गैर मर्दों से चूत चुदाई और गैंग-बैंग की इच्छा-2

मैं- चलो एक काम करते हैं.. तुम भी वहाँ रहो.. मैं और 3 औरतों को भी वहाँ बुलाता हूँ और हाँ जिन लोगों को मैंने बुलाया है.. वो सब बड़े बिज़नेसमैन हैं.. तुम्हारे काम भी चल पड़ेंगे और तुम्हें मुनाफा भी होगा.. अब सोचो।

तभी नेहा ने कहा- अब अगर हम मॉडर्न हो ही चुके हैं.. तो ये करके देखने में हर्ज ही क्या है और अगर तुम्हारा कोई बिज़नेस में फायदा होता है.. तो जिंदगी भर तुम्हें घर में ही रंडी मिल जाएगी और वैसे भी तुम्हारी एक गर्लफ्रेंड है ही.. उसको किसी से मत ठुकवाना और उसको घर लाकर रखोगे तो भी मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।

करण- ओके.. पर ये जबानी नहीं होगा.. तुम मुझे ये लिख कर दो कि तुम जिंदगी भर मैं जैसा कहूँगा और जिसके साथ कहूँ.. उसके साथ करना पड़ेगा और मेरी फ्रेंड अब मेरी बिना शादी के दूसरी बीवी होगी और हमारे साथ हमारे घर में ही रहेगी।

वो दोनों सहमति से अब वो करने के लिए तैयार थे।
नेहा बहुत ही खुश थी.. पर उसकी शर्त भी थी कि जो लण्ड उसे पसंद आएगा वो सिर्फ उसी से चुदवाएगी।
अब नेहा खुश थी तो मैंने जाकर हॉल में सभी व्यवस्था देखी।

शाम के करीब 8 बज चुके थे और होटल मैनेजर ने सारी तैयारी कर ली थी।

पर उसने अचानक मुझसे कहा- राकेश भाई आज कुछ खास है क्या.. आप हमें भी मौका दिलवाओ।
मैंने उसे भी हामी भर दी.. पर साथ ही साथ उससे कहा- तुम्हें यहाँ सर्व और बार टेंडर का काम भी करना पड़ेगा।
वो राजी हो गया।

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करीब 8.15 को मेरे अच्छे दोस्त राज, सुमित, जैक आदि सब आ चुके थे। धीरे-धीरे 18 लोग जमा हो गए और अब मैं नेहा और करण को बुलाने के लिए गया।

मैं जैसे ही कमरे में घुसा.. मैं नेहा को देखता ही रह गया। नेहा ने एक ऐसा कपड़ा पहना था.. जिसमें से उसका सारा शरीर दिखाई पड़ रहा था। एक चाबुक हाथ में था और कंडोम के पैकिट भी थे।

हम लोग अब हॉल के तरफ बढ़ चले थे कि अफ़रोज़ और ज़ाकिर वहीं रास्ते में मिल गए।

मैंने उन्हें नेहा से मिलवाया.. नेहा ने उनको एक मादक स्माइल दी और उन्होंने उसको कंधे पर उठाया और हॉल की तरफ चल दिए।

जैसे ही हम हॉल में पहुँचे.. नेहा ने कहा- मैं सबको चांस दूँगी.. बस मेरे हिसाब से करोगे तो.. बोलो क्या आप लोग तैयार हो?
हॉल में सभी की आवाज़ गूंजी- हाँआंआआ..
नेहा- चलो सभी अपने-अपने कपड़े निकालो।

अब सभी ने कपड़े निकाले और नेहा के सामने खड़े हो गए, इसमें सबसे तगड़ा लण्ड अफ़रोज़ का था और सबसे छोटा राज का था।

जैसे कि मैंने आपको पहले ही बताया है कि मैंने काम्या और सुशीला को भी बुलाया था.. वो दोनों भी अब नंगी थीं। अकेली नेहा अपने लिबास में थी।

जैसे ही नेहा ने अपना लिबास निकाला ज़ाकिर उसकी चूत के पास आया.. पर नेहा ने उसको हटा कर लाइन में खड़े रहने को कहा।

नेहा- मैं कोई रण्डी नहीं हूँ.. पर आज के दिन मैं रण्डी बनना चाहती हूँ.. अपने पति के लिए.. इनका बिजनेस घाटे में चल रहा है.. और जो उनकी मदद करना चाहेगा.. वो मेरी चूत और गाण्ड का मज़ा ले सकता है.. और जो नहीं कर सकता.. उनका पानी में हाथ से निकाल दूँगी।

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