अब मैंने कपड़े से खून साफ़ किया। वो लेटी ही रही। उसको पता ही नहीं था कि उसका खून निकल रहा है। अब मैं उसके बगल में लेट गया और फिर से उसको चूमने लगा।
हम सुबह 4 बजे सोए। मैं पूरी रात उसे चोदता रहा।
मैं जब सुबह करीब 7 बजे ही उठ गया। मेरी पत्नी नहाने जा चुकी थी।
मेरी बाहर निकलने में गांड फट रही थी। मैं चुपचाप फ्रेश होकर बिना किसी की नज़रों में आए, बाहर चला गया और रात होने का इंतज़ार करता रहा।
घर से फ़ोन आया तो बोल दिया- शाम को आऊँगा।