55 साल की मोटी आंटी की चूत मारी

रात के करीब 3 बजे मैं उसे गाडी में बिठा के वापस घर आया. मैंने बहार अपनी कार पार्क की और आंटी ने दरवाजा खोला गाडी की आवाज को सुन के.

वो मेरी ही वेट कर रही थी. मैं गया तो आंटी ने मुझे बेडरूम में सोने को कहा और बोली की वो हॉल में सो जायेगी. मैने मना किया और कहा की मैं हॉल में सो जाता हूँ और आप बेडरूम में चली जाओ. गर्मी की सीजन थी और हॉल में बहुत गर्मी थी. थोड़ी देर बाद आंटी आई और बोली की तुम बेडरूम में आ जाओ वहां कूलर हे, यहाँ बहुत गर्मी हे.

मैं झट से उठा और आंटी के साथ बेडरूम में चला गया. आंटी निचे जमीन पर सो रही थी और मैं ऊपर बेड पर. मुझे तो नींद नहीं आ रही थी मैंने आंटी की तरफ मुद के देखा तो गर्मी की वजह से आंटी का पल्लू साइड में था और उन्के पहाड़ जैसे बूब्स सांस लेने की वजह से ऊपर निचे हो रहे थे.

मैं अपनेआप को नहीं रोक पाया और सीधे आंटी के ऊपर चढ़ गया. आंटी ने एकदम से उठ खड़ी हुई और वो चिल्लाने ही वाली थी की तभी मैंने उन्के मुह के ऊपर हाथ रख दिया और उनको चिल्लाने से रोक लिया. और मैंने सीधे ही आंटी को बोल दिया की मैं आप को चोदना चाहता हूँ.

अब 4 बच्चो की माँ थी थोडा तो नाटक करेगी ही. मैंने कहा आंटी आप नाटक मत करो आप के बाथरूम का वीडियो हे मेरे पास. और अगर आप ने सपोर्ट नहीं किया तो मैं उसको नेट के ऊपर डाल दूंगा.

सब बातें करते वक्त मेरा एक हाथ उन्के मुहं पर ही था और दुसरे हाथ से मैं उन्के बूब्स को दबा रहा था. मुझे पता था की आंटी को भी सेक्स करना हे पर वो नाटक कर रही थी. मैंने फिर सीधे अपन हाथ उनकी चूत पर रखा और उसे मसलने लगा.

फिर क्या था थोड़ी ही देर में शेलजा आंटी के अन्दर की रांड बहार आ गई. और वो भी मजे लेने लगी. मैं समझ गया की अब मामला सेट हो चूका हे. तो मैंने उन्के मुहं से अपना हाथ हटा दिया. अब वो थी एक पहलवान जैसी उन्होंने मुझे अपने ऊपर से हटाया और ढेर सारी गालियाँ देने लगी. मुझे तो लगा की अब मैं गया. बट तभी उन्होंने ऐसा कुछ कहा की जिस से मेरा दिमाग ही काम करना बंद हो गया.

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आंटी: साले भडवे, रांड की औलाद मादरचोद., सड़ी हुई चूत की पैदाइश. 100 बाप की औलाद इतने दिन बाद आया हे मुझे चोदने के लिए. साले रंडी के बच्चे कब से तेरे निचे सोने की तमन्ना थी मुझे और तू साला आगे ही नहीं बढ़ रहा था.

मैं: आंटी ये क्या बोल रही हो आप?

आंटी: चूप साले भडवे पता नहीं कितने लौड़ो को लेने के बाद तेरी माँ ने तुझे पैदा किया हे.

मैं तो बस आंटी को ही देख रहा था.

आंटी: अबे लौड़े बस देखता ही रहेगा की अब मुझे चोदेगा भी?

मेरा तो ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा. साला जिसको चोदने के लिए डर रहा था वो ही मेरे से चुदवाने के लिए बेताब थी.

फिर क्या था मैं तो सीधा ही उसके उपर टूट पड़ा. और उसके होंठो को चूसने लगा. उनको किस करना नहीं आता था. उन्होंने सीधे ही मेरे होंठो को काट लिया. मुझे बहुत ही गुस्सा आया. मैं: साली रंडी किस करना भी नहीं आता हे तुझे?

आंटी: मैं थोड़ी तेरी माँ की जैसी रंडी हो जो मुझे सब आएगा. मुझे बस चुदवाना आता हे ये सब मुझे नहीं आता हे.

मैं: साली छिनाल मेरी माँ को क्यूँ रंडी बोल रही हे. अब तेरे को बताऊंगा की रांड किसे कहते हे साली भोसड़ी की.

ये कहके मैंने शेलजा आंटी का ब्लाउज फाड़ दिया और उन्के बूब्स को ब्रा के ऊपर से जोर जोर से चूसने लगा और ब्रा साइड कर के उन्हें बाईट करने लगा. आंटी को दर्द होने लगा और वो चिल्लाने लगी पर मैं नहीं रुका और उनकी निपल्स को अपने दांतों में पकड़ कर बाईट कर लिया और खींचने लगा. आंटी की आँखों से आंसू निकल रहे थे.

मैं: क्या हुआ अब समझ में आया रांड के साथ क्या क्या होता हे! मेरी माँ को रंडी बोलती हे साली छिनाल.

आंटी: बेटा आराम से कर मुझे बहुत दर्द हो रहा हे. और वैसे भी मेरे से गलती हो गई की मैंने तेरी रंडी माँ को रंडी बोला. वो रंडी नहीं छिनाल और कुतिया हे.

ये सुनते ही मैंने उन्के बूब्स जोर से दबा दिए और उनको बहुत दर्द हुआ. पर वो अपने आवाज पर कंट्रोल कर के बैठी हुई थी. फिर वो बोली.

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आंटी: देख बेटा सच्चाई को कोई नहीं छिपा सकता हे. तेरी माँ सच में एक बड़ी रांड हे.

मैं सोच में पड गया क्यूंकि वो शायद सच बोल रही थी. उसकी बॉडी लेंग्वेज ऐसी ही थी. मैं: क्या बोल रही हे तू?

आंटी: अब वो सब रहने दे. मुझे अच्छे से चोद फिर मैं तुझे तेरी माँ के बारे में सब बताती हूँ.

फिर मैंने बातें छोड़ी अपनी माँ की और आंटी की चुदाई में लग गया.

मैंने आंटी को पूरा नंगा किया और अपने भी कपडे उतार कर खुद पूरा नंगा हो गया. और सीधा आंटी के होंठो पर टूट पड़ा और आंटी को किस करने लगा. अब आंटी ऑलमोस्ट सिख चुकी थी किस करना. किस करते करते मैं आंटी के बूब्स के साथ खेल रहा था.

अब मैं आंटी के नेक पे किस करते करते सीधे उन्के बूब्स पर गया और उन्के पहाड़ जैसे बूब्स सक करने लगा. और एक हाथ से उनकी चूत को भी सहलाने लगा. फिर आंटी आउट ऑफ़ कंट्रोल हो गई और बोली की अब बस कर और मत तडपाओ चोद दो मुझे.

मैंने आंटी को लंड चूसने के लिए बोला तो वो मना करने लगी और बोली, तू बस मुझे चोद अगली बार तू जो बोलेगा वो सब मैं करुँगी. अब मैं और नहीं रुक सकती हूँ लंड को लिए बिना. मुझे भी उनकी हालत के ऊपर रहम और तरस आ रहा था. शायद वो बहुत सालों से नहीं चुदी थी.

फिर मैंने आंटी के लेग्स को खोला और अपने लंड को उसकी बड़ी चूत के ऊपर लगा दिया. आंटी इतनी मोटी थी की मुझे उनकी चूत मिल नहीं पा रही थी. मैंने दो बड़े तकिये लिए और आंटी की गांड के निचे लगाए. इस से आंटी की चूत थोड़ी ऊपर हुई और मेरे लिए अब लंड डालना कुछ हद तक आसान हो गया था.

फिर मैंने अपने लंड पे थोडा थूंक लगाया और उसे रब किया. और फिर लंड को चूत की ओपनिंग में रखा और एक झटका दे दिया. आंटी की चूत पहले से गीली हो चुकी थी और मेरे थूंक की वजह से और लूब्रिकेशन मिला और मेरा लंड पूरा अन्दर उनकी चूत में चला गया. आंटी जोर से चिल्लाई अह्ह्ह मार दिया रे भडवे, निकाल इसको बहार अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह उईईइ मा!

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