लड़के को पड़ोस वाले भैया ने नया मज़ा दिया

हेलो गाइस, मेरा नाम शिवंश है. मैं अभी 30 साल का हू, और काफ़ी गोरा चिकना आंड सेक्सी हू पहले से. इसलिए स्कूल टाइम से ही मैं सब टीचर्स, गर्ल्स आंड ऑल्सो बाय्स का फॅवुरेट हू.

तो गाइस बात तब की है, जब मैं 12त स्टॅंडर्ड में पढ़ता था, आंड आगे होगी करीब 18-19 साल की. मैं आपको बता डू, की मोस्ट्ली जब मैं स्कूल, कॉलेज, ऑफीस, या कही बाहर होता हू, तब ही पंत के अंदर अंडरवेर पहनता हू. बाकी घर पे अक्सर त-शर्ट आंड शॉर्ट्स/ बॉक्सर/ ट्रॅक्स में होता हू.

तो फाइनली स्टोरी स्टार्ट करता हू. हमारे पड़ोस में एक भैया रहते थे. वो उस वक़्त शायद 32-33 साल के होंगे. मैं 18 साल का था. अक्सर शाम को हम सब दोस्त लोग बाहर खेलते थे.

मैं अक्सर त-शर्ट आंड शॉर्ट्स में हुआ करता था. तो वो भैया अक्सर मुझे देखते रहते. मुझे बहुत पसंद करते थे वो. तो एक बार हुआ यू, की क्रिकेट खेलते टाइम बॉल उनके घर में चली गयी. सब दोस्त बोले यार तुम लेके आओ. मैने बोला ठीक है.

मैं गया उनके घर. भैया अकेले थे. भाभी बहुत टाइम से अपने माइके गयी हुई थी. वो भी जनरली बनियान चड्डी में ही घर पर रहते थे. वो रेलवे में जॉब करते है. जब मैं बॉल लेने गया, तब भी वो इननेर्स में बैठे थे.

मुझे देख के वो बोले: अरे आओ शिऊु, क्या काम है? (वो मुझे प्यार से शिऊु बुलाते थे)

मे: कुछ नही भैया, बस बॉल आई थी, तो वो लेने आया हू.

भैया: ओह ठीक है, चल मैं भी ढूँढने में तुम्हारी हेल्प करता हू.

मे: ठीक है.

बाद में उनके घर में हम बॉल ढूँढने लगे. थोड़ी देर के बाद बॉल ना मिलने पर वो मेरे पास आए, और अचानक से मेरे शॉर्ट्स के उपर से ही मेरी गोतिया पकड़ ली.

वो बोले: क्या शिऊु, ये रही 2 बॉल्स. मैं घबरा गया.

मे: क्या भैया आप भी.

भैया: यार अंदर चड्डी नही पहनता क्या?

मे: हा भैया, घर पे आके निकाल देता हू. बहुत टाइट होती है, तो मज़ा नही आता. स्कूल में ज़बरदस्ती पहन के जाना पड़ता है.

बाद में उन्होने शॉर्ट्स के उपर से ही मेरी गांद पर भी हाथ फेर लिए, और मुझे टाइट हग भी किया. मैं तोड़ा शर्मा गया.

भैया: यार शर्मा मत. तू तो मेरे छ्होटे भाई जैसा है.

बाद में बॉल मिलने पे मैं चला गया.

अब एप्रिल का मंत आया. तो उस टाइम मेरे फाइनल एग्ज़ॅम्स चल रहे थे. उसी टाइम मेरे मामा के लड़के की शादी थी, तो घर पे सब को जाना था. वैसे सुबा से शाम तक ही जाना था. क्यूंकी मैं घर पे अकेला था. तो सब शादी में गये, आंड मैं स्कूल एग्ज़ॅम देने गया.

मेरे घर वालो ने घर की चाबी पड़ोस वाले भैया जिसका नाम शिवम था उनके घर दी थी. ये वही भैया थे, जिनके घर मैं उस दिन बॉल लेने गया था.

दोपहर को करीब 1 बजे मैं घर आया, और बाजू में चाबी लेने गया. शिवम भैया अंदर थे. मैं स्कूल यूनिफॉर्म में था. तो शर्ट, पंत, टीए, बेल्ट, शूस सॉक्स, वॉच में था.

मैं गया तो भैया ने डोर ओपन किया, और मुझे अंदर बुलाया. मैं अंदर गया, और उन्होने डोर अंदर से बंद किया.

मैने कहा: भैया चाबी दीजिए, मुझे जाना है. लाते हो रहा है.

तब वो बोले: क्या शिऊु, इतनी जल्दी क्या है? बैठो, खाना खा के जाओ.

तब उनकी नज़र मेरी पंत की खुली ज़िप पे पड़ी, जो जल्दी में लास्ट में सस्यू करते टाइम खुली ही छूट गयी थी मुझसे.

भैया: यार शिऊु, तुम सब को एग्ज़ॅम में पंत की ज़िप खोल के चेक करते है क्या?

मैने नीचे देखा, और शर्मा के चैन बंद करने लगा.

भैया: यार रहने दे, उसमे क्या है. मैं तो तुम्हारे सामने इननेर्स में हू.

मैं यूनिफॉर्म में एक-दूं हॉट आंड सेक्सी लग रहा था, तो भैया ने आज मुझे नंगा करके मुझे सक करने की तान ली थी.

मे: नही भैया, ऐसा कुछ नही. वो तो बाइ मिस्टेक रह गयी.

भैया: शिऊु यहा तो आ, बेड पे बैठो.

मैं बैठा तो उसी वक़्त उन्होने मुझे लिटा के मेरे हाथ बाँध दिए.

मे: भैया क्या कर रहे हो?

मैं तोड़ा हैरान हो गया, और बोल-

मे: मुझे छ्चोढो भैया.

भैया: अर्रे ऐसे कैसे छ्चोढू मेरे छ्होटे भाई. कितना चिकना है तू, तुझे पता भी है? तुझे शॉर्ट्स में देख के मुझे कुछ होता है. आज तो तुझे नंगा करके ही छ्चोधुंगा. ऐसा मस्त मौका हाथ से नही जाने दूँगा.

मैं माना कर रहा था पर भैया कुछ ना माने. उन्होने मेरी टीए खोल दी, और बाद में शर्ट उतारने लगे. मैने उस दिन वाइट बनियान भी पहनी थी. वो मुझे देख के खुश हो गये.

अब उन्होने मेरी बेल्ट खोल दी, आंड बाद में पंत के बटन और ज़िप खोल के पंत एक ही झटके में नीचे कर दी. अब मैं सिर्फ़ उनकी तरह चड्डी बनियान में था. मुझे ऐसे आधा नंगा देख के भैया बहुत मज़े ले रहे थे. उन्होने मेरी अंडरवेर फर्स्ट टाइम पहनी हुई देखी थी.

मैने उस दिन ग्रे कलर की मॅक्फो की निक्कर पहनी थी. मैं बचपन से मोस्ट्ली निक्कर ही पहेंटा हू. अब वो मुझे किस करने लगे. मुझे गंदा लग रहा था पर क्या करता?

बाद में थोड़ी देर में मेरी बनियान भी उतार के रख दी, आंड मुझे चाटने लगे, उपर से नीचे तक. मेरी गर्दन, निपल्स, बगल सब कुछ. लास्ट में मेरी निक्कर भी उतार के मुझे पूरा नंगा कर दिया. मैं बहुत शर्मा रहा था, क्यूंकी फर्स्ट टाइम किसी बाहर वाले के सामने पूरा नंगा था.

भैया ने मेरी पूरी बॉडी आयेज-पीछे छाती. वैसे मुझे बाद में मज़ा भी आ रहा था. भैया ने मेरा नुणु पकड़ लिया, और उससे खेलने लगे. बाद में मूह में भी लिया और मेरा पानी भी पिया. मेरी गोतिया भी चूसी, और गंद भी.

बाद में उन्होने भी अपने इननेर्स उतारे, और मुझपे लेट गये. मैं सिर्फ़ वॉच आंड सॉक्स में था. बाद में उन्होने मेरी गांद में उंगली डाली, और जीभ से कहती. हम शाम तक ऐसे ही नंगे पड़े रहे. इस सब में मुझे बहुत मज़ा आने लगा था.

बाद में वो मुझे बातरूम में ले गये, और उन्होने मुझे नहलाया. हम दोनो साथ में नहाए. उन्होने मेरी पुर बॉडी पे साबुन लगा के जाम के घिसा. मेरे नुणु की भी मस्त सफाई की उन्होने.

शाम को मुझे पूरी यूनिफॉर्म पहना के मुझे खाना खिला के घर भेजा. मुझे ये घटना ऑल्वेज़ याद रहेगी. भैया ने सच में जाम के मज़े करवाए मुझे.

इस तरह भैया ने मुझे मज़े करवाए. बाइ फ्रेंड्स, इसी तरह मैं अपनी दूसरी स्टोरीस भी लेके आता रहूँगा.

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