हेलो दोस्तो मैं पुजारा वापिस आप लोगो के लिए लेकर आया मेरी पिछली कहानी “मा से प्यार” सीरीस का अगला पार्ट. मुझे काफ़ी लोगो के फीडबॅक मिले कॉमेंट आए पढ़ कर अछा लगा की आप लोगो को मेरी कहानी काफ़ी पसंद आई उसके लिए टे दिल से शुखरिया सभी को.
तो चलिए अब मैं आयेज भड़ता हूँ कहानी में की कैसे मेरे बचे हुए छुट्टी के आखरी 3 दिन में हुँने क्या करने का फ़ैसला लिया. और फिर कैसे हुमारे रिश्ते में बदलाव आ गये. हम सभी के बीच तो चलिए अब आपको बॉर्र ना करते हुए मैं कहानी पर आता हूँ.
जैसे की मेरी चुट्टियो के आखरी टीन दिन बचे होते हैं. जिस पर मैने वो ही हुमारी चुदाई का सोचा हुआ था की मैं बस 3 दिन जाम के चुदाई करूँगा. लेकिन उधर मा के मॅन में कुछ और ही ख़याल पाख रहे टेयै. जिसका मुझे कोई अंदाज़ा नही था. पर अचानक मेरी छुट्टी कठाम होने के पहेले दिन. मैं सोफे पर बेत के टीवी देख रहा था तभी मुम्मा मेरे पास आ कर बेती.
मा: सुन्न मेरे लाल..
मैं: उनकी तरफ अपना मूह मोड़ के तुरंत अपना एक हाथ उनकी छूट पे रख दिया सारी के उपर से ही और ज़ोर से दबा दिया
मा: आहह बदमाश आराम से दबाना क्या कर रहा है भाग थोड़ी जौंगी में.
मैं: हा जनता हूँ में मेरी रंडी मा लेकिन तुम्हे देखता हूँ तो मेरा मूड उपर से नीचे तक हो जाता हैं. देखो मेरी चड्डी में कैसे मेरा लंड खड़ा हो गया हैं टुमरे मेरे करीब आते ही.
मा: हा दिख रहा हैं वो तो आचे से बहुत पूज्जु.
और मा ने तुरंत अपना हाथ मेरी बॉक्सर पर रख दिया और मसालने लगी आचे से जिससे मेरे मूह से आवाज़े आने लगी हल्की हल्की सी.
मैं: आहह मुम्मा क्या जादू है तुम्हारे हाथो में उहह..
मा तुरंत मेरी बॉक्सर उतार के नीचे घुटने तक कार्डिया और मूह करीब ला कर चूसने लगी अपने मूह में लेके आचे से.. उम्म्म उम्म उम्म स्लर्प स्लर्प स्लर्प उम्म्म यूम्मम..
मैं मा का सिर पकड़ के अपने लंड पे दबाने लगा आचे से और खेलता रहा उनके बालो के साथ आँहे भरते हुए.. आहह आअहह उहह अहम्म उम्म्म श मुम्मा योउ अरे सो सेक्सी आहह उम्म एस्स एसस्स ह..
मा मेरा लंड चूस्ते जेया रही हैं. उससी वक़्त पापा का पहनाया हुआ मंगलसूत्रा भी मेरे लंड के पास आके लटक था रहेता हैं. जब मा लंड चूसे झा रही.
करीब करीब 10-20 मिनिट लंड चूसने के बाद जब मेरा बदन अकधने लगा. तो मा समझ गयी की मेरा लंड से पानी निकालने वाला है. तब मा ने सीधा मेरा लंड पूरा मूह में भर लिया आचे से और मंगलसूत्रा मेरे बॉल्स पर टकराने लगा.
मा अपनी जीब अंदर से घूमने लगी मूह में लिए जिस से मेरे अंदर एक अलग सा एहसास हुआ. और मैने तुरंत पानी निकलना चालू हो गया जिसको वो आराम से पीने लगी उम्म्म उम्म्म उम्म्म..
लंड चूसना कठाम हुआ तभी मा उठ कर सीधा होने लगी. तो मेने उनका सिर पकड़ कर अपने शांत हुए लंड के उपर रख दिया और कहा.
मैं: चुपचाप मेरे लंड पर रहो मा तुम.
मा मेरे सूपदे को अपनी जीब से चाटने के बाद : क्यूँ पूज्जु लंड पर लेता कर रखा है तूने मुझे?
मैं चुचियो को दबाते हुए ब्लाउस के उपर से ही कहता हू, अछा लगता है तुम्हे मेरे लंड के करीब देख कर.
मा: अछा जी और वो ऐसा क्यूँ?
मैं निपल निचोड़ते हुए कहता हूँ क्यूंकी मुझे ऐसा लगता है की मेरे लंड की सेवा मेरी मा एक पत्नी की रूप में कर रही हैं जिसको देख कर मैं बहुत खुश रहेता हूँ मा.
मा: अववव बदमाश मुझे तू अब पत्नी के रूप में देखने लगा हॅट पागला तेरी पत्नी नही हूँ मैं मा ही हूँ समझा मेरे लाल. (मेरे गालो को मा की ममता भरो से हाथ फेरते हुए).
मैं: हा सो तो हैं तुम मेरी पत्नी नही हो मा लेकिन मेरी अब से तुम पर्मनेंट रैखहेल हो. जो में कहूँगा वो करना पड़ेगा बिना सवाल किए.
मा: जी मेरे बदमाश बेटे ऐसा ही होगा तू जो कहेगा वो ही करूँगी में. इसले तो अभी इतना काम पेंडिंग होने के बाद भी इधर तेरे पास आई ताकि तेरा लंड चूस के आनंद वाला सुख लेलू.
मैं: सभाष मेरी रॅंड चल मूह खोल अपना आचे से.
मा: ले खोल दिया मूह लंड पर सिर रखते दिखती हुए.
मैं: तुरंत मैने अपने मूह से देर सारा थूक निकल के उनके मूह में ठुका और होंठो को मसालने लगा.
इश्स डरशया को देखने के बाद मा की आँखो में एक अलग ही हवस वाला प्यार था. जिसको वो मूह बाँध कर मेरे थूक को पी गयी और मेरी आँखो में देखते हुए कहा.
बेटा सुन्न तो तुझसे एक बात काहु?
मैं: हा कहो क्या हुआ.
मा: तूने अभी कहा ना की खाश मैं तेरी पत्नी होती.
मैं: हा कहा तो था पर क्या ?
मा: क्यूँ ना तू मुझसे शादी करले तेरे वापिस शहेर लौट ने से पहेले.
मैं: क्या? साची?
मा: हा बदमाश साची आख़िर मुझे जब तेरी ही बाते मान नि है तो मुझे पत्नी भी बना ले रंडी बनाने के साथ.
मैं: पर पापा का क्या, वो क्या सोचेंगे तुमने उनके नाम का मंगलसूत्रा पहेना हुआ है ना!
मा: हा पहना है लेकिन तू कहे तो अभी तेरे पापा से बात करू में और तेरे जाने से पहेले शादी करलू तुझसे. ताकि ज़िंदगी की सारी खुशिया ले सके हम दोनो मिलकर बेटू.
मैं: मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा है क्या काहु इस पर मा.
मा: तू कुछ मत कर बस इधर बेते रह.
और फिर मा मेरे लंड के उपर से हॅट के सीधे बेती और सीधे हाथ से लंड पकड़ कर हिलाने लगी वापिस से आयेज पीछे करते हुए. और उससी वक़्त पापा को आवाज़ लगाई हिलाते हुए मेरे लंड को.
मा: सुनिए तो ज़रा इधर आएँगे आप मुझे बात करनी हैं कुछ आप से बेटे को ले कर.
पापा बाहर आते हुए कमरे से जो जस्ट नहा कर निकले ते.
पापा: हा कहो सवी क्या हुआ और यह क्या तुम दोनो कही भी चालू हो जाते हो क्या ह्म?
मा: आप तो कुछ कहिए ही मत और मुझे इसी बारे में बात करनी हैं आप से. (लंड को मसल मसल कर हिलाती है मुम्मा पापा से बात करते हुए).
पापा की नज़र मेरे लंड पर होती हैं जो मा के हाथो में बड़ा ही मज़ेदार दिख रहा हैं और वाहा से नज़र हटा के कहते हैं.
पापा: हा कहो सवी.
मा: मैंस फ़ैसला लिया है की अब पूज्जु वापिस शहेर जाने वाला है तो उसके जाने से पहेले मैं यूयेसेस से शादी करलू.
पापा: सवी तुम यह क्या कह रही हो? मैने तुम्हे भले घर पर ही अपनी मर्ज़ी की करने दी लेकिन यह एक बहुत बड़ा स्टेप है.
मा: मैं जानती हूँ यह एक बहुत बड़ा स्टेप है. लेकिन मैने डिसाइड कर लिया है की अब मैं उसके जाने के पहेले यूयेसेस से शादी करूँगी आप से रिश्ता तोड़ के जी क्यूंकी मैं अब इसके प्यार और प्यार का जो रस्स है वो मुझसे कंट्रोल नही होता बिना लिए. (और मेरे सूपदे पर उंगलिया घुमाने लगी).
पापा: मुझसे रिश्ता तोड़ॉगी तुम सवी वो भी इसले क्यूंकी तुम्हे अब हुमारे बेटे का लंड पसंद आ गया इसले?
मा: हा आप को यही समझना है तो वो ही सही. लेकिन देखो खुद ही आप जब से हुमारा रिश्ता बदला है तब से हम अलग होना चाहते नही है. और बेटे की जवानी को देखते हुए उसको एक बीवी की ज़रूरत है.
पापा: हा पर उसको शादी थोड़ी करनी है.
मा: उसको किसी दूसरी लड़की से शादी नही करनी पर वो मुझसे शादी करना चाहता है, चाहो तो पुचलो खुद ही.
पापा: क्यूँ बेटा यह तेरी मा क्या कह रही है? वो सही है?
मैं: हा पापा यह सच तो है मैं शादी नही करना चाहता था. लेकिन अब जैसे मा मेरा ख़याल रखती है और ख़ास कर बिस्तेर पर मेरा पूरा साथ देती है आचे से. तो मेरा मॅन हो गया अब उनसे शादी करके अपनी ज़िंदगी आयेज बदौ. पर मैं चाहता हूँ की दुनिया के सामने आप दोनो ही शादी शुदा रहो. लेकिन अंदर घर पर आपका मा पे कोई हक़ नही होगा किसी भी तरह का सिर्फ़ मेरा रहेगा हक़.
मा: मुझे नॉटी अंदाज़ में देखते हुए और लंड दबा दिया ज़ोर से.
मैं: आअहह मा क्या कर रही हो?
मा: अपने होने वेल पातिदेव उर्फ बेटे से प्यार.
पापा: बस बस कंट्रोल अब दोनो ने फ़ैसला ले लिया है तो हटो दोनो अलग हो जाओ सबसे पहेले. अब यह सब तुम दोनो की शादी होगी उसके बाद ही होगा समझे ना दोनो.
इश्स पर हम दोनो ने झुटि झुटि ही सही हा करदी.
पापा: गुड तो चलो फिर अब दोनो ने मॅन बना लिया है तो त्यारी चालू करे.
मैं: कैसी त्यारी? पापा.
पापा: अब तुझसे सवी शादी करेगी तो मुझसे पहेले उसको रिश्ता तोड़ना पड़ेगा ना.
मैं: हा वो तो है मेरे पास एक आइडिया है अगर आपको और मा को कोई ऐतराज़ नही है तो.
मा: तुरंत जोश में कहा (क्यूंकी वो जानती है की मेी कुछ शैतानी वाली ही चीज़ ही करूँगा सोच के) हा पूज्जु बोलो.
मैं: वो मेने सोचा की हम ना मेरी छुट्टी के आखरी दिन में मैं मा से शादी करूँगा. और उसके पहेले आपकी शादी तद्वौनगा और यह शादी पूरे दिन चलेगी और रात को सुहग्रत होगी मा हम दोनो की एक नये रिश्ते में भंदणे के बाद.
जैसे ही मैं ऐसा कहता हूँ मा के चेहरे पर एक अलग ही खुशी होती है. और दूसरी साइड पापा भी ठीक है बोलके वापिस अपने काम में लग जाते है. क्यूंकी वो जानते है की अब उनकी सविता अब उनके बेटे के रैखहेल जो बनने वाली है बहुत जल्दी ही तभी मा फिर से.
मैं: अरे यह क्या कर रही हो तुम मा?
मा: करने दे बस एक चुम्मि तो लेनी है तेरे सूपदे की मुझे.
मैं: सिर्फ़ चुम्मि ही क्यूँ पूरा चूस सकती हो तुम तो कभी भी इसको.
मा: नही पूज्जु अब जो करूँगी शादी के बाद ही तब तक कंट्रोल करले तू भी और क्या इरादा है तेरा शादी मेी वैसे?
मैं: वो तो सर्प्राइज़ है टुमरे लिए भी जब देखोगी तो खुशी से पागल हो जाओगी देखना.
मा: एक प्यारी सी स्माइल दे कर मेरे उपर आके लेती और मेरे लंड के सूपदे पर आचे से चुम्मि दी. और उठ के अपने आप को ठीक किया और चले गयी आँख मारते हुए.
मैं: चिल्लाते हुए, देखना मा हम दोनो की शादी बहुत ही शानदार और यादगार होगी जिसको तुम हमेशा याद रखोगी.
इतना कहते ही मैने अपना फोन निकाला और तुरंत ऑनलाइन वेबसाइट देखने लगा एक अची सारी मेकप और शादी से रिलेटेड चीज़ो के लिए.
करीब 3-4 घंटो तक इश्स चीज़ पे लगने के बाद मेने तुरंत सब चीज़ ऑर्डर की और अपनी घर जाने की पॅकिंग में लग गया और फास्ट डेलिवरी की रिक्वेस्ट पर इंतज़ार करने लगा. क्यूंकी 3र्ड दिन हम दोनो की शादी जो थी. जिसको देख कर मैं बहुत एक्शिकटेड था और शायद मा भी खुश होगी इश्स अवसर का मज़े लेने के लिए.
देखते ही देखते दिन निकल गया और रात को मेरा चुदाई का बहुत मूड हो रहा था. लेकिन मा ने मेरी तरफ देखा तक नही जिसको सोच के मुझे तोड़ा बुरा लगा.
मैं शादी होने की खुशी में सोच सोच के ही सो गया और सीधा अगले दिन उठा तो सब कुछ नॉर्मल था. और मैं मेरे पार्सल डेलिवरी का इंतज़ार कर रहा था. क्यूंकी कल हम दोनो की शादी जो थी जैसे ही कॉल आता है तो मैं पार्सल पिक करने जाता हूँ बाहर.
मैं: पार्सल पिक करके में अंदर आता हूँ तो तब मम्मी.
मा: यह सब क्या हैं पूज्जु?
मैं: यह एक सर्प्राइज़ है जो मैं तुम्हे कल सुबह दूँगा हुमारे स्पेशल दिन के लिए मेरी रंडी.
मा: क्या पूज्जु तू भी ना चल भाग झा यहा से.
मैं हेस्ट हुए वाहा से चला गया और समान एक प्लेस पर रख दिया और टीवी देखने लगा और बचा हुआ वक़्त बिताने लगा फिर रात को खाना हो जाने के बाद मैं धीरे से किचन में गया और कहा.
मैं: मा बहुत ज़्यादा तड़प लगी है प्लीज़ कुछ नही तो तुम्हारी छूट का रास्पान करने दो ना इसके अलावा कुछ नही करूँगा पक्का प्रॉमिस.
मा: नही बेटा कुछ ही घंटो की बात है फिर तो कल हुमारी शादी ही तो है ना बाकचा.
मैं: अरे छूट चाटने से कुछ नही होगा प्लीज़ ना मुम्मा प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़.
मा: कुछ देर सोचने के बाद ह्म ठीक है बुत कपड़े नही उतरुँगी में तू समझा ना.
मैं: हा ठीक है चलेगा मुझे और इतना कहते ही मैं तुरंत उनके पीछे गया. और उनका नाइट गाउन उठा के चड्डी नीचे किंची और चाटने लगा छूट को आचे से स्लर्प स्लर्प स्लर्प स्लर्प उम्म ह्म उम्म.
थोड़ी सी मा की टांगे फैला कर मेने छूट में उंगली करने लगा पीछे से. और अपनी जीब भी साथ साथ घुमाने लगा उम्म उम्म्म उनम्म आ उम्म्म आहह मुम्मा.. क्या मीठी छूट है टुमरी उफ़फ्फ़ स्लर्प स्लर्प स्लर्प स्लर्प स्लर्प स्लर्प उम्म्म यअहह एस उम्म्म..
मा: श बेटा बहुत बिगड़ गया है साची में आहह बाप रे आहह.. उहह उन्म उम्म उम्म आहह श बएटाा आहह उफफफ्फ़ यूम्मम आहह उर्फ उर्फ आहह उहह ह्म श गोद आहह…
इधर में चाटना रोख़्ता नही हूँ और तेज़ उंगली चलाने लगता हूँ. जिससे मा काँप ने लगती है और बिना मुझे वॉर्न किए छूट का पानी छोड़ देती है. जिसको मेी बिना देरी किए पीने लगता हूँ उम्म्म यूम्मीे उम्म्म.. अंदर ही अंदर मेने पेटीकोआट के उनके छूट का रास्पान करने लगा और चाट के सॉफ कर दिया.
मैं: पेटिकोट से बाहर आते हुए मैने अपना मूह सॉफ किया और उससी मूह से उनके होंठो को चूमा आचे से जिस पर मा ने भी सपोर्ट किया.
थोड़ी देर बाद मैं जाके सो गया और मा भी मेरे करीब आके सो गयी चिपक कर. कुछ देर में और बिना देरी किए इश्स 2 दिन के लूंबे सफ़र में मैने एक बार भी मुट्ठी नही मारी. क्यूंकी सुहग्रत पर जो मस्ती करनी थी मुझे बस मा के हाथ से हिलवा के रुख़ जाता था आहह..
दोस्तो इश्स पार्ट को मैं इधर ही रोख़्ता हूँ क्यूंकी अगले पार्ट में आप लोगो को बहुत ही अलग अनोखी शादी देखने मिलेगी. जिसको पढ़के आप लोगो को बहुत मज़ा आएगा.
तब तक आप मेरे मा से प्यार के सीरीस के इश्स पार्ट को पढ़ के खूब एंजाय करिए और अपना प्यारा फीडबॅक मुझे कॉमेंट के द्वारा या मेरी एमाइल ईद – पर भी फीडबॅक दे सकते है. धन्यवाद आप सभी लोगो का अड्वान्स में.