Meri Haseen Suhagrat

खैर मैंने सब संभाल लिया और उसका पेटीकोट उतार दिया। अब वो सिर्फ चड्डी में थी। उसका दूधिया जिस्म बल्ब की रौशनी में चमक रहा था। मुझे पागल कर रहा था।

मैं उसके पूरे शरीर को जहाँ-तहां चूमने लगा। मैंने अपना पैन्ट भी उतार दिया। चड्डी में मेरा खड़ा लंड देख कर वो लाल हो गई और अपनी गर्दन नीचे झुका ली।

अब मैं सोच रहा था कि अपनी चड्डी पहले उतारूँ या उसकी। खैर मैंने उसकी चड्डी उतार दी। पहले तो उसने मना किया, फिर कुछ नहीं कहा।

मैं उसको पूरा नंगी देख कर पागल हुआ जा रहा था, और समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करूँ। मेरा लंड गीला हो चुका था और लगा जैसे मेरा पानी निकल ही जाएगा।

मेरे दिमाग में एक आईडिया आया। मैंने अपनी चड्डी नहीं उतारी और उसको चूमता रहा। उसकी चूत में ऊँगली की, तो देखा उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी है। मैं उसको यहाँ-वहां चूमता रहा और मेरा पानी निकल गया। मगर मैंने उसको बताया नहीं, क्यूंकि मैं चड्डी पहना था।

मैंने चड्डी उतार दी, उसकी आँखें बंद थी। उसे पता ही ना चला कि मेरा पानी निकल गया। भले ही मेरा पानी निकल गया मगर मेरा लंड 30 सेकंड बाद फिर खड़ा हो गया। अब मैं खुश था कि अब मज़े से लूँगा।

अब निकलने की टेंशन ख़तम हो गई थी। मैंने कंडोम अपने लंड पर लगा लिया और नंगा उसके ऊपर आ गया और किस करने लगा। मैं उसके पूरे शरीर पर अपना शरीर रगड़ता रहा।

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वो तेज़-तेज़ साँसें ले रही थी और पागलों की तरह मुझे चूम रही थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया। मुझे लगा चूत गीली है, इसलिए लंड आसानी से चला जाएगा। मगर नहीं गया।

मैंने हल्का सा जोर लगाया, मेरे धक्के के साथ थोड़ा सा लंड अन्दर गया और वो चीख उठी। मैंने डर गया और अपना लंड बाहर निकाल लिया और पूछा- कुछ हुआ तो नहीं?

इतना सब होने के बाद मैं समझ तो गया था मेरी पत्नी ये सब पहली बार कर रही है और इस बात से बेहद खुश था, सील पैक माल मिला।

अब मैंने दिमाग से काम लिया और उसको बैठा दिया। उसके चूतड़ों के नीचे तकिया लगा कर लिटा दिया। जिससे मैं उसकी चूत देख सकूँ। और नीचे खड़ा हो कर उसमें अपना लंड डाल सकूं।

मैंने फिर कोशिश की। अबकी बार मैंने उसके मुँह अपनी हथेली रख दी ताकि वो चीखे तो आवाज ना हो। मैंने जैसे ही लंड उसकी चूत में ड़ाला।

मेरा जरा ही लंड उसकी चूत में गया था कि खून निकलने लगा। उसको ये सब पता नहीं था। उसकी आंखें बंद थीं।

वो दर्द के मारे रो रही थी। उसको इस हालत में देख कर मुझे दुःख भी हो रहा था। खैर मैंने सोचा करना तो है ही, सो मैं धीरे-धीरे लगा रहा। अब उसकी आवाज बंद हो गई थी, और वो भी मज़े ले रही थी।

मैंने अपना लंड थोड़ा सा और अन्दर कर दिया। उसी के साथ उसकी चीख फिर निकल गई। मैंने अपनी हाथ फिर उसके मुँह पर रख दिया और अबकी बार रुका नहीं। वो दर्द से कराह रही थी।

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करीब दस मिनट चोदने के बाद मेरा लंड ने पानी छोड़ दिया। मैंने उसकी चुदाई सिर्फ आधे लंड से ही की थी, क्यूंकि पूरा लंड वो शायद ही झेल पाती। पूरे लंड के लिए तो पूरी ज़िन्दगी बाकी थी।

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