मेरे ऑफ़िस की लड़की ने चूत चुदवाई

मैं दरवाजे के पास खड़ा था- हाय राम सच्ची.. मुझे तो मालूम ही नहीं था..
मैं उसे चिढ़ाते हुआ हँस कर बोला।

‘अच्छा जी आज मैं अकेली हूँ तो हमारी बिल्ली हमी को मियाऊँ..’ उसने भी जोर से हँस कर मेरे और पास आते हुए बोला।
‘क्यों तुम दोनों ही हँसी-मज़ाक छेड़खानी कर सकती हो, मैं नहीं कर सकता और यह आज बाइक पर क्या बदमाशी कर रही थी.. साली बदमाश..!’

‘हाय राम.. मैं बदमाशी कर रही थी या तू बार-बार ब्रेक लगा कर झटके मार कर मस्ती कर रहा था..’ पम्मी बदमाशी से सेक्सी मुस्कान देते हुए मेरे और भी नज़दीक आ गई।
उसकी टी-शर्ट में तने हुऐ कड़क निप्पल साफ दिख रहे थे।
उसने टी-शर्ट के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी। निक्कर में उसकी केले के तने जैसी कदली और चिकनी-चिकनी मस्त जाँघें बहुत सेक्सी और सुन्दर लग रही थीं।

उसे मालूम था कि मैं उसकी मस्त जवानी को घूर कर मज़ा ले रहा हूँ।
‘देख अब भी कैसे घूर रहा है.. साला बदमाश..’

पम्मी ने हँस कर मुझे साइड से पकड़ कर जोर से अपनी बांहों लेकर मेरे गाल पर चुम्मी ले ली और मेरी एक टांग अपनी टांगों के बीच में दबा ली।

मैंने भी अपना एक हाथ उसकी नंगी पतली गोरी-गोरी चिकनी-चिकनी लम्बी कमर पर लपेट लिया और अपने पास खींच लिया।

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वो ख़ुशी से मुझसे लिपट गई और गाल पर चूमते हुआ पूछा- सच बता कमल.. बाइक पर मज़ा आ रहा था न।
पम्मी ने अपने दोनों हाथ मेरी कमर में डाल कर जोर से अपनी तरफ खींचा।

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‘हाँ.. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था.. पर तुझे क्या हो रहा था साली बदमाश।’ मैंने भी अपना दूसरा हाथ उसकी टी-शर्ट के नीचे और शॉर्ट्स के ऊपर नंगे दिखते पेट और बड़ी सी सेक्सी नाभि पर रख दिया।
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इससे मदमस्त चुदासी पम्मी के मुँह से ‘सि.. सी.. उहह.. उहह..’ निकल गई।

‘मुझे तो तुझसे भी ज्यादा मज़ा आ रहा था मेरे राजा.. ऊपर तेरी मर्दानी पीठ से दबा कर और नीचे तेरे हिप्स के दबाव से बहुत गर्म हो रही थी..’ उसने ये कहते हुए एक बार फिर से मुझे चूम लिया।

मैंने भी उसके प्यासे सुन्दर पतले-पतले गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठों पर चूम लिया।

‘देख पम्मी.. ज्यादा बदमाशी मत कर.. अगर बल्लू (पम्मी के पति का नाम बल्लू था) को पता चल गया.. तो साला काट कर फेंक देगा।’

यह सुन कर पम्मी ने अपनी शार्ट के अन्दर नंगी चूत से मेरी टांग पर झटका मारा।

‘घंटा काट कर फेंक देगा साला हरामी.. हनीमून पर पांच दिन तक जोर लगाता रहा.. एक बार भी चूत का पानी तो निकाल नहीं सका.. तो अब क्या घंटा कर लेगा.. देख कमल तू अब मज़ा ख़राब न कर। मैं तो तुझे यह बताने आई थी कि आज तेरी बदमाशी से मैं बहुत गर्म हो रही हूँ और अब तेरे नाम का सड़का मारने जा रही हूँ.. पर तेरा क्या होगा राजा..’
पम्मी का एक हाथ फिसल कर मेरे लुंगी के अन्दर खड़े लण्ड पर चला गया और उसने अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया।

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‘हाय राजा तेरा लौड़ा तो बहुत मस्त हो रहा है..’
‘मेरा क्या होगा.. मतलब मैं तो सरला भाभी के नाम का सड़का मारूँगा मेरी प्यारी पम्मी रानी।’ मैंने भी चुटकी लेते हुए उसके गले पर चूमते हुए कहा।

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