ही फ्रेंड्स, मैं जे अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने आया हू. उमीद है आपको पिछला पार्ट पसंद आया होगा. अगर आपने पिछला पार्ट अभी तक नही पढ़ा है, तो पहले उसको ज़रूर पढ़ ले.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की फॅक्टरी में से समान चोरी करते-करते मेरी मा को चोरी करने की आदत लग गयी थी. मैने मा को बहुत समझाया, लेकिन वो समझती नही थी. फिर एक दिन मा ने ज्यूयेल्री शॉप से एक रिंग चुरा ली.
रिंग लेके हम घर तो आ गये. लेकिन कुछ देर बाद उसी दुकान का नौकर रमेश हमारे घर पर आ गया. उसने मा से कहा की वो उसको छोड़ना चाहता था. मा ने माना किया तो उसने कहा की वो वीडियो रेकॉर्डिंग अपने सेठ को दिखा देगा, जिससे मा को जैल जाना पड़ेगा.
इससे मा घबरा गयी, और मा को उसकी बात माननी पड़ी. मा के हा बोलते ही रमेश ने मा को अपनी बाहों में भर लिया. अब आयेज बढ़ते है.
मा ने सारी पहनी हुई थी, और रमेश ने मा के गालों को किस करना शुरू कर दिया. वो मा के होंठो को किस करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मा अपना मूह इधर-उधर करके उसको किस करने नही दे रही थी. फिर रमेश ने मा के बाल पकड़े, और उसका मूह हिलना बंद हो गया.
उसके बाद उसने अपने होंठ मा के होंठो से चिपका दिए. अब रमेश मज़े से मेरी मा के होंठो को चूसने लग गया. मा अभी तक उसका साथ नही दे रही थी, लेकिन वो मज़े से मा के होंठो का रस्स पी रहा था. कुछ 2-3 मिनिट बाद मा ने उसका तोड़ा-तोड़ा साथ देना शुरू कर दिया.
तकरीबन 10 मिनिट दोनो की किस चली. फिर रमेश मा से अलग हुआ, और उसने मा की सारी का पल्लू पकड़ लिया. वो मा की तरफ देख कर मुस्कुराया, और पल्लू खींचते हुए पीछे होने लगा. मा घूमने लगी, और उनकी सारी उनके जिस्म से अलग हो गयी.
अब मा का खूबसूरत बदन सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट में था. मा के बड़े-बड़े बूब्स को ब्लाउस ने बड़ी मुश्किल से संभाला हुआ था, इतना टाइट ब्लाउस था मा का. फिर रमेश दोबारा मा के पास आया, और उसको बाहों में भर कर उसकी ब्रेस्ट में अपना मूह डाल लिया. मा आ आ करने लगी, और उसको ऐसा ना करने के लिए कह रही थी.
मुझे मा का उसको माना करना एक फॉरमॅलिटी सी लगी. मा के एक्सप्रेशन्स ऐसे थे, जैसे उनको मज़ा आ रहा था. अगर किसी ने माना करना होता है, तो वो अपने हाथ पावं भी चलता है. लेकिन मा ऐसा कुछ भी नही कर रही थी. वो बस मूह से ना-ना कर रही थी.
फिर रमेश ने मा का मूह दूसरी तरफ किया, और पीठ से बाल साइड करके उसकी पीठ चूमने लगा. पीठ चूमते हुए उसने मा का ब्लाउस खोल दिया, और उसको उतार दिया. मा की ब्रा इतनी टाइट थी, की उसमे से मा के बूब्स बाहर आने को हो रहे थे. ब्रा में काससे बूब्स पॉर्न वीडियो की मिलफ जैसे लग रहे थे.
फिर रमेश ने पीछे से ही आयेज हाथ ला कर मा के पेटिकोट का नाडा खोल दिया. मा का पेटिकोट नीचे गिर पड़ा और अब मा सिर्फ़ ब्रा पनटी में थी. जितनी सेक्सी मैने सोचा था, मेरी मा उससे भी ज़्यादा सेक्सी थी. मुझे तो रमेश किस्मत वाला लग रहा था, जो वो आज मेरी मा को छोड़ने वाला था.
अब मेरी मा ने माना करना बंद कर दिया था. फिर रमेश ने मा को अपनी तरफ घुमाया, और फिरसे वो दोनो किस करने लग गये. अब मा भी उसका पूरा साथ दे रही थी. किस करते हुए रमेश मा की पीठ पर हाथ फेर रहा था. और तभी उसने मा की ब्रा का हुक खोल कर उसकी ब्रा निकाल दी.
मा के बड़े-बड़े बूब्स अब आज़ाद थे, और रमेश उनको देखते ही उन पर टूट पड़ा. वो प्यासो की तरह मा के बूब्स चूसने लग गया. मा भी बूब्स चुस्वते हुए आहें भर रही थी, और रमेश का सर अपने बूब्स में दबा रही थी. बूब्स चूस्टे हुए रमेश ने मा को अपनी बाहों में उठा लिया, और बेडरूम का रास्ता पूच कर बेडरूम में ले गया.
मैं भी घर के अंदर आके बेडरूम के बाहर से देखने लगा. रमेश ने मा को बेड पर लिटाया, और उसकी टाँगो को चूमते हुए उपर जाने लगा. कक़ची पर पहुँच कर उसने मा की छूट पर कक़ची के उपर से किस किया, और फिर कक़ची उतार दी. अब मा की छूट उसके सामने थी. उसने मा की छूट को देखते ही उसपे अपना मूह लगा लिया और बोला-
रमेश: जब से तुझे देखा है, तेरी छूट का रस्स पीने के लिए पागल हुआ जेया रहा था.
ये बोल कर उसने मा की छूट पर अपना मूह लगा लिया. मूह छूट पर लगते ही मा तड़प उठी, और आ आ करने लगी. मा की साँसे तेज़ थी, और तेज़ साँसे लेते हुए उसके बूब्स के उपर-नीचे होने का सीन ज़बरदस्त लग रहा था.
रमेश कुत्तों की तरह मेरी मा की छूट चाटने लगा, और उसमे अपनी इंडेक्स फिँगूरे को अंदर-बाहर करने लगा. मा तड़प रही थी, और उसको छोड़ने के लिए बोल रही थी. मा की बात सुनते ही रमेश ने ज़रा भी देरी नही की. उसने अपने कपड़े उतारे, और मा के सामने नंगा हो गया.
उसका बड़ा मोटा लंड देख कर मा खुश हो गयी. उसका लंड कम से कम 6 इंच का होगा. फिर वो मा के उपर आया, और अपना लंड मा की छूट पर रगड़ने लग गया. मा आहह आ करने लगी. तभी उसने ज़ोर का धाक्क देके मा की छूट में अपना लंड घुसा दिया. मा की चीख निकली, और उसका पूरा लंड मा के अंदर था.
फिर उसने अपने होंठ मा के होंठो के साथ लगाए, और नीचे से मा की छूट छोड़ने लगा. मा ह्म ह्म कर रही थी, और साथ में रमेश को किस कर रही थी. थोड़ी देर में जब रमेश ने मा के होंठ छ्चोढे तो मा आ आ करने लग गयी. रमेश ने अपने धक्को की स्पीड बधाई, और छाप-छाप की आवाज़ आने लगी.
मा की चूत से पानी बह रहा था, और वो पुर मज़े में थी. रमेश ऐसे ही 15 मिनिट मा को छोड़ता रहा. साथ-साथ वो मा के होंठ और बूब्स चूस्टा रहा. 15 मिनिट की चुदाई के बाद रमेश आ आ करने लगा. मा उसको माना करने लगी, लेकिन वो मा की छूट में ही झाड़ गया, और उसके उपर ही लेट गया.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ने का मज़ा आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे.