लेस्बीयन सेक्स और डिल्डो से चूत गांड चुदाई

वो कॉल मेरी एक बहुत घनिष्ठ सहेली उर्वशी (बदला नाम) का था, मैं उससे बातें करने लगी, वो अब हमारे घर के पास ही रहने वाली थी, मैं उससे बात करती और पतिदेव मेरे निप्पल और मम्मों को काटने लगते, मुझे दोनों ही तरफ से मजा आ रहा था।

पर न तो मैं उससे बात करना छोड़ना चाहती थी, और न ही यह चाहती थी कि पतिदेव मुझे छोड़ें।

पर बातें करते हुए उसने बताया कि वो मुझसे मिलने आ रही है और मैं पतिदेव के साथ मस्ती करने लगी।

रात को फिर पतिदेव ने मेरी गांड का 4 बार भरता बना के रख दिया और मम्मों को भी बहुत बुरी तरह से काट दिया, इतना कि उन पर दूर से निशान अलग ही दिख रहे थे।

अगले दिन मैंने ऑफिस जाने से मना कर दिया था तो पतिदेव ने भी कुछ नहीं कहा क्योंकि उन्हें पता था कि मेरी सहेली आ रही है।
जब मेरी सहेली उर्वशी आई तो हमने बहुत सारी बातें शेयर की।

मैं आपको उसके बारे में बता दूं कि वो भी मेरी ही उम्र ही है और रईस घर से है और उसका पति एक बहुत बड़ा उद्योगपति है और कई सारे बिजनेस हैं।

उसका पति भी मेरे पतिदेव की तरह कई सारी लड़कियों से सेक्स कर चुका है।

उसकी शादी मेरी शादी से 2 वर्ष पहले यानी 20 वर्ष की उम्र में ही कर दी थी। रंग उसका मुझसे थोड़ा कम गोरा, पर कामुक मुझसे ज्यादा है और फिगर भी मेरे ही जितना है।
बस उसके मम्मे प्राकृतिक ही बड़े, तने हैं और मेरे सर्जरी से।

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ज्यादातर लोगों के जीवन में कोई न कोई ऐसा मित्र तो होता ही जो बहुत ही घनिष्ठ हो, और जिससे हम हमारी सारी बातें शेयर करते हैं, उर्वशी भी ऐसी ही मेरी एक सहेली है, 3 बच्चों की माँ भी है।

जब मैंने उससे उसकी सेक्स जीवन के बारे में पूछा तो बताया कि उसका पति उसे बहुत बेरहमी से चोदता है।

जब मैंने उसे अपनी सेक्स कहानी बताई कि मैंने कैसे कनाडा में खूब सारे लंड खाये और कैसे कविता के साथ लेस्बियन सेक्स किया और पतिदेव के सामने नंगी हुई।
तो यह सुनकर वो बहुत हंसी और थोड़ी कामुक हो गई और मैं भी!

मैंने उससे सीधी भाषा में कहा- लेस्बियन सेक्स करना है?
तो उसने कहा- आज नहीं बाद में… मेरे (उर्वशी) घर ही करेंगे, मेरे पास डिल्डो भी है 5-6
तो मैंने भी हाँ में सर हिला दिया और उसे किस करने लगी।

चूमा चाटी तो हम एक दूसरे को कमसिन उम्र से ही कर रहे थे, इसलिए हमें कोई भी असहजता नहीं हुई क्योंकि उसके मम्मे उस समय मुझसे ज्यादा बड़े थे तो मैंने उसके मम्मे चूसने के लिये कहा पर अभी उसने मना कर दिया था तो मैंने जबरदस्ती उसका पल्लू हटाकर उसके ब्लाउज को ऊपर किया और मम्मों को चूसने लगी।

लगभग 5 मिनट तक मम्मों को चूसने के बाद हमें किसी के आने की आहट सुनाई दी, हम थोड़ा सम्भले और उर्वशी ने साड़ी को ठीक किया और तभी मेरे पतिदेव कमरे में आये।

उन्होंने कुछ नहीं कहा और लंच करके ऑफिस चले गए और हम शाम तक ऐसे ही बात करते रहे।

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फिर कुछ दिनों बाद पतिदेव ने मुझे तबीयत और बहुत बेरहमी से चोद रहे थे तभी उर्वशी का फोन आया, उसने कहा कि कल वो घर पर अकेली है और उस दिन छुट्टी भी थी।
मैंने उससे कहा- मैं अभी पतिदेव से चुद रही हूँ, कल आ जाऊँगी।

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