नंगी चुदाई देखी माँ और ससुर की

नमस्कार दोस्तों, मैं बबिता आप सभी का तहे दिल से अपनी सेक्स स्टोरी में स्वागत करती हूँ. मैं मध्यप्रदेश के छिंदवाडा की रहने वाली हूँ. मेरी शादी हो चुकी है और अब अपने पति के साथ रहती हूँ. मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते है और सेक्स के मामले में काफी अच्छे है. वो मेरे को रात होने पर खूब चुदाई करते है. मेरी उम्र अब 29 साल हो गयी है. मैं जवान और सेक्सी औरत हूँ. मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है. जो स्टोरी आपको सुनाने जा रही हूँ, उसे सुनकर आप सभी चौक जाएंगे.
जब मेरे ससुर नये नये मेरे को शादी के लिए देखने आये थे तो माँ ने बहुत अच्छा श्रृंगार किया था. उन्होंने बिलकुल नई साड़ी पहनी थी. ब्लाउस आगे से काफी जादा खुला हुआ था जिसमे उनके दूध साफ़ साफ़ दिख रहे थे. मेरे होने वाले ससुर तो मेरी तरफ देख ही नही रहे थे. सिर्फ मेरी माँ की तरफ देखे जा रहे थे. ऐसा लग रहा था की उनको मेरी माँ काफी पसंद आ गयी है. उसके बाद तो काफी हंसी मजाक करने लगे. मेरे पापा नही थे. उनकी कुछ साल पहले हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी.
ससुर- समधिन जी! मेरे को आपकी लड़की से जादा आप पसंद आई हो. मैं शादी करने को तैयार हूँ पर आपको मेरी दोस्त बनना पड़ेगा
माँ- आप तो हमारे समधी है. दोस्त से बढ़कर है. मैं तो पहले से आपकी दोस्त हूँ
उसके बाद मेरी शादी राजी खुशी से करन से कर दी गयी. मैं विदा होकर अपनी ससुराल आ गयी. अब तो मेरे ससुर रोज ही मेरी माँ से फोन पर चिपके रहते थे. माँ भी बड़ी चहक पर बाते करती थी. दोनों में सेटिंग हो गयी और चुदाई भी हो गयी, पर मेरे को इस बारे में कुछ पता नही था. मुझे कुछ साल बाद इस बारे में पता चला. मेरी माँ की उम्र अभी 45 साल थी पर बहुत जवान और खूबसूरत औरत थी. उनका रंग गोरा और काफी चिकना था. वक़्त से साथ जादातर औरतो के चेहरे पर झुर्रियां आ जाती है पर ऐसा माँ के साथ न हुआ. उनके चेहरा की खाल बिल्कुल कसी हुई थी जैसे कोई 25 साल की सेक्सी लड़की हो.

धीरे धीरे मैं ससुर और अपनी माँ की बाते सुनने लगी. रात के वक्त मैं अक्सर ही उनको बाते करती सुनती थी. ससुर अपने पजामे को खोल लेते और अंदर अंडरवियर में हाथ घुसा देते. फिर लंड को पकड़कर हिलाते रहते और दूसरे हाथ से मेरी माँ से फोन सेक्स करते थे.
ससुर— कैसी हो समधिन?? आज मेरा लंड तो तुम्हारी चुत मारने को परेशान है. बोलो कब चुत दोगी??
माँ- अजी! इतनी भी क्या जल्दी है. पिछले महीने तो मैंने आपको अपनी रंगीन चूत दी थी
ससुर- तुम इतनी सुंदर और हसीन हो की मेरा लंड तुमको याद करके रोज ही खड़ा हो जाता है. बोलो कब चूत दोगी??
माँ- अगली बार जब अपनी लड़की को लेने आउंगी तो आप मुझे मन भरके चोद लेना
दोस्तों ये सब बाते सुनकर मेरे को दोनों के चक्कर के बारे में पता चल गया. इसका मतलब ससुर मेरी माँ को कई बार चोद चुके थे. कुछ दिनों बाद विजय दशमी का त्यौहार आ गया था. मुझे घर जाना था. दूसरे दिन मेरी माँ बस पकड़कर आ गयी. कुछ देर बाद वो सीधा ससुर के कमरे में चली गयी. दोनों आपस में किस करने लगे. मेरी माँ आज हेमा जैसी दिख रही थी. आते ही ससुर ने माँ को बाहों में भर लिया और दोनों गले लग गये. फिर किस होने लगा.
मेरे पापा तो थे नही. इस वजह से मेरी माँ को चुदने के लिए कोई लंड नही मिलता था. अंदर से उनको भी कोई मोटा लंड चाइये था चुदने के लिए. इसलिए वो अक्सर ही मेरे ससुर से चुदवा लेती थी. आज फिर से माँ का सेक्स करने का दिल कर रहा था. ससुर ने उनको दोनों हाथो से कसके सीने से चिपका रखा था. दोनों लिप लोक होकर होठ चुसाई कर रहे थे. मेरी माँ के होठ आज भी काफी गुलाबी और सेक्सी थे. काफी रसीले थे. ससुर माँ के मुंह पर मुंह लगाकर उनके सेक्सी होठ चूस रहे थे. फिर उनके ब्लाउस पर साड़ी के उपर ही हाथ रख दिया
ससुर—समधन !! आज मुझे कैसे भी तुम्हारी चूत चोदनी है. चलो जल्दी से बिस्तर पर लेट जाओ
माँ- चोद लो समधी जी!! मैं तो तुम्हारी परमानेंट माल हूँ..

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उसके बाद दोनों बेड पर बैठ गये. ससुर मेरी माँ को किस करने लगे और उसके ब्लाउस के उपर से दूध दबाने लगे. माँ “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” कर रही थी. ससुर के हाथ काफी बड़े बड़े थे जिससे वो माँ के रसीले दुध दबा रहे थे. दोनों मजे कर रहे थे. कुछ देर बाद मैं दोनों के लिए चाय लेकर उनके कमरे में चली गयी. दोनों बिस्तर पर लेटे हुए थे. ससुर मेरी माँ के बड़े बड़े 40” के दूध दबा रहे थे. ये देखकर मैं परेशान हो गयी.
मैं- ये आप दोनों क्या कर रहे है?? आप दोनों घर में बड़े है और ये सब आप लोगो को शोभा नही देता
ये बात सुनकर दोनों अलग अलग हो गये. मुझे देखकर दोनों हैरान थे.
माँ- बेटी!! मैं इस बारे में तुमको कई दिनों से बताना चाहती हूँ. तेरे ससुर मेरी अँधेरी जिन्दगी में फ़रिश्ता बनकर आये है. मैं इनसे प्यार करती हूँ और इनके बिना नही जी सकती
ससुर- हाँ बहू!! ये सच है. हम दोनों एक दूसरे से बेपनाह मुहब्बत करते है. मैं भी तेरी माँ के बिना नही जी सकता
मैं- पर क्या आप लोगो को ये सब शोभा देता है?? अगर आसपास के लोगो को इसके बारे में पता चला तो कितनी बदनामी होगी
माँ- बेटी !! किसी को इसके बारे में पता नही चलेगा अगर तू हमारा साथ दे. बेटी तू तो अपने पति करन से साथ कुछ सेक्स करती है और जवानी के मजे लेती है, पर जरा मेरे बारे में भी सोच. मैं तो रोज रात में प्यासी ही रह जाती हूँ. इसलिए बेटी तू ये बात किसी को मत बताना
दोस्तों माँ और ससुर जी की बात सुनकर मैं मान गयी. दोनों की तकलीफ समझ गयी. दोनों प्यासे थे. ससुर के पास मेरी सास न थी और माँ के पास पापा नही थे. इसलिए मैं मान गयी.

मैं- ठीक है आप लोग चुदाई के मजे ले सकते है. मैं किसी से नही बोलूंगी. पर मैं आप लोगो को खिड़की से देखती रहूंगी
ये बोलकर मैं कमरे से बाहर चली आई और अपने वाले कमरे में चली गयी. वहां की खिड़की से ससुर वाले कमरे में क्या हो रहा है सब कुछ साफ़ साफ़ दिखता था. दोनों प्रेमी फिर से शुरू हो गये और किस करने लगा. ससुर ने मेरी के को सीधा बेड पर लिटा दिया और उनके उपर ही लेट गये. मेरी माँ का जिस्म काफी सेक्सी था. दोनों किस करने लगे. फिर ससुर माँ के ब्लाउस पर मुंह लगाकर दूध से खेलने लगे. कुछ देर तक दबाते थे.
ससुर- समधन! अपने कपड़े को उतारो. मुझे तुम्हारे रसीले बूब्स देखने है
माँ- जैसा आप बोलो
फिर मेरी माँ ने अपने ब्लाउस के बटन खोलने शुरू कर दिया. उन्होंने सफ़ेद रंग की कॉटन ब्रा पहनी थी. उनके दूध ब्रा में कैद थे. ससुर ललचा गये और दूध पर चारो तरह हाथ लगाने लगे. हाथ से सहलाने लगे. और किस करने लगे. 5 -10 मिनट तक उपर से दूध को दबाते रहे. माँ “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” कर रही थी. उनको मजा आ रहा था. मैं दोनों को देख रही थी. मुझे भी अच्छा लग रहा था. मैंने अपनी अपनी साड़ी को उठा दिया और पेंटी को उपर से अपनी उँगलियों से छूने लगी. दोनों को सेक्स करते हुए देख मेरा भी चुदने का मन कर रहा था. मैंने अपनी चुत को उपर से छू रही थी. फिर ससुर मेरी माँ के चिकने कन्धो को किस करने लगे. धीरे धीरे उन्होंने माँ को पलट दिया और पीठ पर हाथ लगाने लगे.

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आज माँ का भी चुदने का बड़ा दिल कर रहा था. ससुर ने खुद ही अपने हाथ से माँ की ब्रा के हुक को खोल दिया और ब्रा उतार दी. माँ की पीठ बड़ी सफ़ेद, गोरी और सुंदर थी. काफी सेक्सी और चिकनी पीठ थी. ससुर देखकर ललचा गये और ओंठो से माँ की पीठ को किस करने लगे. सब जगह हाथ लगा रहे थे. उपर नीचे हाथ लगा रहे थे. बार बार होठों से चुम्मी ले रहे थे. माँ “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” कर रही थी. धीरे धीरे ससुर ने माँ को नंगा कर दिया. सब कपड़े उतार दिये. अब मेरी माँ एकदम से नंगी हो गयी थी. उनके जिस्म पर कोई कपड़ा नही था. अब माँ चुदने को पूरी तरह से राजी हो गयी थी. वो ससुर का लंड चुत में लेना चाहती थी. उन्होंने अपने दोनों पैर खोल दिए थे.
माँ- अजी !! आप धीरे धीरे लंड चूत में डालना. देखो आज काफी दिनों के बाद सेक्स कर रही हूँ. सब कुछ आराम आराम से करना
ससुर- आप चिंता मत करो. मैं सब कुछ आराम आराम से करूँगा
उनके बाद ससुर अपने 7” लम्बे लंड को हाथ से हिलाने लगे. वो चाहते थे की लंड पूरी तरफ से खड़ा हो जाए और लोहा जैसा सख्त हो जाए. उनका लंड 2” से जादा मोटा था. कुछ देर तक वो मुठ मारते रहे. फिर उनका लंड किसी लोहे की तरह सख्त हो गया. लंड की सब नशों में खून तेज गति से दौड़ने लगा. बिलकुल पत्थर जैसा सख्त हो गया. उन्होंने माँ की चूत के छेद में लंड रख दिया और अंदर ही तरफ दबाने लगे. माँ सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी. धीरे धीरे उनकी चुत भी खुलने लगी और ससुर का लंड अंदर घुसने लगा. फिर 5” अंदर घुस गया. ससुर ने एक धक्का और दिया और पूरा 7” चूत की गुफा में घुस गया था. उसके बाद ससुर से सेक्स करना शुरू कर दिया. धीरे धीरे चुदाई करने लगे.

माँ भी बार बार मुंह खोलकर सेक्सी आवाज निकाल रही थी. ससुर का मोटा पहलवान लंड अब अंदर बाहर हो रहा था. दोनों को अच्छा लग रहा था. माँ दिल खोलकर उनके लंड का स्वागत कर रही थी. मैं दोनों की चुदाई खिड़की से देख रही थी. माँ कभी अपनी आंखे बंद करती तो कभी खोल देती. ससुर माँ के उपर लेटे थे और गद्देदार चूत को चोद रहे थे. दोनों को काफी मजा मिल रहा था. अब माँ की चुत ढीली हो रही थी जिससे आसानी से ससुर का लंड अंदर बाहर फिसल रहा था. सोनो सेक्स करने में बीसी थे. माँ ने दोनों पैर उठा दिए थे जिससे कोई दिक्कत न हो. वो “——-उई- -उई–उई——-माँ—-ओह्ह्ह्ह माँ——अहह्ह्ह्हह—”की कामुक चीखें निकाल रही थी. ससुर जल्दी जल्दी कमर उठा उठाकर चुदाई कर रहे थे. काफी देर तक ये होता रहा. दोनों अब जोश में आ गये और जल्दी जल्दी सेक्स करने लगे. अब ससुर का लंड काफी जल्दी जल्दी अंदर बाहर होने लगा. उनकी दोनों गोली काफी जल्दी जल्दी हिल रही थी और माँ की गांड से बार बार टकरा रही थी. ससुर अब हांफने लगे.
ससुर- समधन!! तुम ही बोलो की कहां पर अपना माल गिरा दूँ. अब मैं झड़ जाऊँगा
माँ- मेरी चूत में ही आप गिरा दो. कबसे ये आपके वीर्य की प्यासी है
उसके बाद ससुर ने जल्दी जल्दी चूत में गहरे झटके दिए और मिल झड़ गए. जब उन्होंने अपना लंड माँ की चुत से निकाला तो सफ़ेद वीर्य चूत से फिर से उपर की तरफ आ गया और नीचे बहने लगा और माँ की गांड तक पहुच गया. दोनों किसी हसबैंड वाईफ की तरह फिर से प्यार करने लगे. माँ ने फिर से ससुर को दोनों हाथो से कस लिया. फिर होठो पर किस करने लगी.कुछ देर बाद मेरे ससुर ने माँ को घोड़ी बना दिया और गांड में लंड डालकर चोद डाला. दोस्तों को स्टोरी आपको कैसी लगी जरुर बताये.



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