लड़के की हवस को उसकी मामी की चूत का रास्ता मिला

हेलो फ्रेंड्स, ई आम पीयूष पाटिल, 27 एअर ओल्ड गाइ, वित आन आवरेज बॉडी, डूयिंग जॉब इन नागपुर. ये स्टोरी मेरी और मेरी मामी के बीच की है.

वैसे तो मुझे आंटीस और मॅरीड लॅडीस बहुत पसंद है, क्यूंकी वो बहुत जल्दी सेट होती है. मेरा गफ़ के साथ ब्रेक उप होने के बाद 3 लॅडीस (1 आंटी, 2 कज़िन’स वाइफ आंड 3 पड़ोस की भाभियाँ) को पटाया है, और उन्हे खूब छोड़ा है.

आंटीस और भाभियों की ख़ास बात ये है, की वो चुदाई के लिए हमेशा रेडी रहती है. अगर कोई आंटी और भाभी सेक्स या फ्रेंडशिप करना चाहती है, तो मुझे मैल कीजिए. मेरी मैल ईद है पीयूच69@गमाल.कॉम.

सो आज मैं अपने जीवन की पहली सेक्स कहानी लिखने जेया रहा हू, जो की रियल है. वैसे मैने मेरी गफ़ के साथ बहुत राते बिताई है. लेकिन उसने कभी सेक्स नही करने दिया. लंड छूट में लेने के लिए राज़ी नही थी वो. उसी की वजह से हमारा झगड़ा हुआ, और फिर ब्रेक उप हो गया.

क्यूंकी में हमेशा सेक्स-सेक्स करते रहता था. उसके बाद मुझे नागपुर में जॉब लगी, और वही मैं एक 1 भक फ्लॅट में रेंट पे रहने लगा. ये कहानी 2017 की है. मेरा कज़िन कॉलेज करने के लिए नागपुर में आ गया, और वाहा कोई पहचान का नही था, इसीलिए वो मेरे साथ रहने लगा.

हमारे खाने की प्राब्लम होने लगी, इसलिए मेरे मामा ने मामी को हमारे साथ रहने को भेज दिया. मेरी मामी का नाम रेखा है, और वो दिखने में सेक्सी है. उनके बूब्स हमेशा ब्रा से बाहर निकलने के लिए रेडी रहते है.

वो बहुत ही सेक्सी है. उनकी आगे 38 थी, और दिखने में कामुक थी. उनको देख के आचे-अछो के लंड खड़े हो जाते थे. मामी हमारे साथ रहने आई, और मानो मेरी लॉटरी लग गयी.

पहले एक दो मंत्स ऐसे ही इधर-उधर की बातें चलती थी. लेकिन धीरे-धीरे मेरी मामी को देखने की नज़र बदलने लगी. वो मेरे लिए अभी एक सेक्सी औरत बन गयी थी, और मेरे लंड के लिए एक छूट मिल गयी थी.

अभी बाकी था सिर्फ़ उनको पटना. हम रात को सब साथ में ही सोते थे. कभी-कभी मेरा कज़िन लाते नाइट पढ़ता था, तो वो हॉल में ही सो जाता था, और मैं और मामी बेडरूम में.

धीरे-धीरे मैने रात को मामी के बदन को छूने को स्टार्ट किया. कभी मैं उनके पेट पे हाथ रखता था, तो कभी उनके पैरों पे पैर. स्टार्टिंग-स्ट्रटिंग में मामी मेरे हाथ पैर हटा देती थी. लेकिन धीरे-धीरे उनका अपोज़ कम होते गया.

ये सब एक-दो महीने चला. फिर मैने धीरे-धीरे उनके बूब्स को चूना, उनकी गांद को दबाना स्टार्ट किया. लेकिन मामी की तरफ से कोई इंडिकेशन नयी आया. फिर मैं नहाते वक़्त उनकी ब्रा और पनटी को सूंघ के उनकी पनटी पे ही मूठ मारा करता था.

एक दिन जब मेरा भाई कॉलेज गया था, और मैं रूम पे ही था, तो मामी ने मुझे बोला.

मामी: ये तू रोज़ मेरी पनटी पे क्या करता है?

मैं तोड़ा दर्र गया, और मामी को सॉरी बोलने लगा. लेकिन मामी के मॅन में कुछ और ही था. वो मेरे पास आई और बोली-

मामी: सही चीज़ो का सही जगह इस्तेमाल करते है. टुमारा लंड मेरी पनटी के लिए नही, मेरी छूट के लिए बना है.

ऐसा कह के वो हासणे लगी, और फिर मैने भी हिम्मत करके उनको अपनी तरफ खींचा और किस्सिंग स्टार्ट की. मामी भी मुझे फुल रेस्पॉन्स देने लगी. हम किस करते-करते बेडरूम में चले गये, और वाहा मैने मामी को बेड पे डाल दिया, और फिर उनकी सारी और पेटिकोट निकाल दिया.

फिर मैं उनकी बॉडी को सक करने लगा. उनकी बॉडी में से मादक सी स्मेल आ रही थी, जो मुझे और मदहोश करने लगी. मैने मामी की पूरी बॉडी छाती, और उनकी ब्रा-पनटी भी निकाल ली. अब मामी मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी थी. उनकी छूट पे मुलायम बाल मुझे और ज़्यादा उकसा रहे थे.

मैने मामी की छूट में उंगली डाली, और होंठो पे किस करने लगा, और उनके बूब्स दबाने लगा. 5 मिनिट ऐसा करने के बाद मामी ने मुझे नीचे लिटा दिया, और मेरे सारे कपड़े निकाल दिए धीरे-धीरे.

उन्होने मेरी पूरी बॉडी को सक किया, और फिर मेरे लंड को चूसना स्टार्ट कर दिया. मामी भी भूखी शेरनी की तरह मेरा लंड खा रही थी. थोड़ी देर बाद वो मुझे किस करने लगी, और मुझे नीचे लिटा के मेरे लंड पे बैठ गयी. फिर वो उपर-नीचे उपर-नीचे होने लगी.

5-10 मिनिट ऐसे करने के बाद मैं झाड़ गया. फिर मामी ने मेरा लंड सॉफ किया, और थोड़ी देर चूसने के बाद फिरसे लंड को खेलने के लिए रेडी कर दिया. अब मैने मामी को नीचे सुलाया, और गांद के नीचे तोड़ा तकिया लगा के उनकी छूट में लंड डालना स्टार्ट किया.

हमारी चुदाई ज़ोरो शॉरो से हो रही थी. दोनो के बदाया पसीने से लत-पाठ थे, और रूम में अलग सी ही खुसभू छा गयी. उपर से मामी की आ आ की आवाज़ गूँज रही थी. ऐसे ही 5-10 मिनिट छोड़ने के बाद मैं रुक गया, और मामी के होंठो को चूसने लगा.

मामी भी मेरे होंठ चूस रही थी, मानो वो मेरे होंठ खा रही थी बीच-बीच में. वो मेरी ज़ुबान को भी सक कर रही थी. मैं भी उनके निपल खा रहा था, और उनके बूब्स को काट रहा था. अभी मामी को डॉगी स्टाइल में छोड़ने की बारी थी.

मैने मामी को डॉगी स्टाइल में लेके पीछे से ठोकना स्टार्ट कर दिया, और पीछे से झटके मारने लगा. ऐसे ही करते-करते हमारी फ्लॅट की बेल बाजी. हमारी गांद फटत गयी थी. फिर 5 मिनिट बाद मामी ने दरवाज़ा खोला, और मैं सोने की आक्टिंग करने लगा.

दरवाज़े पे मेरा भाई था, जो कॉलेज से वापस आया था. फिर उस दिन के बाद हम दोनो गफ़-ब्फ बन गये थे. भाई पढ़ाई करता था, और हम हमारा खेल खेलते थे. मामी को मैने फ्लॅट में हर जगह छोड़ा था, बातरूम में, किचन में, बेडरूम में, हॉल में.

कभी-कभी तो हम टेरेस पे भी जया करते थे, और वाहा फोरप्ले करके वापस आ जाते थे. नीचे पार्किंग में भी जब मौका मिलता था, तब किस्सिंग कर लेते थे, बूब्स दबाते थे. अक्सर रात का खाना होने के बाद मैं और मामी टहलने जाते थे.

तो अंधेरे का फ़ायदा उठा के किस्सिंग वग़ैरे कर लिया करते थे. और भाई के कॉलेज में जाने के बाद मैं हाफ दे ऑफीस करके मामी को छोड़ने आया करता था. मेरे कज़िन को हमारे रिश्ते के बारे में कुछ भी पता नही था. ऐसे मैने और मामी ने दो साल गुज़ारे.

सो फ्रेंड्स कैसे लगी स्टोरी मुझे बताना. मी मैल ईद इस



नेक्स्ट स्टोरी में कैसे मैने मेरे बड़े कज़िन की बीवी को पटाया, और कैसे उन्हे छोड़ा, ये बतौँगा. थॅंक योउ फ्रेंड्स.

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