मोटे लण्ड की तमन्ना

हाय दोस्तो, मेरा नाम काजल है और मैं 26 साल की हूँ।
मेरी शादी समीर से, दो साल पहले हुई है…
हम दोनों अपनी “सेक्स लाइफ” से बहुत खुश हैं..
समीर का लण्ड, पाँच इंच का है।
समीर, मुझे अपने लण्ड से संतुष्ट तो कर पाते हैं परंतु मेरी चूत को अब “एक मोटे और लंबे लण्ड” की चाहत थी… !!
वैसे, मेरे पति बहुत ब्रॉडमाइंडेड (खुले विचारों वाले) हैं।
एक दिन, मैंने उन्हें अपनी तमन्ना बताई तो उन्होंने कहा – अगर, तुम्हें किसी मोटे और लंबे लण्ड से चुदवाने का मौका मिले तो तुम बेफिक्र होकर, चुदवा सकती हो…
उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं था।

इस बात को, 6 महीने हो गये।
अब मैंने अपने आप को मोटा महसूस किया तो मैंने अपने पति से जिम जाने की इच्छा जाहिर की।
उन्होंने मुझे हाँ कर दी और एक नटखट मुस्कान देते हुए कहा – वहाँ तुम्हारी मोटे लण्ड से चुदवाने की तमन्ना भी पूरी हो जाएगी…
मैंने कहा – अरे, तुम्हें अब तक याद है…
फिर, वो कहने लगे – सही बात तो ये है, मैं भी तुम्हें किसी और से चुदवाते हुए देखना चाहता हूँ… कभी अगर, तुम्हें ऐसा मौका मिले तो मुझे फ़ोन ज़रूर करना…
करीब 3 महीने, जिम में वर्कआउट करने के बाद मैं एकदम फिट हो गई।
मेरी फिगर “मस्त और सेक्सी” दिखने लगी.. !!
जिम के सभी लड़के, मुझे चोदने का ख्वाब देखते थे.. ..
जिम इन्स्ट्रक्टर तो ट्रैनिंग के बहाने, मेरे पूरे शरीर को रगड़ता था..
मेरा जिम सनडे को बंद रहता है। पर स्पा लेने के कारण, मुझे सनडे जिम जाने की पर्मिशन थी।
एक सनडे, मैं जिम गई और वर्कआउट करने के बाद मैं चेंज करने के लिए बाथरूम गई।
फ्रेश होने के बाद, मैंने जैसे ही दरवाजा खोला मुझे कुछ आवाज़े सुनाई दी..
मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर लिया और सोचा आज कौन हो सकता है.. ??
फिर, मैंने दरार से बाहर देखा।
बाहर, राज और विक्की थे।
वो दोनों, जिम में वर्कआउट करने आते थे।
दोनों, सिर्फ़ चड्डी में थे।
उफ्फ!! क्या “कसे हुए गठीले बदन” थे, दोनों के.. ..
उनके शरीर पर, तेल लगा हुआ था।
तभी, वहाँ विशाल भी आ गया। वो मेरा जिम इन्स्ट्रक्टर था।
आते ही, वो बोला – तुम लोगों को मेरी मसाज कैसी लगी.. ??
तो, राज बोला – अभी एक मसाज बाकी है…
अब विशाल मुस्कुराया और बोला – आज जिम में कोई नहीं आता…
विक्की बोला – हम तीनों, एक दूसरे के लण्ड की मालिश करते है…
और तीनों ने तुरंत अपनी चड्डी भी उतार दी..
तीनों, पूरे नंगे हो गये… !!
उनके लण्ड देखकर, मेरा मुंह खुला रह गया।
तीनों के लण्ड बहुत “बलिष्ठ” थे.. !!
विक्की और विशाल के लण्ड, कम से कम सात इंच लंबे और मोटे थे, पर राज का लण्ड तो “विकराल” था.. करीब “8 या 9 इंच लंबा और कम से कम 2 या 3 इंच मोटा”..
मेरी सेक्स स्टोरी पर, लड़के कितनी भी बड़ी बड़ी क्यूँ ना फेंकें पर लड़कियाँ जानती हैं, एक स्वस्थ लण्ड “6 या 7 इंच लंबा” होता है और “8 या 9 इंच लंबा लण्ड”, हज़ारों में से किसी एक का ही होता है.. इसलिए, मेरी राय है लड़कों को की “10-12 इंच का लण्ड” बता कर, पहली लाइन में ही अपनी कहानी को झूठी साबित ना किया करें.. कम से कम, लड़कियों की तो आगे पढ़ने में रूचि ख़तम हो जाती है..
खैर, इधर मेरी चूत गीली होने लगी थी…
मुझे लगा, आज मेरी तमन्ना पूरी हो सकती है.. !!
मैंने अपने पति को फोन लगाया और धीरे से उनको यहाँ का हाल बताया।
जैसी की मुझे उम्मीद थी, वो बोले – अच्छा मौका है… आज चुदवा ही लो, डियर…
मैंने कहा – तुम पागल तो नहीं हो गये, समीर… उन तीनों के लण्ड, बहुत बड़े हैं… मेरी चूत फट जाएगी और तीनों को एक साथ कैसे… ??
समीर बोले – चिंता मत करो, बहुत मज़ा आएगा… आदमी भले ही, एक लड़की को भी खुश ना कर पाए… पर एक औरत, एक दो नहीं तीन मर्दों को बड़ी आसानी से खुश कर सकती है…
मैंने कहा – वो सब तो ठीक है… पर मैं, शुरूवात कैसे करूँ… अगर, उन्होने मुझे चालू समझ लिया तो हमेशा, मुझे अपनी “बपोती” समझेगें…
वो बोले – हाँ!! ये तो है… तुम एक काम करो… अचानक से, दरवाजा खोल कर ऐसे रिक्ट करना, जैसे तुम्हें शॉक लगा हो… नाराज़गी का नाटक करना और ऐसे दर्शना की तुम ग़लती से “तीन नंगे मर्दों” के बीच, फँस गई हो…
मैं बोली – आइडिया तो मस्त है, समीर और मैं चुदवाना भी चाहती हूँ पर मुझे डर भी बहुत लग रहा है… यह मौका भी, फिऱ नहीं मिले गा… चलो ठीक है, मैं कोशिश करती हूँ…
ये बात नहीं थी की मैं कोई सुकुमारी थी और शादी से पहले या अपने पति के अलावा, किसी से मैंने अपनी चूत नहीं मरवाई थी… पर, तीन लण्ड एक साथ…
खैर, मैंने एक गहरी साँस ली और दरवाजा खोल दिया..
दरवाजा खुलने की आवाज़ से, वो सहम गये।
मैंने उनसे, बनावटी गुस्से में कहा – ये क्या चल रहा है… उफ्फ!! आइ एम सॉरी…
फिर मैंने तीनों को देख कर, एक नॉटी स्माइल दी और दरवाजे की तरफ हल्के कदमों से जाने लगी..
तभी विक्की ने पीछे से दौड़ कर मुझे अपनी बाहों मे भर लिया और राज ने दरवाजा बंद कर दिया।
मैंने झूठ गुस्सा दिखाते हुए, कहा – यह क्या कर रहे हो… ?? मुझे जाने दो…
राज ने कहा – हम लोग, बहुत दिनों से तुम्हें चोदने का सोच रहे हैं… तुम भी हमारा साथ दो और अपनी जवानी का मज़ा लो… देखो काजल, लड़के इतने चूतिए नहीं होते की समझ ना सकें, कौन लड़की चुड़क्कड़ है और कौन शरीफ… समझी… इसलिए, नाटक मत करो और हमारा साथ दो…
विक्की ने मुझे अपनी बाहों मे उठा लिया और वो मुझे टेबल के पास ले आया।
मैंने गुस्से (बनावटी) में कहा – देखो, मैं शादी शुदा हूँ… मुझे जाने दो…
तभी विशाल ने कहा – मैडम, अब मान भी जाइए… नहीं तो, ये लोग ज़बरदस्ती करेंगे… हम चाहते हैं की आप हमारे साथ, एंजाय करें और जैसा राज ने कहा, आप कोई सती सावित्री तो है नहीं और यहाँ का हर लड़का ये जानता है…
अब मुझे सच में थोड़ा गुस्सा आ गया और मैंने कहा – आख़िर ऐसा मैंने क्या कर दिया, जो सब मुझे चुड़क्कड़ समझते हैं… ??
राज बोला – कुछ करने की ज़रूरत नहीं होती, मैडम… लड़की की नज़रें ही, उसकी कहानी बयान कर देती हैं… उसका पहनावा, उसकी चाल, उसकी बात करने का तरीका, सब उसका “असली चरित्र” पेश कर देते हैं… आप जानती हैं, आपकी तरह कई और शादीशुदा औरतें भी यहाँ आती हैं पर मैं किसी को छू नहीं पाता… शुरूवात में, एक दो से तो मुझे तमाचे भी खाने पड़े… पर आपका बदन रगड़ना, तो मेरा रोज़ का काम है… अपने “रंडीपने” के और सबूत चाहिए या इतने काफ़ी हैं…
उसकी बात से मैं निरूतर हो गई और मैंने सोचा – चलो अच्छा ही है… मुझे ज़्यादा नाटक नहीं करना पड़ा…
फिर, मैं बोली – चलो, मैं मान जाती हूँ पर तुम लोगों का लण्ड, मेरे पति से डबल बड़ा है… मेरी चूत, फट जाएगी…
मेरे मुंह से लण्ड और चूत शब्द सुनकर, वो और जोश में आ गये… !!
विक्की ने तुरंत मेरे शॉर्ट्स में अपना हाथ डालकर, मेरी चूत को पकड़ लिया और बोला – आ गई ना रांड़, अपनी असलियत पर… दोस्तो, ये तो साली नाटक कर रही है… इसकी चूत तो पहले से चुदसी है… छीनाल की चूत, पहले से ही पूरी भीगी हुई है…
विशाल ने अब, मेरा टॉप निकाल दिया और राज ने, मेरा लोवर खींच कर उतार दिया.. !!
मैं अंदर से नंगी थी क्यूंकी मुझे सीधे घर ही जाना था।
सिर्फ़ दो पल में, मैं तीन जवान नंगे लड़कों के सामने, बिल्कुल नंगी खड़ी थी…
यूँ तो मैं पहले भी कई मर्दों के सामने, नंगी हुई थी। पर तीन लड़कों के सामने नंगी होने से, मुझे बहुत उत्तेज्ना हो रही थी..
मेरी चूत बुरी तरह कुलबुला रही थी और लगातार रस बहा रही थी..
आगे क्या होगा, कैसा होगा, सोच सोच कर उत्सुकता और रोमांच से मेरा मेरा एक एक रोंगटा खड़ा था..
मेरे निप्पल तो इतने कड़े हो गये थे की पूछिए ही मत..
इधर, कुछ देर मेरे नंगे बदन को एकटक निहारने के बाद, विक्की मेरी चूत सहलाने लगा… …
मेरी चूत पर उस समय झांटे थी क्यूंकी मुझे उम्मीद ही नहीं थी की मैं आज चुदने वाली हूँ।
(इसलिए, सहेलियों हमेशा तैयार रहने चाहिए। ना जाने कौन सा लण्ड, हमारी चूत के इंतेज़ार में, कहाँ बैठा हो।)
खैर, अब विशाल ने मुझे अपनी बाहों में लेकर, अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए।
राज ने पीछे से अपने लण्ड को मेरी गाण्ड पर सटाते हुए, मेरे बूब्स मसलना चालू कर दिया।
तीन मर्दो के जिस्म के बीच में, मेरा जिस्म मचलने लगा…
मेरी काम-उत्तेजना, अपने चर्म पर पहुँच गई थी।
अब मैं सब भूलकर, बस चुद जाना चाहती थी.. !!
मेरी आँखो में वासना का ज्वर आ गया था और विक्की की उंगलियाँ मेरी चूत में, आग भड़का रही थीं।
अचानक, मेरी चूत से धार बह निकली और विक्की की उंगलिया भीग गईं..
विक्की ने अपनी उंगलिया चाटते हूँ, कहा – वाह, नमकीन है…
उसके बाद, उन्होंने मुझे टेबल पर लिटा दिया और मुझे उल्टा करके ढेर सारा तेल मेरे चुत्तडों पर डाल दिया और मेरी चुत्तडों को मसलने लगे।
फिर, कभी मेरी गाण्ड सहलाते और कभी मेरी चूत…
मैं फिर से, मस्त होने लगी..
तभी एकदम से, विशाल ने अपना लण्ड मेरे मुंह मे डाल दिया और चूसने को कहा।
मैं विशाल का विशाल लण्ड, चूसने लगी और विक्की मेरी चूत चाटने लगा..
राज ने मेरे बूब्स को मसलाना शुरू किया।
मैं पागल हो चुकी थी..
चूत को तो बस, चुदने की धुन लग गई थी…
उस वक़्त, मैं लण्ड को अपनी चूत में घुसाने के लिए, कुछ भी करने को तैयार थी।
मेरी चूत, लण्ड के लिए तड़प रही थी… !!
अब मुझसे, ना रहा गया और मैंने कहा – मां के लौड़ो… क्यों अपनी, मां चुदा रहे हो.. चोदोगे कब… अब मत सताओ और बर्दाश्त नहीं होता… तुम्हारी बहन का भोसड़ा, चोदो मुझे, रंडी के पिल्लो…
इधर, मेरे चूसने से विशाल का लण्ड बहुत टाइट हो चुका था।
उसके लण्ड की नसे, फडक रही थीं..
अब मेरे मुंह से लण्ड निकालकर, वो मेरे पैरों के बीच आ गया और मेरी चूत पर लण्ड रगड़ने लगा..
राज, मुझे होंठों पर किस करने लगा।
इधर विशाल ने, मेरी चूत पर धक्का लगाया..
और… …

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मैं सिसक उठी..
भले ही मैं छीनाल थी, पर उसका लण्ड बहुत मोटा था.. जिसके कारण, वो मेरी चूत मे नहीं गया..
विशाल ने कहा – यार, हमने इसे ग़लत समझा… इसकी चूत तो बहुत टाइट है… अंदर ही नहीं जा रहा…
गांडू, चूत कसी होने का मतलब ये नहीं है की साली छीनाल नहीं है… बस, रंडी को, बहुत दिनों से कोई तगड़ा लण्ड नहीं मिला… बिचारी का पति, लुल्ला है… ये कहते हुए विक्की ने मेरी चूत पर तेल डाल कर, मेरी चूत को पकड़ कर फैला दिया और सभी ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे…
अब विक्की ने, विशाल को इशारा किया और विशाल ने एक जोरदार धक्का लगाया…
“फुक्कककक” की आवाज़ के साथ, उसके लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत मे समा गया..
मेरी चूत में दर्द का भूचाल आ गया और मैं तड़प उठी…
विक्की, सही कह रहा था।
बहुत दिनों से मुझे कोई तगड़ा लण्ड नहीं मिला था और आप तो जानते ही हैं, मेरे पति का लण्ड सही में, लुल्ला ही है..
दर्द से मचलते हुए, मेरी सिसकारियाँ निकाल गई – अयीईयी या हह मां… तेरी मां की चूत, बहन के लौड़े… निकाल, अपना लण्ड… तेरी अम्मा का भोसड़ा, मादरचोद… आहआआआआहहहहह्म्म… दर्द हो रहा है साले, गाण्ड के छेद… रंडी के पिल्ले, मेरी चूत फाड़ दी, तूने… अहमाम्म्माआआह… इतना दर्द तो तब भी नहीं हुआ था, जब मेरी सील टूटी थी, भोसड़ी वाले… तेरी मां रंडी, बहन छिनाल… बहन की चूत, तेरी मादरचोद… निकाल… आहहहहहहहहहहहहहहह…
अब मैं छूटने की कोशिश करने लगी, पर मैं तीन तीन बलिष्ठ मर्दो की बाहों में थी और बस कसमसा कर रह गई..
मैंने दोनों हाथों से विक्की को पकड़ लिया और अपने नाख़ून उसके बदन में गहराई तक उतार दिए।
वो बुरी तरह, चीख उठा..
मुझे दर्द तो हो रहा था पर मैं बहुत, उत्तेजित थी।
तभी विशाल ने, एक और झटका लगाया और मेरी चूत ने विशाल के लण्ड पर पानी छोड़ दिया…
अब मेरी चूत ने, विशाल के लण्ड को जगह दे दी..
विशाल धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुए, मुझे चोदने लगा… !!
इससे कुछ ही देर में, मैं भी मस्ती में आ गई..
अब मैं बोल रही थी – म्म्मह… चोद, विशाल चोद… उन्हम्म्म… अहः अहह आ या उंह… ऐसे ही, ऐसे ही, ऐसे ही… मादर चो द द द द द दद… आ आ आ आ आ आ आह मां… ज़ोर से, और ज़ोर से… हाँ हाँ हाँ… मां की चू त त त त त… बना दे, मेरी चूत का भोसड़ा… तेरी, बहन की चूत… चोद मुझे, अपनी बहन और मां समझ कर… मां के लौड़े, तेरी रंडी बहन भी ऐसे ही कूद कूद कर चुदवाती होगी… आह… मज़ा आ गया, यार… मार ना, और ज़ोर से मार… बहन चोद, तेरी मां पर तेरे बाप ने रहम करी होती, तो आज तू यहाँ नहीं होता… लगा दम… लगा… हाँ… शबाश… चोद चोद चोद चोद चोद… आ आआ आआ आ आआ आआ… आआआआ आआ हहहहह म्म मम्म हह ह ह ह ह ह ह ह… आज से मैं, तुम तीनों की रंडी बन के रहूंगी… जब जी चाहे, मुझे चोदना… जैसे जी चाहे, मुझे चोदना…
ये सब सुनते ही विशाल जोश मे आ गया और उसने एक जोरदार धक्के के साथ अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में अंदर तक उतार दिया और बोला – ले साली, रंडी… तू तो बहुत बड़ी छीनाल है… ले और ले…
अब मेरी चीख निकल गई – आह ह ह हह हहह… मर गई… तेरी मां की चू त त त तत…
अब तक, मेरी चूत पूरी तरह खुल चुकी थी…
मेरी चूत के दोनों किनारे, अपनी पूरी लिमिट तक खुल चुके थे..
मेरी क्लोरिटस तक, उसके लण्ड से रगड़ खा रहा था..
अब विशाल ने, अपनी स्पीड बहुत बड़ा दी।
मैं मदहोश होने लगी..
मैं लगातार झड़ रही थी और उसे गालियाँ बक रही थी…
मेरा योनि रस, नीचे बह रहा था.. ..
विशाल के अंडकोष और मेरी जागें, मेरे रस से भीग चुके थे… …
आज बड़े दिनों बाद, मोटे लण्ड से चुदवाने का मौका मिला था।
कितना मज़ा आ रहा था, मैं बयान नहीं कर सकती..
मेरे बहुत से आशिक रहे थे…
कज़िन भाई, देवर, यहाँ तक की एक दो बार तो दूसरे शहर में मैंने “अजनबी मर्दों” से भी चुदवा लिया था.. पर, आज लग रहा था की पहली बार किसी “असली मर्द” से चुदवा रही हूँ.. ..
अब राज बोला – सच में यार, विक्की… आज मुझे समझ आया, असली मज़ा तो साली रंडी और छीनाल लड़कियों को ही चोदने में आता है… ये सीधी साधी, शरीफ लड़कियाँ जो बस टाँगें खोल कर लेट जाती हैं, घर संभालने के लिए ठीक हैं… पर, अगर जिंदगी और चुदाई के मज़े लेने हैं तो इसके जैसी एक रंडी लड़की होनी चाहिए, यार…
विक्की बोला – चिंता क्यूँ करता है… इस साली छीनाल को ही हम, अपनी रखैल बना के रखेंगें…
फिर विक्की मुझसे बोला – काजल डार्लिंग… अभी तो बस, ये शुरूवात है… आज हम, तुम्हें और तुम्हारी चुड़दकड़ चूत को पूरी तरह से मज़ा देंगे… तुम आज का दिन, जिंदगी भर नहीं भूल पाओगी… तुम्हारी, बहन की लौड़ी इस चूत को हम पूरी तरह से फाड़ कर, उसका भोसड़ा बना देंगे… आज से तुम, हम तीनों की रखैल बन कर रहोगी…
उसकी यह बाते सुनकर, मैं फिर से झड़ गई और बोली – तेरी मां की चूत, बहन के लण्ड… बोल मत, करके बता… दिखा, तेरे लण्ड में कितना दम है… मुझे रखैल बनाएगा, हरामी… पहले अपने बाप का लण्ड निकाल कर ये तो देख ले की लौड़ा है या लुल्ला… कहीं, तेरी मां तो किसी और मर्द की रखैल नहीं है… भोसड़ी वाले, बातें मत कर… चूत मार, चूत… ज़बान नहीं लण्ड चला, अपना…
मेरी बातें सुनकर, विशाल का भी बदन अकड़ने लगा था..
वो मेरी चूत, 10-15 मिनट से चोद रहा था।
उसके झटके तेज़ होने लगे थे..
उसका एक एक धक्का, मेरे गर्भाशय तक महसूस हो रहा था।
अचानक से, मेरी चूत में ज्वालामुखी सा फुट पड़ा…
उसका वीर्य, मेरे गर्भाशय को भरने लगा।
मेरी भी चूत फट पड़ी और मैं भी उसके साथ एक बार फिर झड़ गई।
इस बार, मैं इतनी ज़ोर से झड़ी की रस के साथ साथ, मेरी मूत भी निकल पड़ी..
विशाल, मेरी मूत की धार अपने बदन पर लेने लगा और बोलने लगा – उन्ह: कितनी गरम है… और ज़ोर से मूत, छीनाल… आह हह…
अब मैं आँखें मूंद कर आनंद सागर में गोते लगा रही थी..
मेरी पूरी चूत फट चुकी थी और अंदर तक साफ दिखाई दे रहा था।
भले ही मैंने कितने भी लण्ड लिए थे, पर सब साधारण थे और कोई भी 6-7 इच से बड़ा नहीं था और किसी ने भी मुझे अब तक 15-20 मिनट तक तो नहीं चोदा था…
बातें कितनी भी बड़ी बड़ी क्यूँ ना कर लें, पर अच्छे अच्छे हटे कटे लड़कों और आदमियों को मैंने 10 मिनट से ज़्यादा टिकते नहीं देखा था…
कसम से, मज़ा आ गया था आज तो..
भले ही, चूत की मां चुद गई थी.. !!
खैर, राज ने मुझे अपनी गोद में उठाया और मुझे बाथरूम ले जा कर, मेरी चूत को धोकर साफ़ कर दिया।
तभी, विक्की वहाँ आ गया।
उसने अपना लण्ड हाथ में पकड़ रखा था और हिला रहा था..
उसका लण्ड, विशाल के लण्ड जितना ही बड़ा था पर थोड़ा मोटा था।
वो मेरे पास आया और मुझे किस करने लगा।
राज बोला – काजल, विशाल तो तुम्हें अपनी रखैल बना चुका है… अब बारी, विक्की की है…
मैंने कहा – मेरी चूत की बुरी हालत है… विक्की, आज तुम को अपनी होने वाली रखैल पे थोड़ा रहम करना पड़ेगा…
विक्की बोला – रहम बीबी पर किया जाता है रांड़, रखैल पर नहीं… आज तो तुम्हें हम लोगों से चुदवाना ही पड़ेगा… आज तुम तीनों की रखैल, एक साथ बनोगी…
और वो मेरे पास आकर, मुझे किस करने लगा।
राज ने मेरी चूत पर साबुन लगा दिया और विक्की को कुछ इशारा किया।
तभी विशाल बाथरूम में, मेरे सामने आ गया और बोला – तुमने चुदाई एंजाय की या नहीं… ??
मैंने कहा – बहुत मज़ा आया… पहले, थोड़ा दर्द तो हुआ पर ऐसी चुदाई के लिए, मैं कोई भी दर्द बर्दाश्त कर सकती हूँ…
राज ने कहा – सुहागरात तो तुम्हारी चूत विशाल के साथ मना चुकी है… अब मेरा क्या… ??
मैं उसका इशारा समझ गई और मैं थोड़ा आगे की तरफ उसके लण्ड को किस करने के लिए झुकी..
वैसे ही, विक्की ने अपना लण्ड कुतिया स्टाइल में, मेरी चूत में डाल दिया..
साबुन लगा होने के कारण, उसका लण्ड एक ही बार में मेरी चूत को चीरता हुआ मेरे ग्रभाशय में समा गया..
उसका लण्ड, थोड़ा ज़्यादा मोटा होने के कारण मैं चीख उठी – मा द र चो द द द…
मैं आगे खिसक कर उसका लण्ड निकालना चाहती थी पर उसने मौका नहीं दिया..
उसने फ़ौरन, मेरी कमर को पकड़ कर मुझे चोदना चालू कर दिया…
पूरे बाथरूम में मेरी सिसकारियाँ गूंजने लगी – आ ईईईईईईईईईईईई या अ… आआ आआ आआ आआआ… सूअर के बच्चों, आनह: मां… तुम्हारी मां की चूत में सांड़ का लण्ड… उफ्फ या इ या… मर जाउंगी, बहन के लौड़ो… आहहहहहह… थोड़ा धीरे चोदो…। तुम्हारी अम्मा ने क्या गधे के लण्ड से चुदवा के तुम्हें निकाला है, जो इतने बड़े और मोटे हैं, तुम लोगों के लौड़े… आह ह ह ह म म म हह… मेरी चूत की मां चोद डाली, रे… मां की चू त त तत तत… अपनी बहन की चूत भी, ऐसे ही चोद्ते हो क्या… साले, टट्टी खाने वालों… तुम्हारे लण्ड इतने बड़े हैं की तुम तो अपनी मां की चूत का भी भोसड़ा बना दो… आआ आआ आ आ आ आ आ आहहहहहह…
चिंता मत कर, रंडी की बच्ची… हम तीनों पहले ही, एक साथ अपनी मां और बहनों को चोद चुके हैं… उनकी गाण्ड का छेद भी चाट चुके हैं… टट्टी तो हम, आज तेरी निकालेंगें… फाड़ के रख देंगें, तेरी गाण्ड भी मां की लौड़ी… जब से तू जिम में आई है, हम तुझे चोदने का मौका ढूंढ रहे थे… साली छीनाल, बड़ा मज़ा आता है ना तुझे लौंडों के लण्ड को तड़पाने में… हरामजादी, इतने गहरे टॉप पहन पहन कर, अपने मम्मे दिखा कर उकसाती है, तेरी मां का भोसड़ा… बहुत गाण्ड मटकाती है, साली रांड़… आज चोद चोद कर, तेरी इसी गाण्ड से टट्टी ना निकाल दी तो कहना… ये ले – और ये कहते हुए राज ने एक जोरदार तमाचा, मेरी झुकी हुई गाण्ड पर मारा…
फिर, करीब 2-4 मिनट की चुदाई के बाद, विक्की ने अपना लण्ड बाहर निकल लिया..
मैं तब तक, 3 बार और झड़ चुकी थी..
विशाल ने अब साबुन उठाया और मेरे पूरे शरीर पर लगा दिया और इसी बहाने मेरी गाण्ड पर भी बहुत सारा साबुन लगा दिया।
इससे पहले मैं कुछ समझ पाती, राज ने मुझे मजबूती से पकड़ लिया और विशाल ने मेरी टांगे फैला दी और विक्की ने एक ही झटके में अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरी गाण्ड में पेल दिया…
आ आ आ आआ आआ आआ आआआ आआआ आआआ आहह हहह हहह हहहह हहहह आआआआआआआआआआह… मां की चू त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त तत तत ततत ततत तततत… आ ज त क मैं ने क भी कि सी से गा ण्ड न हीं म र वा ई मा दा र चो द… मे रे प ति त क को भी मैं गा ण्ड न हीं मा र ने दे ती… बा ह र नि का ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल… ते री मां का भो स ड़ा, ब ह न के लौ ड़े… …
पर, विक्की मेरी गाण्ड को मारता चला गया और जड़ तक लण्ड पेल कर ही रुका और रुक कर मुझसे बोला – मेरी जान, अब तो करके दिखाने का मौका आया है… कैसे छोड़ दूं…
और धीरे धीरे वो अपने लण्ड को अंदर बाहर करने लगा और 3-4 मिनट, मेरी गाण्ड मारने के बाद, वो मेरी गाण्ड में ही झड़ गया……
मेरे दोनों छेद की अब तक, मां चुद गई थी.. !!
मैं गरम पानी से नहा कर, थोड़ा रिलैक्स हुई और जिम टेबल पर आराम के लिए लेट गई।
इतनी बार झड़ने के कारण, अब मुझे कमज़ोरी आ रही थी।
लेकिन, राज का “भूसंड लण्ड” तो अभी बाकी था…
सो राज ने मेरे पास आकर, मेरी चूत पर हाथ रखा..
मैं बोली – इन दोनों ने मेरे दोनों छेद को फाड़ कर, मेरी मां चोद डाली है… अब तुम कौन सा छेद, फाड़ोगे… ??
राज बोला – चिंता मत करो… मुझे तो चुदी हुई चूत, चोदने में भी बहुत मज़ा आता है… मेरा लण्ड, इन दोनों से बड़ा है… इसलिए, जब भी हम रंडी लाते हैं मैं हमेशा आख़िर में उसको चोदता हूँ ताकि रंडी बिदक ना जाए और ज़्यादा पैसे ना मांगे…
जैसा मैं आपको पहले बता ही चुकीं हूँ, राज का लण्ड सबसे बड़ा और मोटा था.. ऐसा लण्ड, मैंने आज तक नहीं देखा था..
हालाकी, अब तक मेरी मैया चुद गई थी और मुझ में खड़े होने की भी ताक़त नहीं थी.. पर राज का खड़ा हुआ मूसल सा लण्ड देख कर, मेरी साली हरामजादी चूत फिर से गीली हो गई थी और इधर राज ने हाथों से सहलाकर, मुझे और गरम कर दिया था..
अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसके लण्ड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी।
सच में वो लण्ड, बहुत बड़ा था…
मेरे पति के लण्ड का तो कम से कम, दोगुना था..
मुझे अपने पति से कोई शिकायत नहीं है, पर राज का लण्ड देखकर लगा मेरे जैसी चुड़दकड़ के नसीब में लुल्ली ही क्यूँ लिखी थी..
काश, समीर का लण्ड भी राज जैसा होता…
राज के लण्ड के लिए, मैं हर पीड़ा बर्दाश्त करने को तैयार थी…
राज ने कहा – काजल, मैं चाहता हूँ तुम मेरे ऊपर बैठ कर मेरे लंड की सवारी करो… मैं तुम्हें चोदते हुए, तुम्हारे ये मस्त गोल गोल दूध हिलते हुए देखना चाहता हूँ…
ये कह कर राज नीचे लेट गया और मैंने ऊपर आकर, उसके बालों भरे सीने पर हाथ फेरा..
उफ्फ!! क्या “बलिष्ठ शरीर” था, राज का…
मैं उसकी रखेल, दासी, रंडी जो वो चाहे बनना चाहती थी।
मेरी छीनाल चूत, उसके मस्त लंड के लिए तड़प उठी थी..
जी चाहता था, उसके लंड पर फेविकोल डाल कर हमेशा के लिए अपनी चूत में ही घुसा लूं।
खैर, मैंने उसके लण्ड का सुपाड़ा अपनी चूत पर रखा..
उसने मेरी कमर पकड़ कर, मुझे सहारा दिया और मैं उसके शानदार लण्ड पर बैठती चली गई..
करीब 4-5 इंच अंदर लेने के बाद, मैं रुक गई।
दर्द का, “मधुर अहसास” था..
मैं धीरे धीरे, ऊपर नीचे होने लगी।
उसका लण्ड, उसे अधिक अंदर नहीं जा रहा था।
जैसे ही, मैंने ज़ोर लगाया, मेरी चूत झड़ गई और उसका लण्ड पूरा योनि रस से नहा गया..
ये देखकर, विशाल मेरे पास आया और उसने ज़ोर से मुझे राज के लण्ड पर बिठा दिया..
मैं चीख पड़ी – आ आआ आआहहहहहहहहहह… विशाल, मां के लौड़े… तेरी बहन की चूत… उन्हमम्ममममहह… तू क्यूँ अपनी मां चुदा रहा है, बीच में… इईईया… गांडू, हो गया ना तेरा अब… अब शांति से बैठ, बहन के लंड… नहीं तो, तेरी मां चोद दूँगी… भोसड़ी वालों, आज मेरी चूत का कचूमर निकाल दिया, तुम लोगों ने… साले कुतिया के पिल्लों, तुम्हारी मां की तरह पैदाइशी छीनाल नहीं हूँ, मैं… अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ… इतना मर्दाना जोश है तो जाकर, अपनी मां बहन को साथ में चोदो…
अब राज ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया, बिना लण्ड निकाले।
मुझे नीचे किया और चोदना शुरू किया.. !!
उसका 6-7 इंच तक लण्ड घुसने के बाद, वो अंदर नहीं जा पा रहा था।
राज ने मुझे जकड़ते हुए एक जोरदार झटका दिया और मुझे पेट में महसूस हुआ जैसे बच्चे दानी में कोई बच्चा आ गया हो।
उसका लण्ड मेरे गर्भाष्या में था..
उसका एक एक धक्का, मुझे प्रसव का आभास करा रहा था…
करीब 10 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद, उसने मुझे अपने बाहों में उठा लिया और खड़े खड़े अपनी गोद में लेकर चोदने लगा…
तभी उसी पोज़िशन में विशाल ने अपना लण्ड, मेरी गाण्ड में पेल दिया..
एकदम से घुसे लंड से, मैं चीख उठी – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह… ते री ब ह न का भो स ड़ा… भ डु ए ए ए ए ए ए ए ए ए ए ए ए ए ए ए ए ए ए ए… ते री गा ण्ड मा रे हा थी मा द र चो द द द द द द… आहममम मम मां… मा र डा ला ला ला ला ला ला…
अब मैं, दोनों छेद से चुद रही थी..
इसी पोज़िशन में करीब 2-3 मिनट चोदने के बाद, विशाल मेरी गाण्ड में ही झड़ गया और राज ने मुझे अपने ऊपर लिटा लिया और पीछे से विक्की ने अपना लण्ड, मेरी गाण्ड में डाल दिया..
मैं दर्द से करहा रही थी – आ ह ह ह ह ह ह ह ह ह मां… न हीं ही ही ही ही ही… छो ड़ दो अ ब… र ह म क रो…
दो विशाल लण्ड, मेरी चूत और गाण्ड दोनों को लगातार फाड़ रहे थे और करीब 15 मिनट बाद, राज ने मुझे कहा मैं झड़ने वाला हूँ..
आख़िरकार, मुझे थोड़ी राहत महसूस हुई…
राज आदमी नहीं, “सांड़” था.. !!
जितनी देर में विशाल और विक्की दोनों मुझे 2-2 बार चोद चुके थे, राज ने एक बार चोदा था…
जिंदगी में पहली बार, मुझे एक “असल मर्द” से चुदने का मौका मिला था.. ..
सो, मैंने कहा – राज सारा रस मेरी चूत में ही डाल दो… जो होगा, देखा जाएगा… मैं गोली खा लूँगी या एबॉर्शन करा लूँगी… पर, तुम्हारे माल की गरमी मैं महसूस करना चाहती हूँ…
राज ने मेरे पूरे गर्भाष्या को, अपने वीर्य से भर दिया।
करीब 4 घंटे की जबरदस्त चुदाई के बाद, मैं जब घर पहुँची तो सीधे समीर को गले लगा लिया और उसे सारी चुदाई की बात बताई और उससे कहा – इस चुदाई ने, मेरी हर तमन्ना पूरी कर दी है… …
समाप्त… …

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