मा बेटे का मस्ती भरा खेल

थॅंक्स फ्रेंड्स मुझे और मेरी फर्स्ट स्टोरी को इतना प्यार देने. सपोर्ट और आपके मैल करने के लिए…..

आपने पहले पार्ट मे पढ़ा की-

मैने अपनी मों का ब्रा को काट दिया आंड बेडरूम से बाहर आके. सीधा बातरूम चला गया आंड मूठ मार दी. इश्स इन्सिडेंट के बाद मेरी मों को देखनी की नाराज़ बदल गया था. अब मों में मुझे एक सेक्सी औरत दिख रही थी.

अब आयेज…..

फिर थोड़ी देर बाद मों हॉल मे आई.

मों: थॅंक योउ.

मैं: उसमे थॅंक योउ क्या मों? कोई भी बेटा अपनी मों के लिए कर लेता.

मैने फ्लर्ट करते हुए मों से पूछा.

मैं: मों आपकी ब्रा की साइज़ क्या है?

मों: क्या? क्यू पूछ रहा है?

मैं: मैने आपकी ब्रा काट दी ना. नयी ला दूँगा.

और हम दोनो हंस पड़े.

मैं: बताओ ना. मों.

मों: 36द.

मैं: और अचानक से मेरे मूह से निकला इतना बड़ा.

मों: मों शॉक्ड होगआई.

मैं: (मैं बात को चेंज करते हुए) लगता है फिर अपने ब्रा पह्न लिए है (ब्रा की स्ट्रीप मुझे दिख रही थी). मों मुझे थोड़ी शॉकिंग्ली देख रही थी.

मैं: (कवर करते हुए).
वो आपके शोल्डर पे स्ट्रीप दिख रही है.

फिर मों ने झट से स्ट्रीप देख के स्ट्रीप को धक लिए. शायद मों को समझ नही आ रहा था की क्या रिप्लाइ करे. तो वो साइलेंट बैठी ही रही.

मैने मान मे सोचा की आज तो मों का ब्रा निकलवा के ही रहूँगा आंड हिम्मत कर के बोला.

मैं: मों आप घर मे ब्रा क्यू पहनती हो? पता है ना आपको. ब्रा ज़्यादा पहनने से उससे कॅन्सर हो सकता है (मुझसे बूब्स बोलने की हिम्मत नही हुई).

मों: हन पढ़ा है मैने. बुत अब आदत हो चुकी है.

मों ने वेरी पॉज़िटिव रिप्लाइ दी (मैं इश् बात के लिए उमीद नही किया था) और मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और मों के नेचर मे भी तोड़ा मुझे चेंजस दिख रहा था. वो बार बार झुक रही थी और मुझे क्लीवेज दिख रहे थे. और मों ने भी देख लिए था की मई उनके क्लीवेज देख रहा हूँ.

मेरा खड़ा हुआ लंड भी उन्हे दिख रहा था बुत उन्होने कुछ रिक्ट नही किया मुझे भी यही चाहिए था. मैने अपना एक हाथ मों के हाथ के उपर रख दिया आंड हिम्मत कर के बोला.

मैं: मों. निकल दो फिर वैसी आदत डालने की. शूरवात करो. ऐसे बोलते ही मैने मों का हाट प्रेस किया.

शयड मों ने. ये उमीद ही नही किया था की मैं उनकी हाट प्रेस करूँगा. मों थोड़ी शॉक हो गयी आंड झट से बेडरूम की तरफ़ गयी. मई दर गया. लगा जल्दी कर दी अब कुछ नही होगा. सब खुच ख़तम.

करीब 5 मिनिट्स बाद मों वापिस आई तो मों के फेस पे थोड़ी स्माइल थी. वो स्माइल देख के मुझे बहोट अक्चा लगा. मों आके मेरी आयेज चेर पे बैठ गयी आंड हमरे बीच एक तेआपोय था. मई अब चुप था.

साइलेन्स ब्रेक करते हुए.

मों: क्या हुआ इतना चुप क्यू हो?

मैं: सॉरी मों. मुझे वैसा नही करना चाहिए था.

मों: सॉरी और किस बात के लिए.

मैं: वो आपको पता है.

मों: उसकी वजह से मई उठ कर नही गयी थी.

मैं: (वित शॉक्ड फेस) तो फिर?

मों ने मुझे सोफे पे पड़ा हुआ न्यूसपेपर तेआपोय पे रखने को बोला. मैने रख दिया. मुझे साँझ नही आ रहा था. क्या चल रहा है?

तभी मों पेपर उठाने झुक गयी आंड मुझे ज़ोर का झटका लगा. मों ब्रा निकल के आई थी और अब उनके पुर बूब्स मुझे दिख रहे थे. उसके तोडसा निपल एरिया भी दिख रहा था. मई डांग रह गया और झट से मेरा लंड खड़ा हो गया.

मों उशी पोज़ मे 10 सेकेंड थी. और मई पूरा होश खो चुका था. आँखे फाड़ के बूब्स देख रहा था.

मेरा हाल और खराब हो रहा था बस लंड बाहर आना चाह रहा था मेरा लंड पागल हुए जेया रहा था कितना भी रोकू पर रोक नही पा रहा था बस लग रहा था की जाकर सीधा मों के बूब्स को अपने हंतो से पकड़ लू और मसालने लागू पर कही जल्दबाज़ी मे बात बिगड़ ना जाए इसीलिए ना चाहते हुए भी कंट्रोल करना पड़ा.

फिर मों ने पेपर उठाई और पढ़ने लगी. 5 मिनिट तक मुझे कुछ समझ नही आ रहा था. मेरी मों मुझे बूब्स दिखा रही थी. मेरा आँखों पे विश्वास नही हो रहा था.

थोड़ी देर साइलेन्स के बाद.

मों: क्या हुआ? चुप क्यू हो गया?

मैं: थॅंक योउ मों.

मों: किस लिए?

मैं: आप ब्रा निकल के आ गयी.

मों: (इनोसेंट बनते हुए ) तुम्हे कैसे पता चला?

मैं: देख लिया मैने.

मों: क्या? (डबल मीनिंग).

मई: (मों को आँख मरते)
आपके वो शोल्डर पे स्ट्रीप नही दिख रही है ना.

मों: (नॉटी स्माइल देते हुए )
अक्चा मुझे लगा कुछ और देख लिए!

मई: (नॉटी होते हुए). अपने जो दिखाया सब देख लिए.

मों: इसीलिए तेरी पंत फूली हुए ह?

मों ने 1स्ट्रीट टाइम मेरे पेनिस पे कॉमेंट किया था. मैं शर्म से मेरे पेनिस को अड्जस्ट करने लगा.

मों: रहने दो अब क्या?

मैं: मतलब?

मों: वो ब्रा निकलते वक़्त भी ऐसा ही हुआ था.

उष वक़्त भी मों ने देख लिया था पर कुछ नही बोली थी. मों मुझे सिग्नल पे सिग्नल दे रही थी. और बातें करने में मज़ा आ रहा था.

(मैं मान ही मान पागल होते जेया रहा था साँझ नही आ रहा था की बस खुशी से पागल हुए जा रहा था)

मैं: मों उष वक़्त देख के ही मेरा लंड खड़ा हो गया था.

मेरे मूह से लंड वर्ड्स. सुन के मों शॉक सी हो गयी और टॉपिक चेंज करते हुए.

मों :तुम्हरा ऑफीस का कम हो गया?

मई: (साद होके) नही मों. थोड़ी देर मे जाना है ना मीटिंग को.

मों: चलो फिर फ्रेश होके आना लंच कर के जाओ.

मान उदास होगया था मुझे खाने की कोई इक्चा नही थी. मुझे बस मों के बूब्स देखने थे और नॉटी बातें कर के मों को और ओपन करना था.

मैं: मों मुझे भूक नही है.

मों: आज का खाना बहोट बढ़िया है. मान भर जाएगा तुम्हारा.

मुझे कुछ समझ नही आया. उतनी मे मों फिर पेपर रखने झुक गयी आंड वैसे ही 10 सेकेंड पोज़ होल्ड किया. और नॉटी स्माइल देके मटकते हुए चली गयी तो मई उसकी आस को पीछे से देख रहा था. क्या मटक रही थी

तो मों किचन के पास जाकर रुक गयी और मेरी और देखी.

मों: मुझे लगा ही..

और इतना बोलके स्माइल दे के चली गई.

मैं साँझ नही पा रहा था की आख़िर मों क्या चाहती है पर मुझे इतना जररूर साँझ आ चुका था की मों इतने नॉटी तरीके से बोली है तो मेरे लिए सर्प्राइज़ जररूर होगा कुछ ब्कोज़ आज मों मुझे बहुत सर्प्राइज़ दे चुकी थी.

अब मई पूरा एग्ज़ाइटेड था की टेबल पे क्या क्या होगा. फिर भी मैं सोच रहा था की अचानक मेरी मों इतनी ओपन कैसे हुई समझ नही आ रहा था बुत खुशी भी थी की जल्दी ही मैं अपनी मों छोड़ूँगा.

मेरा लंड पागल हो रहा था मों की चुदाई के लिए पर मुझे अभी और इंतेज़ार करना था कही जल्दबाज़ी मे कुछ ग़लत ना होज़ाये और बात बिगड़ जाए.

मुझे उष वक़्त खाने की भूक नही थी मुझे तो बस मों की बूब्स देखने की तलब लग चुकी थी…

तो बे कंटिन्यूड…

तो फ्रेंड्स. कैसा लगा ये पार्ट. अगले पार्ट मैं आप पढ़ेंगे की क्या मों अपने बेटे को टेबल मे क्या क्या दिखाने वाली ह…..

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( नोट :- कुछ लोगो को ये स्टोरी फॅंटेसी लग सकती है. मुझे इशे कोई प्राब्लम नही है. ये आपका विषन हो सकता है. आप पढ़ने के बाद क्या सोचते हो रियल या फॅंटेसी.)

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