मेरे प्यारे दोस्तो.. मेरा नाम सुमित शर्मा है। मैं दिल्ली से हूँ ओर सेल्स मार्केटिंग में जॉब करता हूँ।
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और ये मेरी दूसरी कहानी है। मैं आज आपके लिए एक जबरदस्त सच्ची कहानी लेकर आया हूँ।
मैं तब 19 साल का था और एक स्कूल में पार्ट टाइम जॉब करता था, मेरे जिम्मे ऑफिस मैंनेजमेंट का काम था। मेरे काम से सर
इतने खुश थे कि कई बार तो वो कई-कई दिन स्कूल भी नहीं आते थे क्योंकि उनका स्कूल के अलावा और भी कई बिजनेस थे।
स्कूल की मैडम पसंद आ गई
आपको पता है कि स्कूल में मैडम कितनी खूबसूरत होती हैं। वैसे तो मेरा दिल हर एक मैडम पर ही था.. वो सबसे अलग थी, उसका हर
एक पहरावा उस पर खूब जंचता था, उसका नाम आरती था।
दोस्तो, मैंने उसे जब पहली बार देखा तो बस देखता रह गया। उसकी क्या फिगर थी.. उसकी उम्र 28 साल की थी। वो एक शादीशुदा
थी.. पर उसका बदन क्या कमाल था, कोई भी देखे तो बस देखता ही रहे।
उसके बदन का नाप 36-32-38 का था।
हम अक्सर लंच साथ ही करते थे।
एक दिन मुझे बातों में पता चला कि वो अपने पति से खुश नहीं है। वो इस बात को करते-करते रोने लगी।
मैंने उसे संभाला और फिर वो वापिस क्लास में चली गई।
एक रोज़ जब मैं स्कूल पहुँचा तो सर का कॉल आया कि आज वो नहीं आएंगे।
अक्सर जब सर नहीं आते थे.. तो उनके रूम की साफ-सफाई भी मैं अपने सामने ही करवाता था।
मैडम को ऑफिस में बुलवाया
उस दिन मेरे दिमाग में कुछ सूझा और मैंने आरती का क्लास शेड्यूल देखा।
उसके 2 पीरियड फ्री थे.. तो मैंने 3 पीरियड एड्जस्ट करके किसी और टीचर के लगवा दिए.. ताकि मुझे आरती के साथ ज़्यादा टाइम
मिल जाए।
मैंने आरती को बुलवाया और कहा- सर बुला रहे हैं।
मैंने सर के रूम में एसी ऑन कर दिया।
जब आरती आई.. तब तक रूम चिल्ड हो चुका था।
आरती ने पूछा- सर कहाँ हैं?
तो मैंने उससे कहा- मैंने ही तुमको बुलवाया है.. मुझे कुछ काम है।
मैंने अन्दर से ऑफिस का गेट बंद कर लिया।
उसने कहा- बोलो क्या काम है?
मैडम भी प्यासी थी
तभी मैंने उसके लाल-लाल होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
वो मस्त हो गई.. भी मेरा साथ देने लगी, वो तो मुझे ऐसे चूम रही थी.. जैसे जाने कितने दिन से प्यासी हो।
हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे।
फिर मैं उसके चिकने और एकदम गोरे मम्मों को साड़ी के ऊपर से ही दबाने लगा।
वो अब धीरे-धीरे गर्म हो रही थी और ‘आआहह आ आआ आह आहहह.. आईई आ आआ आह आहहह.. आईई उह’ जैसी आवाजें निकाल
रही थी।
तभी उसने मुझे रोका और कहा- ये सब ठीक नहीं है.. किसी को पता चल गया तो मैं मुँह दिखाने के क़ाबिल नहीं रहूँगी।
मैंने उसे प्यार से समझाया- यहाँ कोई नहीं आएगा और ये बात ना तो तुम किसी को बताओगी.. ना ही मैं किसी को बताऊँगा.. तो किसी
को कुछ पता नहीं चलेगा।
एक बार फिर से मैंने उसके लाल और मुलायम होंठों पर अपने होंठ रख दिए और रसपान करने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी।
उसके बाद हम दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े उतारे।
उसने मुझे अपनी बाँहों में कसकर पकड़ लिया। फिर मैंने उसे अपनी बाँहों में उठाकर टेबल पर लिटा दिया।