मा ने बेटे के लंड से बुझाई अपनी प्यास

ये कहानी का 2न्ड पार्ट है. अगर पिछला पार्ट नही पढ़ा है तो यहा पढ़ ले: मैं हुई बेटे के लंड की दीवानी-1

सो इससे पहले पार्ट में आप सब ने पढ़ा की कैसे मुझे अपने बेटे और उसकी गफ़ की चुदाई की आवाज़ सुनने मिली. फिर जब मैने उन दोनो को सेक्स करते हुए देखा, ख़ास कर जिस तरह रोहन अंकिता को छोड़ रहा था. ये देख के मुझसे कंट्रोल नही हुआ.

मैने बहुत कोशिश की, पर कुछ ही दिन में मेरी नीयत खराब हो ही गयी. और मैं अपनी बेटे से चूड़ने के लिए तड़प रही थी. फिर एक रात उसके रूम में जाके उसको बातों में उलझा के उसकी जाँघ को सहलाने लगी थी. अब आगे सुनिए-

अगली सुबा मैं रोहन को नींद से उठाने गयी, तो मैं शॉक्ड हो गयी. मुझे रोहन का मॉर्निंग वुड दिखा. हालाकी ये पहली बार नही था, और पहले भी काई बार मुझे ये दिखा था.

हर बार मैं ये सोच कर मुस्कुराती थी की मेरे बेटे की सेक्षुयल हेल्त बहुत ही अची थी. पर इस बार बात अलग थी. इससे पहले मैं कभी भी अपनी बेटे को हवस भारी नज़रो से नही देखती थी. पर अब देखने लग गयी थी.

इस बार मैं अपने बेटे से छुड़वाने के लिए तड़प रही थी. उसकी पंत में टेंट बना हुआ था. बिकॉज़ वो सोते वक़्त अंडरवेर नही पहनता था, सिर्फ़ बॉक्सर पहनता था. मेरी हार्ट बीट तेज़ हो चुकी थी.

फिर मैने धीरे से रोहन को धक्का दिया, ये देखने के लिए की उसकी नींद आसानी से खुलेगी की नही. मेरा लक अछा था, और उसने कोई हलचल नही की. मुझे लगा की शायद कल देर रात तक स्टडी कर रहा था, तो मुझे तोड़ा कॉन्फिडेन्स मिला, और मैने उसके लंड को च्छुआ उसके बॉक्सर के उपर से.

एग्ज़ाइट्मेंट से मैं काँप रही थी. मैने आचे से उसका लंड अपने हाथो में पकड़ा. मुझसे रहा नही गया, और मैने उसकी पंत से लंड बाहर निकाल लिया, और उसको धीरे-धीरे सहलाने लगी. उसका लंड बहुत गरम था, लगभग 6 इंच लंबा और बहुत मोटा था. और काफ़ी डार्क भी था, जो मुझे बहुत पसंद है.

मैने एक बार और चेक किया, की रोहन सो रहा था की नही. कन्फर्म होने के बाद मैने अपनी जीभ से लंड के टॉप को हल्का सा लीक किया. मेरी हार्ट बीट इतनी तेज़ हो चुकी थी, और मेरा पूरा शरीर काँप रहा था.

एक अजीब सी स्मेल आ रही थी. ये स्मेल मुझे सुभाष का लंड चूस्टे वक़्त भी मिलती थी. पर रोहन की स्मेल बहुत स्ट्रॉंग थी, जो मुझे मोहित कर रही थी. फिर मैं आचे से लंड के टॉप को लीक करने लगी. मैने उसके पुर लंड को नीचे से उपर तक आचे से लीक किया.

फिर मैने उसका लंड अपने मूह में डाला ही था, की रोहन सिसकारियाँ लेने लगा, और मैं काफ़ी दर्र गयी. मैं लंड कुछ भी करके पंत के अंदर डाल के वाहा से निकल आई सीधा किचन में.

पानी पीक थोड़ी आचे से लंबी-लंबी साँस लेने के बाद मैं नॉर्मल हुई. तब जाके मुझे पता चला की मेरी छूट में बाद आ चुकी थी. तभी सुभाष रूम से बाहर आया, और मैं डोर की तरफ जाने लगा नेवस्पपर लेने.

फिर वो रूम में चला गया, बेडरूम से अटॅच्ड बातरूम था. मैने फिर घड़ी में देखा तो 6:30 बाज चुके थे. मैं फिर ब्रेकफास्ट बनाने लगी. कुछ देर बाद मैने फ्रिड्ज से दूध निकाल कर ओवेन में चढ़ाया ही था, की रोहन ने आके मुझे पीछे से हग किया, और गुड मॉर्निंग विश किया.

मैं: गुड मॉर्निंग हनी. इतनी जल्दी उठ गया तू आज? वो भी बिना जगाए.

रोहन: हा, एक बहुत ही अछा सपना देख रहा था. पर टूट गया तो नींद खुल गयी.

मैं: अछा? सपने में भी अंकिता को प्यार कर रहा था क्या?

रोहन: मम्मी अब आप सुबा-सुबा मुझे टीज़ करना शुरू मत करो.

मैं मॅन ही मॅन सोच रही थी की मुझे रोहन का लंड फील क्यूँ नही हो रहा था? उसने मास्टरबेट कर लिया था क्या? कही मैं पकड़ी तो नही गयी थी?

मैं: मूह धो लिया तूने?

रोहन: नही, सोचा की पहले आप से मिल लू.

ये बोल के उसने मेरे गाल पे किस किया. अब ये चीज़े हमारे बीच में नॉर्मल थी. पर फिर भी मुझे आज कुछ अलग सा लग रहा था.

मैं: मिल लिया ना? अब जाके मूह धो ले. नही तो ब्रेकफास्ट ठंडा हो जाएगा.

रोहन उपर चला गया. उसके रूम में भी अटॅच्ड बातरूम है. कुछ देर बाद रोहन नीचे आके डाइनिंग टेबल पे बैठ के फोन चलाने लग गया. मैं उसको बीच-बीच में देख रही थी, और सोच रही थी की आज सुबा मैने जो किया, उस बारे में उसको मालूम था की नही.

अगर उसको मालूम था, तो मेरा काम आसान हो जाएगा. ये सोच के मैं खुद को आशा दे रही थी. थोड़ी देर बाद सुभाष भी रेडी होके आ गया. फिर हम तीनो ने मिल के ब्रेकफास्ट किया, और कुछ इधर-उधर के बातें की.

फिर सुभाष तिफ्फ़िं लेके ऑफीस के लिए निकल गया. पर रोहन अभी भी बैठा था, तो मैने उससे पूछा-

मैं: आज तेरा कलाज नही है क्या?

मैं आप लोगों को यहा बता डू, की (रोहन जाधावपूर में एलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग पढ़ रहा है, हम कोलकाता, टोल्लयगुनगे में रहते है, और सुभाष इसीसी बॅंक में मॅनेजर है. ये बात मुझे पहले बता देनी चाहिए थी. पर मुझे याद नही था सॉरी)

रोहन: हा बस थोड़ी दर बाद निकलूंगा.

मैं: मैं सोच रही थी की तेरे पापा से कह के के तेरे रूम की साउंड प्रूफिंग करवा डू. आवाज़ कुछ ज़्यादा ही आती है.

और रोहन शरमाने लगा.

मैं: वैसे अंकिता को होटेल या ओयो में लेके जाता है क्या?

रोहन: नही, मुझे सेफ नही लगता.

मैं: गुड. अब जल्द से जल्द हमे अंकिता के मम्मी पापा से मिलवा, ताकि तुम दोनो की शादी के बात डिसकस कर सके.

रोहन: कम ओं मम्मी. अभी मेरी पढ़ाई भी ख़तम नही हुई है, और आप शादी की बात कर रहे हो.

मैं: कम से कम एंगेज्मेंट करके रख.

ये सुन कर रोहन शरम से लाल होके वाहा से उठ के चला गया. करीब 10 बजे कंवली बाई आई, और थोड़ी देर बाद रोहन भी कॉलेज चला गया. थोड़ी देर बाद कंवली बाई ने मुझे आवाज़ लगाई.

बाई: दीदी रोहन का कंप्यूटर खुला है.

मैं फिर रोहन के कमरे में जाके उसका कंप्यूटर शूट डाउन करने ही वाली थी, की मुझे उसका कंप्यूटर चेक करने का ख़याल आया. बॅकग्राउंड तब में क्रोम ओपन था. तो मैं क्रोम ओपन करते ही शॉक्ड थी. वाहा मों-सोन पॉर्न चल रहा था.

ये देख के मैं मॅन ही मॅन सोची की मेरा बेटा भी मोतेरचोड़ बनने के लिए तैयार था. मुझे कन्फर्म था की आज सुबा जब मैने उसका लंड चूसने की कोशिश की थी, तब उसकी नींद खुल चुकी थी. और मैने उसी रात रोहन से छुड़वाने की तान ली. फिर 2 बजे मैं जिम चली गयी.

रात को डिन्नर करने के बाद हम सब अपने-अपने कमरे में सोने चले गये. करीब 1 बजे मैं उठ के रोहन के कमरे में गयी, रोहन सो रहा था. मैं उसके बिस्तर की साइड में बैठी थी, और उसकी जाँघ को सहलाने लगी. फिर मैं उसकी पंत से लंड को बाहर निकाल के सहलाने लगी.

मैं उसके लंड को उपर और नीचे सहला रही थी. धीरे-धीरे उसका लंड हार्ड हो रहा था. मुझसे रहा नही गया, और मैने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया. तभी रोहन नींद से जाग गया और एक सिसकारी ली.

मैं: कम ओं, ई नो तट योउ अरे अवेक. अब सोने का नाटक बंद कर, और अपनी मा की ब्लोवजोब एंजाय कर.

रोहन: मुझे अपनी मा की सिर्फ़ ब्लोवजोब मिलेगी, या फिर कुछ और भी मिलेगा?

मैं: मैं तो तुझे अपना पूरा जिस्म देने आई हू.

ये बोल कर मैं ज़ोर-ज़ोर से उसका लंड चूसने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रही थी. मैने ब्लॅक रोब पहना हुआ था, जो सिर्फ़ मेरे घुटनो तक लंबा था. मैने एक हाथ अपने रोब के अंदर से अपनी छूट पर रखा, और रब करने लगी.

मैं हमेशा अपनी छूट क्लीन शेव्ड रखती हू. मेरी छूट बहुत गरम हो चुकी थी, और काफ़ी वेट भी हो गयी थी.

रोहन: आअहह मम्मी, बहुत मज़ा आ रहा है.

मैं: योउ लीके इट?

रोहन: एस मों, इट फील्स सो गुड. ई कॅन बेर्ली होल्ड बॅक अनीमोर. अगर आप इसी तरह चूस्टी रही, तो मैं आपके मूह में ही झाड़ जौंगा मम्मी आअहह.

मैं: एस बेबी कम. कम इनसाइड युवर मम्मी’स मौत.

ये बोल कर मैं एक हाथ से उसकी बॉल्स को सहलाने लगी.

रोहन: आहह, मम्मी योउ गॉट थे स्किल्स मम्मी.

मैं: बेटर तन अंकिता?

रोहन: फर मोरे बेटर तन हेर मम्मी. शी इस आन आमेचर इन फ्रंट ऑफ योउ.

मैं: उूउउंम तेरा लंड एक-दूं गरम पत्थर की तरह है बेटा.

रोहन: आज सुबा आप चूसना शुरू कर रही थी, पर फिर चली गयी?

मैं: मैं दर्र गयी थी बेटा. तब मुझे थोड़ी ना पता था की जिस तरह मैं अपने बेटे के लंड के लिए तड़प रही थी, उसी तरह मेरा बेटा भी मोतेरचोड़ बनने के लिए तड़प रहा है.

ये बोल कर मैने उसका पूरा लंड अपने मूह में डाल लिया, और रोहन भी अपने हाथो से मुझे और ज़ोर से खींचने लगा, और एक ज़बरदस्त मोन करके मेरे मूह में ही झाड़ गया.

मैं हाँफने लगी थी. उसका स्पर्म बहुत थिक था. मैं पूरा रस्स पी गयी. फिर कुछ सेकेंड्स सांस लेने के बाद मैं खड़ी हुई और अपना रोब उतार दिया. मैं पूरी तरह नंगी खध्ि थी अपने बेटे के उपर.

मेरी छूट से पानी तपाक रहा था. मेरी छूट भट्टी की तरह जल रही थी. रोहन ने जल्दी से अपना बॉक्सर उतार फेंका. मैं उसके लंड के उपर बैठ गयी, और उसके लंड पर अपनी छूट रब करने लगी.

रोहन: आहह मम्मी आपकी छूट बहुत गरम है.

मैं: तूने जलाई है ये आग मेरी छूट में बेटा. और अब तू ही इससे बुझाएगा.

रोहन: हा मम्मी, मैं अपने लंड के रस्स से आपकी छूट की आग बूझौँगा.

मैं उसका लंड हार्ड होते हुए फील कर पा रही थी. तो मैने ज़्यादा देर ना करते हुए उसके लंड को अपनी छूट में डाल लिया. आहह, मैने एक लाउड मोन करी. रोहन का लंड बहुत मोटा था.

रोहन: आआहह मम्मी, आपकी छूट बहुत टाइट है मम्मी. और इतनी गरम है की लग रहा है मेरा लंड पिघल जाएगा. आहह मम्मी.

उसका लंड बहुत डीप जेया रहा था मेरी छूट में. और एक-दूं मेरे ग-स्पॉट को हिट कर रहा था. ऐसा लग रहा की दर्द और खुशी मेरे गर्भ में एक साथ नाच रहे थे. मैं पाईं और प्लेषर एक साथ फील कर पा रही थी. ई वाज़ लूज़िंग मी माइंड.

मैं फिर अपने घुटनो के बाल बैठ के उसके लंड पे उछालने लगी. रोहन अपने दोनो हाथो से मेरे दो बड़े-बड़े मम्मो को दबाने लगा.

मैं: योउ लीके मी बुक्बीस बेटा?

रोहन: हा मम्मी. ई रियली लोवे युवर बूब्स. इतने बड़े है फिर भी झूलते नही है.

मैं: जिम में पैसे फ़िज़ूल में थोड़ी ना देती हू.

फिर मैं झुक के रोहन के होंठो में अपने होंठ डाल के किस करने लगी. मैं अब झड़ने वाली थी. रोहन अपने हाथो से मेरी गांद मसल रहा था.

रोहन: मम्मी मेरा झड़ने वाला है.

मैं: मैं भी झड़ने वाली हू बेटा. डाल दे बेटा, सारा रस्स अपनी मा की छूट में डाल दे. बुझा दे मेरी छूट की आग आहह.

रोहन मेरी छूट में झढ़ गया. उसके गरम रस्स से मेरी छूट भर गयी. मैं भी झाड़ गयी. सालों बाद मुझे ऐसा ऑर्गॅज़म मिला था. लास्ट कब मुझे सेक्स में इतना मज़ा आया मुझे याद ही नही है.

मैने रोहन को एक डीप स्मूच किया.

हमारी मा बेटे की सेक्षुयल जर्नी तो बस अभी शुरू ही हुई थी.

यह कहानी भी पड़े  भोपाल की एक औरत को चुदाई का सुख दिया


error: Content is protected !!