लॉकडाउन मे दोस्त की दीदी चुद गयी

(इस स्टोरी मे नाम बदल दिए गये है.)

हेलो दोस्तो, मैं रोहन हू भोपाल से, गूव्ट एग्ज़ॅम की तैयारी कर रहा हू, मेरी उमर 21 साल है. यहा हुँने एक फ्लॅट रेंट मे लिया हुआ है अरेरा कॉलोनी मे 1 भक का. मैं यहा अपने रूमेट के साथ रहता हू जिसका नाम अनूप है.

तो ये कहानी तब की है जब इंडिया मे लॉक्कडोवन् लगा 22 मार्च 2020 से. अनूप अपने होमटाउन गया हुआ था और उसकी दीदी जो की भोपाल मे नर्स थी रेडकरोस्स हॉस्पिटल मे. वो वही हॉस्टिल मे थी मगर लॉक्कडोवन् के कारण हॉस्टिल बंद हो गया. तो अनूप ने मुझसे बात की दीदी को रखने के लिए, मैने भी हन कर दी.

दीदी हॉस्टिल छ्होर के 24 मार्च को मेरे फ्लॅट आ गयी. दीदी का नाम अर्चना था, उनकी उमर 27 साल थी हाइट 5.3फ्ट और वेट लगभग 55-58 क्ग, फिगर 34.30.34 था.

फ्लॅट मे मैं और दीदी अकेले ही रहने लगे. दीदी बेडरूम मे, मैं हॉल मे. अब इसी तरह कुछ दिन बीत गये और अकेले होने की वजह से मैं और दीदी भी काफ़ी बाते करने लगे थे.

मेरी हाइट 6.1फ्ट है, वेट 78क्ग बॉडयब्ौउल्डिएर जैसे बॉडी है. तो जब भी दीदी को कुछ किचन मे उपर के सेल्फ़ से निकलना होता वो मुझे बुलाती. क्यूकी वो बहोट छोटी हाइट की थी.

हम दोनो बहोट घुल मिल गए थे. मगर लॉक्कडोवन् ऐसा वक़्त ही था की कोई किसी से मिल नही पा रहा था. मुझे अपनी गफ़ के साथ सेक्स किए हुए 1 महीने से ज़्यादा होने वाला था.

11 एप्रिल की रात को मेरी नींद खुली करीब 1 बाज रहे थे. मैने सोचा की बातरूम जा के हिला लू. मैं बातरूम के तरफ गया तो देखा की दीदी के रूम की लाइट जाली हुई है. तो सोचा की वो सो गयी होगी तो लाइट बंद कर डू.

मगर मैं दरवाज़े के पास गया तो हल्की सी दीदी दिखाई दे रही थी बिना कपड़ो के कान मे इयरफोन लगाए छूट मे अपनी उंगलिया रग़ाद रही थी. अचानक देखा तो चौक गया.

मैने इससे पहले दीदी के बारे ने कुछ ऐसा नही सोचा था. मगर ये देखते ही मेरा लोड्‍ा खड़ा हो गया. और मैने सोचा की दीदी को लंड चाहिए और मुझे छूट. कोशिश कर के देखते है शायद मान जाए तो लॉक्कडोवन् मे मज़ा ही आ जाए.

अब मैं दीदी को वही खड़ा देखता रहा और अपना लंड मसालने लगा. करीब 1 मिनिट मे ही मेरा लोड्‍ा पूरी तरह खड़ा हो चुका था, 7.3 इंच लंबा और 2.4 इंच मोटा कला लंड.

मैने धीरे से दरवाज़ा खोला, दीदी की आँखे बंद थी और कान मे इयरफोन. तो उसे पता नही चला की मैं अंदर आ गया हू. दीदी बड़ी ही मस्ती से अपनी छूट रग़ाद रही थी. और मैं दीदी के पीछे जाके खड़ा हो गया.

कुछ देर बाद मैने चिल्लाया दीदी दीदी!

वो तुरंत झतसे पीछे मूडी और मुझे देखा बिल्कुल नंगा और लंड खड़ा. मैं दीदी के पास बढ़ा और बोला की “दीदी आपको लंड चाहिए और मुझे छूट, हम दोनो एक दूसरे की ज़रूरत पूरी कर सकते है”.

दीदी दर गयी और शरमाने लगी, बोली की “नही मैं ऐसी नही हू, तुम मेरे भाई जैसे हो मैं नही कर पौँगी.”

तो मैने बोला “दीदी आप फिकर मत करो भाई जैसा हू भाई नही, और आप जैसी बेहन के लिए तो मैं बहनचोड़ बनने को तैयार हू”.

दीदी अभी भी शर्मा रही थी बुत मैं अब दीदी के पास आकर उसे लीप किस करने लगा. किस करते हुए अपनी जीभ उसके मूह मे डाल रहा था. और गालो मे भी किस करने लगा और गर्दन मे भी.

वो सिसकिया लेने लगी थी, वो पहले मुझे धकेल रही थी मगर फिर दीदी को भी बहोट ज़्यादा मज़ा आने लगा. दीदी ने धीरे से मेरी कान मे कहा “मेरे भाई को पता तो नही चलेगा?”

तो अब मैने दीदी को गोद मे लेते हुए कहा “कभी नही”.

अब दीदी मेरी गोद मे बैठी थी और हम दोनो पूरी तरह नंगे एक दूसरे को किस कर रहे थे. मई किस करते करते दीदी की गांद छू रहा था. वो बहोट गरम हो चुकी थी.

मैने दीदी के बाल पकड़ कर उसे हल्के हाथ से छानते मारने लगा और उसके चेहरे मे थूकने लगा. ठूकता फिर छानते मारता फिर ठूकता.

फिर दीदी की बड़ी गोल मगर ढीली चुचीॉ को दबाने लगा. और वो सिष्किया भरने लगी की इससस्स आहह उहह. दीदी मस्त हो चुकी थी तो मैने दीदी को बेड पे लेता दिया. फिर अपना खड़ा लंड एक बार मे ही पूरा दीदी की चींकी छूट मे डाल दिया.

वो ज़ोर से चिल्लई अहह…

तो मैने एक और धक्का लगा दिया और भी ज़ोर से. इस बार दीदी की आँखो से आँसू आने लगे और वो कहने लगी “चोर चोर मुझे चोर”.

मगर तुरंत ही मैने दीदी की गर्दन पकड़ ली और उसे छानते मारने लगा. वो अब रोने लगी थी दर्द से और मुझे मज़ा आ रहा था. मैं धक्के पे धक्के लगाए जेया रहा था.

दीदी की हाइट छोटी होने की वजह से मैं और आचे से उन्हे पकड़ के छोड़ रहा था. दीदी बस आहह अहह ह की आवाज़े निकल रही थी. और मैं दीदी के होतो को अपने दंटो से काट रहा था और छूट छोड़ रहा था.

छोड़ते हुए उसे गलिया देने लगा की “छिननल रंडी यहा उंगली डाल रही थी, लोड्‍ा दल रहा हू तो नाटक कर रही है”.

करीब 20 मीं तक लगातार छूट मारने के बाद मैने अपना लंड दीदी के मूह मे डाला और पेशाब कर दिया. वो दूर होने लगी तो मैने ज़ोर से उसे अपने पास खिछा और फिर से मूह के अंदर लंड डाल दिया.

फिर कुछ पेशाब करने के बाद वापिस से दीदी को लेता दिया और दोनो टाँगे अपने कंधे मे रख के जानवरों की तरह छूट मे धकक्के लगाने लगा.

दीदी बस उफफफफफ्फ़ अहह चोर दे हरामी मार जौंगी कर रही थी. मगर मैने कोई रहम नही दिखाई. आख़िर अपने दोस्त की दीदी छोड़ रहा था कैसे रहम करता.

पूरे रूम मे फ़च फ़च की आवाज़े गूँज रही थी. इसी तरह कुछ देर छूट मरने के बाद मैं छूट मे ही झाड़ गया और दीदी के उपर ही लेट गया.

दीदी मुझे गलिया दे रही थी की “चूतिया बहनचोड़ ऐसे कोई लेता है क्या, मैं इंसान हू जानवर नही”. मगर फिर भी मैं दीदी के उपर से हटा नही.

फिर दोबारा किस करने लगा, इस बार धीरे से अपना लंड छूट मे डाला और अपने दाटो से दीदी की चुचिया काटने लगा. वो उः उहूबफुफूफुफ कर रही थी. दीदी को धीरे धीरे चूड़ने मे मज़ा आ रहा था. मगर मुझे तो ज़ोर से लेना था.

अब मैने बोला की दीदी कुटिया बन जाओ. तो वो बोली की नही छूट ही छोड़ो, मैं गांद मे नही ले पौँगी.

मगर मैं कहा सुनने वाला था. मैने दीदी को पतला और बहोट तेज़ी से गांद मे अपनी उंगली डाल दी. वो आह आहा आहहाहह करने लगी. मैने फिर उसकी गांद मे ठुका और अपना लंड डाला.

वो माना कर रही थी की नही मत डालो. मगर मैने फिर भी डाल दिया और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. फिर दीदी के बाल पकड़े और ज़ोर से खिछा.

वो चिल्लई अहह चोर मधर्चोड़ चोर!!

ये सुन के मुझे गुस्सा आ गया. अब मैने और ज़ोर से उसके बाल खीछे और गांद मे पूरा लोड्‍ा पूरी ज़ोर से डाल दिया.

वो चीख उठी की उफफफ्फ़ हाए मार डाला बहनचोड़ चोर अब जाने दे…

मगर मैं तो और ज़ोर से लेने लगा. पूरे रूम दीदी की चीखो से गूँज रहा था और मैं अर्चना दीदी की गांद मार रहा था एक जानवर की तरह.

गांद मारते हुए गलिया दे रहा था की “रंडी तेरी गांद मे तो तब से नज़र थी जब से तू रूम मे आई थी”.

करीब 15 मीं गांद मारने के बाद मैने दीदी का मूह अपने लंड पे रख दिया और उससे अपना लंड चूसने लगा.

वो लंड को बिल्कुल लोल्ल्यपोप जैसे चूस रही थी और चूस्ते चूस्ते बोली की “ऐसी चुदाई कभी नही हुई उसकी”.

फिर मैने दीदी का सिर पकड़ के लंड उसके गले तक डाल दिया. जिसकी वजह से उसे उल्टी हो गयी मगर मैं रुका नही. उल्टी करते ही फिर से लंड उसके मूह मे डाल दिया और पैरो से उसका सिर दबा दिया ताकि वो लंड निकल ना पाए. फिर इसी तरह उसका मूह छोड़ने लगा और फिर से उसे अपनी गोद मे उठा के अपना लोड्‍ा उसकी गीली छूट मे डाल दिया.

इस बार दीदी का पेशाब निकालने लगा था, वो कांप रही थी. मगर मई हवा मे उठा के उसे झटके पे झटके दे रहा था. और वो अहहहह व्हाहह्वहव्ह इसिसस्सस्स कर रही थी.

फिर इसी तरह 15 मीं छोड़ने के बाद मैने छूट मे ही गिरा दिया और उसी के उपर नंगा लेट गया. कुछ देर हम लोगो के किस्सिंग की और वैसे ही सो गये.

उस रात के बाद मैने दीदी को 2 महीने तक लगातार छोड़ा. वो भी मुझसे चूड़ने से खुश रहने लगी. हम दोनो ने पूरे लॉक्कडोवन् मे ज़बरदस्त चुदाई की. मगर अब अक्टोबर मे दीदी की शादी हो गयी तो अब चुदाई नही हो पा रही है. अब उसका पति ले रहा होगा उसकी.

फ्रेंड्स ये कहानी बिल्कुल सच है, तो कैसा लगा ये ज़रूर बताईएएगा मेरी एमाइल मे – [email protected]

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