मा ने सोम्पी अपनी चूत बेटे को

पिछले पार्ट ज़रूर पढ़े तब ही आपको कहानी का भरपूर मज़ा आएगा.

अब आयेज की कहानी…

मों: देख बेटा, मैं तुम्हे अपनी छूट सोम्प रही हूँ, पर तू प्रॉमिस कर की इसमे तू आज अपना लंड नही डालेगा. थकान की वजह से अगर मैं सो जाती हूँ, तब भी तू मुझे नही छोड़ेगा, क्यूंकी जो अगर तूने आज ऐसा कुछ किया, तो तुझे तेरी मों की छूट शायद मिल जाएगी, पर तू हमेशा अपनी मों का भरोसा खो बेथेगा, हुमारा रिश्ता आज यही ख़तम हो जाएगा.

मे: ओक मों,मई प्रॉमिस करता हूँ की तेरी पर्मिशन के बागेर तेरी चूत मे मे लंड नही डालूँगा.

मों: तो तुम्हे अभी भी मुझसे पर्मिशन की उम्मीद हैं?

मे: एस मों, आप ज़िद्दी टीचर हो, तो मे भी आपका ही बेटा हूँ.

मों: ह्म, मेरा अछा ज़िद्दी बचा. चल अब अपनी मों की ठंड को डोर भगा, चल.

ये सुन कर मैने कुछ ही देर मैं मों को पूरा नंगा कर दिया, और खुद भी नंगा हो गया. मिशनरी पोज़िशन मे मों के उपर लेटकर उन्हे किस करने लगा, बाद मे उनके बूब्स को भी मूह मे लेकर चूसा, मों ने माना नही किया. मज़ा आ गया, आज मों को एंजाय करने मे.

फिर मैं मों की छूट के उपर से उसके छूट के दाने को सहलाने लगा और मों मोन कर रही थी. मॅन किया की अंदर डाल डू लेकिन फिर सोचा की कल मिलने ही वाली हैं तो तोड़ा सबर रखा जाए.

मों का हाथ पकड़ कर मैने अपने लंड पे रखा, तो मों ने उसे हटा दिया.

मे: मेरा लंड, तुम्हारे हाथ मे ही दे रहा हूँ मों, तुम्हारी छूट मे नही. प्लीज़, ले लो इसे.

और इस बार जब मों का हाथ लंड पे रखा तो उसने उसे हल्के से पकड़ा. और हिलने लगी, कुछ ही देर मे मेरा लंड मों के हाथो मे खड़ा होगआया.

मे: एक बात पूचु मों, सच बताना?

मों: पूछ.

मे: मेरे लंड का साइज़ पापा के मुकाबले कैसा हैं?

मों: क्या करेगा जानकार?

मे: बस ऐसे ही मों, बताओ ना प्लीज़.

मों: ओक. तेरा साइज़ तेरे पापा से ज़्यादा हैं, करीबन डबल हैं, और मोटा भी हैं. पर में सॅटिस्फाइड हूँ.

मे: वो तो दिख ही रहा हैं, की तुम कितनी सॅटिस्फाइड हो. एक बार मेरा मोटा लंड लेकर देखो, फिर तुम्हे पता चलेगा की असली सॅटिस्फॅक्षन कैसा होता हैं.

मों: तू फिर शुरू हो गया.

मे: सॉरी मों.

और मे अपने लंड को मों की छूट के उपर से रगड़ने लगा, मों मौन कर रही थी. मैने अपनी स्पीड को तोड़ा तेज़ किया.

मों: आ…आ…आ. ओह बेटा… मेरी ब्रा को भी हटा दे. (मैने ब्रा को हटाकर उसे दबाने लगा, तो मों ने मेरे सिर को दबाकर अपने निपल पे रखा)

मों: मेरी छूट और गांद मरने के अलावा, आज तुझे सब की इज़ाज़त हैं.

और में मों के बòअबेस और उसके निपल को बारी बारी चूसने लगा. कभी रिघ्त वाला, तो कभी लेफ्ट वाला. साथ मे ही अपने हाथ से मों की छूट मसालने लगा. मों भी अपने हाथो से पकड़ के मेरे लंड को अपने छूट के उपर रगड़ने लगी.

मे: मों. लाइट ओं करू क्या ? दीं लाइट
में इतना मज़ा नही आ रहा.

मों: नही बेटा, इस हालत में नही, मुझे शर्म आएगी.

मे: प्लीज़ मों, मुझे तुम्हे पूरा नंगा देखना हैं. की सेक्स की देवी बिना कपड़ो के कैसी लगती हैं.

मों: नही बेटा, अभी तू सिर्फ़ मुझे गर्मी देने पे कॉन्सेंट्रेट कर.

मे: ओक मों.

और फिर मैने मों को खूब दबाया. मों की बॉडी का एक भी हिस्सा ऐसा नही होगा, जिसे मैने मसाला ना हो. मों को झाम कर किस्सिंग की. उसके बूब्स भी मस्त दबाए, झंकार चूसे. इन शॉर्ट मों की छूट को छोड़ने के अलावा, सब कुछ किया. और कुछ देर बाद मों ठंडी हो गयी, उनकी छूट ने पानी छोड़ दिया.

मों: आ…आ…आ…मेरा निकल गया बेटा, और मेरी ठंड भी दूर हो गयी. तू आज नही होता, तो मे आज ठंड के मारे मार ही जाती.

मे: ह्म…आपका तो पानी निकल गया, अब मेरा क्या..? (मैने मों के हाथो मे अपना खड़ा लंड थमा दिया, और मों इशारा समझ गयी)

मों: बदमाश…चल ठीक हैं. अब तू नीचे आजा.

मुझे नीचे सुलकर, मों ने अपने मोबाइल मे टाइम देखा, तो पापा के आने का टाइम हो गया था. तो मों ने पापा को कॉल करके बाज़ार से कुछ समान लाने को कहा, जिससे ह्यूम ज़्यादा टाइम मिल सके.

मे: तांकष मों.

मों: नही बेटा थॅंक्स तो योउ. और मों ने अपने हाथो से, मेरे लंड को हिलना शुरू किया. वो लंड को उपर नीचे कर रही थी, तो मैं जैसे स्वर्ग मे पहुच गया.

मों: जल्दी निकल बेटा, तेरे पापा आते ही होगे. (मैने मों के रूम मे आने से जस्ट पहले ही अपना पानी हिलाके निकाला, तो अभी देर से ही निकालने का था)

मे: मों, इसमे मैं क्या कर सकता हूँ?

मों: जल्दी निकल, वरना छोड़, मे जाती हूँ.

मे: ये चीटिंग हैं मों, मैने तुम्हारा निकाला ना, तो अब तुम्हे भी मेरा निकलना चाहिए.

फिर मैने मों को टॉनटिंग करते हुए कहा, “क्या मों, मुझे तो लगा की तुम तो आचे अछो का पानी निकल देती होगी, और तुम यहा अपने लड़के से हार गई.”

ये सुनकर मों ने मेरा लंड हिलना बंद कर दिया. मुझे लगा की मों नाराज़ हो गई, और अब वो ऐसे ही चली जाएगी. पर मेरी धारणा के विरुद्ध, मेरे लंड पे कुछ गीला गीला महसूस हुआ, और मे कुछ समझ पौ, उससे पहले मेरा आधे से ज़्यादा लंड जैसे निगल सा गया. तब मुझे एहसास हुआ, की मों ने अपने मूह मे मेरा लंड लिया हैं.

मैं तो जैसे सातवे आसमान मे उड़ने लगा. मों फटाफट मेरे लंड को अपने मूह के अंदर बाहर करने लगी. मेरा लंड भी अब चरम सीमा तक पहुच गया था. मों अपने मूह से मेरा लंड बाहर निकालने वाली थी (शायद, मुझे ये बताने की मेरे लंड का पानी मे बाहर निकालु, पर मेरा प्लान कुछ और ही था.)

मे: अरे चूसो ना मेरी जान, अभी बहुत टाइम हैं.

और मैने मों के बालो को पकड़ कर, उसके मूह को छोड़ने लगा. और मों को कुछ पता चले, उससे पहले मैने अपने लंड की तेज़ धार मों के गले मे अंदर उत्ारदी. मों तोड़ा चटपताई, पर मैने उसके सिर को अपने लंड के उपर दबाए रखा, और अपना पानी उसे पिलाने लगा. जो मों को मजबूरन निगलना पापा.

मों खाँसी सा करते हुए, अपने मूह को हटाने के लिए ट्राइ कर रही थी, पर मैने एक भी चान्स ना देते हुए अपने लंड की लास्ट ड्रॉप तक मों के मूह मे डाल दी. और उनके सिर को फ्री कर दिया.

मों: (गुस्से मे) नालयक, कुत्ते, हरामी, ये क्या किया तूने? मेरे मूह मे क्यू निकाला?

मे: तो तुमने कब बोला, की बाहर निकलना हैं. मुझे लगा की तुम्हे पीना पसंद होगा, जिसके चलते तूने मेरा लंड अपने मूह मे लिया.

मों: वो तो तेरे पापा के आने का टाइम हो गया था, और तेरा निकल नही रहा था, इसलिए ये चीज़ ट्राइ किया.

मे: तो तुम्हे पहले बोलना था ना…

मों: तो हरामी, तूने बोलने का मौका ही कब दिया? कब से अपने लंड पे मेरे सिर को दबाए रखे था.

मे: अब जो हो गया, सो हो गया.

मों: क्या, सो हो गया…? मुझे लगता हैं की अपनी छूट नही दी, इसका तूने ये बदला लिया. (और मों अपने कपड़े पहनने लगी)

मे: नही मों, ऐसा बिल्कुल नही, बस हो गया यार. वैसे भी तुम्हे अछा लगा ना मेरा लंड चूसना.

मों: (कुछ रिप्लाइ नही किया)

मे: मुझे पता हैं की तुम्हे लंड मूह मे लेने की बहुत इचा थी?

मों: और तुम्हे कैसे पता लगा?

मे: उस दिन थियेटर मे जब वो लड़की ने उस लड़के का लंड चूसना चालू किया, तो तुम अपने होंठो को दबा रही थी. तब मुझे लगा की तुम मूह मे लंड लेना मिस कर रही हो.

मों: (अपना सिर झुका लिया) इसका मतलब ये तो नही की अपनी मों के मूह मे ही झाड़ जाओ.(मों ने लाइट ओं कर दी, और वॉशरूम जाने लगी)

मे: (उसका हाथ पकड़ कर, बेड पे वापस खिचते हुए) पिछली बार तुमने कब किसिका पानी पिया था, मों?

मों: अपनी शादी से पहले, मेरे ब्फ का.

मे: तो आज वो दिन की यादें ताज़ा हुई की नही ?

मों: वो तो हुई. पर तुझे ऐसे ज़बरदस्ती करके नही पिलाना चाहिए था.

मे: ठीक हैं, अगली बार प्यार से पिलौँगा.

मों: (मुझे धक्का देकर जाते हुए) अपने सपने मे.

मे: अगर सपने मे पानी निकलना ही हो, तो तुम्हारे मूह के बजाए तुम्हारी छूट मे ही निकालूँगा ना.

मों: तू पागल हो गया हैं. अब ये जल्दी सब ठीक कर, पापा आ रहे होंगे. अगर उन्हे पता चला की उनकी आब्सेन्स में ये सब रास लीला चल रही हैं, तो हम दोनो की खैर नही. में वॉशरूम होकर आती हूँ.

उसके बाद पापा आ गये, हम खाना खाकर अपने अपने रूम मे सोने चले गये.

डाइनिंग टेबल पर मों को पानी का ग्लास दिखाकर पीने का इशारा करके उसे छिड़ा रहा था, और वो मूज़े प्यार वेल गुस्से से देख रही थी.

फिर हम अपने अपने रूम मे चले गये, सोने के लिए.

मैं कल के लिए सूपर एग्ज़ाइटेड था, क्यूंकी कल मुझे मैं चीज़ मिलनेवाली थी: मा की छूट.

तो मिलते हैं, अगले पार्ट में, जहा असली खेल होने वाला हैं.

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