ये कहानी तब की है, जब ये देश आज़ाद हुआ था. आज़ाद हुए बस 3-4 महीने ही हुए थे. देश की हालत कुछ ख़ास नही थी. पर इसी बीच एक शहर में एक बड़ा नामचीं और राईस परिवार रहता था. उनके पुरखो ने बड़ी मेहनत से एक-एक पैसा जोड़ कर ये स्टेटस हासिल किया था.
अब आज़ादी के बाद वो परिवार देश के कामो में लग गया. ये परिवार बहुत बड़ा था, जहा बहुत सारे लोग एक साथ रहते, और काम करते थे. उसी परिवार में सबसे छ्होटा लड़का जिसका नाम समय था, वो रहता था. सबसे छ्होटा होने के कारण उसे सब प्यार करते और राईस घर का होने के कारण सब उसकी इज़्ज़त भी करते. उसने अभी-अभी जवानी में कदम रखा था. उसकी उमर सिर्फ़ 19 साल की थी. पर एक सच था जो किसी को मालूम नही था.
पूरा परिवार काम में लगा रहता, तो घर का काम करने के लिए कोई नही था. और बाहर लोगों को काम की और पैसों की ज़रूरत भी थी. कुछ लोगों को काम पर रखा गया. समय के काम और उसकी किसी भी काम में देखभाल करने के लिए उसके ही उमर के लड़के को रखा गया.
उस लड़के का नाम मयूर था, और उसकी उमर 18 साल की थी. हर वक़्त दोनो साथ रहते, और कुछ दीनो में एक-दूसरे के पक्के दोस्त बन गये थे. एक रात समय बीमार था, तो उसकी देखभाल करने के लिए मयूर उसी के कमरे में रुक गया. कुछ दीनो तक मयूर और समय एक ही कमरे में सोते रहे.
समय उपर बेड पर और मयूर नीचे ज़मीन पर सोया करता. एक रात आधी रात को समय ने देखा की मयूर नीचे सोया था, और उसे ठंड लग रही थी.
मयूर को यू देख समय ने उसे उठाया और कहा की उपर सो जाए. पर मयूर नही माना.
उसे लगा की मलिक की जगह में कैसे सो सकता था. पर समय के ज़ोर देने पर मयूर उसे माना नही कर पाया. अब दोनो एक ही बेड पर एक-दूसरे की तरफ मूह करके सोने लगे. कुछ देर बाद समय की आँखें खुली तो वो मयूर को देखता रह गया.
उसके मॅन में मयूर के लिए प्यार पनपने लगा था. उसे मयूर का चेहरा देख कर खुशी और अंदर से आनंद मिल रहा था. ये क्या भावना थी, वो पहले समझ नही पाया. फिर अचानक मयूर की आँखें खुली तो उसने देखा की समय उसे ही देख रहा है. पहले तो वो शरमाया, पर बाद में उससे रहा नही गया, और उसने भी समय को देखा.
आँखों ही आँखों में दोनो ने एक-दूसरे को एक-दूसरे के मॅन की बात बयान कर दी. समय ने अपने हाथ से मयूर के चेहरे पर और गाल पर हाथ फिराया. तो मयूर को अपने शरीर में करेंट सा लगा. उसने अपनी आँखें बंद कर दी, पर उसके चेहरे पर मुस्कान थी.
मयूर ने भी अपने हाथ से समय के गाल से होते हुए उसके होंठो पर हाथ घुमाया. यहा दोनो के दिल पहली बार ज़ोरो से धड़के. और दोनो के लंड खड़े हो गये. दोनो को ये नया एहसास खूब आनंद दे रहा था. देखते ही देखते समय मयूर के करीब आया और उसके गाल पर हाथ फेरते हुए उसके सिर को पकड़ा.
समय ने अपने होंठ मयूर के होंठ पर रख दिए. ऐसा करते ही मयूर के शरीर में फिरसे करेंट दौड़ गया, और उसका लंड खड़ा हो कर बाहर आने को तड़प उठा. दोनो के मूह एक-दूसरे के होंठो का रस्स पीने लगे. पहले एक-एक होंठ आपस में मिल गया, और उतनी ही देर और डोर तक अलग होते ताकि दोनो साँस ले पाए. फिर एक-दूसरे को चूमते.
धीरे-धीरे उनकी जीभ एक-दूसरे को चूमती. कुछ वक़्त तक दोनो अपनी सुध-बुध खो बैठे थे. कुछ वक़्त के बाद जब दोनो अलग हुए, उन दोनो के मूह से थूक पुर चेहरे पर लग चुका था. और दोनो ने ये जाना की सिर्फ़ मूह नि नही यहा नीचे लंड में से भी तोड़ा हल्का पानी बाहर निकल गया था, जो उनकी अंडरवेर को गीला कर चुका था.
कुछ देर अलग-अलग रहने के बाद साँस में साँस आई, और समय मयूर के पास जाके उसके बगल में उल्टा सो गया. उसने अपना एक हाथ उसके पेट के उपर रख दिया, और जब मयूर ने उसे माना नही किया, तो धीरे से वो अपना हाथ नीचे की तरफ लेता गया. एक वक़्त पर समय ने अपना हाथ मयूर के लंड पर रख दिया.
मयूर का ये पहला एहसास था, और उसने झट से आँखें बंद कर ली. ताकि वो अपने साथ होने वाले पहले-पहले एहसास को पूरी तरीके से महसूस करे. अभी तो बस समय का हाथ मयूर के लंड पर था. समय ने एक हाथ से मयूर का एक हाथ पकड़ा, और तभी उसकी और देखने लगा. मयूर ने अपनी आँखें खोली और समय को देखा.
दोनो की आँखें एक-दूसरे को देखने लगी. उसी बीच समय मुस्कुराया और दूसरे हाथ से पहले मयूर का हाथ कस्स कर पकड़ा, और फिर उसका लंड कपड़ों के उपर से दबाया. मयूर को जन्नत का एहसास हुआ. मयूर भी मुस्कुराया. फिर कुछ वक़्त तक समय ने मयूर के लंड को सहला कर दिया. उसके कुछ वक़्त बाद मयूर ने समय के लंड को पकड़ा, और उसे सहलाने लगा. समय का भी ये पहला मौका था.
कुछ देर सहलाने के बाद दोनो रुक गये. समय अपने बेड पर से उतरा, और मयूर की साइड जेया कर उसे खड़ा किया. समय ने मयूर को अपने पास खींचा, और उसकी गर्दन पर चूमने और चाटने लगा. मयूर तो जैसे अपनी सुध-बुध खो चुका था. मयूर को आनंद लेता देख समय ने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए. उपर से उसका कुर्ता उतरा.
उपर मयूर ने अब कुछ नही पहना था. उसके गले पर बँधा लॉकेट उसकी नंगी छाती की शोभा बढ़ा रहा था. उसे देख कर समय पीछे हटा और अपने आप को रोक नही पाया. फिर समय ने अपने दोनो हाथ से मयूर के दोनो चूचे दबाए, और अपनी छाप उसकी छाती पर छ्चोढी.
दर्द में मज़े का एहसास मयूर को हुआ. और उसने भी समय को देखना चाहा. मयूर ने समय का कुर्ता खींचा और उतार कर ज़मीन पर फेंक दिया. मयूर ने समय की नंगी छाती देखी. उसने समय के निपल्स और चूचों पर हाथ घुमाया और देखते देखते उसने उसके दोनो चूचों को मूह में ले लिया.
समय को मयूर का चाटना और काटना अछा लगा. उसने अपने दोनो हाथो से मयूर के सिर को पकड़ा, और और अपने निपल्स को चटवाया. कुछ देर बाद समय ने मयूर को एक जगह खड़ा रखा, और उसके पीछे जेया कर उसे पीछे से पकड़ा. उसने मयूर के पीठ पर चूमा, और साथ ही गर्दन को चूमने लगा.
मयूर समय को महसूस कर रहा था, और उसी वक़्त समय ने मयूर के पाजामे का नाडा खोला और झट से उसका पाजामा कमर से खिसका कर नीचे गिर गया. मयूर कुछ समझ पाता, उसके पहले समय ने मयूर का चेहरा अपनी तरफ किया. उसने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए, और झट से हाथ मयूर के चड्डी के अंदर डाल दिया.
मयूर का लंड समय के हाथ में था. समय ने पहले उसके लंड, गोटू, और आस-पास के अंगो को च्छुआ, और फिर मयूर का लंड कस्स कर पकड़ कर दबा दिया. दर्द से मयूर की चीख निकल गयी. किसी को सुनाई ना दे इसीलिए समय ने मयूर के मूह पर हाथ रख दिया.
मयूर को दर्द में देख समय को मज़ा आ रहा था. समय ने मयूर के लंड पकड़ कर हिलना शुरू किया. कुछ देर हिलने के बाद मयूर के मूह से आ आ की आवाज़ आने लगी, जिससे समय और उत्तेजित होने लगा.
कुछ ही देर में समय ने मयूर की चड्डी भी उतार दी, और मयूर को पूरा नंगा कर दिया.
मयूर नंगा था, इसलिए शर्मा रहा था, पर उसे समय के सामने कपड़े उतार कर मज़ा आ गया था.
कुछ देर समय मयूर के नंगे बदन को देखने के बाद उसके सामने गया. मयूर ने भी समय को गले लगाया, और नीचे से उसका पाजामा उतरा. समय चड्डी में मयूर के सामने था. मयूर ने धक्का देकर समय को बेड पर पटका, और उसकी चड्डी के उपर से उसके लंड को पकड़ कर हिलाया.
समय ने मौका देख कर मयूर के सिर को पकड़ा, और अपने लंड की और ले जाने लगा. मयूर ने भी उसका साथ दिया. उसने चड्डी के उपर से समय के लंड को सूँघा, और उसकी सुगंध से मयूर बावरा हो गया.
उसने बिना देर किया समय की चड्डी उतार दी और उसके पैरों में से उसकी चड्डी निकाल कर साइड में रख दी. समय का लंड बहुत बड़ा था. एक जवान लंड तंन के मयूर के सामने काढ़ा था. उसने उसे अपने दोनो हाथो से पकड़ा. इसके बावजूद समय का लंड मयूर के हाथो से बाहर निकल रहा था.
मयूर ने ढेरे से अपनी नाक उसके लंड पर टिकाई, और हल्की बूँदो को महसूस करके उसकी सुगंध में खो गया. धीरे से लंड को होंठो से चूमा और उपर का टोपा जीभ से चाटने लगा. धीरे-धीरे करके आधा लंड मयूर के मूह में था.
मयूर के चूसने के कारण समय की हवस बढ़ रही थी. मयूर पूरा लंड चूसने की कोशिश कर रहा था, पर समय का लंड इतना बड़ा था की मयूर उसे खुद से नही ले पाया. समय समझ गया.
इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में. अपनी प्रतिक्रिया जवानिकजोश@आउटलुक.कॉम पर भेज सकते है.