मैडम को प्रिंसीपल ऑफिस में चोद दिया

मैंने भरपूर नज़रों से उसे देखा.. वो वाक़यी जबरदस्त बदन की मालकिन थी।
मैं अपने हाथ से उसकी नर्म और गोरी चूचियाँ दबाने लगा। मैं एक चूची चूस रहा था और दूसरी को अपने हाथों से मसल रहा था ओर

वो ‘अअआ आआ आहहहह..’ कर रही थी।

लंड चुसाई
मैंने उसको अपना लंड पकड़ाया और उसने भी बिना देर किए एकदम से मेरे सुपारे को चाटना शुरू कर दिया। फिर उसके बाद अपना मुँह

खोलकर पूरे लण्ड को चूसने लगी।

मैं उसके बालों में हाथ फिराते हुए कभी उसके होंठों पर चूमता.. तो कभी उसकी चूचियों को काटता और चूसता रहा।

तभी मैंने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डाल दीं.. तो उसने चिहुँक कर अपनी आँखें खोल दीं और

एक ज़ोर की सीत्कार के साथ फिर से अपनी आँखें बंद कर लीं।

क़रीब दस मिनट तक चूसने के बाद हम दोनों 69 की अवस्था में लेट गए। वो मेरा लंड चूसे जा रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा

था।

क्या स्वाद था दोस्तों मज़ा आ गया..! मैंने आज तक उसके जैसी चूत नहीं चाटी थी, चूत में से कोई मस्त खुशबू आ रही थी, मस्त

फ्लेवर की कोई क्रीम लगाई हुई थी..

फिर वो कहने लगी- अब जल्दी से मुझे चोदो.. मुझसे और सहन नहीं होता।

तो मैंने बिना देर किए उसे फर्श पर लिटाया और उसकी चूत पर अपने लंड का सुपारा रगड़ने लगा।
वो कहने लगी- प्लीज़ जल्दी अन्दर डाल दो ना..!

पर मैं तो अपना सुपारा रगड़े जा रहा था.. क्योंकि लड़की को जितना अधिक तड़पाओगे उसे उतना ही मज़ा आएगा।
खैर.. फिर मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और अपना लम्बा लंड उसकी चूत में तीन धक्कों में घुसा दिया।

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वो चीखने-चिल्लाने लगी और कहने लगी- ओह.. माँ मर गई.. जल्दी बाहर निकालो इसे.. नहीं तो मेरी जान निकल जाएगी।
शायद उसका पति उसे बहुत कम चोदता था या फिर उसका लंड बहुत छोटा था।

मैंने थोड़ी देर रुकना ठीक समझा। कुछ ही पलों के बाद जब वो अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर धक्के देने लगी.. तो मैं समझ गया कि

उसका दर्द कम हो गया है।

लम्बी चुदाई के बाद उसने कहा- उसका होने वाला है।
तो मैंने स्पीड तेज़ कर दी।

तभी वह चिल्ला उठी- आ.. आआ.. आहहहह… मैं गई.. और तेज़ करो..!
उसने मुझे अपनी बांहों में ऐसे कसा मानो जन्मों की प्यास मिट गई हो।

मैं रुका नहीं.. मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा।
मैं उसके पीछे आ गया और पूरी ताक़त से धक्का लगाया तो वह कहने लगी- प्लीज़..धीरे करो.. दर्द हो रहा है..!
पर मैं रुका नहीं और लगातार धक्के मारता गया.. साथ ही उसकी मस्त चूचियों को भी दबाता जा रहा था।

थोड़ी देर के बाद वह कहने लगी- अब मुझे छोड़ दो.. मेरी चूत में जलन हो रही है।
शायद उसने पहले इतना अधिक कभी किया नहीं था।

मैंने उससे कहा- पर मेरा अभी तक नहीं हुआ है।
तो उसने कहा- मैं मुँह से कर देती हूँ।
मैंने कहा- आज गाण्ड ही मरवा लो..

अगर आज करवा लिया तो इतना नशा होगा गाण्ड मरवाने का.. कि घर पर भी बुलवाया करोगी।
अब मैंने अपने एक हाथ से उसकी चूत में भी दो उंगलियाँ घुसा दीं और दूसरे हाथ से उसकी चूची दबाने लगा, धीरे से लौड़ा उसकी

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