मा बेटे में सुबहा-सुबहा हुआ प्यार

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा है, की कैसे रात को मा मेरे हाथ-पैर बेड से बाँध कर बहुत ही मज़े से मुझसे अपनी छूट की गर्मी बुझवाती है. अगर अभी तक नही पढ़ा है, तो वो पार्ट ज़रूर पढ़े. अब आयेज बढ़ते है.

सुबा मेरी नींद खुली मा की ब्लोवजोब से. मुझे जागते देख मा बोली-

मा: गुड मॉर्निंग मेरे मोतेरचोड़ बेटे.

मैं: मेरी मॉर्निंग अभी गुड कहा हुई है.

मा: क्यूँ सुबा-सुबा मा से ब्लोवजोब मिल रही है. इतना काफ़ी नही है?

मैं: मेरा लंड चूस कर काम-रस्स का स्वाद तो आप लॉगी. पर मुझे क्या मिलेगा?

मा: ब्लोवजोब का मज़ा!

मैं: उतना काफ़ी नही है.

मा: ह्म, समझ गयी तेरी मॉर्निंग गुड करने के लिए क्या करना पड़ेगा.

ये बोल कर मा मेरे तरफ पीठ करके मेरे मूह के उपर बैठ गयी. हम अब 69 पोज़िशन में थे. मैने दोनो हाथो से मा की तानपूरा जैसी गांद को फैलाया, और उनकी छूट चाटने लगा. मा मेरा लंड चूस रही थी, और बीच-बीच में मोन कर रही थी. मैं बहुत ही पॅशनेट्ली मा की छूट चाट रहा था, और साथ में मा की गांद दबाए जेया रहा था.

उनकी गांद इतनी नरम थी, की मेरा हाथ उनमे खोया जेया रहा था. फिर मुझे एक आइडिया आया, और मैं अपनी जीभ से मा की छूट छोड़ने लगा. इससे मा चीख उठी.

मा: उम्म्म्म मोतेरचोड़, रात को अपने लंड से इतना छोड़ा, फिर भी तुझे तसल्ली नही मिली? अभी अपनी जीभ से मेरी छूट छोड़ रहा है!

मैं जवाब देने के हाल में नही था. क्यूंकी मेरा मूह मा के दोनो बड़े-बड़े छूतदों के नीचे दबा हुआ था. मा की छूट से पानी निकलना शुरू हो चुका था. मैं समझ गया की मा झड़ने वाली थी. तो मैं ज़ोर-ज़ोर से मा की छूट चाटने लगा.

कुछ ही देर में मा मेरे मूह में पानी छोढ़ दी, और मैं बहुत ही मज़े से अपनी मा का काम-रस्स पीने लगा. अब मा की बारी थी. मा मेरे संपूर्ण लंड को अपनी मूह में डाल कर दीपत्र्ोआट देने लग गयी, और साथ में अपने हाथो से मेरे अंडकोष की थैली को धीरे-धीरे दबाने लगी.

उस दर्द से मेरी काम-उत्तेजना और भी बढ़ गयी. फिर मैं नीचे से धीरे-धीरे धक्के मारने लगा. कुछ देर बाद मैं मा के मूह में पानी छोढ़ दिया. मा मेरा सारा रस्स पी गयी, और फिर अपने मूह से मेरा लंड निकाल कर चाट-चाट कर सॉफ करने लगी.

फिर मा मुझे किस करने लगी. हम बहुत ही पॅशनेट्ली एक डीप स्मूच कर रहे थे. मुझे मा की जीभ से अपने काम-रस्स का स्वाद मिल रहा था. थोड़ी देर बाद हमने किस तोड़ा.

मा: क्यूँ अब हो गयी तेरी मॉर्निंग गुड?

मैं: मेरी मॉर्निंग तो बेस्ट हो चुकी है. पर थे बेस्ट होती, अगर आपको छोड़ पाता.

मा: अपनी जीभ से इतना छोड़ा, फिर भी मॅन नही भरा?

मैं: अब लंड से छोड़ने का मॅन कर रहा है.

मा: नही अभी नही. तेरे पापा के उठने से पहले मुझे नीचे जाना होगा.

ये बोल कर मा अपने कपड़े लेकर नंगी गांद मटका कर चली गयी. और मैं लेते-लेते अपना लंड सहलाने लगा. करीब 8 बजे मैं नहा कर नीचे गया. मा किचन में पापा के लिए खाना पॅक कर रही थी, और पापा डिन्निंग टेबल पे बैठे थे और पेपर पढ़ रहे थे.

मैं सीधा किचन में गया बिना किसी आवाज़ के, और पीछे से मा के बूब्स दबाने लगा. मा थोड़ी चौंक गयी, बुत कोई आवाज़ नही की. फिर मा धीरे से बोली-

मा: क्या कर रहा है? तेरे पापा सामने ही बैठे है, देख लेंगे.

मैं: मॅन तो करता है की पापा के सामने ही आपकी छूट फाड़ डू छोड़-छोड़ कर.

मा: कमीना कही का. अब छ्चोढ़ मुझे, तेरा तिफ्फ़िं भी पॅक करना है अभी.

मैं: मैं आज कॉलेज नही जेया रहा.

मा: क्यूँ?

मैं: आज पूरा दिन मैं आपके जिस्म का मज़ा लूँगा, और आपको छोड़ना है.

मा: कल रात की चुदाई से मॅन नही भरा तेरा?

मैं: कल रात तो सारा मज़ा आपने लिया. मेरे तो हाथ-पैर बँधे थे.

मा: अगर तू कॉलेज नही गया तो तेरा पापा से दाँत पड़ेगी.

मैं: आप माना लो ना पापा को!

मा: क्या बोल के मनौ? यही की बेटा आज पूरा दिन मुझे छोड़ना चाहता है, इसीलिए वो नही जाएगा.

मैं: एक बार ट्राइ करके देखो. क्या पता ये सुन कर पापा मान जाए.

मा: एक आइडिया है. तू एक काम कर. ब्रेकफास्ट करके कॉलेज के लिए निकल जेया.

मैं: पर मुझे नही जाना!

मा: पहले पूरी बात तो सुन ले.

मैं: बताओ.

मा: तू कॉलेज के लिए घर से निकल जेया. बुत जाना मत. कही च्छूप के रहना और 9:30 के बाद वापस आ जाना. फिर जितना मर्ज़ी छोड़ना अपनी रंडी मा को.

मैं: आप सच में मेरी रंडी मा हो.

ये बोल कर मैने मा के होंठो पर एक छ्होटा सा किस किया, और जाके टेबल पर बैठ गया.

मैं: गुड मॉर्निंग पापा.

पापा: गुड मॉर्निंग.

मैं: मम्मी जल्दी से ब्रेकफास्ट दो, भूख लगी है.

मा: हा अभी लाई.

मा ब्रेकफास्ट ले आई, और साथ में मेरा और पापा का तिफ्फ़िं भी ले आई. फिर हमने एक साथ ब्रेकफास्ट किया, और मैं कॉलेज के लिए निकल गया. घर से थोड़ी डोर एक पार्क है, तो मैं वाहा चला गया टाइम पास करने. वहाँ बैठे-बैठे मैं बेचैन हो रहा था. मुझसे और इंतेज़ार नही हो रहा था. उपर से मा को छोड़ने के ख़याल से मेरा लंड भी बहुत हार्ड हो गया था.

9:30 बजने वाले थे, तो मैं पार्क से वापस घर चला गया. घर पहुँच कर मैं ज़ोर-ज़ोर से कॉलिंग बेल दबाने लगा. मा दरवाज़ा खोल कर बोली-

मा: मा को छोड़ने के लिए इतना बेचैन की 2 सेकेंड इंतेज़ार नही हो रहा तुझसे.

दरवाज़ा खोलने की साथ ही मा ने मेरा कोल्लेर पकड़ कर मुझे अंदर खींच लिया और दरवाज़ा बंद कर दिया. मा को देख कर मेरे होश उडद गये थे. उन्होने एक ब्लॅक ट्रॅन्स्परेंट पुल ओवर पहन रखी थी, और अंदर ब्लॅक ब्रा आंड पनटी.

मा: ऐसे ही देखता रहेगा या फिर कुछ करेगा भी?

मैं: करूँगा ना.

ये बोल कर मैं मा की कमर पकड़ कर, खींच कर अपने पास ले आया और उन्हे किस करने लगा.

आयेज कैसे मैने मा की जाम के चुदाई की, जानने के लिए नेक्स्ट पार्ट का इंतेज़ार कीजिए, और स्टोरी कैसी लगी ज़रूर बताए. अगर मुझसे कॉंटॅक्ट करना है तो रोहनरॉय7423@गमाल.कॉम इस ईद में मैल या फिर ग-छत कर सकते है.

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