मा ने बेटे को दिखाए अपने सेक्सी जिस्म के जलवे

ही मेरा नाम अमन है, आंड ये मेरी पहली स्टोरी है, जो एक साल पहले हुई थी. मेरी उमर 20 साल है, आंड मेरी मों की उमर 42 है. पर वो लगती 35 साल की है. उनका फिगर 36-30-38 है, और वो काफ़ी मस्त दिखती है. फिगर ऐसा की कोई भी फिसल जाए उनपे.

ये पहला पार्ट है मेरी स्टोरी का. तो स्टोरी शुरू करते है अब.

दे 1:-

आक्च्युयली 15 दिन के लिए दाद इंडिया से बाहर चले जाते है अपने बिज़्नेस के लिए. तो मैं आंड मों घर पे होते है अकेले. मेरी भी छुट्टियाँ पड़ी होती है कॉलेज की, तो मैं भी घर ही होता हू. 7 दिन ऐसे ही निकल जाते है. एक दिन हम लंच कर रहे होते है, और बातें कर रहे होते है. तभी मों पूछती है-

मों: तेरी कोई गफ़ है?

मैं बोलता हू: नही, मेरी कोई गफ़ नही है.

तो मों बोलती है: क्यूँ, तेरी आगे में तो आज कल सब की बन जाती है.

फिर मैं बोलता हू: कोई मिली नही मुझे अची सी.

तो मों हस्स के बोलती है: तो तुझे मेरी जैसी कोई मिली नही.

फिर मैं बोलता हू: हा वही.

और फिर हम दोनो हासणे लगते है. फिर मों टेबल के नीचे मेरे पैरों पे अपना पैर लगती है. पर मैं पैर पीछे कर लेता हू.

तो मों बोलती है: ग़लती से लग गया.

मुझे तोड़ा अजीब लगता है, और मैं बोलता हू: कोई नही.

फिर शाम के टाइम छाई बनाते समय हम दोनो किचन में होते है. वो मुझसे बातें करते हुए स्लॅब पे हाथ के बाल झुक के खड़ी होके मुझसे बातें कर रही होती. मुझे उनका क्लीवेज दिख रहा होता है. तो मैं देख के आँखें घुमा लेता हू.

पर मेरी आँखें वही जेया रही होती है. शायद मों ये देख लेती है. फिर वो मुझे हग करती है. ज़िंदगी में पहली बार मुझे उनका हग तोड़ा अजीब लगता है, जिसमे वो अपनी बॉडी को मेरी बॉडी से प्रेस कर रही थी, ऐसा मुझे लगता है.

फिर रात होती है, और मैं अपने रूम में इस बात को सोच रहा होता हू. मैं सोचते-सोचते सो जाता हू.

दे 2:-

दूसरे दिन ऐसे ही जाता हू. वो खुले-खुले कपड़े पहने होती है, और मुझे टीज़ करती है अपनी हरकटो से. जैसे बातें करते हुए अपने होंठ दबाना. गफ़ नही है तेरी अब तक उन बातों पे टीज़ करना. बार-बार काम करते हुए मेरे आयेज झुक जाना. बार:बार अपनी क्लीवेज दिखना. ईवन आज तो उन्होने ब्रा भी नही पहनी थी त-शर्ट के अंदर.

वो 3-4 बारी मुझसे हग करती है. हर बार हग के बहाने वो अपनी बॉडी को प्रेस करती है मेरी बॉडी से, और मुझे हग के बाद थोड़ी स्माइल देती है, जैसे वो मेरे साथ शैतानी कर रही हो.

रात को हम डिन्नर कर रहे होते है. तो डाइनिंग टेबल के नीचे से वो मुझे बार-बार मेरे पैरों पे अपने पैरों से टच करती है. मैं इस बारी कुछ नही बोलता. तो वो इसे बार-बार करती है.

फिर रात होती है, और मैं अपने रूम में इस बात को सोच रहा होता हू. मैं सोचते-सोचते सो जाता हू.

दे 2:-

दूसरे दिन ऐसे ही जाता हू. वो खुले-खुले कपड़े पहने होती है, और मुझे टीज़ करती है अपनी हरकटो से. जैसे बातें करते हुए अपने होंठ दबाना. गफ़ नही है तेरी अब तक उन बातों पे टीज़ करना. बार-बार काम करते हुए मेरे आयेज झुक जाना. बार:बार अपनी क्लीवेज दिखना. ईवन आज तो उन्होने ब्रा भी नही पहनी थी त-शर्ट के अंदर.

वो 3-4 बारी मुझसे हग करती है. हर बार हग के बहाने वो अपनी बॉडी को प्रेस करती है मेरी बॉडी से, और मुझे हग के बाद थोड़ी स्माइल देती है, जैसे वो मेरे साथ शैतानी कर रही हो.

रात को हम डिन्नर कर रहे होते है. तो डाइनिंग टेबल के नीचे से वो मुझे बार-बार मेरे पैरों पे अपने पैरों से टच करती है. मैं इस बारी कुछ नही बोलता. तो वो इसे बार-बार करती है.वो मेरी तरफ देख रही होती है स्माइल करते हुए. शायद उन्हे पता होता है मैं ये चीज़े नोटीस कर रहा था. फिर रात को हम दोनो अपने-अपने रूम में होते है. मैं ये सब जो हो रहा था, उसको सोचता हू, आंड तोड़ा एग्ज़ाइटेड हो जाता हू.

मुझे लगता है दाद नही थे घर पे, तो शायद वो उनके टच को मिस कर रही थी. इसलिए ये सब कर रही थी. इसलिए तोड़ा लाइट्ली लेता हू चीज़ो को. शायद ये मेरी ग़लती थी, की मैने चीज़ो को लाइट्ली लिया, जो मुझे बाद में पता चलती है. फिर इस तरह मैं सो जाता हू.

दे 3:-

मैं रोज़ लगभग 9-10 बजे सुबा उठता था, तो आज भी करीब मैं 10 बजे उठा. कल रात मैं सब सोचता-सोचता बिना गाते लॉक किए ही सो गया था. गाते ज़रा सा ओपन था, जो मुझे अब ध्यान आया था.

फिर जैसे ही मैं उठने लगा, तो देखा बेड के कोने पे पिल्लो की साइड में एक लाइनाये पड़ी थी ब्रा आंड पनटी. अब कुछ सोचने की ज़रूरत ही नही थी. समझ आ चुका था की ये लाइनाये किसकी थी.

फिर मुझे लगा गाते ओपन था तो मों ही रख के गयी होंगी चुप-छाप इसे यहा. फिर मेरे माइंड में ये चीज़े घूमने लगी, और कब मैने उनकी ब्रा-पनटी को अपने हाथो में ले लिया, पता ही नही चला. काफ़ी मस्त थी, और पहली बार मैं उनके लिए सोचने लगा की क्या मस्त ब्रा पनटी पहनती थी मों.

फिगर तो बढ़िया था ही मों का, ये तो मुझे पता था. फिर मैं ये सब सोचने लगा. शायद इस पॉइंट से मैं उनके बारे में अलग तरह से सोचने लगा था.

फिर ये सब होने के बाद मैं ब्रा पनटी को अपने पिल्लो के नीचे रख के अपने ही रूम में नहा धो के बाहर गया, तो देखा मों किचन में काम कर रही थी. मुझे देखते ही उन्होने मुझे देविल स्माइल दी. मैं उन्हे देखने लगा.

शायद वो समझ गयी थी, की मुझे मिल गया था, जो वो मेरे रूम में रख के आई थी. वो पूच रही थी-

मों: कुछ मिला तुझे रूम में आज अपने?

मैं तोड़ा ब्लश करने लगा, तो वो समझ गयी थी की मैने देख लिया था, और हासणे लगी. शायद मैं अब उन्हे अलग तरह से देख रहा था. फिर थोड़ी देर किचन में काम करने के बाद वो बोली-

मों: मैं अपने रूम में नहाने जेया रही हू. अगर तुझे ब्रेकफास्ट करना हो तो तेरा बना डू पहले?

मैं बोला: नही आप नहा लो. फिर दोनो साथ में ब्रेकफास्ट कर लेंगे.

वो ओके बोल के नहाने चली गयी. फिर लगभग 15 मिनिट बाद उनकी आवाज़ आई, की इधर आ. मैं गया तो देखा वो बातरूम में थी अपने रूम के.

वो बोली: मैं ग़लती से बेड पे कपड़े भूल गयी अपने. तू पकड़ा दे.

तोड़ा सा हाथ बाहर करके बातरूम से वो बोल रही थी. मैं सोचा ऐसा पहले कभी तो नही हुआ. पर फिर मैं बोला-

मैं: ठीक है, देता हू.

मैने जैसे उनके बेड से लोवर आंड त-शर्ट उठाई देने को, तो देखा वाहा उसके नीचे ही ब्रा-पनटी पड़ी थी उनकी. मुझे तोड़ा फील सा लगा अपनी बॉडी में. मैने उनकी लोवर आंड त-शर्ट दे दी उनको, तो वो उसको अंदर लेते ही बोली-

मों: रुक, मेरे इननेरवेार भी वही पड़े है. उन्हे भी तो दे.

तो मैं तोड़ा रुक के बोला: देता हू.

फिर मैने दूसरी बार उनकी ब्रा पनटी उठाई, और उसे उनको दिया. गाते के कोने से मैं खुद ही अपनी मों को उनकी पनटी दे रहा था. शायद मेरी फीलिंग्स बढ़ा रही थी ये सब चीज़े, आंड उनकी तरफ मेरी सोच को बदलने का काम भी कर रही थी ये सब चीज़े, जो हो रही थी.

फिर मैं बाहर गया. थोड़ी देर बाद मों आई, ब्रेकफास्ट बनाया, आंड हम दोनो ब्रेकफास्ट कर रहे थे, और दोनो एक-दूसरे को शायद लस्ट की निगाह से ही देख रहे थे. फिर मुझे लगा वो अपने पैरों से मेरे पैरों को टच करेंगी, पर वो चीज़ नही हुई थी.

उसके बाद पुर दिन वही चलता रहा. मेरे सामने झुक के क्लीवेज दिखना. हग के बहाने मुझे टीज़ करना. बातें करते हुए अपने होंठ दबाना. शायद वो मुझे पागल कर रही थी. अब बूब्स को दबाना.

ईवन आज तो वो मेरे सामने पूरी झुकने लगी, की वो कोई समान उठा रही थी. मेरे डिक से उनकी आस लग रही थी पुर डॉगी स्टाइल की तरह. ये करके मेरे अंदर आग लगा रही थी. फिर डिन्नर करते हुए टाइम वो बोली-

मों: जब तेरे कॉलेज खुलेंगे, तो कोई गफ़ बनाएगा?

तो मैने भी टीज़ करते हुए उन्हे बोल दिया: सोच रहा हू की तुम्हे ही अपनी गफ़ बना लू.

तो मों बोली: चल हॅट शैतान.

आंड दोनो फिर हासणे लगे, और फिर वो रोज़ की तरह रात को अपने पैरों से मेरे पैरों को टच करने लगी. मुझे हरकत सी होने लग गयी थी अब उनके हर एक टच से. फिर रात को मैं ये सब सोचने लगा था की मों मुझे फुल लाइन दे रही थी. मुझे लगता नही था वो ऐसे मान जाएँगी. अब तो मैं उनके लिए सोचने लगा था फुल. फिर इस तरह मैं सो गया. आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में.

यह कहानी भी पड़े  एक रात की कहानी पार्ट - 2


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