ये स्टोरी व्हातसपप से बेडरूम तक सीरीस का 5त पार्ट हैं, अगर आप नये हैं, तो आपसे अनुरोध हैं की पहले के सभी 4 पार्ट्स बरी बरी पढ़ लीजिए, मज़ा आएगा.
उस रात मों के फोटोस और वीडियोस पे मूठ मरके मैं बेड पे लेता मस्त रिलॅक्स फील कर रहा था. मैने सोचा की जो हाल मेरा हुआ हैं वैसा भी कुछ मों का भी होगा.
क्यूंकी 2 बियर और उपर से एक लड़के के सहलाने पर किसी भी औरत का गरम होना स्वाभाविक हैं.
तो फिर मैने सोचा क्यूँ ना मों के रूम मे देखा जाए की क्या हो रहा हैं.
मैं दबे पाव मों के बेडरूम मे गया और वाहा अंदर लाइट चालू थी. साइड की खिड़की के बीच एक होल था, जिससे अंदर का दिख रहा था.
अंदर देखा तो मों पापा के उपर चढ़ कर सेक्स कर रही थी, मुझे मों की नंगी पीठ दिख रही थी. मेरा लंड फिर टाइट होने लगा.
मों मस्ती से उछाल रही थी, और साथ मे उछाल रहे थे उसके नंगे रसीले बूब्स.
ये देखकर एहसास हुआ की मों नीचे लेता कर नही, अपने उपर चढ़कर छोड़नेवाली चीज़ हैं.
पापा भी उसे अछा छोड़ रहे थे. दोनो के लंड और चूत चदडार मे होने की वजह से दिख नही रहे थे.
ऐसे ही चुदाई चल रही थी की अचानक पापा अकड़ने लगे. इसके साथ ही मों के चेहरे का रंग भी उतार सा गया. मों को पापा अपने आप के उपर से साइड मा लाकर उसे सहलाने लगे.
मैं समझ गया की पापा का जल्दी निकल गया, और मों प्यासी लग रही थी. उसके चेहरे पे उनसटीस्फकतिओं सॉफ दिख रहा था.
मैने अपना लंड हाथ मे लेकर कहा, “कोई टेन्षन नही मों, 6 दिन बाद ये लंड तेरी छूट मे डाल के तुझे पूरा सॅटिस्फाइ करूँगा.”
सोते वक़्त मैने मों को अनिल बनकर मेसेज डाला: गुड नाइट, श्वेता डार्लिंग. अभी तुम ऑफलाइन हो, मैं तुम्हे कल सुबह मेसेज करके बतौँगा के क्या करना हैं.”
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अगली सुबह मों बार बार अपना फोन चेक कर रही थी.
मे: क्या हुआ मों…? कुछ प्राब्लम हैं ?
मों: अरे नही, वो तो मेरी फ्रेंड एक रेसेपीए भेजनेवाली थी, वोही देख रही थी.
मे: टेन्षन मत लो. आ जाएगी, रेसेपीए ही तो हैं. बाइ मों, मैं चलता हूँ.
मों: बाइ बेटा.
(मैने ऑटो में बेतकर मों को अनिल बनकर व्हातसपप मेसेज किया.)
मे: ही श्वेता डार्लिंग, कैसी हैं तू ?
मों: वा…माँ से सीधा श्वेता और आप से तू पे ?
मे: चुदाई के बाद रिश्ते तो बदल ही जातें हैं.
मों: हरमज़ड़े, नर्क मे सदेगा तू.
मे: अगर वाहा तुम्हारी जैसे की छूट मरने को मिले, तो नर्क भी अपने लिए स्वर्ग होगा.
मों: तुझसे तो बात करनी ही बेकार हैं. अब बता क्या चाहिए तुझे. जो लेना था, वो तो तू कल ऑलरेडी ले चुका हैं.
मे: अरे, पर आराम से कहा ली हैं?, तेरे पट्टी (ब्लाइंडफोल्ड) खोलने के दर से तुझे आधा-अधूरा ही छोड़ा, जिससे तेरा वीडियो बना साकु.
मों: मतलब..?
मे: ये देखलो. (फिर मैने मों की वो कल की वीडियो आचे से कट एडिट करके भेजी)
मों: अरे…पर ये तो सब एक नाटक था, जो तूने मुझे धोके से करवाया?
मे: प्रूफ हैं तुम्हारे पास? कोई छत वगेरह.
मों: नही, वो तो तुम डेलीट कर चुके हो.
मे: एग्ज़ॅक्ट्ली. ये वीडियोस को देखके किसी को भी समझ आ जाएगा की एक शादीशुदा औरत, अपने पति की आब्सेन्स में अपने यार को बातरूम वीडियो बनके बुलाती हैं.
और फिर उससे सेक्स करती हैं, जिसमे मेरे हाथ पे आ लिखा दिखता हैं, और तुम भी अनिल के नाम से मुझसे सेक्स करती हो.
मों: आख़िर क्या चाहिए तुम्हे, तुम मुझे आचे से छोड़ना चाहते हो..? ठीक हैं, बोलो कहा आना हैं, और इसके बाद तुम मुझे कभी ब्लॅकमेल नही करोगे.
मे: अछा जी, तुम मुझे बुलाओ, और मैं वाहा पे अओ, और तुम मुझे पोलीस से पकड़वा दो. अची चाल हैं. मुझे अब नही चाहिए तुम्हारी छूट.
मों:ऐसा कुछ नही मेरे दिमाग़ मैं. तो फिर क्या चाहिए तुम्हे ?
मे: वोही, जो तुमने मुझसे करने को कहा था, अब वो चीज़ तुम खुद करोगी.
मों: क्या..?
मे: याद हैं, तुमने मुझे कहा था, की मैं पहले अपनी मों को चोदु, और उसकी वीडियो तुम्हे दिखौ. अब यही काम तुम करोगी ?
मों: मतलब…?
मे: आज से 6 दिन बाद तेरे बेटे का बर्तडे हैं ना.
मों: एस, तो ?
मे: तो इस बार तुम अपने बेटे को बर्तडे गिफ्ट मे अपनी छूट डोगी.
मों: क्या..? तुम पागल हो गये हो ? ऐसा नही हो सकता. तुम कुछ भी कार्लो, ऐसा नही हो सकता.
मे: साली रंडी, मुझे मेरी मों को छोड़ने के लिए बोला था ना, अब तू खुद अपने बेटे से चुड़वके वो वीडियो मुझे भेजोगी.
मों: प्लीज़, भगवान के लिए ऐसा मत करो.
मे: अगर मैं चाहू तो तेरा ये वीडियो दिखाकर तेरी बेटियो को ब्लॅकमेल कर सकता हूँ. तुझे क्या लगता हैं, अपनी मों की बदनामी को रोकने के लिए वो अपनी चूत देगी की नही ?
मों: नही, ऐसा बिल्कुल मत करना.
मे: तो फिर. तू ऑलरेडी दो लंड तो ले चुकी हैं, अब तीसरा लेना हैं, वो भी तेरे घर का ही हैं. अब ये तेरी चाय्स हैं, तेरी खुदकी छूट या बदले मे तेरी बड़ी बेटी की छूट, या छोटी की वर्जिन छूट ?
मों: (कुछ देर सोचने के बाद) अगर मैने मान भी लिया, तो मेरा बेटा इसके लिए कभी राज़ी नही होगा?
मे: वो तुम मुझ पे छोड़ दो, मैं तुम्हारी हेल्प करूँगा, उसे राज़ी करने मैं.
मों: मुझे सोचने के लिए कुछ वक़्त चाहिए.
मे: आज रात तक का वक़्त हैं, ठीक से सोच समझ कर डिसिशन लेना.
अब फिंगर क्रॉस्ड थी.
देर रात को मों को मैने मेसेज किया: फिर क्या डिसिशन लिया?
मों: नही, मुझसे नही हो पाएगा. तुम कुछ और बताओ. एक बार अगर कोई और लड़का या मर्द होता तो मे कर भी लेती. पर अपने बेटे के साथ कैसे ?
मे(अनिल): देखो श्वेता, एक बात तुम घंत बाँध लो की चूड़ोगी तो तुम अपने बेटे से ही. अब ये तुम पे हैं की तुम्हे मान को मार कर छुड़वाना हैं, या मान को मानकर.
मे(अनिल): और मेरा सजेशन हैं की तुम अपने मान को ही माना लो तो ज़्यादा अछा रहेगा, मैं तुम्हे एक आइडिया दे सकता हूँ.
मों: कौनसा आइडिया?
मे(अनिल): कोई बचा एग्ज़ॅम देने के टाइम पे ऐसी ही एग्ज़ॅम देता हैं और वो आवरेज स्कोर करता हैं.
पर अगर उसी बचे को उसकी मों एग्ज़ॅम से कुछ महीने पहले साइकल के शोरुम लेजकर उसको एक मस्त सी साइकल दिखा कर बोले, “बेटा अगर तुम इस एग्ज़ॅम मे 90% से उपर नंबर लाए तो मे तुम्हे ये साइकल ला दूँगी”
अब यहा मॅग्ज़िमम क्या चान्सस हैं, की बचा कितना स्कोर कर लेगा…?
मों: 90% नही तो, 75-80% जितना तो स्कोर कर ही लेगा. पर इसका मुझसे क्या मतलब.
मे: तेरी कहानी कुछ ऐसी हैं. मुझे पता हैं की तेरी चूत को बड़ा लंड चाहिए, और तेरे हब्बी का उतना बड़ा लगता नही.
उस दिन तुम्हे छोड़ते वक़्त तेरी चूत की टाइटनेस से ये पता चला मुझे.
और तुझ जैसी औरतो का बड़े लंड के साइवा सॅटिस्फॅक्षन पूरा नही होता.
तो एक बार तू कैसे भी करके अपने बेटे के लंड का साइज़ देखले, क्या पता तेरा इरादा बदल जाए.
मों: ठीक हैं, मैं कुछ करती हूँ.
मे(अनिल): कल सुबह को जल्दी से अपना रिप्लाइ देना, जिससे तुम्हे आयेज का प्लान बता साकु.
और अगर तुमने माना किया तो उसके नतीजे तुम याद रखना, तुम्हारी वीडियो तुम्हारे स्कूल मे, और मेरा लंड तुम्हारी बेटियो की छूट मे हो सकता हैं.
पर दूसरी तरफ जो तुमने अपने मान को माना कर हा करदी तो फिर तुम्हारे मज़े हूही मज़े होंगे.
मों: ठीक हैं, याद रखूँगी. मैं कल बताती हू तुम्हे.
तो फ्रेंड्स, कैसा लगा ए पार्ट. अगले पार्ट मैं हम पढ़ेंगे की क्या मों अपने बेटे का लंड देखती हैं या नही? और उसे देखने के बाद क्या डिसिशन लेती हैं…?
इस स्टोरी को लीके, और कॉमेंट्स ज़रूर कीजिएगा.
आप अगर यहा मेरी जगह होते तो क्या करते..? ये कॉमेंट्स मे बताईएएगा.