मम्मी की चुदाई हुई बंद जलन की वजह से

मम्मी सेक्स कहानी अब आयेज-

जगदीश अंकल की फॅमिली में किसी की शादी थी, तो नीलम आंटी ऑस्ट्रेलिया से इंडिया आने वाली थी. और उसकी वजह से मैने मम्मी को जगदीश अंकल से चूड़ने के लिए प्राइवसी दी थी. लेकिन मुझे जगदीश अंकल से चूड़ी हुई मम्मी को छोड़ने में और मज़ा आने लगा था.

फाइनली नीलम आंटी इंडिया आ गयी, और मम्मी और जगदीश अंकल की चुदाई फिर से बंद हो गयी. जिस दिन नीलम आंटी आई, तब पापा और मम्मी उनको मिलने उनके घर गये थे, और दोनो उनको घर पर डिन्नर का इन्विटेशन देकर आए.

एक दिन शाम को मैं मार्केट में कुछ काम से गया था, तब मुझे जगदीश अंकल और नीलम आंटी मिल गये. मैने आंटी को हेलो कहा. तब वो मुझे एक-दूं से पहचान नही पाई. फिर जगदीश अंकल ने मेरा इंट्रो दिया.

नीलम आंटी: श गोद, अभी तुमको पहचान ही नही पाई. (आंटी मुझे उपर से नीचे तक घूर कर देख रही थी)

मैं: मैं तो आपको देख कर पहचान गया. अंकल तो बाद में दिखे.

जगदीश अंकल: आप दोनो बातें करो, मैं आता हू.

अंकल के जाने के बाद आंटी ने धीरे से कहा: बाइ थे वे अभी, तुम पहले से काफ़ी हॅंडसम लग रहे हो. अची बॉडी बना लिए हो. अब तो तुम्हारा ही मार्केट होगा.

मैं (ब्लश करते हुए): क्या आंटी आप भी. ऐसा कुछ नही है. मैं तो पहले से ऐसा ही हू.

आंटी (मेरे बाइसेप्स को प्रेस करके): श नाइस, काफ़ी स्ट्रॉंग हो तुम तो. कितनी गफ्स है तेरी?

मैं (शॉकिंग फेस): वॉट दो योउ मीन कितनी गफ्स है? मेरी एक भी नही है. मैं ये सब में पड़ना नही चाहता.

आंटी: श मेरे से झूठ बोल रहा है. ठीक है नही बताना तो मत बता. लेकिन इतना भी झूठ नही बोल. तू इतना हॅंडसम है की कोई भी लड़की तुझे हा बोल देगी.

मैं: मुझे वो नखरे करने वाले पसंद ही नही है.

आंटी: अछा मीन्स ब्रेकप हो गया क्या? (मैं कुछ बोल नही रहा था)

आंटी: ठीक है अभी. मैं तो तोड़ा मज़ाक कर रही थी. सॉरी तुम्हे बुरा लगा हो तो.

मैं: नही आंटी, मुझे बिल्कुल बुरा नही लगा. ये तो पहली बार आपसे ऐसी बात कर रहा हू, तो तोड़ा नर्वस फील कर रहा हू.

आंटी: हा वो भी है. लेकिन अब मैं आ गयी हू ना, जाने से पहले तेरे लिए मस्त लड़की ढूँढ कर जौंगी.

मैं आपको बता देता हू. नीलम आंटी दूध जैसी गोरी है, और उनका फिगर भी काफ़ी अछा है. मम्मी जैसा तो नही बोल सकता, लेकिन फिर भी बाकी आंटीस से तो बहुत अछा है. नीलम आंटी ने तब वाइट कुर्ता और रेड लेगैंग्स पहना था. कुर्ते का गला काफ़ी डीप था, तो उनकी क्लीवेज दिख रही थी. और लेगैंग्स टाइट होने से उनकी गांद बहुत पर्फेक्ट शेप में दिख रही थी. ओवरॉल काहु तो आंटी काफ़ी अट्रॅक्टिव लग रही थी.

मेरी ना चाहते हुए भी नज़र आंटी की क्लीवेज पर जेया रही थी. और आंटी ने मेरी नज़र को पकड़ लिया था. जब मुझे रीयलाइज़ हुआ की आंटी को पता लग रहा था, तो मुझे तोड़ा एंबॅरसमेंट फील हुआ. मैं अब बात करते हुए मेरी नज़र इधर-उधर घुमा रहा था.

मैं आंटी से बात कर रहा था, तो मार्केट में आते-जाते लोग उनको देख तो रहे थे. कोई उनकी उभरी हुई गांद देखता, तो कोई उनकी क्लीवेज. दरअसल मेरी पहले जब नज़र नीलम आंटी पर गयी थी, तो मैने सोचा था की ये साला मार्केट में नयी मिलफ कों आई है. अब जगदीश अंकल भी आ गये.

जगदीश अंकल: अभी कभी हमारे घर पर भी आया कर.

नीलम आंटी: ये ना अभी भी बहुत शरमाता है.

जगदीश अंकल: हा बचपन से ऐसा है.

नीलम आंटी (नॉटी स्माइल के साथ): अब इसकी शरम डोर करने का टाइम आ गया है.

वो मुझे देखते हुए जगदीश अंकल की स्कूटी पर बैठ कर चले गये. मैं भी अपना काम ख़तम करके अपने घर चला गया. रात को मुझे नीलम आंटी के ख़याल आने लगे. मैं सोच रहा था की नीलम आंटी मुझे जिस तरह देख रही थी, उनके माइंड में क्या चल रहा होगा?

उपर से मेरे दिमाग़ में और भी बहुत कुछ ख़याल आ रहे थे. और ये सब सोचते हुए ना जाने कब मेरा लंड खड़ा हो गया? फिर मैने पॉर्न देख कर मूठ मारी और सो गया. नेक्स्ट दे पापा ने बताया की जगदीश अंकल ने हमे होटेल में डिन्नर के लिए इन्वाइट किया था.

मैने ब्लॅक शर्ट और ब्लू जीन्स पहन लिया था. पापा भी रेडी हो गये थे. भाई का मॅन नही था, तो वो नही आ रहा था. मैं और पापा मम्मी का वेट कर रहे थे. मैं आपको बता देता हू, की मम्मी ने उस दिन ब्राउन कलर की सारी पहनी थी. मम्मी काफ़ी सेक्सी लग रही थी. उनके हाथ में एक पर्स था.

मैं जब कार पार्क करके होटेल के अंदर गया, तब पता चला की जगदीश अंकल ने उनके सारे दोस्तों को फॅमिली के साथ इन्वाइट किया था. उन्होने पूरा हॉल बुक कर दिया था. नीलम आंटी और उनके यहाँ आने पर उन्होने सब को डिन्नर पर इन्वाइट किया था.

नीलम आंटी की नज़र मेरे उपर गयी तो उन्होने मेरा वेलकम किया. उन्होने तब एक ब्लॅक सारी पहना था. नीलम आंटी काफ़ी हद तक सेक्सी लग रही थी. अगर आप एक आंटी लवर हो, तो नीलम आंटी की खूबसूरती आपकी रातों की नींद उड़ाने के लिए काफ़ी है.

आंटी ने जो ब्लाउस पहना था, वो बॅकलेस था, और शायद उन्होने नीचे ब्रा नही पहना था. उसकी वजह से उनकी क्लीवेज काफ़ी बड़ी बन रही थी.

नीलम आंटी: ही हॅंडसम. आज तो ब्लॅक शर्ट में काफ़ी डॅशिंग लग रहे हो. और आज तो हम दोनो का मॅचिंग हो गया.

मैं: वॉट आ कोयिन्सिडेन्स! मैने तो ऐसे ही ब्लॅक पहन लिया था.

नीलम आंटी: हा.. आज हम दोनो कपल लग रहे है ना (वो हासणे लगी).

मैने भी स्माइल के साथ: आज आप बहुत सेक्सी लग रहे हो.

मेरे मूह से ऐसे ही सेक्सी निकल गया. नीलम आंटी मुझे नॉटी स्माइल देकर दूसरे सब गेस्ट को मिलने चली गयी. मैने देखा तो मम्मी मेरी तरफ देख रही थी. उनका मूह उतार गया था, शायद उनको मेरा नीलम आंटी से इतना फ्रॅंक होना अछा नही लगा था.

उसके बाद हम सब टेबल पर बैठ गये थे. अब हुआ ऐसा की मेरी लेफ्ट साइड बाकी के गेस्ट और रिघ्त साइड में मम्मी और उनके बाद पापा बैठे थे. और मेरे ठीक सामने नीलम आंटी, और उनके बाजू में जगदीश अंकल बैठे थे.

मम्मी की चेर ठीक जगदीश अंकल के सामने थी. जगदीश अंकल बातें करते हुए मम्मी की तरफ देख रहे थे. और नीलम आंटी मुझे देख कर हल्का मुस्कुरा रही थी. हमारे आजू-बाजू सब चेर पर बाकी के गेस्ट थे.

जब हम डिन्नर कर रहे थे, तब नीलम आंटी टेबल के नीचे से मेरे पैर को टच कर रही थी. और मैं उनके सामने देखता तो वो स्माइल करती. 2-3 बार उन्होने ऐसा किया तो मम्मी को पता चल गया की टेबल के नीचे से कुछ हरकत चल रही थी.

फिर मम्मी ने एक-दूं से टेबल के नीचे नज़र घुमाई तब नीलम आंटी का पैर मेरे पैर को टच हो रहा था. मम्मी ने कुछ रिक्ट नही किया, पर नीलम आंटी ने फिर से ऐसा नही किया, और वो चुप-छाप अपना डिन्नर करने लगे. हम डिन्नर करके घर आ गये.

मम्मी उस दिन काफ़ी अपसेट लग रही थी. उनको बिल्कुल अछा नही लग रहा था की मैं नीलम आंटी से ऐसे बातें कर रहा था. मैने पहली बार मम्मी को मेरे लिए जेलस फील करते देखा. मुझे उस दिन तोड़ा रीयलाइज़ हुआ की मम्मी को मेरे गोआ में बाकी लड़कियों और औरतों से सेक्स करने से प्राब्लम नही थी, पर अपनी दोस्त के साथ ऐसा रिश्ता बने तो प्राब्लम हो रही थी.

कहते है ना अपना प्यार कोई और लेकर जाए तो प्राब्लम नही होती. पर अपना प्यार दोस्त लेकर जाए तो बहुत दुख होता है. ऐसा हाल मम्मी के साथ हो रहा था.

एक दिन शाम को नीलम आंटी और जगदीश अंकल हमारे घर पर डिन्नर करने आने वाले थे. मम्मी उस दिन डिन्नर रेडी करने के बाद नहाने चली गयी. जब वो बाहर आई तब मैं देखता रह गया. मम्मी ने पिंक सारी पहनी थी. उन्होने सारी टाइट पहनी थी, तो उनकी गांद और बूब्स के कर्व बहुत सेक्सी लग रहे थे. मम्मी को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मम्मी भी मुझे टीज़ कर रही थी. उनके हाथ में उनका मोबाइल था तो मैने उनको मेसेज किया.

मैं: क्या बात है, आज इतना साज-धज कर रेडी हुए हो?

मम्मी: तुम्हे सब पता है मैं किसके लिए तैयार हुई हू. और तुम भी कब से किसी का वेट कर रहे हो. वो भी मुझे पता है.

मैं: किसका वेट?

मम्मी: बेटा मुझे सब पता है आप दोनो के बीच कुछ तो खिचड़ी पाक रही है.

मैं: क्या कह रहे हो? खुल कर बताओ ना.

मम्मी: तुम्हे आचे से पता है मैं तुमसे क्या कह रही हू. और अगर तुम उसके करीब गये तो मेरे से कभी कोई उमीद नही रखना.

मम्मी ने गुस्से में फोन साइड पर रख दिया, और मैने उनको 2-3 मेसेज किए, पर उन्होने अनदेखा किया. मैं भी बहुत टेन्षन में आ गया क्यूंकी मम्मी ऐसा मेरे साथ क्यूँ कर रही थी? थोड़े टाइम बाद जगदीश अंकल और नीलम आंटी आ गये. उस दिन नीलम आंटी ने पिंक सलवार-कमीज़ पहना था.

मेरा ध्यान ना चाहते हुए भी उनकी क्लीवेज पर जेया रहा था. मेरी नज़र को मम्मी और नीलम आंटी दोनो ने पकड़ लिया था. मम्मी मुझे गुस्से से देख रही थी, और नीलम आंटी मुझे नॉटी स्माइल दे रही थी. अब इन दोनो के बीच मैं फ़ासस गया था.

मुझे चिढ़ने के लिए मम्मी जगदीश अंकल को अपना सेक्सी जिस्म दिखा कर सिड्यूस करने लगी. जगदीश अंकल भी मम्मी की खूबसूरती पर मोहित हो रहे थे. नीलम आंटी ने ज़बरदस्ती उनके साथ डिन्नर करने बिता लिया. मम्मी का चेहरा उतार गया था. मैं मम्मी के सामने लाचारी से देख रहा था. मम्मी ने भी उनके चेहरे पर फेक मुस्कुराहट रख ली. डिन्नर करते हुए हम सब बात कर रहे थे.

नीलम आंटी: अभी तुम फ्री रहो तब मेरे घर पर आना. मुझे बहुत सारा काम है.

मैं (मम्मी की तरफ देख कर): आंटी मेरी जॉब की वजह से मैं फ्री नही रहता.

नीलम आंटी: ठीक है तो ड्यूटी ख़तम होने के बाद आना.

पापा: हा अभी, आंटी को अभी शादी के बहुत काम होंगे. तुम फ्री टाइम में उनके घर चले जाना.

मैं: देखता हू पापा.

पापा: देखता हू नही. शाम के टाइम फ्री रहते हो, तब चले जाना.

मैं मम्मी की तरफ देख रहा था. मम्मी कुछ रिक्षन नही दे रहे थी. डिन्नर के बाद वो दोनो अपने घर चले गये. मम्मी उस दिन के बाद मेरे से ठीक से बात नही कर रही थी. मैने उनको बहुत समझने की कोशिश की, पर उनको मेरा नीलम आंटी के घर जाना पसंद नही था. पर पापा को मैं माना नही कर सकता था.

एक दिन सनडे के दिन मेरी च्छुटी थी, और पापा भी एक एमर्जेन्सी काम से ऑफीस गये थे. शाम को हम सब को एक रिलेटिव के यहाँ फंक्षन में जाना था. मैं और मम्मी घर पर लंच कर रहे थे.

मम्मी: अभी आज जगदीश मुझे मिलने आ रहे है. तुम खाने के बाद तुरंत घर से निकल जाना.

मैं (स्माइल के साथ): ठीक है मुम्मा.

मैं खाने के बाद घर से निकल गया मैने. सोचा चलो फिर से आज मम्मी की चुदाई करने मिलेगी. मैं घर के पास एक जगह पर चुपके से नज़र रखने लगा. दोपहर के 1 बजे जगदीश अंकल मेरे घर के अंदर चले गये. मैं अब घर से डोर एक पार्क में बैठ कर मम्मी की चुदाई को इमॅजिन करने लगा. ऐसे ही 3 बाज गये, पर मम्मी का कॉल नही आया.

मैं अब बेचैन होने लगा, क्यूंकी पापा 5 बजे तक घर आने वाले थे, और मुझे मम्मी की चुदाई करने का बहुत मॅन हो रहा था. ऐसे ही मैं अपना मोबाइल चलाने लगा. मैने कुछ दोस्तों से बातें भी की. लेकिन मेरा मॅन कहीं लग नही रहा था.

ऐसे ही 4 बाज गये. मैने होप छ्चोढ़ दी की आज तो चुदाई करना पासिबल नही रहा. शाम को 4:30 बजे मम्मी का कॉल आया, की तुम घर आ जाओ. मैं, तोड़ा रोमॅन्स करने को मिलेगा, ऐसा सोच कर फटाफट घर गया. पर तब तक मम्मी शवर लेने चली गयी थी. मम्मी जब बाहर आई तब अपने गीले बाल टवल से पॉच रही थी.

मैने देखा तो मम्मी काफ़ी खुश नज़र आ रही थी. मम्मी की जब आचे से चुदाई होती है, तब उसका चेहरा ऐसे ही खिल जाता है. तो मैं समझ गया की आज जगदीश अंकल ने निचोढ़ कर सॅटिस्फाइ किया होगा.

मैं: मुम्मा आज बहुत देर लग गयी. मेरा तो नंबर ही नही आया.

मम्मी (ताना मारते हुए): अब तुम्हे मेरी क्या ज़रूरत है?

मैं आयेज कुछ बोलू उससे पहले घर की डोरबेल बाजी. मैने डोर खोला तो पापा आ गये थे. पापा के आने से हम दोनो की बात अधूरी रह गयी. उस दिन भाई भाभी और बच्चे के साथ घर वापस आ गये तो मम्मी फिर से बिज़ी हो गये. मम्मी अब मुझे टीज़ करती थी. मुझे सुनती रहती थी. हम दोनो घर पर अकेले होते थे, तब वो मुझे अपना जिस्म दिखा कर ललचाती थी, पर छ्छूने नही देती.

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