रंगे हाथ पकड़ने के बाद मा की चुदाई की

हेलो दोस्तों, मेरा नाम दीनो है, और मैं आपको सेक्स स्टोरी बताने जेया रहा हू, की कैसे मैने अपनी चुड़क्कड़ मा को रंगे हाथ रंगरलियाँ मानते हुए पकड़ा, और मा की चुदाई की.

दोस्तों मैं अपना इंट्रो करता हू. मेरे घर में मैं, मेरी मा, और मेरे पापा रहते है. मेरी उमर 26 साल है, और मा की उमर 46 साल की. एक-दूं संस्कारी है दिखने में, एक-दूं गोरी-चित्ति, और किसी का भी लंड खड़ा हो जाए ऐसी उसकी गांद है.

पापा प्राइवेट जॉब के लिए बाहर रहते है, और वीकेंड्स में ही घर पर आते है. जब से मैने सेक्स स्टोरीस पढ़ना शुरू किया है, तब से मा को अलग नज़र से देखने लगा.

सीधा अपनी कहानी पर आता हू. 2 महीने पहले की बात है. मंडे को पापा काम पर चले गये, और मैं कॉलेज के लिए निकल पड़ा. मा घर पर अकेले ही थी. मैं कॉलेज जाने निकला, तो रास्ते में सारे दोस्त मिले, और उन्होने कहा की आज सिर्फ़ प्रॅक्टिकल होंगे, लेक्चर कॅन्सल हो गये. तो मैने सोचा कॉलेज जेया कर क्या ही करू, और वापस आ गया.

घर आ कर दरवाज़ा खटखटाया. 5 मिनिट दरवाज़ा नही खुला. थोड़ी देर बाद मम्मी ने दरवाज़ा खोला. मा थोड़ी दररी-दररी सी लग रही थी. उनके बाल भी बिखरे हुए थे. घर में पड़ोसी अंकल भी थे.

मैने पूछा: आप यहाँ क्या कर रहे हो अंकल?

तो उन्होने कहा: भाभी जी ने बुलाया था, सिलिंडर लगवाने के लिए, तो आया था.

लेकिन मुझे याद आया की 10 दिन पहले ही मैने सिलिंडर चेंज करा था. मैने उसे वक़्त कुछ नही कहा, और अंकल को जाने दिया. मुझे बहुत शॉक हो रहा था की मेरी संस्कारी मा ये सब कर सकती थी. वो पूरी तरह पसीने से भीगी थी, और बाल पूरी तरह बिखरे हुए थे.

मैने उनसे पूछा: सिलिंडर तो 10 दिन पहले बदल दिया था, तो आज कैसे?

मा मुझे दाँत के किचन में चली गयी. मैं पीछे-पीछे आ गया. मा के चेहरे का रंग पूरा उडद गया था. तभी मेरी नज़र डस्टबिन पर पड़ी, तो मुझे वहाँ कॉंडम का पॅकेट मिला. मेरा शक सही निकला. कुछ तो गड़बड़ हो रही थी. मैने बेड पर जेया कर देखा साला वहाँ पर उसेड कॉंडम पड़ा था.

मैने मा को बुलाया और पूछा: या सब क्या है?

वो कहने लगी: किसी और का होगा.

वो नज़रें नही मिला रही थी. मुझे गुस्सा आया और मैने पापा को फोन करने की कोशिश की. मा दर्र गयी और सब उगल गयी, की कैसे वो पड़ोसी अंकल से दो-टीन साल से चुड रही थी, और हमे कानो-कान खबर नही थी.

मैने कहा: मैं तो तुम्हे संस्कारी समझता था. लेकिन हमारी पीठ पीछे ऐसे कांड कर रही थी.

मा रोने लगी और मुझे गिल्ट देने लगी.

वो कहने लगी: फिर कभी नही करूँगी.

लेकिन जो दो-टीन साल से पड़ोसी से चुड रही थी, उस पर भला कैसे विश्वास करता? मैने मॅन ही मॅन सोचा आज ऐसा मौका दोबारा नही मिलेगा. फिर मैने मा को नंगा होने को कहा. वो ना-ना करने लगी.

मुझसे रहा नही गया. मैने गाली देकर कहा: रंडी साली, पड़ोसी से चुड सकती है. लेकिन बेटे को खुश नही कर सकती क्या?

फिर मैने थोड़ी हिम्मत करके उसकी सारी उतार दी, और ब्लाउस खोल दिया, और पेटिकोट भी उतार दिया. आए-हाए! क्या ज़हर लग रही थी. मैं तो पुर मज़े लेने के मूड में था. मैने स्पीकर पर आइटम सॉंग्स लगा दिया, और मा को नाचने को कहा. वो छूट पर हाथ रख कर च्छूपा रही थी.

मैने कहा: वैसे भी पूरा देख चुका हू मा. तुम नाचो और मज़ा लो, और लेने दो.

थोड़ी देर झीजकने के बाद मा नंगी नाचने लगी. मेरा लंड खड़ा का खड़ा रह गया. मा के बूब्स ज़ोर-ज़ोर से उछाल रहे थे, और गांद भी हिल रही थी. फिर मैने मा को बाहों में उठाया, और बेड पर ले गया.

5 मिनिट तक लीप लॉक किस किया मैने, और नीचे मा की छूट में उंगली करने लगा. बहुत गीली हो रखी थी. थोड़ी देर बाद मा भी साथ देने लगी. वो मेरी पैंट से लंड निकाल कर चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मा को बिस्तर पर लिटाया, और लंड उसकी छूट पर सेट किया. फिर ज़ोर से धक्के देने लगा.

मा ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी: आह बेटा, कितना बड़ा है तेरा. तोड़ा धीरे से कर.

मैं नही माना, और 15-20 मिनिट मा को छोड़ते रहा. फिर पानी पूरा का पूरा छूट में ही निकाल दिया. मा उठ कर जाने लगी, लेकिन मैने हाथ पकड़ लिया, और कहा-

मैं: ऐसे-कैसे जाने डू. अभी गांद तो बाकी है.

वो कहने लगी: मैने कभी गांद में नही लिया.

मैने वैसे ही उनको पलंग पर उल्टा लिटा दिया, और पीछे से गांद पर लंड सेट करते ही ज़ोर से धक्का दिया. मेरा पूरा लंड अंदर तक गया, और मा ज़ोर से चीखी. लेकिन थोड़ी देर बाद वो भी मज़े लेने लगी. आचे से छोड़ने के बाद फिर से मा को उल्टा किया, और कहा-

मैं: जिस छूट से निकला हू, उसी छूट में पानी डालूँगा.

मा भी हासणे लगी. छोड़ते-छोड़ते दूसरी बार मा ने पानी छ्चोढा. लेकिन मैं उसकी छूट मारे जेया रहा था. वो पूरी पसीने से भीग गयी थी. मेरा पानी अब निकालने वाला था. फिर जल्दी से मैने लंड बाहर निकाला, और मा के मूह में दे दिया. वो पूरा पानी घातक कर पी गयी.

उस दिन भर मैने मा को नंगा ही रखा, और आइटम सॉंग्स लगा के नचाया. टीन-चार बार मा की और चुदाई की, इतनी की मा को मुझसे प्यार हो गया, और वो कहने लगी की आज से रोज़ तुमसे ही चड़वौनगी. मैं भी रोज़ कॉलेज से जल्दी आके मा को दिन भर छोड़ता. इतना की मा भी पापा से छुड़वाना भूल गयी.

एक दिन तो हम पापा के हाथ आते-आते रह गये. पापा रात को उठ के मा को ढूँढने लगे. तब मा और मैं मेरे बेडरूम में चुदाई कर रहे थे. पापा की आवाज़ सुनते ही हमने चादर ओढ़ कर सोने का नाटक किया. अंदर दोनो नंगे थे.

पापा ने मा को आवाज़ दी, और कमरे में आने को कहा. पापा आ जाते तो पूरा सच बाहर आ जाता, की कैसे उनकी बीवी अपने बेटे से रात भर चुड़वति है. लेकिन हम नही पकड़े गये, और उस दिन भी चादर के अंदर पूरा निचोढ़ के मम्मी को पापा के पास भेजा.

फिर पापा ने भी मा की छूट और गांद मारी. मैं खिड़की से देख कर मा को चिढ़ा रहा था. पापा के सोने के बाद मा वापस मेरे कमरे में आई, और कहा-

मा: तुम्हारा लेने के बाद से किसी और से चूड़ने का मज़ा ही नही आता.

मैने तुरंत मा को गोदी में उठाया, और बिस्तर पर लेके छोड़ा. अब मेरी और मा की चुदाई रोज़ ऐसे ही होती है.

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