maa sex kahani हेलो मेरा नामे सुनीता है. मेरी उमर 38 साल है. मेरे 2 बचे है, एक की उमर 1 साल की है उसका नाम सोनू है. और दूसरे की उमर 16 साल की है उसका नाम राजू है.
मेरे और हुमारे घर मैं एक डॉग भी है, ब्रूनो. हज़्बेंड की एक कार आक्सिडेंट में डेत हो गयी कुछ डेज़ फ्ले. हुमारा घर बहुत छोटा है. अपने हज़्बेंड की डेत के बाद मई अपने दोनो बचो के साथ सोती हू.
मेरे पति की डेत के बाद टेन्षन में रात को नींद की गोली ले कर सोती हू. एक दिन रात को मैं सोनू को दूध पीला रही थी. गर्मियो का दिन था कूलर राजू की तरफ था.
सोनू मेरे बूब्स मेी से ढूढ़ पिता पिता सो गया और मेरा ब्लाउस खुला रह गया. मैने हवा के लिए रात में राजू की तरफ करवट ले ली. मेरे बड़े बड़े बूब्स भी धाप से ज़मीन पर गिर गये. उनमे से ढूढ़ तपाक रहा था.
हवा से मेरे ब्लाउस का कपड़ा राजू के फेस पर टच हो गया. राजू की आँख खुल गयी उसने देखा मेरे बड़े बड़े गोल गोल बूब्स उसकी आँखो के सामने खुले पड़े है. और उनमे से ढूढ़ तपाक रहा है.
राजू ने धीरे से मेरे ब्लाउस के कपड़े को मेरे बूब्स से हटाया और उन पर उंगली लगाने लगा. थोड़ी देर बाद वो अपनी जीभ मेरे बूब्स की गोलियों पर लगाने लगा.
मुझे नींद मैं फील हो रहा था जैसे कोई मेरे बूब्स को टच कर रहा हो. मैने आइज़ ओपन की तो देखा राजू मेरे बूब्स में से ढूढ़ चाट रहा है. और मेरे बूब्स को कभी काट रहा है कभी चूम रहा है.
मैने राजू को हटाने की कोशिश की बुत नींद की गोली का असर भूउट था. राजू ने एक हाथ से मेरे बूब्स को पकड़ र्खा था और दूसरा हाथ मेरी कमर पर फेर रहा था. कभी चूतदों पर फायर्ता.
मैने कोशिश कर के खुद को हिलाया तब. बुत नींद में होने के कारण उतना तेज़ खुद को हिला नही पाई. राजू ने अपनी उंगलियाँ मेरे सदी के कपड़े के उपर से मेरे चूतादो मैं डालने लगा. उसकी हाफ उंगली कपड़े के उपर से ही अंदर जाने लगी. मैने अपने चूतड़ भिच (दबा लिए).
राजू की उंगलियाँ 5 मिन्स तक मेरे दोनो नरम नरम चूतड़ के बीच मैं ही रही. वो उंगलियों को अंदर ही अंदर चला रहा था. मेरे बूब्स में से जहा 2-2 बूँद ढूढ़ तपाक रहा था. अब 10-12 बूँद ढूढ़ टपकने लगा.
वो मेरी गोल गोल बुबो को और चूम चाट और किस करने लगा. मैने अब पूरी ज़ोर से खुद को हिला लिया इस बार राजू घबरा कर सो गया.
अगले दिन मैं नहाने के लिए बातरूम मैं गयी. पर टवल ले जाना भूल गयी. मैने राजू को आवाज़ लगाई तो राजू टवल ले कर आया. वाहा पानी गिरा हुआ था तो राजू का पैर फिसल गया और राजू अचानक से गिर गया.
मैं राजू को पकड़ने मैं राजू के उपर गिर गयी. मेरे बूब्स राजू के फेस पर चिपक गये. मेरे नरम नरम बड़े बड़े बूब्स राजू के फेस पर रगड़ने लगे.
राजू भी जीभ निकाल कर मेरे बूब्स पर अपनी जीभ लगाने लगा. और उसका एक हाथ मेरे नरम और गोल गोल चूतड़ पर था. राजू की जीभ लगने से मेरे बूब्स में से ढूढ़ आने लगा. मैं तभी उठ कर टवल ले कर बातरूम में चली गयी.
2 डेज़ बाद राजू के स्कूल की छुट्टी थी. तो मैने सोचा सफाई करा लू. मैने अपनी पुराना एक ब्लाउस रखा था बुत वो बहुत टाइट था. मैने ज़बरदस्ती अपने ब्लाउस के हुक लगा लिए.
वो ब्लुओसे में इतने टाइट हो गये थे की अगर मैं खुल कर साँस लू तो भी ब्लाउस के बटन टूट जाए. मैने उपर सारी पहन ली और सीडी ( लॅडर) ला कर राजू को कहा की वो सीडी पकड़ कर खड़ा हो जाए.
मैं सीडी पर छड़ी तो राजू को मेरी सारी के अंदर से पनटी दिख रही थी. वो मेरी पनटी के चूतदों के दरार के बीच में घूर घूर के देखने लगा.
मैं वॉल सॉफ करने लगी. फिर जैसे ही मैं नीचे उतरी तो राजू का फेस मेरे चूतादो को टच हो गया. उसने तुरंत अपनी जीभ से मेरे चूतड़ को चाट लिया.
मैने राजू से कहा जाओ और डस्टर ले कर आओ. राजू वाहा से चला गया और मैं नीचे उतरने लगी. तभी मेरी सारी का पालु सीडी की कील में अटक गया. और वाहा इतने मैं ब्रूनो (डॉग) आ गया.
मैने भगाया पर वो मुझ पर भोक रहा था. मैने अपना पल्लू हटाने की कोशिश की. जैसे जैसे मैं पालु को खिचती मेरे भारी भारी बूब्स उछालने लगते.
उपर से ये टाइट ब्लाउस में बार बार अपने पल्लू को झटके से खींच रही थी. और मेरे भारी भारी बूब्स ब्लाउस के अंदर उछाल रहे थे. अचानक से मेरे ब्लाउस के बटन टूट गये और मेरे गोरे और मोटे मोटे बूब्स बाहर निकल गये.
ब्रूनो उनको देखने लगा. मैने अपना ब्लाउस बंद करने की कोशिश की और टाइट और टाइट. फिर मेरे ब्लाउस फॅट गया. मेरे ब्लाउस के आयेज से 4 हिस्से हो गये.
इतने मे राजू वाहा आ गया. उसने एक हाथ से मेरे पीछे से दोनो बूब्स को कवर कर लिया. मैने पूछा राजू तुमने मेरे आयेज हाथ क्यू रखा है?
तो राजू ने कहा मम्मी ब्रूनो अगर ऐसे देखेगा तो झपट पड़ेगा. बुत मैं जानती थी ये राजू के मॅन में कुछ और चल रहा है. राजू ने कहा सारी अटक गयी है.
राजू अपने हाथ से मेरे बूब्स को दबाए जेया रहा था. ब्रूनो ने अचानक से मेरा पल्लू पकड़ा और खिचने लगा. उसने मेरा पल्लू पकड़के भागने लगा और मेरी सारी खुल गयी.
अब मैं फटे हुए ब्लाउस और पनटी में थी. मैं रूम में भागने की कोशिश करने लगी. बुत राजू ने मेरा एक बूब को पकड़ र्खा था. मैने अपना बूब्स चुतवा कर वाहा से अपने रूम में भाग गयी.
नेक्स्ट दे मुझे मार्केट जाना था तो मैने राजू से खा मेरे साथ चलो. सामान काफ़ी हो जाएगा तुम पकड़ लेना. राजू मेरे पीछे स्कूटी पर बैठा.
रास्ते में कन्स्ट्रक्षन का काम चल रहा था. तो स्कूटी बहुत उछाल रही थी तो राजू ने मेरी सारी के उपर से मेरे बूब्स पकड़ कर बैठा था.
वो स्लोली स्लोली उनको मसल रहा था. मैने इग्नोर करती रही. राजू के दबाने के कारण मेरे बूब्स में से धहोढ़ निकालने लगा बूँद बूँद. जैसे ही स्कूटी फिर से उछली, मैं भी उछाल पड़ी.
राजू का लंड मेरे चूतदों के दरार के बीच मैं आ गया. और उसका हाथ मेरे ब्लाउस के अंदर डाल लिया. वाहा बहुत भीड़ थी मैने सोचा कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा.
इसलिए मैने राजू का हाथ अपने ब्लाउस के अंदर र्हने दिया. और उपर से अपने पल्लू से कवर कर लिया ताकि कोई देख ना सके. राजू अपने हाथो से कभी मेरे बूब्स का दबाता कभी निचोड़ता. कभी मेरे बूब्स की गोलियों पर उंगली फायर्ता.
मेरे बूब्स में से ढूढ़ निकालने लगा और राजू का लंड मेरे चूतदों के दरार के बीच मैं घिस्स रहा था. आस पास लोगो की भीड़ राजू आयेज जाता और मैं राजू को पीछे धकेल्टी.
इसी तरह 1 घंटे तक राजू मेरी चूतदों के दरार के बीच मैं अपना लंड रगड़ता रहा. हम जैसे तैसे मार्केट पहुच गये. फिर वाहा से सब्ज़ी और आइस क्रीम ली फिर वाहा से निकल गये.
रास्ते में मेरी फ्रेंड मिल गयी. हमारी कुछ देर बात हुई. फिर मेरी फ्रेंड ने कहा चल आज मैं स्कूटी चलती हू. और मुझे पीछे धकेल दिया और राजू को बीच में बिता दिया.
बुत मुझे दर्र था कही राजू वैसा ना करे जैसा मेरे साथ किया. इसलिए मैने राजू का फेस अपनी तरफ कर के बिता लिया. मेरी फरन्ड स्कूटी चलाने लगी.
कुछ देर बाद राजू अपने दोनो हाथो से मेरे बूब्स को दबाने लगा. और मेरे ब्लाउस के उपर से मेरे बूब्स को चाटने लगा. मैने राजू का फेस अपने बूब्स पर से हटाया. तो वो हिलने लगा जिससे स्कूटी भी हिलने लगी.
मैने राजू का फेस पकड़ा और अपने बूब्स पर वापस लगा लिया और पल्लू से कवर कर लिया. राजू मेरे बूब्स को अपने मूह से निचोड़ता रहा. अचानक से मेरे ब्लाउस का बीच से एक बटन खुल गया.
अब राजू को मेरे बूब्स के अंदर जाने का रास्ता मिल गया. उसके मूह घुसने के कारण मेरे ब्लाउस के बटन और खुल गये. मैने सोचा कही कोई देख ना ले.
इसलिए मैने राजू का फेस अपने ब्लाउस के अंडर डाला और अपने ब्लाउस के हुक लगा लिए. अब वो अंदर से मेरे बूब्स को चूम, चाट और निचोड़ रहा था.
मेरे बूब्स में से जहा एक एक बूँद ढूढ़ तपाक रहा था. अब उनमे से पिचकारी निकलने लगी. उसका लंड भी खड़ा होने लगा और वो ढाका लगाने लगा.
मैने राजू को पकड़ लिया ताकि वो ज़्यादा ना हीले. बुत वो रुक नही रहा था. उसका लंड अंदर टाइट हो रहा था. मैने राजू की जीन्स की चैन खोली और उसका लंड भहर निकल दिया ताकि उसको आराम मिले.
बुत अब भी वो वैसे ही कर रहा था. मैने उसका लंड अपने दोनो पैरो के बीच मैं दबा लिया. वो मेरे दोनो पैरो के बीच मैं अपना लंड घिसने लगा.
ऐसा करते करते वो सो गया. जब भी स्कूटी मैं धक्का लगता राजू का लंड मेरे छूट के पास टच होने लगता. अचानक से मेरी सहेली ने पीछे खिसक गयी जिसकी वजह से राजू का आधा लंड मेरी छुउट में घुस गया.
मेरे मूह से आवाज़ निकल गयी आआहह… बुत मैने अपने मूह पर हाथ रख लिया. राजू मेरे बूब्स चूज़ जेया रहा था और राजू का आधा लंड मेरी छूट में था.
अब घर आने वाला था इसलिए मैने राजू को पीछे किया. और अपने ब्लाउस से राजू का फेस भर निकाला और अपने ब्लाउस के बटन बंद किए. हम घर आ गये.