हेलो रीडर्स कैसे हो? मेरा नाम राहुल है और आपने पिछले पार्ट में देखा होगा की कैसे मा और पड़ोसी की पहचान हो गयी.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा होगा की पड़ोसी अब्दुल अंकल और उसकी मा रुक्सर भाभी हमारे घर खाना खाने आते है. और अंकल मेरे पापा के पैरों की मालिश करने को तैयार होते है. मा को कुछ शॉपिंग करनी होती है,
तो वो रुक्सर भाभी को साथ चलने के लिए बोलती है.
मा: भाभी चले शॉपिंग पे?
रुक्सर भाभी: हंजी चलो.
और हम तीनो कपड़ा बेज़ार चले गये. मा ने कुछ सारी, और ड्रेसस ले लिए. अब उसको अंडरगार्मेंट्स लेने थे. तो हम लोग अंकल के दुकान चले गये.
अब्दुल अंकल (मा को देखते ही खुश हो गये. क्यूंकी मा ने आज येल्लो कलर की सारी पहनी थी. उसपे मॅचिंग ब्लाउस, चूड़ियाँ, इयररिंग्स, सब मॅचिंग पहना था. मा सच में आइटम दिख रही थी): हेलो भाभी जी, बोलिए क्या लेंगी आप? छाई, जूस, लस्सी?
मा: कुछ नही अब्दुल जी (और एक स्माइल दे दी).
रुक्सर भाभी: बेटा नेहा को अंडरगार्मेंट्स दिखाओ.
अब्दुल अंकल (मा के पास जाके पूछने लगे): किस तरह के चाहिए आपको (और साइज़ पूच लिया)?
मा: कुछ रेग्युलर टाइप ब्रा और पनटी दिखाओ?
मा ने शरमाते हुए 34″ बोल दिया. अब्दुल ने मा को ब्रा और पनटी फ्री में दे दिए. फिर हम लोग घर पर आ गये. अब्दुल अंकल शाम को मालिश करने घर पर आते थे. पर पापा की वजह से उनकी मा के साथ बात नही हो पाती थी. पर उसकी पापा से अची दोस्ती हो गयी थी.
अब्दुल अंकल अब हर रोज़ सुबा जब मा कपड़े सूखने आती थी, तो वो मा को देखते रहते थे. हर रोज़ वो मा की एक स्माइल के लिए उनके आयेज-पीछे होते थे. मा की गांद को देख के मॅन ही मॅन खुश हो जाते थे. अब मा को भी पता चल गया था, की अंकल उन पर लाइन मारते थे. पर मा ने नज़र-अंदाज़ किया.
रुक्सर भाभी ने मा को दोपहर को घर पे बातें करने के लिए बुलाया. तो मा और मैं हम दोनो चले गये. मा ने उस दिन ब्लॅक कलर की सारी पहनी थी. मा की फिगर देख अंकल पिघल गये थे. वो बस मा को ही देखते रहते थे. पर उनकी हिम्मत नही हुई मा से बात करने की.
अब्दुल अंकल बस साथ में बैठते थे, और मा और भाभी की बातें सुनते थे. अब्दुल अंकल कभी-कभी मुझे पास बुला कर मा के बारे में पूछते थे. मैं भी उनको बता देता था मा के बारे में. वो कब उठती है, वो कब सोती है एट्सेटरा. फिर एक दिन अब्दुल अंकल सुबा-सुबा जब मा कपड़े सूखने आ गयी, तो उनके पास चले गये.
अब्दुल अंकल: हेलो भाभी, गुड मॉर्निंग (और एक स्माइल दे दी).
मा: हेलो अब्दुल जी, गुड मॉर्निंग (और एक स्माइल दे दी).
अब्दुल अंकल: मुझे आपसे कुछ कहना है.
मा: बोलिए ना.
अब्दुल अंकल: आप बहुत खूबसूरत हो. आपकी स्माइल भी काफ़ी क्यूट है.
मा (थोड़ी शॉक में देखती हुई): थॅंक योउ.
अब्दुल अंकल: भाभी मैं आपसे बहुत प्यार करने लगा हू. ई लोवे योउ.
मा (गुस्से में): आप ये क्या बोल रहे हो? मेरी शादी हो चुकी है. आपको ये शोभा नही देता.
अब्दुल अंकल (मा का हाथ पकड़ के): भाभी सच में. जब से आपको देखा तब से आपके प्यार में पड़ा हू.
मा ने अब्दुल से डोर होके उन्हे नो बोल दिया और चली गयी. इस वजह से अब्दुल अंकल नाराज़ हो गये, और दुकान चले गये. घर आने जे बाद मैने मा से पूछा-
मैं: क्या हुआ मा? गुस्सा क्यूँ हो?
तो मा बोली: कुछ नही बेटा, ऐसे ही.
शाम को जब अब्दुल अंकल घर आए मालिश करने, तो मा ने उनको गुस्से से देखा. अंकल ने कान पकड़ के धीरे से सॉरी बोल दिया. क्यूंकी पापा उधर ही थे. अंकल को पता चला की मा ने पापा को नही बताया, तो वो खुश हो गये, और मालिश करके चले गये.
1 दिन पापा का दोस्त रमेश अंकल घर पर आ गये. मा और पापा उनके साथ बातें कर रहे थे. तभी अब्दुल अंकल भी घर आ गये और उन्होने देखा मा रमेश अंकल से बात कर रही थी. अब्दुल अंकल पापा की मालिश कर रहे थे, और दूसरी तरफ मा और रमेश अंकल बात कर रहे थे.
अब्दुल अंकल को रमेश अंकल पर काफ़ी गुस्सा आया, क्यूंकी रमेश अंकल मा में इंट्रेस्टेड दिखाई दे रहे थे. रमेश अंकल ने भी मा को प्रपोज़ किया था. पर मा ने उन्हे माना किया था. मा अब्दुल अंकल से बात नही करती थी. उसकी वजह से अब्दुल अंकल ने रमेश अंकल को बोला-
अब्दुल अंकल: नेहा सिर्फ़ मेरी है. अगर तुम उससे बात करोगे तो तुम मार खाओगे.
रमेश दर्र गया और उसने माफी माँगी अब्दुल अंकल से. मा अब्दुल अंकल से बात नही करती थी. वो जब भी भाभी से बात करने घर आती थी, तो अंकल मा को घूरते थे. 1 दिन अब्दुल अंकल ने मुझे पूछा-
अंकल: तुम्हारी मा को क्या पसंद है?
तो मैने बता दिया: ढोकला, कचोरी, और कॅड्बेरी पसंद है.
अगले दिन अब्दुल अंकल दोपहर को ये सब लेके घर आए थे. और जब मा रुक्सर भाभी के साथ बात करने आई, तो मा और रुक्सर भाभी हॉल में बैठे बातें कर रहे थे. अंकल हॉल के बाजू के रूम के डोर से मा को देख रहे थे. मा भी अंकल को देख रही थी.
रुक्सर भाभी: नेहा, ढोकला और कचोरी खाओ. तुम्हे पसंद है ना?
मा ने खुश होके हंजी बोला, और पूछा: किसने लाया?
रुक्सर भाभी: अब्दुल ने लाया. वो बोला की नेहा भाभी को पसंद है.
मा अंकल की तरफ देख के स्माइल दे दी. अब्दुल अंकल ने मुझे पास बुलाया और मेरे हाथ में कॅड्बेरी और 1 लेटर दिया. उसमे सॉरी लिखा था. मैने मा को वो दे दिया. जब रुक्सर भाभी टीवी देख रही थी, तब चुपके से मा को दिया.
कॅड्बेरी देख के मा बहुत खुश हो गयी, और सॉरी का लेटर देख के अंकल की तरफ देखा. तो अंकल ने कान पकड़े हुए थे, और उठक-बैठक करने लगे. मा ने खुश होके उन्हे आँखों से इशारा किया, और पास बुलाया. अब्दुल अंकल सोफे पे बैठ गये. मा और रुक्सर भाभी टीवी देख रही थी. तो मा भी थोड़ी साइड बदल के अब्दुल अंकल सामने बैठ गयी, और मैं मा के पास बैठ गया.
अब्दुल अंकल मा को बस देखते जेया रहे थे, और मा भी रुक्सर भाभी की नज़र चुरा के अंकल को देखती थी.
रुक्सर भाभी: नेहा क्या खा रही हो?
मा ने कॅड्बेरी दिखाई.
भाभी: तुझे क्या बच्चो की तरहा कॅड्बेरी पसंद है?
और अब्दुल की तरफ देख के बोली: तुमने लाया है क्या?
अब्दुल अंकल: हा मैने लाया है.
मा शर्मा रही थी, और रुक्सर भाभी फिरसे टीवी देखने लगी.
मा ने अब्दुल अंकल इशारे में पूछा: आपको खानी है क्या?
अब्दुल अंकल ने हा बोला, तो मा ने रुक्सर भाभी को देखा. वो टीवी देख रही थी, तो मा उठ गयी और सोफे पे बैठ गयी. फिर मुझे अंकल और मा ने बीच में बिताया. अब हमारे सामने भाभी थी, और हम तीनो भाभी के पीछे बैठे थे सोफे पर. और फिर मा ने अंकल को कॅड्बेरी का छ्होटा बीते दिया. अब्दुल अंकल ने ये एक्सपेक्ट नही किया था.
थोड़ी देर में मा ने मुझे उठाया और खुद अब्दुल अंकल को चिपक के बैठ गयी, और मुझे रुक्सर भाभी के साथ बिताया.
अब्दुल अंकल उस वक़्त सिर्फ़ लूँगी में थे. जब मा उनको चिपक के बैठ गयी, तो उनके पुर बदन में आग लग गयी. उनका लंड खड़ा हो गया था. उन्होने लंड के उपर तकिया राक दिया.
मा कॅड्बेरी अंकल को खुद के हटो से खिला रही थी. अब्दुल अंकल ने मा के कानो में सॉरी बोल दिया. मा कोई बात नही बोल के अंकल को अपने हाथो से कॅड्बेरी खिलाई. मा अब अंकल से बात करने लगी.
दोनो को कॅड्बेरी खाते देख रुक्सर भाभी बोली: तुम दोनो बच्चे हो गये हो क्या?
मा ने शर्मा के सिर नीचे किया. उस दिन मा ने पिंक सारी पहनी थी, और पिंक ब्रा भी पहनी थी. मा के ब्रा स्ट्रीप ब्लाउस के बाहर था, तो अंकल ने देख लिया. अब्दुल अंकल मा को ब्रा स्ट्रीप देख के पूछा कॉन्सा कलर है?
मा: पिंक (स्माइल दी और केटेगरी अंकल को खिलाने लगी).
अब्दुल अंकल (हिम्मत जुटा के इशारों में पूछा): और वो कों से कलर की है?
मा थोड़ी शॉक हो गयी. फिर उसने अंकल के कानो के पास जाके बोला: ब्लॅक कलर.
अब्दुल अंकल: मॅचिंग कलर नही है क्या?
मा: नही है.
उसी वक़्त रुक्सर भाभी ने बोला: मुझे टीवी देखने दो, आप दोनो बातें अंदर जाके करो. अब्दुल अंकल ने मा को बेडरूम की तरफ इशारा किया. मा ने पहले माना किया, पर अंकल ने मा के कानो में कहा-
अब्दुल अंकल: मुझे आपको कुछ गिफ्ट देना है, प्लीज़ चलिए ना. तो फिर मा रेडी हो गयी, और दोनो बेडरूम में चले गये.
अब्दुल का खड़ा हुआ लंड सॉफ दिख रहा था. मा ने भी लूँगी के उपर से खड़ा लंड देख लिया था. अब्दुल ने मा के लिए कुछ व-शेप की पनटी और ब्रा लाई थी. बहुत सेक्सी पनटी और ब्रा थी वो. मा शरमाने लगी.
मा: अब्दुल जी, मैं ये सब नही पहनती.
अब्दुल अंकल: आप जितनी खूबसूरत हो, तो आपके लिए ऐसी ही खूबसूरत पनटी और ब्रा चाहिए. ताकि आपकी फिगर और भी अची दिख जाए.
मा ने शर्मा के दोनो हाथो से मूह च्छूपा लिया.
अब्दुल अंकल हार्ट प्रिंटेड पनटी और ब्रा मा को दिए और बोले: ये मेरी फेवोवरिट है. प्लीज़ ट्राइ करो ना.
मा ने हा बोला, और ब्रा और पनटी ली, और अंकल की तरफ देखा तो अंकल ने अपना मूह दूसरी तरफ किया ताकि मा सारी उतार के ब्रा चेंज कर सके. उन्होने पहली बार किसी गैर मर्द के घर सारी-ब्लाउस उतार के रख दिया था. मा पीछे देख रही थी, की अब्दुल अंकल उनको देख तो नही रहे. अब मा ने ब्रा उतार दी, और पनटी भी. मा अब पूरी तरह नगी खड़ी थी, किसी गैर मर्द के घर.
अगर उस वक़्त अब्दुल ने मा को पलट के देख लिया होता तो वो खुद को रोक नही पाता, क्यूंकी मा का 34-30-36 का फिगर देख के वो वही मा को छोड़ देता. पर उसने मा से प्रॉमिस किया था, की वो पीछे नही देखेगा, और उसने वही किया.
मा ने कपड़े पहन लिए, और अब्दुल को बोला: बहुत अची है पनटी और ब्रा भी (और शर्मा गयी).
अब्दुल ने मा को 7 दिन की अलग अलग मॅचिंग पनटी और ब्रा दी. मा खुश थी, और अब्दुल से इंप्रेस्ड भी थी. शायद मा भी अब्दुल के बारे में पॉज़िटिव सोच रही थी. अब्दुल ने मा के जाते वक़्त मा का हाथ पकड़ के बोला-
अब्दुल अंकल: आप बहुत खूबसूरत हो.
मा स्माइल की और बोली: आपने रमेश जी को क्यूँ मारा?
अब्दुल अंकल (पूरी हिम्मत जुटा कर बोले): मैं आपके बारे में सीरीयस हू, और मुझे आपसे मेरे अलावा कोई बात करे तो में उसे मारूँगा.
मा अंकल की बात सुन के खामोश हो गयी और बोली: मेरा रमेश के साथ ऐसा कुछ नही था. आयेज से मैं नही बात करूँगी किसी से.
अब्दुल अंकल (खुश हो कर): थॅंक योउ नेहा जी.
मा ने अंकल को हग किया और बोली: मैं आपकी दोस्त बन सकती हू? आप प्लीज़ ज़्यादा मत सोचिए.
मा ने अंकल को समझाया और बाइ बोल के चली गयी. अब्दुल अंकल भी काफ़ी खुश थे.
अगले पार्ट में बताता हू की मा के समझने के बाद भी अंकल ने फिरसे प्रपोसे किया. पर इस बार कुछ ज़्यादा किया. स्टे ट्यूंड.