नंगी मा हुई नाराज़

लास्ट सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा, की कैसे मम्मी मुझे वापस मिल गयी, और कैसे हम मज़े कर रहे थे. आयेज की कहानी पिछले पार्ट से स्टार्ट करता हू.

मैने उसकी गांद का च्छेद खाया, और हम लेट गये एक दूसरे से चिपक कर. थोड़ी देर बाद

मैं: लोड की राइड कब लॉगी?

मों: थोड़ी देर में. इसकी राइड का अलग मज़ा है.

मैने साइड से फोन उठाया, और दोनो की सेल्फिे ली.

मों: फोन से डेलीट कर देना.

मैं: मैल पर सवे करके डेलीट कर दूँगा.

मों: फोटो लेने का क्या शौंक चढ़ा है?

मैं: जब पास में नही होगी, तब देखा करूँगा.

मैं: चल अब लंड मूह में ले, उसकी फोटो लेता हू. कम से कम ये तो यादगार रहे. कैसे अचीव्मेंट रही है मेरी, जिसकी गोदी में खेला, उसके मूह में लंड देता हू.

मों: और बाकी अचीव्मेंट नही? केवल लंड मूह में देना ही अचीव्मेंट है?

मैं: तू पूरी ही अचीव्मेंट है.

मों: मेरी अचीव्मेंट ये लंड है. ये सख़्त लंड, जो मेरे लिए ही खड़ा होता है.

और उसने लंड हाथ में लिया ट्रोफी की तरह. मैने फोटो ली उसकी. फिर सुषमा ने लंड मूह में लिया, और मैने हर तरीके से फोटो क्लिक की.

मैं: सुषमा, लंड की राइड लेलो.

सुषमा लंड पर चढ़ि, और उछालने लगी.

मों: इतने दीनो बाद लिया है लंड. अलग ही फील आ रही है. मैने कभी नही सोचा था लंड भी लूँगी इस उमर में कभी.

मैं: तुझे तो इस लंड की सवारी ज़िंदगी भर कार्ओौनगा.

मों: मैं तो ना ले पौ इस लंड को कुछ सालों बाद.

मैं: तू इस लंड को 80 की उमर में भी लेगी. तुझे ना ऐसे जाने दूँगा.

मों: अभी सही से लेने दो मुझे मज़े.

उस दिन सुषमा को उछलते देख लंड पर सॅटिस्फॅक्षन मिल रही थी. पिछले दीनो को याद कर रहा था. वो सही दिन थे. कभी भी छोड़ सकता था सुषमा को.

मों: क्या सोच रहे हो?

मैं: बस पुराने दीनो की याद कर रहा था. कैसे प्यार करते थे हम. पहले 1 वीक भी नही मिलते थे, और कैसे बेचैन से हो जाते थे. तुझे छोड़े बिना मुस्किल से 2 वीक से ज़्यादा कभी नही गये थे. मॅग्ज़िमम तो हर वीक ही आता था. शादी के बाद कैसे चेंज आ गया. आज साढ़े 5 साल बाद छोड़ रहा हू.

मों: ज़्यादा ना सोचा करो. जो हुआ भूल जाओ. आज तो कर रहे है ना. अपनी सुषमा को प्यार करो बस आज.

वो लंड पर उछाल रही थी. मेरा जल्दी ये निकल गया. काफ़ी दीनो के बाद मज़ा आ रहा था, रहा नही गया, और जल्दी निकल गया. लगभग 4 बाज चुके थे. सुषमा लंड से उतार कर साइड में चिपक कर लेट गयी.

मों: आप कॅनडा क्यूँ गये? मेरा बिल्कुल भी मॅन नही लगता. आज भी उस दिन को सोचती हू जिस दिन आप चले गये थे, तो रोना आ जाता है.

मैं: तू ऐसे बोल रही है जैसे मुझे मज़ा आ रहा है वाहा पर. तेरे लिए बहुत रोया हू मैं.

मों और टाइट हग करके.

मों: प्लीज़ इस बार मत जाओ. इंडिया में ही ढूँढ लो जॉब. एक से दो महीनो में मिल तो लिया करेंगे. और एक सॅटिस्फॅक्षन भी रहता है, की आप पास में हो मेरे.

मैं: सुषमा मेरे हाथ में हो तो इंडिया में जॉब क्या तुझे हमेशा साथ ही रखू. रूबी से शादी के बाद मेरी लाइफ मेरी नही रही.

मों: मुझे पता है. मैं तो बस बोल के दिल को तसल्ली दे रही हू.

मैने उसको किस किया. उसको मेरे उपर खींचा.

मैं: सो जाओ ऐसे ही थोड़ी देर.

उसकी गांद पर हाथ रखा और सहलाने लगा. थोड़ी देर बाद उसको नींद आ गयी. मुझे भी आ रही थी नींद. मैं भी सो गया.

1 घंटे बाद उठा. सुषमा अभी भी उपर ही लेती हुई थी. उसको हिलाया वो उठी. टाइट हग करने लगी.

मैं: सुषमा उठो. सोते रहेंगे तो कैसे एंजाय करेंगे?

सुषमा उठी और बोली: टी बनती हू.

और ये बोल के आल्मिराह से पेटिकोट ब्लाउस लेके पहनने लगी.

मैं: अब क्या हुआ? ये क्यूँ पहन रही हो? दो मिनिट में गुस्सा हो जाती हो.

मों: अर्रे गुसा नही हुई. आदत नही रही न्यूड रहने की. अजीब सा लगेगा बिना कुछ पहने किचन में जौंगी तो.

मैं: अर्रे आज तो हमने दूसरी बार शादी की है. आज के दिन तो न्यूड रहो.

मों: बेड पे तो नंगी ही रहूंगी आपके साथ. अपने पातिदेव की सेवा तो बेड पर ही होती है

मैं: ये पातिदेव तुझे कपड़ों में देख नही सकता. गुसा आ जाता है इस पातिदेव को.

मों: इस पातिदेव को गुस्सा ही करना आता है, प्यार तो करना आता ही नही.

और माना करने पर भी पेटिकोट ब्लाउस पहन लिया. ब्रा पनटी तो नही पहनी, और टी बनाने चली गयी. मैं थोड़ी देर बेड पर लेता रहा. मगर मुझसे रहा नही गया. मैं उठा, किचन में गया, और हाथ से उसका पेटिकोट खोलने की कोशिश करने लगा.

मों: अर्रे मान जाओ ना रवि.

मैं: ये कैसे संस्कार है तेरे. पति को नाम से बुलाती है.

मों: रूबी नही बुलाती नाम से आपको?

मैं: पर तुम रूबी नही सुषमा हो. मैं रूबी का नही सुषमा का हू. इसलिए रियल वाइफ तू है.

मों: कोई नही पातिदेव, ग़लती हो गयी.

जब वो ट्रे में छाई ले जाने लगी, मैने पेटिकोट को खोल दिया. पेटिकोट नीचे गिर गया. वो मुझे आँखों से गुस्से से देखने लगी.

मैं: क्या हुआ इसमे? तेरी गांद चलते हुए जो हिलती है, देखने में मज़ा आता है.

मों: बाद में कर लेते ये काम. आप ना मानते नही किसी बात को मेरी.

उसने पेटिकोट को पैरों से साइड किया. ट्रे को सोफा टेबल में ले गयी. उसकी गांद को हिलते हुए देखने में मज़ा आ रहा था. फिरसे खाने का मॅन कर रहा था. मैं सोफे पर बैठ गया. उसने छाई रखी सोफे पर, और बैठ गयी सामने. वो अब ब्लाउस में थी बस.

मैं: पहली बार तेरी गांद मैने मनाली में नोट की थी. जब जीन्स पहनी थी तुन्हे. तब से आज तक इसको देख कर मूह में पानी आ जाता है.

मों: अछा जी. तब कैसी लगती थी, अब कैसी?

मैं: मुझे तो खाने से मतलब है. पहली बार जब खाई थी, और आज सुबा जब खाई, दोनो का टेस्ट एक सा ही है. कभी पापा ने इसे खाया है?

मों: बताया तो उसने कुछ नही किया. हम सिंपल सेक्स करते थे.

मैं: फिर देख लो कभी सोचा था ऐसे मज़े मिलेगा?

मों: मतलब. आपकी नीयत ही खराब है. हमेशा यही सोचते हो, की आप ना होते तो मैं तो मॅर ही जाती. कभी सोचा है मेरे से ज़्यादा प्यार किसी ने किया है आपको? आपकी हर बात मानती हू. आपको खुश करने के लिए मैने क्या-क्या किया है. अपने आप को बड़ा समझते हो आप.

मैं: इतना गुसा क्यूँ हो रही हो? मैने तो ऐसे ही कहा था.

मों: नही आप ऐसे ही समझते हो, की एहसान कर दिया मुझ पर. आपने मुझे सेक्स के मज़े दिए. इस बुधिया पर एहसान है. पहले भी ऐसे ही बिहेव रहा है. इसलिए मैं डोर रही इतने साल.

मुझे लगा अब तो फिरसे मामला निकल गया हाथ से. वापस फिरसे वैसे ही हो जाएगा. 24 अवर भी नही रही खुशियाँ. मेरा ऐसा मतलब नही था. पहले तोड़ा बहुत शायद सोचता था सुषमा मज़े लूट रही है मेरे साथ. पिछले 5 साल में मुझे समझ आ गया था मैने भी सेक्स लाइफ उसके साथ ही जी थी.

हम दोनो एक-दूसरे के बिना अधूरे थे. जैसे ही छाई ख़तम हुई, वो उठ कर चल पड़ी बेडरूम में. मैं भी उसके पीछे-पीछे गया. उसने आल्मिराह से कपड़े निकाल लिए थे.

मैं: क्या कर रही हो? सॅकी ऐसा मतलब नही था. पहले की तरह नही रहा मैं.

जब उसको अपनी तरफ मोड़ा, तो उसकी आँखों में आँसू थे.

मैं: ये क्या, रो क्यूँ रही हो? सॅकी मेरा ऐसा कोई मतलब नही था. मैं भी बहुत प्यार करता हू तेरे से. नही करता तो इतना पागल सा क्यूँ रहता 5 साल.

मों ने ज़ोर से हग किया.

मों: कभी-कभी मुझे लगता है एहसान सा कर रहे हो मुझ पर.

मैं: मैने हर्ट तो किया है तुझे, सॉरी.

फिर सुषमा को बेड पर ले गया. उसको गोद में बिताया. वो हग करके बैठी रही थोड़ी देर. फिर उसको लिटाया. उसको किस किया.

मैं: साची मेरा कोई ऐसा मतलब नही है की तेरे को हर्ट करू. बहुत प्यार करता हू तेरे से. हम प्यार करते है, इसलिए सेक्स करते है. सेक्स करते है इसलिए प्यार नही करते.

मों: ह्म.

मैं: मेरा मतलब ये था की हमने इतने सेक्स के मज़े लिए ऐसा बोलना चाहता था. इस सेक्स का मज़ा मैने भी तो लिया.

मैने मेरे हाथ को उसकी गांद पर रखा, और सहलाया. थोड़ी देर तक हम चुप रहे. ऐसे ही लेते रहे बिना कुछ बोले.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.

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