ही दोस्तों, आप सब मुझे जानते है. मैं रोहित, मैं एक गे हू, जिसे लड़कियों की तरह कपड़े पहनना, लड़कियों जैसे रहना, और उनकी तरह ही छुड़वाना बहुत पसंद है.
अभी तक आपने मेरी बहुत स्टोरीस पढ़ी है, जिसमे आपने पढ़ा होगा कैसे मेरी पहली चुदाई फार्महाउस पर मेरे किरायेदारों ने की. उसके बाद मुझे लंड की लत सी लग गयी थी. पर उनके जाने के बाद मैं अकेली सी पद गयी थी.
मुझे चूड़ने का बहुत मॅन होता था, और ऐसे ही एक दिन मैं मुंबई कुर्ला गयी थी अपने एक दोस्त के साथ उसका कुछ समान लाने.
कुर्ला स्टेशन उतरते ही मुझे बहुत ज़ोरों की मूट आई. तो मैं वहीं स्टेशन के बाहर पब्लिक टाय्लेट था, उसमे घुस गयी. अंदर गया तो 2 लड़के थे मेरी ही उमर के. वो एक-दूं से गड़बड़ा गये.
मुझे लगा वो कुछ कर रहे थे. मुझे ज़ोर की लगी थी, इसलिए मैं मूतने लगी. मैं उनको च्छूप-च्छूप के देख रही थी, तो वो मेरे से नज़रें चुराए एक-दूसरे का लंड सहला रहे थे. वो हस्स रहे थे.
फिर मैं वहाँ से बाहर निकली. मुझे पता चल गया था वो क्या करने वाले थे. मैं उस दोस्त के साथ उसका समान लेने के लिए घूमने लगा. हमने 1 घंटे तक कुर्ला घूमा, कुछ खरीदा, और फिर हम वापस स्टेशन आ रहे थे.
इतने में मेरे दोस्त को उसका एक रिलेटिव मिल गया अचानक से, और वो उससे बात करने में बिज़ी हो गया. तभी मैने देखा सामने ही वो बातरूम था जहा मैने सुबह उन लड़कों को देखा था.
मैने दोस्त से कहा मुझे बातरूम जाना था, और मैं वहाँ चला गया. मैं वहाँ गया तो वहाँ एक लड़का था जो दिखने में पतला था, बुत गोरा था, और क्लीन शेव था.
मैं उसके बगल में जेया कर खड़ी हो गयी, और मूतने लगी. वो मेरी तरफ देखने लगा, तो मैने उसको छ्होटी से स्माइल दे दी. उसको लगा शायद मैने कोई इशारा किया. मैं मूतने के बाद तोड़ा कॉर्नर में गयी, और उसकी तरफ पीठ करके, अपनी पंत नीचे करके उसको अपनी नंगी गांद दिखाई.
मेरे ऐसे करते ही वो दौड़ते हुए मेरे पीछे आया, और मेरी गांद में थप्पड़ मार के उसको दबाने लगा.
वो बोला: क्या मस्त है तू बेबी. घर चलॉगी मेरे?
मैने कहा: नही, मेरे पास उतना टाइम नही है. जो करना है यहीं कर लो आप.
मेरे इतना कहते ही उसने मेरे कान में कहा: मेरे पीछे-पीछे आओ बेबी.
फिर वो दरवाज़े से बाहर निकल गया. मैं भी उसके पीछे-पीछे चली गयी. वो दूसरी साइड जहा लेट्रीन के लिए जाते है, उस सेक्षन में घुस गया, और 5 र्स दे कर अंदर चला गया. उसने मुझे भी अंदर आने का इशारा किया.
मैं भी उसके पीछे-पीछे अंदर चली गयी. वहाँ गयी तो सब दरवाज़े बंद थे. मैं तोड़ा आयेज गयी तो एक दरवाज़े से उम्म्म अम्म्म अम्म्म की आवाज़ आ रही थी. इतने में साइड का डोर ओपन हुआ, और उस लड़के ने मुझे अंदर खींच लिया.
मेरे अंदर आते ही उसने सबसे पहले डोर बंद किया, और मैं बस अपनी शर्ट के बटन खोल रही थी. इतने में वो मेरे उपर टूट पड़ा, और मुझे किस करने लगा. मेरी शर्ट में हाथ डाल के मेरे निपल्स को दबाने लगा, मसालने लगा.
मेरे मूह से अम्म अम्म आ की आवाज़े निकल रही थी. 2 मिनिट ऐसे ही लिप्स चूसने के बाद उसने मुझे नीचे बिताया, और अपना लंड खोल कर मेरे मूह में दे दिया. मैं भी किसी भूखी शेरनी की तरह उसका लंड चूसने लगी लॉलिपोप की तरह.
लंड गीला होते ही उसने मुझे खड़ा किया, और वहीं कमोड पर घोड़ी बना दिया. जगह थोड़ी कम थी, पर ठीक थी सॉफ थी. उसने मुझे झुकाया, और नीचे बैठ कर मेरी गांद का होल चाटने लगा, और उसमे जीभ डालने लगा. मेरे मूह से मस्ती भारी आवाज़ आ रही थी.
मैं: उउंम्म अम्म्म्मम बेबी मज़ा आ रहा है बेबी अम्म.
ऐसे ही कर रही थी मैं, इतने में वो उठा, अपने लंड पर एक कॉंडम लगाया, और सीधा मेरी गांद में डालने लगा. कॉंडम की वजह से मुझे मज़ा नही आ रहा था. मैं पीछे मूडी, उसके लंड पर से कॉंडम निकाला, और उसको किस करते हुए कहा-
मैं: बेबी 6 महीनो से भूखी हू मैं. मुझे आपका पानी चाहिए.
और इतने कह कर मैं फिर से उसके सामने घोड़ी बन गयी. उसने बिना कॉंडम के लंड पर थूक लगाया, और अपना लंड मेरी गांद में पेलने लगा. बहुत दीनो से मैं चूड़ी नही थी, और उसका लंड काफ़ी मोटा और बड़ा भी था. उसका टोपा अंदर जाते ही में कूद पड़ी, और ह ह करके चिल्लाने लगी.
उसने मेरे मूह पर अपना हाथ रख दिया, और मुझे ज़ोर-ज़ोर से पकड़ कर छोड़ने लगा. मेरे मूह से अम्म अम्म अम्म ह ह की आवाज़ आ रही थी. मुझे दर्द हो रहा था, और मैं चिल्ला रही थी-
मैं: आह अहह छ्चोढो मुझे, आराम से करो आह.
पर उसका हाथ मेरी आवाज़ बाहर आने नही दे रहा था. 5 मिनिट बाद मेरा दर्द भी कम हो गया, और मुझे मज़ा आने लगा. मैं खुद कमोड से उठ कर नीचे खड़ी हो गयी, और खुद उसके लंड से चूड़ने लगी.
उसने मेरे मूह का हाथ निकाला, और मुझे मोड़ कर मेरे लिप्स पर किस करने लगा. वो मेरे निपल दबाने लगा. मेरे मूह से अभी अम्म अम्म्म अम्म की आवाज़ आ रही थी. वो बहुत खुश लग रहा था. 15 मिनिट मुझे ऐसे ही खड़े-खड़े छोड़ने के बाद उसका पानी मेरी गांद में ही गिर गया.
उसके बाद उसने मुझे एक किस की, और मैने उसको कहा: आप बाहर जाइए, मैं आती हू.
वो बाहर जाने के लिए दरवाज़ा खोलता, इतने में दरवाज़े पे कोई खड़ा था. मैं पीछे नंगी थी. हमे ऐसे देखते ही वो समझ गया. उसने दरवाज़ा खोला और अंदर आ गया. फिर मेरी गर्दन पकड़ कर दीवार से सत्ता दिया.
मैने कहा: प्लीज़ माफ़ कर दीजिए. फिर नही होगा. आप भी कर लीजिए चाहे तो.
मेरे इतना कहते ही उसने उस लड़के को बाहर निकाला, और डोर बंद कर दिया. फिर उसने मुझे नीचे बिता कर सीधे अपना लंड मेरे मूह में दिया. मैं उसका लंड आचे से चूसने लगी.
मैं खुश थी, की इतने दीनो बाद ऐसी जगह पर ही सही में चुड रही थी आचे से. मैने 2 मिनिट तक उसका लंड चूसा, और वहीं फिर से घोड़ी बन गयी. मैं कुछ बोल पाती, इतने में उस आदमी ने अपना लंड मेरी गांद में पेल दिया.
मैं पहले से ही चूड़ी हुई थी. मुझे इतना दर्द नही हो रहा था. पर तभी उसने मेरे बाल पकड़ कर मुझे पीछे खींचा, और मेरी पीठ पर काटने लगा. वो मेरी गांद पर मारने लगा.
मैं: आ ह आह मारो मत, छोड़ लो आह आह.
पर वो नही सुना. उसने 10 मिनिट मुझे वहीं छोड़ा, और अचानक दरवाज़ा खोल कर मुझे बाहर धकेल दिया, और खुद बाहर आ गया. मैने बाहर देखा तो कोई भी नही था. मैं डोर भी बंद था. टाय्लेट में बस हम दोनो थे. वो मुझे वॉशबेसिन पर ले गया, और वहाँ मिरर के सामने झुका कर मेरी गांद मारने लगा.
वहाँ 20 मिनिट छोड़ने के बाद उसने अपना सारा पानी मेरे मूह में छ्चोढ़ दिया. उसके बाद उसने जेब में हाथ डाला, 200 का नोट निकाला, और मुझे दे कर बोला-
वो: मस्त रांड़ है तू. मज़ा आया छोड़ कर तुझे. जेया कपड़े पहन ले, और जल्दी बाहर आ.
मैने जल्दी से कपड़े पहन लिए, और बाहर आई. देखा तो मेरा दोस्त अभी भी उसके रिलेटिव से बात ही कर रहा था. मैं बातरूम में पिछले 40-50 मिनिट से छुड़वा रही थी.
मैने शूकर मनाया उसको इस बात का पता नही चला, और फिर उसके पास जेया कर वहाँ से हम निकल गये. वैसे आपको मेरी ये गे सेक्स स्टोरी कैसे लगी ज़रूर बताना.