लड़के ने अपनी चाची को उसकी बेटियों के सामने चोदा

पिछली स्टोरी में आपने पढ़ा कैसे चाची और मैं नशे में धुत थे. फिर चुदाई की स्टोरी सुना के वो खुद मज़े से चूड़ने लगी और नशे में धुत घर के अंदर पहुँचे. अब आयेज-

प्रीवियस पार्ट 07 इन मी प्रोफाइल.

मैं बातरूम गया, और लंड आचे से सॉफ किया. बाहर आया तो देखा चाची लेती हुई थी. उनका सिंदूर, नशीली आँखें, गुलाबी होंठ, उभरे स्टअंन, उसपे लटकती हुई चैन(मंगलसूत्रा), उनका पेट फ्लॅट लगा, और उसपे नाभि निहारता रहा.

(नशे में मुस्कुराते हुए)चाची: लो बेटा, तेरी इक्चा पूरी हुई.

मैं: अद्भुत, चाची एक औरत की खूबसूरती और नशा दोनो इसमे है. (नाभि के अंदर उंगली दबाते हुए) आपके सामने लड़किया बे फैल हो गयी आज.

चाची: तू बहुत रोमॅंटिक है. वैसे मुझे तू बोल सकता है तू.

मैं: ठीक है, पर दिल में इज़्ज़त हमेशा है.

हमारी गरम साँसे और नशा ला रही थी.

मैं: आपका ये मंगलसूत्रा?

चाची (ठीक करते हुए): अछा है ना, किसी और की बीवी का मज़ा लेगा.

और वो हासणे लगी. पूरी चढ़ गयी थी उनको. मैने होंठो पे चूमा और उनको साथ लेके अंधेरे में डबल बेड पे लिटाया. चाची ने मेरे कपड़े झटके में खोल के फेंक दिए.

एग्ज़ाइटेड था उनको पहली बार पूरी नंगी देखूँगा, तो बहुत देर तक होंठो को चूसा, शरीर उनपे रगड़ते हुए गांद और चूचिया दबाई. पल्लू सरका के ब्लाउस खोला. उनके चूचे गोरे और मुलायम थे. उसपे मैं छ्होटी काली निपल पे दूध की बिंदी देकने लगा.

चाची सर पे उंगली घूमते हुए मुस्कुराइ. मैने निपल पे उंगली घूमते हुए दूसरा हाथ चूची पे दबाया और पूरा दूध चोस्स के पी गया. अलग ही स्वाद और मज़ा आया. मैं चूमते हुए नाभि पे गया, और जीभ रख कर कमर दबा के चाटने लगा. इससे वपो पूरा मचलने लगी.

चाची: अफ बेटा, तू तेरे चाचा से भी अछा करता है.

फिर मैने उनको पीठ के बाल लिटाया. उसके बाद बेड के पीछे से तेल लिया, और मसाज करने लगा, और मेरा नंगा शरीर भी रगड़ने लगा.

(नशे में)चाची: ये क्या कर रहा है?

मैं (प्यार से): अब मूह तभी खोलना जब मैं खोलने बोलू.

मैने उनका पूरा शरीर मसाज किया. सारी नीचे से इतनी उठाई जितना मैने अब तक देखा था. चूचियों पे और नाभि पे तेल डाल के नाभि की मसाज की.

चाची (सर सावरते हुए): बेटा तेरी उंगलियों में ज़रूर जादू है.

उनकी सारी पेट तक सर्काय मैइमे. अंधेरे में टांगे चिकनी और गोरी. पहली बार छूट देख के मैं पागल होने लगा. इस छूट को बिन देखे 2 बार छोड़ चुका था सॉफ था.

फिर मैने उनकी जाँघ पकड़ के छूट के पास जीभ लगाई, और उसको होंठो से चूसा. चाची उछलते हुए मेरा सर पकड़ के उठ गयी.

चाची: श बेटा, गंदा है.

मैं: तुझे क्या, बस लेती रह.

और उसको बिस्तर पे धक्का दिया.

मैं होंठो से क्लिट चूस्टे हुए जीभ छूट के अंदर डाल के चाची को देखने लगा. वो पागला गयी थी. उनके लिए पहला एहसास था, बस मेरा सर पकड़ के कमर हिलाते हुए आहें भरने लगी.

चाची: आ हा, बेटा ये तो जन्नत है. आह, और चूसो, और तेज़ी से जीभ हिलाओ.

कमरे में बस उनकी आहें निकली, की तभी लाइट्स चालू हो गयी. चाची का गोरा शरीर तेल से भीगा पूरा दिकने लगा. रेका मुझे उसकी मा की नंगी छूट पे जीभ हिलाते हुए देकने लगी. मैं रुका नही, बस चूस्टा रहा.

रेका: ये क्या कर रहे हो?

आरती भी उठ गयी थी. चाची सारी नीचे खींच के धक ली, कुछ बातें हुए. मैने उनकी सारी हटाई, धक्का दिया, और फिरसे छूट चूसने लगा.

आरती: भाई कुछ तो शरम कर. हमारे सामने मा की ले रहे हो.

मैं फिर उन्हे देख तेज़ी से जीभ हिलने लगा. तो वो अपनी बेटियों से नज़रे मेरी तरफ करके उफ़फ्फ़ आ आ आ के साथ जांघों के बीच मेरा सर दबा के झटके देने लगी, और झाड़ गयी. फिर वो हाथ और टांगे फैला के लेट गयी. यारो मैं जांघों के बीच मरते-मरते बचा.

मैं जांघों को सवारते हुए भीगा शरीर उपर से नीचे निहारने लगा. चाची मुझे खींच के चूमने लगी, और वो बहुत खुश थी.

चाची (मुस्कुराते हुए): इनको नज़रअंदाज़ कर. बेटा एक से बढ़ कर एक तरकीब है तेरे पास. तेरा जवाब नही. शायद कुछ साल पहले चुड़वति तो इनके साथ तेरा भी लेके घूमती.

रेका: मा अभी भी कर ले. हम गरम है ना.

बहुत गुस्से में थी वो, उसका नथना हिल रहा था. खूबसूरत दिख रही थी. हमे बस मज़ा आ रहा था. फिर मैने चाची को कुटिया बनाया, और तेल गोरी गांद पे डाल के गीला किया, और 1, 2, 3 उंगलिया आराम से दोनो को दिखा के एक-एक करके अंदर-बाहर करता रहा.

चाची: आ बेटा, पहली बार है. अफ तेरे चाचा को भी करने नही दिया है.

मैं: इचा के अनुसार कुवारि छूट नही छोड़ पाया, पर गांद का टला तो खोलने दे. इतना तो हक बनता है.

रेका आंड आरती: भोंसड़ी का, हरामी. हमारी छूट खोली और भूल गया.

चाची (मुस्कुरा के चूमा): इस गांद का टला मेरा राज बेटा ही खोलेगा. बस आराम से करना.

आरती: रेका अब देख मदारचोड़ कैसे मा की गांद खोलेगा.

चाची (हेस्ट हुए): अफ, इनको गांद में मिर्ची लगी है. बेटा अब बस छोड़ मुझे, और रुक नही पौँगी, इनको दिखा.

उंगलियों से गांद थोड़ी खुल गयी थी.

चाची (हल्की आवाज़): बेटा जो करना है कर. तू बस अब फिर जन्नत की सैर करा दे.

गांद हाथ फैलाई, और गांद पे लंड का टोपा अंदर घुसाया जो कड़क था.

चाची: अफ बेटा रूको.

वो दर्द सहने लगी. फिर कुछ तेल लिया, और गांद के पास डाला. फिर बिस्तर पे सर दबा के हल्के धक्के देने लगा. चाची बस आँखें बंद किए “मा अफ मॅर गयी” गांद खींचते हुए(हाफने लगी).

चाची: बेटा अब फिर धक्का दे.

वो अब मुझे गाइड करने लगी, और उनकी गाइडेन्स पे पूरा लंड अंदर घुस गया. वो दोबारा हाफने लगी.

मेरी पसंदीदा गांद मे लंड अंदर-बाहर करने लगा.

चाची: आ आ उफ़फ्फ़ उई मा मॅर गयी.

उनका मूह लाल हो गया था, मैं सामने रखे ग्लास पे देकने लगा. चूचियों के पास चैन हिलने लगी छाछ की, और उनकी दोनो बेतिया देख कर गरम हो रही थी. मज़ा आ रहा था.

मैं: चाची निकाल डू?

चाची: अफ, अफ दर्द हो रहा है आ. पर मज़ा भी आ रहा है.

आरती: मेरी कुवारि छूट को बक्षा नही, और मा की गांद आराम से छोड़ रहा है.

रेका: मेरी भी दीदी.

मैं (चाची की आहों के बीच): तुम दोनो को भी इतने ही प्यार से किया हू. चाची वो देख आईने पे कैसे हिल रही है.

चाची: अया आ बेटा, अब बोल कैसा लग रहा है दूसरे की बीवी को नंगा करके छोड़ते हुए? वो भी तेरे ही चचे की बीवी को? आहों के बीच वो हासणे लग गयी. रेका और आरती हैरान थी.

मैं: मज़ा तो दूसरे की बीवी देती है जानेमन.

और फ्लाइयिंग किस दिया. चाची सर घुमा कर मुझे गले से पकड़ के होंठो पे चूमने लगी, और खुद भी गांद हिलने लगी.

मैं चूचिया दबाते हुए, उन दोनो बहनो के सामने चूमते हुए, रुक-रुक के, दबा के गांद पे धक्के देने लगा. चाची आ आ करने लगी. फिर रफ़्तार बधाई मैने, और वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकारिया लेने लगी-

चाची: आहह आ, और ज़ोर से बेटा उई मा, तेरी छ्होटी मा की गांद फाड़ दे. और छोड़ आहह.

हमारे शरीर टकराने पे ठप ठप तालियाँ बजने लगी.

मैं: चाची बोल तू मेरी रंडी बनेगी? जो बोलूँगा करेगी?

सब चौंक गये सिवाए चाची के.

चाची: ह्म आह हा-हा बेटा, तेरी रंडी बन के रहूंगी. सब कुछ करूँगी आ हा बस छोड़ता रह.

मैं: देख तेरी बेतिया छूट खुजा रही है, खोलू इनको?

चाची: आहह आ मदारचोड़, तुझे इनकी बड़ी चिंता लगी है.

मैं: तेरी बेटियों को एक-एक करके च्चत पे छोड़ूँगा, और फिर गांद मारूँगा.

चाची: आ आ इनको जाम के छोड़ना. बेटा आराम से तेज़ मोमेंटम से करते रहो.

चाची मुझे बस देख के आहें भरते हुए आ आह कर रही थी.

वो बोली: मेरा निकल रहा है बेटा.

ये बोलते हुए थोड़ी देर में बिस्तर का कोना टाइट पकड़ के वैसे ही गिर गयी, काँपने लगी, और लंबी आ आ आ के साथ शरीर के झटके लगाने लगे. रेका और आरती बस डेक्त्ी रही. मैं उठा और पोज़िशन चेंज की. और वो मेरे उपर आ गयी.

चाची: बेटा रूको तो, दर्द हो रहा है. इनकी तरफ मूह करके इनको गांद में लंड जाते हुए दिखाओ.

वो बैठी, और फिर उनको देख कर उछालने लगी. आ आ की सिसकारियाँ लेने लगी. मैं तो टाइट गांद के अंदर जन्नत महसूस करने लगा.

चाची: क्यूँ बेटी, छुड़वाना है? खोल डू, या तुम दोनो को ऐसे ही रहना है रात भर?

और चाची हासणे लगी. करीब 10 मिनिट और ये सिलसिला चला. धक्को के साथ गांद के अंदर रस्स छ्चोढ़ दिया मैने. लंड से निकला रस्स उसकी गांद से बहएने लगा.

चाची ने मुझे सॉफ किया, और चाची मेरे सीने पे सर रख के चूमते हुए बातें करने लगी.

मैं: चाची कैसा रहा?

चाची: बेटा क्या बतौ भाग खुल गये मेरे.

और वो शरमाने लगी. बातें करते हुए वैसे ही हम नंगे सो गये. सुबा के 8 बजे उठा मैं. चाची और मैं कंबल के अंदर नंगे ही लेते थे. चाची के शरीर पे अभी भी तेल लगा था.

रेका और आरती अपने हाथ खुद खोल के स्नान करके खाना तैयार कर ली थी. चाची टांगे फैलाए लेती थी, तो मैं उनकी टाँगो के बीच गया, लंड पे थूक लगाया, और छूट पे धक्का दिया.

चाची चिल्लाते हुए उठी तो देखा उनके सामने मैं ज़ोर-ज़ोर धक्के दे रहा था. रेखा और आरती हड़बदयी हुई आई, और देख के वापस चली गयी.

चाची गले से लगा के अपनी टांगे मेरे उपर मोड़ के होंठो को चूमते हुए आहें उम्म ह्म भरते हुए छूट उछालने लगी. बिस्तर के उछाल से उनकी छूट नीचे से सीधा लंड पे ज़ोरो से ताप-ताप टकराने लगी. कमरे में चाची की सिसकारिया और ताप ताप की आवाज़ आ रही थी.

पूरा लंड छूट के अंदर तक घुसने लगा. उम्म उम्म की सिसकारिया भरते हुए 20 मिनिट बाद दोनो साथ में झाड़ गये. चाची झटके देते हुए होंठो को चूमते हुए नाकूं मेरी पीठ पे दबाने लगी. मुझे उनका गरम रस्स महसूस होने लगा.

थोड़ी देर दोनो वैसे ही लेते रहे. ये पहली बार था जब दोनो का साथ में रस्स निकला था.

चाची: बेटा मैं चाहती थी की मुझे ऐसे ही कोई सुबा उठाए, और मेरा ये सपना भी बिना बोले तूने पूरी किया.

फिर वो उठ के स्नान करने गयी. थोड़ी देर बाद निघट्य में आई और मुझे उठाया. मैने भी स्नान किया, और नंगा बाहर आया.

आरती: देख रेका उठते ही दोनो की रासलीला शुरू थी.

रेका गुस्से से घूर्ने लगी.

मैं (उन्हे गले लगाया): अब तुम दोनो की बारी है.

हम नाश्ता खाए, और 10 बाज गये थे.

मैं बोला: और वोड्का बाकी है.

रेका, आरती: मा दारू पी तुमने?

चाची: हा, तुम भी पियोगी(दोनो चुप रही). बाकी का निकाल, सब पीते है. आरती, रेका और मैं एक बार साथ पिए थे.

उन्होने चाची को बोला नही.

मैं बोला: कुछ और लाता हू. फिर मैं सीधा गया, और सृटि को कॉल किया. मैने उसको बोला मुझे कुछ पैसे चाहिए.

सृटि(ओनर की बेटी): ठीक है वाहा से लेले बाद में बता देना.

मैने बाग लिया, और दौड़ के 6 फुल बॉटल, बहुत सारे फ्रूट्स, और 2 ग्रिल्ड चिकन, नींबू, और एक बकेट लेके आया.

चाची: इतने सारे कहा से लाया? और बहुत सारे सवाल दागे?

मैं: चाची मज़े करो, बाद में बतौँगा. और ये कुछ पैसे रखो.

मैने बकेट ली, उसमे आइस, नींबू, अनार और तरबूज़ का जूस, शील हुए अनार, आपल, तरबूज़, संतरे और ठंडा पानी डाल के उसमे 2 पूरी वोड्का भर दी, और मिक्स किया.

सब बस देखने लगी. मैं हॉल की खाट के कोने पे बैठा, और एक ग्लास उसमे डुबो के पीने लगा. आ, मज़ा आ गया.

चाची समझ गयी, की उनको अब कुछ अलग करने को मिलेगा. मेरे कंडे पे हाथ रख के वो बगल में बैठ गयी.

उनकी आँखों में मेरे लिए काम-वासना सॉफ-सॉफ दिख रही थी. अब सब को सब कुछ पता था तो कोई शरम नही थी.

चाची: कोई रूल्स नही है.

दोनो बहने आई, और ग्लास डूबा के पीने लगी. उनको अछा लगा. कुछ देर बहुत अची बातें हुई, और सब हासणे लगे. मैं पीते हुए सब को देखने लगा. नशे और मज़े में थे सब. रेका दो ग्लास पीने के बाद उठी और मेरे बाल पकड़े.

रेका: भैया, छूतिए, तूने हमे कल बँधे देख खोला क्यू नही?

चाची: ये क्या कर रही है?

आरती: इसकी भादास है मा. आज तो तुम दोनो गये.

रेका अपनी मा को डेक्ते हुए.

रेका: आप हमे कॉंडम मिलने पे कल रात भर की सज़ा दिए. और जो तुमने किया उसका क्या?

(हेस्ट हा)चाची: अछा ये बात है. बेटी तुम जो सज़ा डोगी मंज़ूर है.

रेका (शैतानी से मुस्कुराते हुए): भैया अब तुम बताओ कों सी सज़ा दे? (अपनी मा का सर और गाल सावरते हुए बोली).

मैं: आज भूल जाओ तुम मा बेटियाँ हो. क्या ख़याल है?

चाची: ठीक है.

रेका की आँखें चमकने लगी.

रेका (गालों को चूमते हुए); अगर मेरा लंड होता तुम्हे यही लिटा के छोड़ती मा.

पूरी तरह नशे में धुत थी वो. फिर मेरे दिमाग़ में एक ख़तरनाक आइडिया आया, और मैं नंगा ही बाहर सृटि के कमरे में गया, और उनके सामने 3 पेगिंग डिल्डो, 3 पुसीस, और अनल वाइब्रटर उनके सामने रखा, और उसके बारे में समझाया. रेका अपनी मा की तरफ देख के शैतानी हस्सी हासणे लगी.

रेका मर्द की आक्टिंग और बिहेवियर नकल करने लगी.

रेखा: मा बहुत गर्मी है ना तुझमे? छुड़वाने का शौंक है ना?

चाची बड़ी आँखें करके उसको देख अब घबराने लगी. इसके आयेज की स्टोरी अगले पार्ट में.

अगर स्टोरी पसंद आई हो, तो लीके और कॉमेंट कर देना. या मेरी एमाइल ईद है.

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