पहन ली

नानी:- अछा कैसा लगा तुझे मजा आया

मै:- हां बहोत

नानी:- अभि और मेज करेगे.. अभी मै सोने जा रही हु तुम दूकान संभालो

नानी भी बैडरूम मे जाकर सोने लगी। और मैने शटर खोल कर दूकान संभालने लगा।

आगे की कहानी अगले पार्ट में बताऊंगा अगर अच्छी लगे तो commets करके जरूर बताना

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