मा और बेटे के नंगे बदनो की तपिश की कहानी

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कैसे हम दोनो और पास आ गये. इस रीलेशन को आयेज बढ़ाया. हम अब यही बातें किया करते थे, की अपने रीलेशन को आयेज कैसे लेके जाए. और हम एग्ज़ाइटेड थे, की मैं उनके और पास आ जौंगा नेक्स्ट मंत से, और वीकेंड पर मिलना हुआ करेगा.

मैं: सुषमा क्या हम स्लो तो नही अपने रिलेशन्षिप में?

मम्मी: नही तो. स्लो रीलेशन से ही प्यार बढ़ रहा है. एक-दूसरे पर ट्रस्ट बढ़ रहा है.

मैं: वो तो है. अब तो मैं गुरगाओं आ जौंगा, तो वीकेंड पर मिला करेंगे.

मम्मी: मैं अभी से एग्ज़ाइटेड हू.

मैं: मुझे भी तुम्हे अब किस और टच करने का और मौका मिलेगा.

मम्मी: मुझे भी. मैं तो आपको किस करना चाहती हू बस.

मैं: और कुछ नही?

मम्मी: मुझे तो किस में ही ज़्यादा मज़ा आ रहा है.

मैं: मुझे छोड़ना भी है तुझे.

मम्मी: वो तो हो ही जाएगा.

ऐसे ही इस एग्ज़ाइट्मेंट में मंत कैसे निकल गया पता नही चला. 20 ऑगस्ट की जाय्निंग थी. मैं गुरगाओं पहुँचा, और अपने फ्रेंड के रूम पर रहा. फिर जॉब जाय्न की. नेक्स्ट वीकेंड पर रूम सर्च किया. मुझे अकेले रहना पसंद है प्राइवसी की वजह से.

उपर से मम्मी से बातें भी करता था, तो अकेले ही रहना चाहता था, जिससे कोई मेरी प्राइवसी में ना आए. इसलिए फ्रेंड के साथ नही रहा. वीकेंड पर रूम मिल गया. 1 सेप्टेंबर से शिफ्ट होना था.

मैं मम्मी से सही से बात भी नही कर पा रहा था जब से गुरगाओं आया था दोस्त के साथ रहने के चक्कर में. मैने मम्मी को बताया रूम का. वो स्टूडियो अपार्टमेंट सा था. बातरूम, रूम फर्निश्ड, उसमे ही छ्होटी सी किचन साइबर हब के पास ही.

31 ऑगस्ट को मम्मी का सुबा फोन आता है, की मैं कल गुरगाओं आ रही हू. उन्होने पापा को बोल दिया था मैं शिफ्ट हो रहा था, तो हेल्प करने के लिए वो आ रही थी. मैने मम्मी को माना किया, बुत वो मानी नही. मैं खुश भी और दर्रा हुआ भी था. खुश इसलिए क्यूंकी मम्मी आ रही थी. दर्रा हुआ इसलिए किसी फ्रेंड को पता चल गया तो.

वाहा काफ़ी फ्रेंड्स थे कॉलेज के. वैसे किसी ने मम्मी को देखा नही था. पकड़ा जाता तो बोल देता गफ़ है. ये किस कंडीशन में हम मिले उस पर डिपेंड करता था उनको इंट्रोड्यूस करवाना. मम्मी से फिर भी दर्र था. कही किसी को पता ना चल जाए.

मम्मी सुबा-सुबा ही पहुँच गयी 8 बजे. मैं उनको इसबत लेने गया. वाहा से मेट्रो में वापस रूम आते-आते 10 बाज गये. मैं समान तो 31 ऑगस्ट को ही रख गया था रूम पर. हमने नाश्ता किया. मैने ऑर्डर कर लिया था. नाश्ते के बाद किस करके रूम को ठीक करने में लग गये. समान में उनकी जीन्स टॉप और उनकी ब्लॅक ड्रेस भी थी.

उन्होने वो निकली, स्माइल की, और वो आल्मिरा में लगा दी. वो साथ में अपने सूट भी लेके आई थी, और एक सारी भी. ऐसा लग रहा था हम अपना रूम लगा रहे थे. आल्मिराह में हम दोनो के कपड़े थे.

मैने बोला: पनटी ब्रा भी ले आती, साथ में वो भी रख देती. वो आज शाम को खरीद लाएँगे.

फिर हम हासणे लगे. समान लगा के तक गये. उन्होने किचन भी सेट कर लिया था. थोड़े बहुत बर्तन ग्रोसरी मैं खरीद चुका था. हम दोनो इतने तक गये की 2 अवर्स की नाप ली एक-दूसरे के साथ. ये पहली बार एक ब्लंकेट में सो रहे थे हम दोनो. कुछ किया नही बस सो गये.

6 बजे उठे. फिर बाहर घूमने गये साइबर हब में. Mcड में गये, और खाया वाहा पर. आज उन्होने सूट ही डाल के रखा था. 8 बजे वापस घर आ गये. फिर हम एक-दूसरे को देखने लगे.

मैं: फिर कुछ करना है?

मम्मी: क्या करना है?

मैं: किस.

हम किस करने लग गये. उनको मैने बेड पर लिटा दिया. बेड पर लेते-लेते मैने अपनी पंत खोल दी. अंडरवेर में था मैं पहली बार उनके सामने. फिर मैने उनकी सलवार खोली. उन्होने हाथ पकड़ा. मैने ज़ोर लगा के च्चूधया, और सलवार उतार दी. अब वो पनटी में और उपर सूट में. हम अलग हुए. वो तोड़ा शर्मा रही थी.
मैं बोला: कोई शरम की बात नही. अब हम एक ही है.

मैने शर्ट उतरी, और फिर अंडरवेर बनियान उतार कर नंगा हो गया. उनके सामने पहली बार नंगा था. उन्होने लंड को हाथ में लिया और देखने लगी.

मैं: जान क्या देख रही हो. अब तो ये तेरा है.

मम्मी: ह्म, मेरा ही है अब ये.

मैं: अपने कपड़े भी तो उतरो.

मम्मी: उतार दो.

मैने उनकी कमीज़ उतरी, अब वो ब्रा पनटी में थी. उसने ब्लंकेट ले लिया एक-दूं से.

मैं: फिर फ़ायदा क्या हुआ, मैने तो सही से देखा ही नही.

मम्मी: अंदर आ जाओ ब्लंकेट में. उसमे ही देख लेना.

मैं: ब्रा पनटी तो उतरो.

मम्मी: नही.

मैं: ये तो ग़लत बात है.

मम्मी: चलो ब्रा उतार देती हू, पनटी नही.

मैने ज़्यादा ज़ोर नही लगाया. उन्होने ब्रा उतार के साइड में रख दी. मैं ब्लंकेट में गया, और एक-दूसरे की गरम बॉडी मिली. अलग ही फीलिंग थी. हग किए हुए थे हम. मैने हाथ पनटी में डाला, और उनकी गांद के पार्ट के बीच में हाथ डाल दिया.

मम्मी: ये क्या कर रहे हो?

मैं: ये तो कर ही सकता हू.

मैं ऐसे ही उनकी गांद से खेलता रहा. वो शांत लेती हुई चिपकी हुई थी मेरे से. फिर वो बोली-

मम्मी: चलो उतार ही देती हू पनटी. रह ही क्या गया, ये भी क्या दूरी.

उसने पनटी उतरी. अब हम दोनो नंगे ब्लंकेट में चिपके हुए किस कर रहे थे.

मैं: देखो आज तुम्हे नंगा कर ही दिया.

मम्मी: ह्म.

मैं: कुआ सोचा था, की हम दोनो नंगे होके किस कर रहे होंगे.

मम्मी: नही मैने तो तब भी नही सोचा था जब हम ब्फ-गफ़ बन गये थे. सोचा फोन पर ही रहेगा सब कुछ.

मैं: मैने भी नही. देख लो हो ही गये. शिमला से स्टार्ट हुआ सफ़र आज यहा तक पहुँच गया.

मम्मी: शिमला में तो बस हम घूमने गये थे. वाहा तो ये भी नही सोचा था ब्फ-गफ़ का, दोस्त तो बन गये थे तब. मैने मनाली में सोचा था काश हम ब्फ-गफ़ होते. देखो कहा तक पहुँच गये.

मैं: ये तो है. क्या मैं छोड़ू तेरे को आज?

मम्मी: नही आज नही, अभी तैयार नही हू. अब तो टाइम ही टाइम है हमारे पास. वैसे कभी प्रॉस्टिट्यूट के साथ किया है सेक्स?

मैं: पहली बार तेरे साथ ही करूँगा. मैने तो किस भी तेरे को दी है पहली.

मम्मी: फिर तो मैं ही वर्जिनिटी लूँगी आपकी.

मैं: मैं दूँगा भी तेरे को.

हम ऐसे ही बातें करते रहे, पता नही कब सो गये. सुबा उठे दोनो नंगे थे. मम्मी ने स्माइल दी. वो रात बेस्ट रात थी. मम्मी साथ में नंगी. फिर हम उठ गये, वो नहा के बाहर आई मैं भी नाहया.

दोनो ने मिल कर नाश्ता बनाया. उन्होने सूट ही डाला था आज भी. तो नाश्ता बनाते वक़्त उनकी गांद को पिंच कर रहा था बार-बार. वो कह रही थी अभी तंग मत करो. लेकिन मुझे अछा लग रहा था. नाश्ता करने के बाद मेरे दिमाग़ में आया मैं हर बार कहता रहता था गांद ख़ौँगा, खाई तो थी नही. मैने फिर उनको खीचा अपनी तरफ, और उनकी सलवार खोली.

वो बोली: अभी नही.

मैने सुना नही. फिर उनको पेट के बाल लिटाया. सलवार को नीचे किया. गांद सलवार में कुछ और बाहर कुछ और होती है तब पता चला. उनकी गांद काफ़ी बड़ी थी.

मैने बोला उनको: गोल्ड तो आज मिला है.

वो हासणे लगी. जी भर को उसको खाया. फिर उसके बाद पूरा दिन टीवी देखने में शाम को तोड़ा बाहर घूमने मैं चला गया. रात को फिर नंगे होके सो गये. सुबा-सुबा 6 बजे ही उनको इसबत छ्चोढने चला गया. बहुत सही टाइम बिताया था पहली बार हमने. वो दिन शुरुआत थी अगले लेवेल पर रिलेशन्षिप की.

अभी तक कैसे हमारा रिलेशन्षिप डेवेलप हुआ बताया. नेक्स्ट 2 से 3 मॅग्ज़िमम 4 पार्ट में पूरा रीलेशन और इवेंट बता दूँगा. फिर कैसे ख़तम हुआ, वो 1 पार्ट में. मतलब 5 तो 6 पार्ट्स से ज़्यादा और नही आएँगे. मैं 12 तो 13 पार्ट्स में ख़तम करने की कोशिश करूँगा.

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