तो स्टोरी शुरू होती है गर्मी की छुट्टियों में. मैं अपनी बुआ के घर गया था. उनका नाम सुजाता है, और आगे 40 है. मेरा नाम बंटी है, और मेरी आगे 19. उनकी एक बेटी है, जिसकी शादी हो गयी. तो स्टोरी पे आते है. मैं बुआ के घर पहुँचा.
बुआ: बहुत दिन बाद याद आई. 6 साल बाद आया है. बड़ा टाइम हो गया.
बंटी: नही बुआ, वो पढ़ाई की वजह से नही आ पाया.
बुआ: अंदर आजा.
बुआ सावली सी है, और उनकी हाइट 5 फीट है. साइज़ उनका 30-34-38 है. बुआ के हज़्बेंड बेवड़े है, और बहुत पीते है.
बंटी: फूफा जी कहा है?
बुआ: वो अपने दोस्त के बेटे की शादी के लिए कर्नाटका गये है. 14 दिन बाद आएँगे.
बंटी: आप अकेले कैसे रहोगी?
बुआ: उनके साथ रह के भी क्या फ़ायदा? पीते ही रहते है. अकेले सुकून है. अब तो तू भी आ गया ना, तो कोई बात नही.
बंटी: ओक बुआ, आप इतनी सुंदर हो. पर भगवान ने आपको ऐसा पति दे दिया.
बुआ: ये सब छ्चोढ़, तू नहा के आजा.
बंटी: ओक.
मैं नहा कर आया, तो बुआ ने मेरे सारे कपड़े धो दिए.
बंटी: आपने क्या कर दिया? सब कपड़े धो दिए?
बुआ: मुझे लगा तू एक जोड़ी ले गया होगा.
बंटी: अब मैं क्या करू? अंडरवेर भी नही लेके गया था मैं तो.
बुआ: छ्चोढो कोई नही, टवल लपेटे हो ना, सुबा तक सूख जाएंगस.
बंटी: ठीक है.
फिर हमने खाना खाया, और मैं एक रूम में सो गया. सुबा मैं उठा, और देखा बुआ रोटी बना रही थी. तो मैं पीछे से गया, और उनको चिपक गया.
बुआ: उठ गया, कैसी नींद आई?
बंटी: बहुत मस्त, सेम आप जैसी.
बुआ: हा इसलिए 6 साल बाद आया ना?
मेरा लंड बुआ की गांद में लग रहा था, और पूरा खड़ा था. और टवल में होने की वजह से पूरा एहसास हो रहा था उनको. फिर मैने सॉरी बुआ बोल के उनकी कमर को और ज़ोर से पकड़ लिया. बुआ ने मेरे हाथ पे हाथ रखा और बोली-
बुआ: आजा बेटा बुआ के पास. तू बहुत बड़ा हो गया है, पता चल रहा है मुझे अब.
इतने में बारिश आ गयी. बुआ दौड़ कर कपड़े लेने गयी मेरे. लेकिन तब तक सब कपड़े भीग गये थे.
बंटी: अब मैं क्या पहनु?
बुआ: दोपहर तक सूख जाएँगे.
फिर हमने नाश्ता किया, और मैं सोने गया. फिर जाबमेरी आँख खुली, और बुआ मेरे पास बैठ कर रोने लगी.
बंटी: बुआ क्या हुआ, क्यूँ रो रही हो?
बुआ: बंटी तेरे फूफा बहुत बुरे है. मेरा ध्यान नही रखते. मुझे मारते है, और मुझसे संभोग भी नही करते.
ये सुन कर मैं तोड़ा शॉक हुआ.
बंटी: बुआ कुछ नही होता, सब ठीक हो जाएगा.
बुआ: सब ठीक था, पर तूने ही बिगाड़ दिया.
बंटी: मैने क्या किया?
बुआ: मैं अपनी हवस भूल कर जी रही थी, पर.
बंटी: पर क्या?
बुआ: तू नींद मैं था, तो मैने तेरा लंड देख लिया, और मुझे कुछ होने लगा.
बुआ के मूह से लंड सुन कर मेरा खड़ा होने लगा.
बंटी: बुआ आप क्या बोल रही हो?
बुआ: हा बेटा, तेरे फूफा मुझे खुश नही रखते. मुझे एक मर्द की ज़रूरत है.
बंटी: बुआ ये ग़लत है.
बुआ: क्यूँ ग़लत है? तुझे मैं अची नही लगती क्या?
बंटी: ऐसी बात नही. पर मैने आपको उन नज़रो से कभी देखा नही है.
बुआ ने अपना ब्लाउस खोल दिया और बोली: ये देख.
बंटी: ये आप क्या कर रही हो?
मेरा खड़ा होने लगा
बुआ: देख, कुछ देर तक हमारा रिश्ता भूल जेया. तू एक मर्द है, और मैं एक औरत, प्लीज़ बंटी.
बुआ: आज जब तूने पीछे से पकड़ा, तो तेरा वो चुबा, और मुझे एक मर्द की ज़रूरत पड़ने लगी.
बंटी: बुआ आप क्या बोल रही हो?
बुआ: जो तू सुन रहा है, वो सच है बेटा.
बंटी: पर बुआ किसी को पता चल गया तो बहुत नाम खराब होगा?
बुआ: क्यूँ होगा, तू मत बताना किसी को. मैं भी नही बतौँगी.
बंटी: बुआ पर ये सब कैसे? मैं आपकी प्यास बूझोउ क्या?
बुआ: हा, अब मेरी प्यास तू ही बुझा.
बंटी: पर बुआ मुझसे नही होगा.
बुआ: तू मर्द नही है?
बंटी: हू, पर आपके साथ कैसे?
बुआ: तुझे मैं अची नही लगती क्या?
बंटी: लगते हो.
बुआ: तो कर ना जो बोल रही हू वो.
बंटी: बुआ अब मैं क्या बोलू?
बुआ: मत बोल कुछ भी. मुझे पता है तेरा भी मॅन है करने का.
बंटी: ऐसा कुछ नही है बुआ.
बुआ: ऐसा कुछ नही है तो तेरा लंड खड़ा क्यूँ हो रहा है?
मैने हाथ रख दिया लंड पर, क्यूंकी वो दिख रहा था.
बंटी: वो मुझे नही पता.
बुआ: देख बंटी, तेरे लंड को भी ठिकाना चाहिए. तो अपनी बुआ की छूट में रख दे.
बंटी: बुआ ये ग़लत है.
बुआ: कुछ ग़लत नही है. प्लीज़ बंटी.
ये बोल कर वो मेरा लंड पकड़ कर हिलने लगी.
बंटी: बुआ प्लीज़ मुझसे कंट्रोल नही होगा फिर.
बुआ: कों कंट्रोल करने को बोल रहा है?
फिर बुआ ने मुझे धक्का देकर लिटाया, और मेरा लंड चूसने लगी. मेरा लंड 6 इंच का था, और मोटा था.
बुआ: आ बंटी, बहुत टाइम बाद लंड मिला है. तेरा तो मस्त है.
ये बोल कर वो लंड चूसने लगी.
बंटी: आ बुआ, क्या मस्त चूस रही हो आ.
फिर लंड चूसने के बाद मैने बुआ के दूध चूज़, और उनके कपड़े खोल कर लिटाया.
बुआ: अब डाल दे बेटा, और नही सहा जेया रहा.
बंटी: हा बुआ, रूको ज़रा.
फिर मैने तोड़ा लंड अंदर घुसाया. बुआ की छूट बहुत टाइट थी. फिर एक धक्के में लंड अंदर घुसा दिया. बुआ की आँख में आँसू आ गये थे. जब बुआ थोड़ी शांत हुई, तो मैने धक्के देने शुरू किए.
बुआ: आ बंटी, छोड़ो मुझे, आ मज़ा आ रहा है.
बंटी: आ बुआ, मुझे भी, आपकी छूट बहुत टाइट है.
बुआ: आ ह्म, तेरे फूफा पीक भी मुझे छोड़ते नही है. तू छोड़ आज मेरी प्यास बुझा.
बंटी: आह आह बुआ ज़रूर. लगभग आधे घंटे की चुदाई के बाद बुआ झाड़ गयी. मेरा भी होने वाला था.
बंटी: बुआ कहा गीरौ?
बुआ: गिरा दे अपनी बुआ की छूट में अया आ.
मैं बुआ की छूट में झाड़ गया, और उनकी बाजू में लेट गया. बुआ मेरी चेस्ट पे सर रख कर बोली-
बुआ: थॅंक्स बंटी, मुझे इतना मज़ा कभी नही आया.
बंटी: कोई नही बुआ, मैं हू ना. अब से आपको खुश रखूँगा.
बुआ: क्या तू मुझे 14 दिन ऐसे ही छोड़ेगा?
बंटी: सिर्फ़ 14 दिन क्यूँ, जब मौका मिला तभी छोड़ूँगा.
बुआ: थॅंक्स बंटी.
ये बोल कर हम सो गये. तो फ्रेंड्स ये थी मेरी स्टोरी. फीडबॅक ज़रूर देना. और कोई भी आंटी, भाभी, लड़की हो जिससे सेक्स छत और सेक्स छाईए मुंबई से, तो मुझे मेसेज करना