ही दोस्तों, मेरा नाम है ऋषि. मैं बताने जेया रहा हू मेरी सेक्सी मा की चुदाई मेरे मामा के लड़के ने कैसे करी. वैसे तो मुझे मेरी मा बहुत पसंद है. मगर मुझे ज़्यादा पसंद आता है जब कोई मेरी मा को छोड़े मेरे सामने.
पहले तो मैं आपको अपनी मा का इंट्रोडक्षन करा देता हू. मतलब आप मेरी रंडी मा को आचे से फील कर पाएँगे. उनका नाम है अनिता. दिखने में विलेज टाइप की है. मा के बूब्स मीडियम साइज़ के है, और गांद थोड़ी बड़ी है.
हमारी गली के लड़के भी बोलते है क्या माल है रंडी अनिता. क्यूंकी मैने अपने कानो से ये सुना है. चलो अब मैं कहानी पे आता हू.
मेरे मामा का जो लड़का है, उसका नाम हरीश है. 24 साल का है वो, और हमेशा हमारे घर आता रहता था. कोई भी काम हो तो घर आता था. मुझे कुछ लगा नही क्यूँ आता था, और क्या करता था. वैसे पहले कुछ अजीब लगा नही. बाद में मुझे अजीब लगने लगा की वो कुछ भी बहाना लेकर घर पे आ रहा था.
तब मैं 18 साल का था. मैने उससे एक दिन खेलने के लिए मोबाइल माँगा तो उसने दे दिया. फिर मैने उसके फोन में अपनी रंडी मा की फोटोस देखी, वो भी नंगी. मुझे इतना गुस्सा आया की क्या बतौ. मगर मुझे अछा भी लगा देखने के लिए.
तब मुझे पता चला वो हमेशा घर क्यूँ आता था. मैने मा से पूछा की वो हमेशा क्यूँ आता था, तो मा ने कहा कुछ नही बेटा. मैं अगले दिन भी उसे आता हुआ देख कर च्छूप गया. जब वो घर आया, तो मा किचन में कुछ काम कर रही थी. उसने मा को बाहों में दबोच लिया. मा ने सिसकारी निकाल दी ह और मा बोली-
मा: हॅट नालयक, ऋषि घर में है.
हरीश: अर्रे जाने दो, वो नही है. दिखाई नही दिया मुझे. खेल रहा होगा. एक किस तो दो.
ऐसे बोल कर हरीश ने मा को किस किया, और मा के होंठो को दाँत मार दिया. वो मा की नेक पर किस कर ताहा था, चाट रहा था उसे. मा को भी अछा लग रहा था.
मा: हरामी, कभी भी कुछ भी करता है (ऐसे बोल के मा ने उसे साइड किया).
पर वो कहा मानने वाला था. उसने मा की गांद को दबाना चालू किया. मा को अछा लगने लगा था, और वो भी गरम हो रही थी.
मा: आह ऑश धीरे दबा तोड़ा.
हरीश: अर्रे बुआ, मेरी रखैल, तुझे कब से दर्द होने लगा साली?
ऐसा बोल के उसने मा को किचन में बिता दिया, और चुचि मसालने लगा, और ब्लाउस के उपर से चाटने लगा.
मा: आह उहह ऑश हरीश, छोड़ अपनी बुआ को, पूरी रॅंड बना दे.
हरीश: वही तो करने आया हू मेरी रॅंड, साली कुटिया.
ऐसा बोल के उसने मा का ब्लाउस निकाल दिया, और आधी नंगी किया, और किस करने लगा उम्म्म उम्म.
मा: आहह उहह श छोड़ अपनी बुआ को जल्दी. मत तडपा इतना.
इतने में हरीश ने मा की पनटी फाड़ दी और छूट में उंगली करने लगा.
मा: आह ऊहह उऊहह, डाल और अंदर, डाल.
ऐसे करते हुए हरीश सारी उंगलियाँ डालने लगा. मा को मज़ा आ रहा था.
हरीश: साली लंड लेकर रॅंड बन गयी है. छूट का भोंसड़ा बन गया. फिर भी तुझे चाहिए.
फिर हरीश अपना हाथ अंदर डालने लगा. मा को दर्द हो रहा था.
मा: आहह हरीश, छूट फाड़ेगा क्या? पूरा हाथ डाल दिया रे. तेरी तो रॅंड ही बन गयी हू ह आह ऑश. दूध पी ले, पूरा निचोढ़ ले मुझे.
उसके बाद हरीश ने दूध पीना शुरू किया, और बूब्स पर मारने लगा. लाल कर दिए बूब्स मार के, और उसके निपल्स काटने लगा.
मा: आह ऑश उहह और ज़ोर से. रॅंड हू मैं, मुझे धांडे पर बिता हरीश आहह उहह.
हरीश का लंड मा ने बाहर निकाला, और फटत से उसको मूह में ले लिया. क्या लंड था उसका 7+इंच का.
मा बोली: तेरा लंड जब भी लेती हू हरीश, मुझे बहुत मज़ा आता है.
फिर मा लंड चूसने लगी उम्म उम्म करके.
हरीश: चूस साली रॅंड, चूस के सॉफ कर आचे से.
मा अब उसका लंड चूस रही थी. हरीश मा की छूट में उंगली कर रहा था, और मा के सेक्सी बूब्स भी दबा रहा था.
हरीश: रॅंड बुआ, तेरी बेटी होती तो उसे भी छोड़ता मैं. मगर तुझे बेटा है, क्या करू.
ऐसे जब उसने कहा, तो मा को गुस्सा आया और वो बोली-
मा: हा सेयेल, अपनी बुआ को छोड़ता है काफ़ी नही है कमीने? तुझे और कोई क्यूँ चाहिए रंडी के?
ये सुन कर हरीश को गुस्सा आया, और उसने मा को थप्पड़ मारा. फिर मा को लिटा दिया ज़मीन पे, और एक-दूं ज़ोर से धक्का मार के लंड एक-दूं अंदर घुसा दिया.
मा: आह सेयेल मार डालेगा! ह उहह श मार दिया मुझे! निकाल बाहर, मॅर जौंगी मैं.
हरीश: साली तू रॅंड है. चुप-छाप ले. आह ऑश क्या मस्त छूट है बुआ तेरी. एक-दूं मस्त लग रहा है लंड को.
मा: ऑश आह निकाल बाहर, मॅर जौंगी ह ऑश उफफफ्फ़.
फिर बाद में मा को मज़ा आने लगा, और उसने भी हरीश का साथ देना चालू किया.
मा: छोड़ ज़ोर से, रॅंड हू मैं तेरी, रखैल बना अपनी मुझे ज़ोर से छोड़. छोड़ ना अपनी बुआ को.
हरीश: आह छोड़ूँगा. ऑश रॅंड मेरी, तुझे अपने दोस्तों से भी छुड़वा दूँगा रॅंड.
मा: मैं झड़ने वाली हू. ज़ोर से छोड़ मुझे, ह ऊहह उहह आया पानी ह ऑश.
फिर बाद में हरीश ने मा को बोला: चल अब कुटिया बन जेया, मुझे तेरी गांद की चुदाई करनी है.
मा: हा क्यूँ नही मेरा राजा. बस तोड़ा धीरे मारना.
हरीश: हा क्यूँ नही, धीरे करूँगा मेरी जान.
मा: ठीक है.
मा अब कुटिया बनी. हरीश ने अपने लंड का टोपा मा की गांद के च्छेद पर रख दिया, और हल्का सा धक्का मारा.
मा: आह हरीश, धीरे से डाल दे अंदर.
हरीश: हा कुटिया.
ऐसा बोल के हरीश ने एक-दूं ज़ोरदार धक्का मारा.
मा: ह फटत गयी मेरी गांद. छोड़ रे हरीश ह उहह उफफफ्फ़ छोड़ मुझे. फाड़ दे गांद मेरी आ ऑश.
ऐसा बोल के मा भी मज़ा लेने लगी पूरा. मा को हरीश ने गांद मारते किस किया उम्म्म अहह. वो मा के बूब्स दबाने लगा, निपल मसालने लगा ज़ोर से.
मा: आहह उफफफ्फ़ ज़ोर से दबा, निकाल मेरा दूध पूरा.
हरीश: हा बुआ तुम्हारे दोनो बूब्स मेरे है. तू भी मेरी है, तेरी छूट मेरी है आह.
मा: आह बस हो गया. हरीश मेरी गांद दुख रही है.
हरीश: मैं भी झड़ने वाला हू. बोलो मेरी सेक्सी बुआ, कहा गीरौ माल?
मा: मेरे मूह में गिरा ना. मुझे तेरा माल चखना है, ले मैं मूह खोलती हू.
मा ने मूह खोला, और हरीश ने मा के मूह में अपना सारा माल गिराया. वो भी हरीश का माल खा गयी, जैसे कोई आइस्क्रीम हो.
मा: मज़ा आया तेरा माल पी के. तू ही है जो मुझे पूरा मज़ा देता है.
हरीश: अर्रे मेरी रॅंड बुआ, तू ही तो मेरी रॅंड है. तेरा पति तो नाम का है बस.
मा: हा मेरे राजा.
अब मा झाड़ चुकी थी. मा के उपर हरीश वैसे ही पड़ा रहा. अब वो थोड़ी देर किस करने लगे. मा की जीभ उसकी जीभ भिड़ने लगी थी. हरीश मा के बूब्स चूस रहा था. मा को अछा लग रहा था. मा उफफफ्फ़ ऑश आहह करके सिसकारी लेने लगी थी.
फिर वो भी हरीश के निपल्स चूसने लगी थी. हरीश भी मज़े ले रहा था. उनको कोई मतलब नही था कोई देख लेगा या नही. फिर बाद में हरीश फिरसे मा के मूह में अपना लंड दे दिया. मा ने लंड को सॉफ किया, और बोली-
मा: मेरे राजा, अपनी बुआ को ही रॅंड बना लिया.
और दोनो हासणे लगे. कुछ इस तरह इनकी रंगरलियाँ चल रही थी, जो अब भी चालू है.
कॉमेंट्स में बताना ये हॉट कहानी कैसी लगी? जल्दी ही मेरी आँखों देखी नयी कहानी लेकर पेश करूँगा आपके सामने.