55 साल की मोटी आंटी की चूत मारी

55 saal ki moti aunty ko pakad ke choda – Sex kahaniसब से पहले तो मैंने जिसे चोदा था उसके बारे में आप लोगों को बता दूँ. उसका नाम शेलजा आंटी हे. उसकी उम्र 55 साल हे और हाईट साढ़े पांच फिट की हे. उसका वेट करीब 90 किलो का होगा और आप अंदाजा लगा सकते हो की वो कितनी मोटी होगी. फिगर करीब 44 35 42 का तो होगा ही उसका.

मैं 22 साल का लड़का हूँ. मेरी बॉडी भी अच्छी हे और मैं महाराष्ट्र में रहता हु. मेरी फेमली आजूबाजू के इलाकों में प्रख्यात हे और सब लोग हमारी बड़ी इज्जत करते हे. और शेलजा आंटी को चोदने में मुझे यही चीज काफी काम आई.

शेलजा आंटी का बेटा कश्यप मेरा अच्छा दोस्त था. और उसके डेड की 10 साल पहले देहांत हो गई थी.. मेरे दोस्त के अलावा शेलजा आंटी के और 3 बच्चे हे. वो ज्यादातर उन्के घर के बहार गेलरी में ही बैठी होती थी. कश्यप और मेरी अच्छी बनती थी. और हम पहले से ही साथ में खेल के बड़े हुए. मैं अपनी इंजीनियरिंग की पढाई पुणे में कर रहा था और कश्यप ने खुद की एक लेडिज गारमेंट की शॉप डाली थी. हम सभी दोस्तों ने उसकी काफी हेल्प की थी. और यही वजह थी की शेलजा आंटी मेरे ऊपर फ़िदा थी.

एक दिन शेलजा आंटी के परिवार की लड़ाई बगल के एक घरवालो से हो गई. और वहां के एक मर्द ने आंटी को बहुत गन्दी गन्दी गालियाँ दी. वो बोला इस बड़ी गांड वाली को चोदो कोई साली रंडी को. कोई इसका रेप कर के उसके बच्चे पैदा करो और भी.

शेलजा आंटी की मदद को मैं और मेरे घरवाले आये और उन दोनों के बिच में सुलह भी करवा दी. लेकिन उसी दिन से मैं आंटी को ले के सेक्सुअल फिलिंग अपने दिल में ले के आने लगा था. शायद उस आदमी के गाली देने से मेरे दिमाग में इस मोटी आंटी के लिए सेक्सुअल इम्प्रेशन बनने लगे थे. मैं आंटी के बदन के आकार को नंगा कल्पना करता था. इसी बिच मेरी छुट्टियां खत्म हो गौ और मुझे अपने पेपर देने के लिए वापस पूना जाना पड़ा. मैं वापस तो चला गया लेकीन मेरे दिमाग में शेलजा आंटी की सेक्सी आकृति अब भी बन रही थी.

जैसे तैसे कर के मेरे एग्जाम ख़तम हुए और मैं फिर से अपने घर आ गया. मैं हर रोज दिन में दो बार शेलजा आंटी के नाम की मुठ मारने लगा. मैं उसको चोदने के लिए अब अंदर ही अंदर से पागल हो रहा था.

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मैं बस एक मौके की तलाश में था की कब और कैसे उसको चोदुं. जैसे ही मैं वापस घर आया तो किसी न किसी बहाने से कश्यप के घर जाता रहता था और जितना हो सके शेलजा आंटी से क्लोज रहने की कोशिश में लगा रहता था. जब भी चांस मिलता मैं उसकी बड़ी मोटी भरी हुई गांड को हाथ लगा देता और ऐसे एक्ट कर्र्ता की मानो गलती से गांड को टच हो गया हो.

एक दिन मैं और कश्यप क्रिकेट की मेच देख रहे थे उसके घर में. तभी शेलजा आंटी आई और बोली वो नहाने जा रही हे और उसने कश्यप को बोला तब तक तुम घर में ही रहना. कश्यप ने हां कर दिया और आंटी नहाने के लिए चली गई. मैं तो बस ऊपर वाले से दुआ ही कर रहा था की कैसे भी कर के कश्यप वहाँ से जाए तो मैं आंटी को नंगा नहाते हुए देख सकूँ. और सच में उस दिन मेरी किस्मत कुछ ज्यादा ही अच्छी थी.

कश्यप को ट्रांसपोर्ट वाले का कॉल आया की उसका पार्सल आया हे. कश्यप ने मुझे वही रुकने के लिए कहा और बोला की मैं थोड़ी देर में वापस आ जाऊँगा. मुझे पता था की उसको वापस आने में कम से कम एक घंटा तो लगेगा ही लगेगा. मैंने उसको कहा ठीक हे मैं यही हूँ. वो आंटी को आवाज दे के बोला और चला गया अपने पार्सल लेने के लिए.

मैं पांच मिनिट वैसे ही बैठा रहा और फिर मैंने मेन डोर को लोक किया और सीधा गया बाथरूम के पास. बाथरूम का डोर में एक बड़ा गेप था. वो डोर फोल्डिंग वाला था. मेरा दिल जोर जोर से धडकने लगा था. फिर में आंटी की फुल न्यूड बॉडी आ रही थी. मैं आंटी को नंगा देखने की ख़ुशी में और भी उतावला सा हो रहा था. बस एक ही डर था की कहीं चीख कर मेरी इज्जत की माँ बहन एक ना कर दे. लेकिन मैंने डर के ऊपर कंट्रोल किया और हिम्मत कर के अन्दर देखा. क्या बताऊँ दोस्तों आप को की अंदर का नजारा कैसा था!

आंटी फुल्ली न्यूड खड़ी हुई शोवर ले रही थी. पानी उन्के पुरे बदन के ऊपर बह रहा था. उनके सर से निचे तक पानी बह रहा था. आंटी के बूब्स के ऊपर पानी निचे बह के उन्के पेट के ऊपर और फिर निचे चूत के ऊपर गिर रहा था. मेरे तो लंड का हाल बुरा हो रहा था. और मैं प्रे कर रहा था की कैसे भी कर के शेलजा आंटी की गांड देखने को मिल जाए.

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और तभी उन्के हाथ से साबुन फिसल कर जमीन पर गिरा और वो उसे लेने के लिए झुकी. जैसे ही वो झुकी तो मुझे उन्के दो बड़े बड़े पहाड़ जैसे कुल्हे दिखाई पड़े. मेरा लंड तो वही पर पानी छोड़ गया जैसे!

आंटी उठी और फिर साबुन ले के अपने हाथ में मलने लगी और शावर बंद कर दिया. मुझे लगा की उनका नहाना हो चूका हे. मैं वहां से हटने ही वाला था की तभी कुछ ऐसा हुआ जो मुझे बिलकुल भी एक्स्पेक्ट नहीं था. आंटी स्टूल के पर बैठी और अपनी टांगो को उसने पूरा खोल दिया. और वो पास में रखे हुए एक ब्रश को उठा के अपनी चूत में डालने लगी!

मैं तो बस देखता ही रह गया. आंटी 5 मिनिट तक ब्रश से अपनी चूत की चुदाई करती रही. और पांच मिनिट के बाद अपना पानी निकाल दिया. मैं समझ गया की आंटी को भी सेक्स की काफी जरूरत थी. मैं वहां से हट गया और वापस टीवी पर मेच देखने लगा. 5 मिनिट के बाद आंटी कपडे पहन के और सर पर तोवेल बाँध के बहार आई. और वो अपने रूम में चली गई.

फिर मैं भी वहां से चल पड़ा. घर जा के आंटी के ही बारे में सोचता रहा. और रात को फिर से आंटी के नाम की मुठ मारी. उनका वो नंगा बदन तो बस मेरी आँखों के सामने ही घूम रहा था. मैंने डिसाइड कर लिया था की किसी भी तरह से वापस जाने से पहले मैं आंटी को चोदुंगा जरुर. मैं बस सोया ही था की मुझे कश्यप का कॉल आ गया.

उसने मुझे कहा की जो मेरा पार्सल आया था उसके अंदर कुछ गडबड थी इसलिए उसे अर्जेंट मुंबई जाना था. पहले तो मुझे लगा की कुछ और बात हे लेकिन मैंने उसे पूछा नहीं. वो मुझे बोला की मैं उसको ड्राप कर लूँ और आज रात के लिए मैं आंटी के साथ घर पर रहूँ. मैंने अपनी मोम को बोला और उसे ड्राप करने के लिए चला गया.

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