आंटी की गांद का भोंसड़ा

मैने अब खून लगा लंड उसकी गांद के च्छेद पर मसल रहा था. लंड पर लगा खून गांद पर लग गया, और साथ में रूपाली भी सिसक गयी. उसके मूह उहह उम्म्म निकालने लगा. अब सेक्स स्टोरी आयेज से-

मैने अब फिर से लंड गांद के च्छेद पर रखा, और एक ज़ोरदार धक्का दिया. इससे लंड 5 इंच गांद में घुस गया. लंड की शेप में गांद का च्छेद भी हो गया. रूपाली की फिर से दर्द में चीख निकल गयी.

रूपाली: ह ह ह मा मार दिया रे. प्लीज़ आराम से भी कर लो ना. ऑश ष्ह बहुत हार्ड लंड है.

मैं अब दर्द पर ध्यान नही दे रहा था. लंड से एक और धक्का दिया, तो पूरा काला सांड़ अंदर घुस गया. रूपाली की दर्द भारी चीख निकल गयी. मैने अब लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया.

रूपाली: ह ऑश गोद आह धीरे आह नही मा.

मैं: साली रंडी, बहुत मस्त गांद है तेरी. आज इसे फाड़ के भोंसड़ा बना दूँगा.

मैं जोश में और ज़ोर से धक्के देने लगा. रूपाली की कमर आचे से पकड़ ली, और ठप ठप ठप करके धक्के देने लगा. 10 मिनिट बाद उसे भी मज़ा आने लगा. अब गांद भी आचे से लंड के लिए खुल गयी. वो बस मोन भर कर दर्द से के चूड़ने लगी. मैं बिना रुके गांद मारे जेया रहा था. रूपाली तोड़ा दर्द में सिसकियाँ ले रही थी. आँखों में आँसू अभी भी थे.

रूपाली: उहह ह नही धीरे करो. ष्ह आह रोहित बेबी मार दिया आज आपने.

मैं: साली सच बता मज़ा आ रहा है ना?

रूपाली: ह्म. आपका लंड गांद में भूचाल ला रहा है. दर्द से गांद फटत गयी है, और आपके लंड ने तो गांद फाड़ दी है.

मुझे उसकी बातें जोश दिला रही थी. जब तक औरत दर्द में चीखे ना, तो छोड़ने में मज़ा नही आता. उसका बेटा अनिल बाहर से देख कर मज़ा ले रहा था. अपनी मा को सेक्स के दर्द में देख कर खुद नंगा होके लंड हिला रहा था.

इधर उसकी मा दर्द में सिसकियाँ लेते हुए मेरे लंड की चोट से रही थी. गांद में जैसे ही लंड अंदर तक जाता, तो ठप ठप ठप फॅट फॅट फॅट की आवाज़ निकालने लगती. साथ में उसकी सिसकियाँ भी.

रूपाली: आह आह मा आह एस हा उहह उम्म्म ष्ह छोड़ो बेबी छोड़ो. सब आपका ही है, छोड़ो बस. फाड़ दो मेरी गांद आप आज.

मैं: हा मेरी रंडी. तेरी गांद देख कैसे लोड्‍ा ले रही है. बहुत मज़ा आ रहा है, गरम सॉफ्ट गांद मार के.

मैं: ये ले साली, और ले आह ले.

रूपाली: आह आह श उहह हा छोड़ो बाबू. ह बहुत मस्त चुदाई करते हो. आज से आप ही मेरे पातिदेव हो. मैं आपकी हू, और आप मेरे हो.

रूपाली: ह बस ऐसे ही छोड़ते रहना हमेशा. ह्म आह मा मार देता है आपका लंड.

उसे छोड़ते हुए साथ में उसके बूब्स भी मसल रहा था. वो दर्द में आह कर जाती. दोनो बूब्स हाथ में दबा के पीछे से गांद छोड़े जेया रहा था. रूपाली चिल्ला कर मज़ा ले रही थी. उसे पता था की उसका बेटा सब जानता है.

रूपाली: ह एस बेबी ह मार दिया. उहह ष्ह छोड़ो मुझे बना दो अपनी रंडी.

मैं: साली धीरे बोल, वरना तेरा बेटा सुन लेगा.

रूपाली: अब क्या रह गया है उससे छुपाने को? ह उहह उसने मुझे नंगा देख लिया, और वहीं तो आपको मेरे पास लाया है, जिससे मैं आज इतनी खुश हू. मुझे अब आप मिल गये हो. आ मा, एस आह मुझे बस आप चाहिए.

मैने उसे ऐसे ही 20 मिनिट तक छोड़ा. वो मुझसे बोली-

रूपाली: ह उहह देखो राजा. मेरी छूट ने आपके प्यार में दूं तोड़ दिया.

उसकी छूट ने झड़ना शुरू कर दिया था. मैं उसकी गांद में लोड्‍ा घुसने में लगा था. वो बस गरम सिसकी लेके चुड रही थी. हर धक्के पर उसकी गांद और कमर पूरी हिल जाती थी. मैने लंड गांद से बाहर निकाला, और गांद पे 2 छानते लगा कर कहा-

मैं: साली उठ अब और दीवार के सहारे खड़ी हो जेया.

रूपाली: आह मारते क्यूँ हो? हो रही हू ना बाबा खड़ी.

रूपाली पूरी नंगी होके दीवार की तरफ खड़ी हो गयी. उसकी गांद मेरी तरफ थी. वो खुद तोड़ा और झुक गयी, जिससे मैं गांद मार साकु. मैने फिर से उसकी उभर रही गांद पर 2 से 4 छानते मारे. उसकी गोरी गांद चांतो से लाल हो गयी थी.

रूपाली पीछे मूड कर प्यार से मेरे होंठ चूमने लगी. मैं भी उसके होंठ चूस्टे हुए लंड को एक बार में गांद में घुसा दिया. इससे उसकी फिर से चीख निकल गयी. वो चीख मेरे मूह में ही सब गयी.

फिर उसने मूह आयेज किया, और मैं गांद पर छानते मारते हुए लंड आयेज-पीछे करके गांद मार रहा था. रूपाली दर्द में चीख रही थी. चीख वो इसलिए रही थी, क्यूंकी उसे आज खुल कर चूड़ना था. वो आज पुर जोश में थी.

रूपाली: ह ह उहह मा ऑश ओर छोड़ो बेबी. एस एस ह गोद बचाओ.

मैं अब उसके मूह में 4 उंगलियाँ डाल कर और पीछे से गांद में लंड चला रहा था. उसे अब और ज़ोर से छोड़ने लगा. रूपाली की आँख से आँसू आने लगे.

रूपाली: उम्म्म उहह उहह ह्म्‍म्म्म.

मैं: और ले रंडी मेरा लंड. ये ले आह साली आज तेरी सारी जवानी निकाल दूँगा.

रूपाली का एक बूब मैने पकड़ लिया. गांद पर शॉट पर शॉट मार के छोड़ रहा था. लंड फुल स्पीड में अंदर-बाहर होने लगा था. रूपाली के पैर थरथरा रहे थे. उसकी छूट से रस्स निकालने लगा था. मैने उंगलियाँ मूह में और अंदर डाल दी, और कहा-

मैं: रंडी साली चूस इन्हे, और मज़ा दे अपने मर्द को.

रूपाली भी मस्ती लेते हुए उंगलियाँ चूसने लगी. मैं जोश में और ज़ोर से छोड़ने लगा. मैने अभी खड़े-खड़े 15 मिनिट और छोड़ा. फिर मैने कहा-

मैं: बहनचोड़ रंडी आह उहह बोलना मत. मेरा अब निकालने वाला है.

मैं अब लंड पूरा बाहर निकाल देता. फिर एक बार में ही उसकी गांद के अंदर दबा देता, जिससे उसके दबे मूह से ह उम्म्म निकालने लगती. उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे. मैने अब मूह से उंगली बाहर निकली. तब जाके वो सिसकियाँ लेने लगी और बोली-

रूपाली: ह आह ऑश मा बहुत बेरहम हो आप. कितने बुरे तरीके से छोड़ रहे हो. मेरी कमर तोड़ दी आपने आज.

मेरा अब निकालने वाला था. तो मैने उसके बाल पकड़े और उसे नीचे बिताया. वो आहह आह करते हुए बैठ गयी. मैने लंड झट से उसके मूह में दबा दिया.

रूपाली के मूह गले तक लंड तूस दिया था. उसके गाल और गला फूल गया था. वो बस उम्म्म उम्म्म कर रही थी. मैं लंड से मूह की दबा-दबा कर चुदाई कर रहा था. हर धक्के पर उसकी आँखें बाहर आ जाती, और बाल और मूह हिल जाते थे. करीब 2 मिनिट तक मूह की चुदाई की. मैं उसके मूह में झाड़ गया. फिर मैने कहा-

मैं: ऑश ह ले चूस जेया रंडी. पूरा माल मेरा खाजा इससे.

रूपाली का मूह मेरे वीर्या से भर गया था. वो सब एक साँस में पी गयी थी. कुछ उसके होंठो पर, और मूह के बाहर था. वो ज़ुबान घुमा कर वो चाट गयी. रूपाली ने ज़ुबान से लंड को चाट कर सॉफ किया, और बोली-

रूपाली: आपके लंड का रस्स पीने में मज़ा आ गया. वैसे इतना ज़ोर से मत किया करो यार. मेरे गले में दर्द हो रहा है.

मैं: साली क्या करू? तू है ही इतनी हॉट, की मुझसे कंट्रोल नही होता है.

रूपाली हेस्ट हुए बोली: हा तभी इतनी ज़ोर से छोड़ा है मुझे. सारी हड्डियाँ तोड़ दी. गांद से पर देखो कितने लाल निशान है.

उसकी गांद पर खून भी था, और मेरे छानते के निशान भी. फिर वो उठी और बातरूम जाने लगी. उससे ठीक से चला नही जेया रहा था. रूपाली नंगी ही धीरे-धीरे से बातरूम में गयी.

दोस्तों ये भाग यही तक है. अभी चुदाई और बाकी है. अगले भाग में ज़रूर पढ़ना. कोई हाउसवाइफ अपने हज़्बेंड से बोर हो गयी हो. तो मुझे गम0288580@गमाल.कॉम पर मेसेज करे. आपको पूरा सपोर्ट किया जाएगा. सबकी प्राइवसी की सेक्यूरिटी रहेगी. एक बार ट्रस्ट ज़रूर करे.
थॅंक्स ड्के.

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