मस्ती से मजबूरी तक-19

हेलो फ्रेंड्स वेलकम बॅक. तो हम तीनो यानिकी में रिया और रानी शॉक्ड थे की यह क्या हुआ है. क्या वो सच में ऋतु आंटी ही थी?
रिया: तुझे साची में लगता है की वो ऋतु आंटी हैं?

रानी: हन यार मैने देखा है कई बार.

रिया: यार यह मैने क्या कर दिया? कितनी बुरी तरह से गलियाँ दे दी आंटी को.

रानी: हन तो उन्होने भी तो हमारे जान को पराईसन किया था.

रिया: हन पर तुझे क्यूँ म्स्ग किया उन्होने ने. तब मेरे साँझ में आया की शायद मैने जो आंटी को ग़लती से लंड का पिक भेज दिया था शायद वो एग्ज़ाइटेड हो गयी होंगी.

मे: याद है मेरे बर्तडे वेल दिन मैने आंटी को ग़लती से वो पिक सेंड कर दी थी शायद इसलिए आंटी गरम हो गयी होंगी.

रिया: हन हो सकता है. पर अंकल तो उनके पास में ही रहते हैं. और इतनी उमर भी कितना जोश चढ़ा है आंटी को.

मे: शायद अंकल कुछ कर नहीं पाते होंगे.

रानी: हन सही बोल रहे हो.

रिया: तो अब क्या करें?

मे: मुझे क्या पता? में कॉल करूँ क्या?

रानी: हन कॉल कर लो हम लोग रखते हैं फोन. वैसे अभी अभी और मूड नहीं बन रहा है दीदी की चुदाई कर्ण के लिए. रिया शर्मा गयी तो रानी ने कहा इतना भी मॅट शरमाओ मेरी सोना कल के लिए बचा के रखो अपनी छूट को. और फिर अननोन दोनो ने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया.

तो मैने ऋतु आंटी को कॉल किया.

ऋतु: हेलो

मे: आंटी सॉरी वो कुछ ज़्यादा ही बोल गयी रिया. उसे माफ़ कर दो.

ऋतु: अरे कौन आंटी?

मे: आंटी मुझे पता चल चक्का है और रानी ने आप को पहचान भी लिया है. आंड इट्स ओके ई कॅन अंडरस्टॅंड युवर सिचुयेशन.

आंटी: (हल्की सिर वन की आवाज़ में) में तुम्हारे पैर पड़ती हूँ किसिको भी मत बताना.

मे: प्रॉमिस आंटी. पर रिया और रानी को तो पता है.

आंटी: तो उन्हे भी बोल दो की प्लीज़ किसी को मॅट बताएन.

मे: वो किसिको नहीं बोलेगी आंटी आप फिकर मॅट करो. आंटी फिर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.

मे: क्या हुआ आंटी आप रो क्यूँ रही है? अब तो सब सही है.

आंटी: (कुछ देर समझने के बाद) तू क्या सोचता होगा मेरे बारे में की में कितनी गंदी औरत हूँ.

मे: ऐसा कुछ भी नहीं है आंटी. उल्टा में खुश हूँ की अभी आपको चुप चुप के करने की ज़रूरत नहीं आप जो चाहिए होकम कर सकते है.

आंटी: मेरी लाइफ में बहुत कुछ है बताने के लिए बेटा. तू शायद समझेगा नहीं.

मे: आप एक बार मुझे ट्राइ तो कर के देखिए.

आंटी: क्या बतौन बेटा प्यार के लिए आदमी कहाँ तक गिर सकता है.

मे: आंटी इसमे गिरने की बात कहाँ से आई. सबकी सेक्षुयल नीड्स होती हैं और प्यार तो सब का हक़ है. वो चाहे किसी से भी मिले. यह मेरा मॅन ना है.

आंटी: तकलीफ़ यह है कीट एर जैसा हर कोई नहीं सोचता ना.

मे: हर किसीकि किस को पड़ी है? आप जब तक खुश हो कोई फराक नहीं पड़ता की कौन क्या कहता है.

आंटी: मुझे भ फराक नहीं पड़ता की कौन क्या कहता है. पर अगर मेरी बेटा या बेटी को पता चला तो में तो मार ही जौंगी.

मे: आंटी मामली को पता नहीं चलेगा और चलेगा भी तो वो कुछ नहीं बोलेगी. और बिटो तो आपका अभी कॉलेज में है तो उसे तो पता चल ही नहीं सकता.

आंटी: तुम्हे कैसे पता की मामली कुछ नहीं बोलेगी?

मे: में जनता हूँ वो काफ़ी खुली बिचरों वाली है. वो सब छोड़िए ना आंटी. आप फिकर मॅट करो अभी में हूँ ना आप के पास सब कुछ ठीक हो जाएगा.

आंटी: क्या ऐसा हो सकता है?

मे: ऐसा ही होगा. चलिए आप बताइए मुझे की आप को मुझे म्स्ग करने का ख़याल कैसे आया?

आंटी: अब क्या बतौन. मामली के पापा जब से बेटा हुआ है हमारा तब से मुझे ठीक से छुआ भी नहीं है.

मे: क्या? इतने सालो से आपने…

आंटी: हन बेटे और इसीलिए जब तूने वो पिक भेजी तो मुझसे कंट्रोल नही हुआ और में कैसे भी कर के बात करना चाहती थी. पर बात करके मुझे लगा की मुझसे बात करने में इंट्रेस्टेड नहीं है इसीलिए मैने भी फ्रीक्वेंट्ली कॉल करना बंद कर दिया. पर अंदर जो आग लगी थी वो संभाल ने का नाम नहीं ले रही थी तो में वापस तेरे पास खींचा चला आता.

मे: कोई बात नही आंटी में भी आप की बॉडी पहली बार देख कर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था. मॅन तो कर रहा था की उसे निचोड़ के सारा पानी पी जौन पर आपने जब आप कौन हो बताने से माना कर दिया तो मेरा मूड ऑफ हो गया और कुछ नहीं.

आंटी: सॉरी बेटे में कंफर्टबल नहीं था उस टाइम.

मे: और अब?

आंटी: अब क्या?

मे: कंफर्टबल हो?

आंटी: (हल्की सी हेस्ट हुए) डिपेंड करता है कहाँ तक जा सकते हो.

मे: शायद अंकल के जितना तो नहीं लेकिन कोशिस ज़रूर कर सकता हूँ.

आंटी: तुम्हे क्या लगता है? अंकल क्या करते होंगे?

मे: मुझे क्या पता? बेड पे आप रहती हो उनके साथ में नहीं.

आंटी: हाहहाहा. तेरे अंकल बिल्कुल फुसकी माल है.

मे: फुसकी कैसे हो सकते हैं. दो बचे तो कर दिए हैं.

आंटी: तू नहीं समझेगा.(उदास भारी आवाज़ में)

मे: बोलिए तो सही.

आंटी: तेरे अंकल का हत्यार इतना छोटा है की वो तो मेरी सील भी नहीं तोड़ पाए.

मे: क्या और बचा?

आंटी: वो डॉक्टर के मदात से.

मे: मतलब आप डॉक्टर से?

आंटी: ओये पागल. डॉक्टर ने उनका स्पर्म मेरे अंदर प्लांट किया फिर हुआ बचा.

मे: श में तो कुछ और ही समझ बैठा.

आंटी: ज़रूरत है मेरी. पर में कोई सड़क की रंडी नहीं हू याद रखना इश्स बात को.

मुझे लगा शायद आंटी रिया की बात का बुरा मॅन गयी होंगी.

मे: सॉरी आंटी वो रिया तो ऐसे ही बोल दी थी उसे पता नहीं ताना की आप हो.

आंटी: अरे में उसकी बात नही कर रहा हूँ. में तेरी बात कर रहा हूँ.

मे: मेरी? मेरी क्या बात? मेी तो हॅप को बहुत इज़त देता हूँ.

आंटी: हन पर में तुझे अपना जिस्म दे रही हम तो ऐसा मत समझ लेना की में कोई ऐसी वैसी लड़की हूँ.

मे: कभी भी नहीं आंटी. अछा आंटी आप ने तो लोवे मॅरेज किया ताना?

आंटी: हन क्यूँ?

मे: तो आप को उंले का तो पता ही होना चाहिए ताना?

आंटी: उस टाइम में साथ मे मिल कर घूमना ही बड़ी बात थी और सेक्स तो काफ़ी दूर की बात थी. आज की तरह नहीं की जब चाहे जिसके साथ चाहे जो चाहे करले.

मे: नहीं आंटी इतना भी फ्री नहीं है आज कल.

आंटी: मुझे सीखना बंद कर. मुझे सब पता है मेरी बेटी भी तुम्हारे ग्रूप में घूमती है.

मे: छोड़िए आंटी और कुछ बातें करते है. आप को कब पता चला की अंकल…

आंटी: क्या? की अंकल की लुली कितने छोटी है?

मे: हाहहहहा लुली…

आंटी: हन जितना सा साइज़ है उस हिसाब से लुली ही बूलौंगी ना.

मे: ओके हाहाहा

आंटी: मुझे तो शादी के बाद पहले दिन ही पता चल गया था. पर लगा की शायद टेन्षन की बजे से नहीं हो पा रहा है. पर जब बाद में भी वैसा ही हुआ तो मुझे पता चल गया.

उनका अंदर कब जाता है बाहर कब आता है पता ही नहीं चल रहा था. फिर उनकी फॅमिली का प्रेशर बढ़ने लगा बचे के लिए तो शादी के 3 साल बाद ह्युमेन डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने ए सल्यूशन दिया. तो पहले तो मामली हुई. पर सबको लड़का चाहिए था तो ह्युमेन डूबरा किया.

मे: सो सॉरी आंटी. में आप की तकलीफ़ का अंदाज़ा भी नहीं लगा सकता.

आंटी: छोड़ मेरे बारे में. तेरे बारे में बता. तेरी गफ़ की तो ऐश्वर्या है.

मे: आक्च्युयली आंटी… मैने सोचा की आंटी को सब कुछ बता दूं पर क्या वो सही रहेगा?

अगले पार्ट मे.

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