मौसेरे भाई ने चूत की प्यास बुझाई

मैं आपकी प्यारी दोस्त नेहा हूं। और आज मैं आपके सामने अपने मौसेरे भाई से चुदाई की कहानी बताने जा रही हूं।

जैसा कि आप सभी जानते है कि मेरा अभी इस समय कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। इसलिए मेरी चूत की गर्मी कोई शांत नहीं कर पाता है। और मैं इसलिए अपने चुदने के नए-नए तरीके खोजती रहती हूं।

मेरी उम्र अभी बीस साल की है। और मैं बी.ए. की स्टूडेंट हूं। मैं दिखने में बहुत हॉट हूं। मैं अपने सभी क्लासमेट्स से अच्छे से बाते करती हूं। शायद यही कारण है कि वो सब लोग मुझे गंदी निगाहों से नहीं देखते है। पर जवानी का क्या, वो तो फिसल ही जाती है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ।

जी हां मैं बात कर रही हूं गर्मियों की छुट्टी की, जब मेरा एग्जाम हो गया था और मैं घूमने के लिए अपने मामा के यहां गई थी।

मुझे क्या पता था कि वहा मेरी रात रंगीन हो जायेगी, और मुझे परम सुख मिलेगा।पर जो होना है वो तो होगा ही। मेरे साथ बहुत गंदा काम हुआ। पर मैंने खुद चाहा था तभी हुआ।

दोस्तों मैं मामा के यहां गई तो थी टाइम स्पेंड करने, पर वहां मेरा मौसेरा भाई तो मेरे पीछे ही पड़ गया। शायद मेरी खूबसूरती उसे भा गई थी। मैंने रात को सबसे बाते की, डिनर किया, और अपने बेडरूम में चली गई। पर वहां मेरा मौसेरा भाई आ गया।

उसने पूछा: नेहा तुम इतनी सुंदर कैसे हो?

मैंने उसे मुस्कुरा कर कहा: भाई जैसे होते है।

वह कुछ नहीं बोला।

थोड़ी देर बाद वह बोला: नेहा तुम बहुत थकी होगी। पैर दबा दूं?

मैंने कहा: नहीं भाई। ये क्या करोगे।

उसने कहा: नेहा तुम दिक्कत मत लो, मैं दबा देता हूं।

मैंने कहा: कोई बात नहीं भाई। मैं सो जाउंगी। तुम भी सो जाओ।

उसने कहा: आपके पास?

मैंने कहा: नहीं अपने रूम मे जाओ।

दोस्तों वो रात ऐसे ही बीत गई। मुझे कुछ एहसास होने लगा था, कि मैं शायद ज्यादा दिन तक भाई से नहीं बच पाऊंगी। पर मेरा भी तो मन था करवाने का।

अगले दिन उसने कहा: आओ नेहा मैं तुम्हे अपना गांव घुमा दूं।

मैंने कहा: हां ठीक है चलो।

फिर वह मुझे लेकर अपने गांव में घुमाने लगा, और कई सारी चीजे दिखाई। शाम को मैं घर आई भाई के साथ।

भाई ने कहा: नेहा तुम बहुत थक गई होगी प्लीज सो जाइए।

मैंने खाना खाया और सोने चली गई। रात को लगभग 1 बजे भाई आए मेरे रूम में। क्यूंकी मैं थक जाने के कारण बिना दरवाजा बंद किए ही सो गई थी, भाई आए, और मुझे चुपके से चूम रहे थे।

दोस्तों मैं जग रही थी, और सोने का बहाना कर रही थी। उस रात भाई ने मुझे हर जगह चूमा, और फिर चले गए।

अगले दिन मैंने भाई से पूछा: भाई कल रात आप मेरे कमरे में आए थे?

दोस्तों वह एक-दम डर गया और बोला: नहीं नेहा, नहीं तो।

मैंने कहा: ये तेरे पसीने क्यूं छूट रहे है फिर?

वह कुछ नहीं बोला और चला गया। मैं समझ गई कि मेरा मौसेरा भाई मेरे साथ क्या करना चाहता था। अगली रात मैंने उसे खुद बुलाया, और पूछा-

मैं: सच बता दे, कल आया था ना तू मेरे कमरे में?

उसने कहा: सॉरी नेहा, गल्ती हो गई।

मैंने मुस्कुराकर कहा: कोई बात नहीं।

अब मेरा मौसेरा भाई मेरे साथ खूब मजे ले रहा था। कभी मेरा हाथ पकड़ लेता, तो कभी जोर से चुटकी काट लेता। मैं भी उससे खूब मजे ले रही थी, और एक-दूसरे से नजर मिला कर बातें कर रही थी। बातें करते-करते रात के ग्यारह बज गए। उसे नीद आ गई, और वह वहीं मेरे कमरे में ही सो गया। मैं भी सो गई।

जब मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि भाई ने मुझे अपने बाहों में पकड़ रखा था। पर वो तो सो रहा था। मैंने भी कुछ नहीं कहा और सो गई। फिर अगली रात हुई, और मैंने आज जान-बूझ कर अपने दरवाजे को बंद नहीं किया था। क्यूंकि मुझे भी तो चुदवाना था।

मेरा मौसेरा भाई तो मेरी बुर का दीवाना हो चुका था। वह रात को लगभग 12 बज कर बीस मिनट पर आया, और मुझे चूसने लगा।

मैं जान-बूझ कर सोने का नाटक कर रही थी। और मेरा भाई धीरे-धीरे मेरी चूत में उंगली करने लगा। और मेरी पैंटी का उसने हुक खोल दिया। अब वह मेरे बुर के बालों को सहला रहा था।

दोस्तों मुझे बहुत मजा आ रहा था, इसलिए मैं चुप-चाप सब सहती रही।

थोड़ी देर बाद भाई ने कहा: नेहा उठ जाओ, मैं जानता हूं कि तुम्हे मेरा लौड़ा पसंद है। अब उठ भी जाओ जान।

मैंने उठ कर कहा: हां तो डाल ना। मजा आयेगा।

उसने कहा: हां जानू क्यूं नहीं।

अब वो अपने लौड़े से मेरी सबसे नीचे वाली बुर के छेद में अपना लौड़ा पेलने लगा। जैसे ही उसने डाला मेरी तो आ ह निकल गई।

उसने कहा: नेहा आज मैं तुम्हें बहुत चोदूंगा। चुदोगी मुझसे?

मैंने भी कहा: हां यार, चोद जल्दी।

अब मेरा भाई पूरे मूड में आ गया, और जम कर चोदने लगा। मैं तो बस आह आह ऐसी ही चिल्ला रही थी।

भाई ने कहा: नेहा दर्द हो रहा है क्या?

मैंने कहा: हां भाई धीरे-धीरे डालो।

उसने कहा: ठीक है।

अब वह मुझे और जोर-जोर से धक्का मार-मार कर चोदने लगा।

उसका लौड़ा तो जैसे मेरी ही बुर का प्यासा हो। इतनी जोर-जोर से चोद रहा था कि दोस्तों मैं आपको क्या बताऊं। मैं बस उसका लौड़ा सहे ही जा रही थी, सहे ही जा रही थी।

दोस्तों मुझे बहुत मजा आ रहा था, क्यूंकी मेरे साथ कई दिनों बाद सेक्स हुआ था। मौसेरे भाई की धक्कापेल बुरफाड़ चुदाई ने मुझे मेरे सगे भाई की याद दिला दी। जो मैंने अपने सगे भाई के साथ किया था।

उसका गोल-गोल लंड और एक-दम फिट, क्या मस्त था वो लंड दोस्तों। मजा आ गया था मुझे। लगभग चालीस मिनट मेरी बुर चोदने के बाद भाई ने अपना सारा गरम-गरम माल मेरी बुर के ऊपर ही झाड़ दिया, और मैंने खूब खेला मौसेरे भाई के लंड से।

मैं कभी उसे मुंह में ले लेती, कभी चूसती, कभी आखों में सहलाती।

मजा ही मजा था उस रात। मेरे मौसेरे भाई ने मेरी जैसी बुर फाड़ी बहुत याद आती है आज।

अब मुझे शांत करने वाला कोई नहीं है। क्यूंकी मेरा कोई बॉयफ्रेंड है ही नहीं।

पर जवानी की गर्मी तो शांत करनी ही पड़ती है। अब मैं अपने ही बुर में मूली, गाजर, उंगली डाल कर ही शांत करती हूं अपने आप को।

अगर आप मेरे ब्वॉयफ्रेंड बनना चाहते है और मुझे चोदना चाहते है, तो आप कर सकते है।

क्यूंकी मैं भी एक अच्छे बॉयफ्रेंड की तलाश में हूं, जो मेरी गरमी को शांत करे। अगर आप में वो दम है, तो आप मुझे मेल कर सकते है।

आपकी प्यारी नेहा। मेरी मेल है-

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