अब तक आपने जाना की कैसे मैने बिके पे, माल मे, थियेटर मे मों के बूब्स और लिप्सके मज़े लिए, अब आयेज पढ़िए, की आज क्या क्या मे लूँगा अपनी मा का.
अगर आप नये हैं तो, इस पूरी कहानी का मज़ा लेने के लिए पिछले 9 पार्ट्स को बारी बारी पढ़िए, यक़ीनन मज़ा आएगा.
: दे 4 :
आज मे बहुत एग्ज़ाइटेड था, क्यूंकी जिस बूब्स को आप बचपन मे खेल कर, चुस्कर बड़े हुए हो, वोही बूब्स आज आपको फिरसे देखने और खेलने को मिलेंगे, तो कैसा लगता?
जिनको मैने कपड़ो मे या थोड़ी देर के लिए ही नंगा देखा हो, वो बूब्स आज जिभार के नंगा देखने को और मसलने को मिलने वेल थे. मुझे यकीन ही नही आ रहा था.
मैं रोज की तरहा पापा के ऑफीस जाने के बाद ही उठता, और इस चीज़ को लेकर सुबह उनका छोटा मोटा झगड़ा भी होता की मैं सुबह जल्दी क्यू नही उठता.
मों: (मेरे बेडरूम मे आकर) तू सुबह जल्दी क्यू नही उठता?
मे: (हल्की सी नींद मे होते हुए) क्यूंकी, तुम्हे देखकर मुझे कुछ करने का मान करता हैं, और पापा के सामने कुछ कर दिया तो?
मों: तो तो फिर,तू यही बिस्तर मे ही ठीक हैं.(और मों स्माइल देकर चली गयी)
मे: एस, मों. पर अगर साथ मे तुम भी अगर होती तो और मज़ा आता.
मों: तुझे, तो बस रात दिन रोमॅन्स की पड़ी हैं.
मे: अब तुम हो ही इतनी सेक्सी, के तुम्हे देखकर जी भरता ही नही, दिल बैठता
ही नही. (और मैने अपने लंड को निघट्य मे अड्जस्ट किया, जोसे मों देख सके की मैं खड़े लंड को बिताने की बात कर रहा हूँ.)
मों: ह्म..
और मों शर्मा कर बातरूम मे चली गई नहाने. मुझे लगा की अब मुझे अंदर बुलाएगी, किसी बहाने से. और अंदर से मों की आवाज़ आई:
मों: बेटा, अपने कपड़े निकल के रख, मेरे बाद तू सीधा नहाने चले जइयो.
मे:(निराश होते हुए) ओक मों.
मों टवल लपेटकर बाहर आई, और में अंदर गया. कुछ देर बाद मों की आवाज़ आई.
मों: बेटा, मेरी कलवली चीज़ कहा हैं?
मे: कौनसी चीज़?
मों: अरे, मेरी नाइवली ब्रा, जो तुझे कल पर्स मे दी थी.
मे: (मों के मूह से ब्रा सुनकर अछा लगा) वो उसमे ही तो थी.
मों: नही हैं, सब जगह देखा. आके ज़रा हेल्प कर्दे उसे ढूँढने मे.
मे: ठीक हैं, आया मैं.
मैं जब मों के रूम मे गया तो उसने पुरानी कमीज़ डाली हुई थी, और यहा वाहा ढूँढ रही थी.
मों: सच बता, तूने छुपाई तो नही ना कही..?
मे: मे उसे क्यू छुपौँगा?
मों: बाद मे कुछ ग़लत करना हो तो तुझे उसके साथ.
मे:(हेस्ट हुए) अगर ग़लत करना ही होता, तो ब्रा के बजे उसको पहणनेवाली के साथ ही नही करू कुछ ?
मों: (मों ने नज़रे जुका दी) तो फिर कहा गयी, पहली बार इतनी महँगी खरीदी थी. (और हम दोनो उसे ढूँढने लगे, कुछ देर बाद वो मुझे बेड के नीचे से मिली)
मों: थॅंक्स बेटा, दे मुझे.
मे: नही.
मों: दे दे बेटा, मज़ाक मत कर.
मे: मेरी एक शर्त हैं.
मों: क्या?
मे: इसे मे पहणौँगा.
मों:क्या..?
मे: बचपन मे तूने मुझे कपड़े पहनाए थे, तो आज मेरी बरी हैं, तुम्हे कुछ पहनने की.
मों: (कुछ देर ऐसी खड़ी, मुझे घूर्ने लगी, फिर फाटक से मेरे सामने अपनी कमीज़ को उतार फेंका)
मे: ले, कर ले अपनी इचा पूरी.
वाउ, क्या बूब्स लग रहे थे, मों के. उस दिन जब पापा बनकर चुदाई की तब जैसे उस वक़्त थे, उससे कई ज़्यादा सेक्शी आज लग रहे थे.
इतनी आगे मे भी ऐसे मेनटेन किए हुए बूब्स को देखकर मुझे प्राउड फील हुआ की ऐसे सेक्सी बॉडी वाली औरत, मेरी मों हैं, जिसे मैं कल फाइनली छोड़नेवाला हूँ.
मों के ये बोलते ही मैं टूट पड़ा, उनके बूब्स को दबाने लगा. मैने उनको मूह मे लेना चाहा, पर मों ने माना कर दिया.
जब मैं मों के बूब्स और बॉडी को मसल रहा था, तब ऐसा लगा की जैसे मों आज एंजाय से नही, दर्द से कराह रही हैं. जब मैने रीज़न पूछी, तो उसने बताया की सुबह से उसको तोड़ा सा बॉडी पाईं हैं.
कुछ देर बाद ऐसे ही तोड़ा और दबाने, और चुम्मा छाती के बाद मैने मों को ब्रा पहनदि.
मों: तू सच मे बदमाश हो गया हैं.
मे: वो तो हैं. जब तुम्हारे जैसी सेक्सी मों सामने हो तो बेटा बदमाश हो ही जाता हैं.
मैं फिर बातरूम मे जाकर नहाने लगा. मुझे अभी भी मों के बूब्स ही आँखो के सामने नज़र आ रहे थे.
मुझे कल रात की मों की बारिश मे रोमॅन्स वाली बात याद आनी, तो मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया, की क्यू ना मों को बारिश वाली फीलिंग दी जाए.
मैने बातरूम का गाते ओपन करके अपने आप को नीचे घिरने की आवाज़ की.
मों: क्या हुआ? (बाहर से आवाज़ देते हुए)
मे: कुछ नही, बस वो मेरा पैर फिसल गया.
मों: लगी तो नही ?
मे: नही मों…आ.
मों: रुक, मुझे देखने दे. तू गाते खोल अंदर से.
और मों बातरूम का गाते खोलकर अंदर आई, मे शवर के बिल्कुल नीचे था तो मों नीचे झुकी, और मुझे सपोर्ट देकर खड़ा किया.
जैसे ही हम दूदोनो एग्ज़ॅक्ट शवर के नीचे खड़े हुए तब मैने शवर का नाल ओपन कर दिया, और हम दोनो भीगने लगे. मैने मों को पकड़ रखा था, जिससे वो छूट ना पाए.
मों: ये सब क्या हैं, बेटा.
मे: तुम्हारी वो बारिश मे रोमॅन्स वाली विश को पूरा करने की छोटी सी कोशिश.
और मैने अपने होंठो को वापस मों के होंठो पे झाड़ दिए, पहले उसने तोड़ा विरोध किया, पर माहौल मे आकर वो भी अछा रेस्पॉन्स दे रही थी.
मैने झट से उसका टॉप निकल दिया, और उसके बूब्स को दबाने लगा. और उसे दबाते हुए अपना हाथ पीछे ले गया. जैसे ही मैने अपने हाथ से हुक खोलना चाहा तो मों ने रोक दिया.
मे: अरे, . बूब्स को नंगा किए, बारिश मे रोमॅन्स होता हैं भला.
मों: ह्म.
अब मों ने अपनी पकड़ को . किया, और मैने झट से मों के बूब्स को उसकी ब्रा के बंधन से आज़ाद कर दिया.
मों के बूब्स को मे अपने हाथो से मसालने लगा. एक दूं जैसे रब्बर बॉल हो. मों का एक हाथ मेरी छाती पी,एक मेरे सिर पे और मेरा एक हाथ मों के कुल्हो पे और दूसरे हाथ से उसके बूब्स मसल रहा था.
साथ ही मे हमारी स्मूछिंग तो चालू ही थी. गिरते हुए पानी मे किसी औरत/लड़की के साथ किस करने का मज़ा ही कुछ और हैं.
ऐसे ही कुछ देर किस्सिंग और प्रेस्सिंग के बाद,
मों: क्या बेटा, बस दबाता ही रहेगा क्या? अपनी मों का दूध नही पिएगा.. (और मों ने अपने एक बूब को पकड़ के मेरे सामने किया)
मे: निकी और पूछ पूछ. मैं कब से इसे चूसना चाहता हूँ.
मो: तो फिर मूह चला ना, ज़ुबान मत चला.
और मैने अपने मूह मे उसके बूब्स को भर लिया. आहहा…क्या मस्त स्वाद लग रहा था. मेरी बरी बरी उसके बूब्स को अपने मूह मे भर कर चुसता रहा, कभी उसके निपल को तो कभी उसके बसे को मूह मे दबाता.
उपर से ठंडा पानी, और नीचे हॉट मों के हॉट बूब्स, मज़ा ही मज़ा आ रहा था.
बूब्स की चूसा पे कभी कबार मों भी मोन करती.
ऐसे ही 15 से 20 मिनिट्स की शवर के नीचे स्मूछिंग और बूब्स चूसा के बाद
हम अलग हुए. मों एकद्ूम खुश सी लग रही थी.
मैने अपना नहाना पूरा किया, और मों निकल कर चेंज करके किचन मे चली गयी.
भीगने की वजह से मों को चिंके आ रही थी, जैसे की उन्हे ज़ुकाम हुआ हो.
करीबन दोफर 12:30 को मों ने बुलाया.
मों: बेटा, लगता हैं की, कल ज़्यादा आइस्क्रीम की वजह से मुझे बुकर आ गया हैं, और तोड़ा झुकँ भी लग रहा हैं. तू ये दवाई केमिस्ट की शॉप से ले आ.
मे: ठीक हैं.
और में मों का पुराना दवाई का चिता लिया और दवाई लेने चला गया, वाहा से मैने दवाई के साथ कुछ कॉनडम्स और वियाग्रा भी ली. (वो बोलते हैं ना की, फर्स्ट इंप्रेशन इस लास्ट इंप्रेशन)
घर जाकर, मों को दवाई दी. जिसे लेकर वो सो गयी.
मैं अपने रूम मे जाकर, मों के बुलावे का वेट करने लगा. आज में एग्ज़ाइटेड था, क्यूंकी आज मों मेरा लंड अपने हाथ मे लेनेवाली थी.
मैं बहुत ही एग्ज़ाइट हो चुका था, इसलिए मैने मों की वो चुदाई की क्लिप देखी और मस्त मूठ मारी, और अपने लंड के बाल भी शेव कर दिए, जिससे मों को भी अछा लगे.
करीबन 3 बजे मों की आवाज़ आई, तो मैं रूम मे गया उनके. वाहा देखा तो मों ठंडी मे काँप रही थी. (कोई और दिन होता तो मे घभरा जाता, पर ये तो मेरा ही प्लान था)
मे: (घभरते हुए) क्या हुआ मों? अरे आपको तो ठंड लग रही हैं. अपने दवाई ली थी ना?
मों: हा, बेटा. . ली थी, और अभी आधे घंटे पहले ठंड की . भी ली थी, पर कुछ फराक नही पड़ा.
मे: चलो, डॉक्टर के पास चलते हैं.
मों: नही, बेटा. ये थोड़ी देर मैं अपने आप ठीक हो जाएगा. तू आ मेरे पास, बेत यहा. मेरा शरीर दर्द कर रहा हैं, तोड़ा दबड़े इसे.
मे: ठीक हैं मों. (में वाहा बेतकर मों के बॉडी को हल्के से दबाने लगा, पर मों ठंड से काँप रही थी.)
मे: मों, तुम्हारी ठंड का क्या करे?
मों: मेरे पास एक उपाय हैं. पर वो तेरे काम का नही.
मे: क्या हैं मों, बताओ तो सही?
मों: जब तेरे पापा और मैं हनिमून पर महाबालेश्वर गये थे, तब ऐसे ही मुझे ठंड लगी थी, तब तेरे पापा ने अपनी बॉडी की हीट देकर मुझे अछा किया था.
मे: तो क्या, मैं तुम्हे हीट नही दे सकता क्या?
मों: दे सकता हैं ना. पर उसके लिए हम दोनो को पूरा नंगा सोना पड़ेगा, बिना किसी कपड़े के. क्या तू ये कर सकता हैं.
मे: अगर तुम्हारी ठंड इससे कम होती हैं, तो मे रेडी हूँ.
मों: ठीक हैं फिर, वो तुबेलीघत ऑफ करके, नाइट लॅंप जाकर आजा.(मैने वैसा ही किया)
मों: अब अपने कपड़े निकल के कंबल मे आ जाओ.
मैने वैसा ही किया, तबतक मों ने भी अपने कपड़े निकल दिए थे. मैने ब्लंकेट एमेस महसूस किया की मों ऑलरेडी ब्रा और पेंटी मे थी, और मैं अंडरवेर मैं.
मे: अरे मों, तुम तो ब्रा पेंटी मे हो.
मों: तभी तो मुझे तेरी बॉडी से आचे से घार्मी मिलेगी.
और मों ने मेरा हाथ पकड़कर अपने आप को लिपट दिया. अब सीन ये था, की मों को मैने पीछे से टाइट हग किया हुआ था, और मों की बॉडी को सहला रहा था.
मैने अपने हाथ ब्रा मे डालकर, उसके बूब्स को मसालने लगा, मों तोड़ा तोड़ा मोन कर रही थी, फिर मैने मों का चेहरा अपनी तरफ को खिच कर उन्हे किस्सिंग करने लगा.
कुछ देर बाद मों थोड़ी नॉर्मल हुई, पर वो अभी भी ठंड से काँप रही थी.
मे: मों, तुम्हारी ठंड अभी भी नही गई.
मों: हाँ बेटा, अब क्या करे?
मे: जब तुम हनिमून पर गये थे, तब तुमने और पापा ने क्या किया था जब तुम्हे ठंड लगी . तो?
मों: वो तेरे पापा ने मुझे…?
मे: . मों, क्या किया था.
मों: वो, हम दोनो ने सेक्स किया था.
मे: तो क्या हम भी..?
मों: नही बेटा, ऐसा सोचना भी मत. मुझे पता हैं, तू कब से इसके लिए ट्राइ कर रहा हैं, पर प्लीज़, ये नही.
मे: मों, पर पहले वो मेरी ज़रूरत थी, पर अभी तुम्हारी ज़रूरत हैं. आपकी बॉडी को अंदर तक घार्मी जो देनी हैं, उसके लिए.
मों: नही बेटा, वो नही. उस पर तेरे पापा का हक़ हैं, वो नही.
मे: मों, हम कितना कुछ तो कर चुके हैं, तो इसमे क्या हर्ज़ हैं? हुँने जो किया, किस्सिंग, बूब्स प्रेस्सिंग, आपको आधा नंगा देखा, ये सब सेक्स मे ही तो आता हैं.
मों: अब तू मुझे सिखाएगा ? अपनी मा को, जो खुद एक टीचर हैं. बेटा, मुझे आचे से पता हैं की सेक्स किस कहते हैं.
मे: तो आप ही बताड़ो की सेक्स किसे कहते हैं?
मों: जब तक कोई लड़का और लड़की एक दूसरे का…?
मे: क्या मों?
मों: जब तक कोई औरत या लड़की अपनी छूट मे या अपनी गांद में किसी मर्द या लड़के का लंड नही लेती, तब तक उसे सेक्स नही कहते. (मों के मच से ऐसे शब्द सुनकर अजीब लगा, पर मज़ा भी आया)
मे: तो फिर एक बार अपनी छूट मे प्लीज़ ले लोना, मेरा लंड. मैं पिछले कुछ दीनो में, तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ, मों.
मों: नही बेटा, मुझे पता हैं की तू मुझे छोड़ने के लिए मारा जा रहा हैं, पर तुझे पहले भी बोला था, मेरी छूट पे हक़ सिर्फ़ तेरे पापा का ही हक़ हैं.
मे: क्या आपने कभी अपनी शादी से पहले किसी और से सेक्स नही किया था क्या?
मों ने कुछ जवाब नही दिया.
मे: बोलो ना मों, जवाब दो. मुझे नही लगता की तुम शादी तक वर्जिन होगी?
मों: (हल्दी सी स्माइल देकर): और तुम्हे ऐसा क्यूँ लगता हैं?
मे: तुम इस उमरा मे भी इतनी हॉट & सेक्सी हो, की तुम्हे देखके तुम्हे सीधा छोड़ने का मान करे, तो फिर तुम्हारी जवानी मे तो लड़को का क्या हाल होता होगा.
मों: (हंसकर) सही कहा तूने. और मैं शादी तक वर्जिन नही थी.
मे: आपने शादी के पहले अपने हब्बी के अलावा, किसी और से चुडवाया हैं, तो फिर शादी के बाद छुड़वाने मे क्या प्राब्लम हैं?
मों: तू नही बेटा, मे तेरा लंड नही ले सकती. बात को समझा कर. कोई और होता तो मे शायद चुड जाती, पर तू मेरा बेटा हैं यार.
मे: तो आपको प्राब्लम सिर्फ़ मेरे लंड के आपके चूत के अंदर जाने से हैं ना?
मों: एस.
मे: ठीक हैं मों. तो एक काम करते हैं. तुम्हे गर्मी देने के लिए हम आधा सेक्स करेंगे.
मों: मतलब?
मे: वो सब कुछ करेंगे, जो सेक्स मे होता हैं, सिवाय चुदाई के. अब कोई तकलीफ़?
मों: (थोड़ी देर सोचने के बाद) ठीक हैं.
मे: थॅंक्स मों, तो शुभ शुरुआत तुम्हारी छूट को नंगा करके करते हैं. (और मैने अपने हाथ से मों की पनटी को नीचे किया, जिससे मुझे मों के चूत के बाल महसूस हुए)
आयेज क्या हुआ ये आपको अगले पार्ट मे पता चलेगा.