जैसे की आप मेरी पिछली स्टोरी में पढ़ चुके है, की दिव्या मेरे ऑफीस की रिसेप्षनिस्ट थी, और उसका ब्रेकप हो चुका था अपने फ्रेंड रोहित के साथ. फिर कैसे मैने लास्ट टाइम उसके साथ मज़े किए, ये आप मेरी पिछली स्टोरी में पढ़ चुके है.
चलो फ्रेंड्स मैं अपने बारे में दोबारा बता डू. ये स्टोरी आज से कुछ साल पुरानी है. मेरी हाइट 5’8” है, और डिक साइज़ 6.5” लंबा, और 3” मोटा है, जो की किसी भी लड़की को सॅटिस्फाइ करने के लिए काफ़ी है.
मैं उटोमोबीले इंडस्ट्री में आस आ सेल्स कन्सल्टेंट जॉब करता हू, और बॉडी वाइज़ आवरेज हू. मोटा तो बिल्कुल भी नही हू, और जिम का शौकीन हू.
दूसरी तरफ दिव्या 32ब” बूब्स की मालकिन है. इतनी सुंदर नही है, बुत सॉफ रंग की है.
जैसे की मैने अपनी पिछली स्टोरी में सेक्स के बारे में बताया. उसके 2 वीक बाद सॅटर्डे को दिव्या के पास मैं किसी काम से गया, तो उसने पूछा-
दिव्या: कल का क्या प्लान है?
मैने कहा: सोने का.
तो उसने कहा: चलो कही मोविए देखने या घूमने चलते है.
तो मैने उसको कहा: डार्लिंग मंत एंड चल रहा है. पॉकेट में अभी पैसे नही है.
फिर उसने कहा: डार्लिंग, पैसे कों माँग रहा है? मैं हू ना यार, तू टेन्षन बहुत लेता है. कल बस मेरा मॉर्निंग में फोन पिक कर लियो.
नेक्स्ट दे सनडे की वजह से आराम से मैं 11 बजे उठा और फ्रेश होने चला गया. मेरे को मोबाइल साथ में लेके जाने की आदत है. मेरे को दिव्या के बारे में तो दिमाग़ में भी नही था.
उसकी कॉल आई तो मुझे याद आया.
मैने कॉल पिक की तो उसने कहा: जान कहा पे?
मैने कहा: डार्लिंग कमोड पे.
उसने कहा: ची-ची!
फिर मैने पूछा: हा डार्लिंग, क्या प्लान बनाया?
तो उसने कहा: मैं तुम्हे एक अड्रेस मसाज कर रही हू.
ब्रश करके उस अड्रेस पे पहुँच जाओ. इकट्ठे शवर लेंगे.
मैने पूछा: अड्रेस किसका है? मुझे मरवाने का मूड तो नही है?
तो उसने कहा: मेरी क्लासमेट का है, और उसके पेरेंट्स घर नही है. अब तुम मुझसे कहा ज़्यादा सवाल मत पूछो, और आ जाओ.
मैने अपनी मम्मी को बहाना लगाया, और घर से निकल पड़ा अपने कपड़े लेकर. मैं उस अड्रेस पर पहुँचा, और दिव्या को कॉल की. उसने आ कर गाते ओपन किया. मैने उसको हग किया और किस करने लगा.
तो उसने मुझे रोका और अंदर आने को कहा. उसने मुझे कहा की किसी और का मोहल्ला है, और गाते पे ये सब अछा नही लगता. मीं अंदर आया, तो देखा घर ये भी बहुत सुंदर था. क्यूंकी उसकी फ्रेंड्स के पापा भी बड़े बिज़्नेसमॅन थे. उनका रियल-एस्टेट का बिज़्नेस था. फिर मैने पूछा-
मैं: घर में कोई नही है?
तो उसने कहा: नही, मेरी फ्रेंड है बस. उसको घर में अजीब लगता है अकेले, तो में सुबा ही आ गयी उसके पेरेंट्स के जाने से पहले. क्यूंकी उसके पापा की इंपॉर्टेंट मीटिंग है. बिज़्नेस उसकी मम्मी के नाम से है, तो मम्मी भी साथ गये है.
मैने पूछा: अपनी फ्रेंड से तो मिलवओ.
तो उसने कहा: बच्चू, उससे भी मिलवा देती हू. होश उडद जाएँगे तुम्हारे.
तो मैने पूछा: वो है कहा?
तो उसने कहा: वो उपर कोई काम कर रही है. चलो हम शवर लेके आते है.
मैने कहा: चलो बातरूम में.
तो उसने कहा: बच्चू कपड़े उतरो, या अभी भी शरम आती है?
फिर मैने कहा: अब किस बात की शरम? पर किसी और का घर है.
तो उसने कहा: कोई नही है, कपड़े उतरो और चलो बातरूम में.
फिर मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए उंडरवेार के बिना.
फिर उसने कहा: इसको भी उतरो.
मैने कहा: नही.
तो उसने पकड़ कर उंडरवेार खीच के नीचे कर दिया, और हासणे लगी.
मैने उससे कहा: अब चलो.
फिर उसने भी अपने कपड़े उतार दिए, और मेरे को वो मेरे पेनिस से पकड़ कर बातरूम में ले गयी. बातरूम भी रूम के जितना बड़ा था, और उसमे बड़ा सा बात्ट्च्ब था.
मैं कहा: वाउ जान, कोठी तो शानदार है ही, बातरूम उससे भी सुंदर है.
दिव्या मेरे पेनिस को हिलने लगी, और मेरा पेनिस अपनी प्रॉपर पोज़िशन नें आ गया. दिव्या पुर ज़ोरो से सकिंग कर रही थी. मैं अपने मज़े में डूबा पूरा मज़ा कर रहा था.
मैं क्या देखता हू की बातरूम की तरफ कोई आ रहा था, तो मैने दिव्या को हिलाया. पर वो अपने मज़े में डूबी हुई थी.
तभी मैने देखा एक बहुत ही सुंदर लड़की ब्रा-पनटी में बातरूम में एंटर हुई.
मैने दिव्या को एक-दूं धक्का दिया, और अपने पेनिस को च्छुपाने लगा. इस पर वो लड़की हासणे लगी और दिव्या भी हासणे लगी.
तो दिव्या ने कहा: घबराव नही, ये है मेरी चाइल्डहुड फ्रेंड तन्नू.
यार वो लड़की कमाल की थी. 34द” के बूब्स 30″ की कमर और 36″ की आस. यार वो तो पारी लग रही थी, उपर से ब्रा-पनटी में थी. उसके बूब्स उसकी ब्रा से बाहर आने के लिए उछाल रहे थे.
उसने मुझसे कहा: शरमाओ मत रोहित, मेरे को दिव्या सब कुछ बता चुकी है. और मैं पहले भी तुम्हारे पेनिस के पुर दर्शन कर चुकी हू.
मैने पूछा: कब?
तो दिव्या और तन्नू हासणे लगे. मैने फिर दोबारा पूछा-
मैं: कब?
तो उसने कहा: जब दिव्या तुम्हारा उंडरवेार खीच रही थी.
मैने पूछा: तुमने कैसे देखा?
तो उसने कहा: हमारे घर हर जगह कॅमरा लगे हुए है. तो मैने तब देखा.
मैने भी उसके बूब्स की तरफ इशारा करते हुए कहा-
मैं: इन्हे क्यूँ बंदी बना के रखा हुआ है? इन्हे भी आज़ाद कर दो.
तो उसने कहा: ये तो अपने मालिक की वेट कर रहे है, की वो आए और इन्हे आज़ाद करे.
मैने कहा: बुलाओ इनके मालिक को.
तो उसने कहा: मालिक सामने है, खुद आज़ाद कर दे.
मैने उसकी ब्रा खींच के फाड़ दी, और उसके बूब्स उछाल कर बाहर आ गये. फिर मैने आचे से 5 मिनिट उनकी सकिंग की, तो तन्नू ने मेरे को कहा-
तन्नू: उपर के मुजरिम को ही आज़ाद करोगे, नीचे की जैल नही खॉलोगे?
मैं अपनी सकिंग में बिज़ी था. क्यूंकी इतने मज़ेदार बूब्स मैने आज तक नही देखे थे. पीछे से दिव्या ने हिलाया, और कहा-
दिव्या: बस भी करो, सारा दिन हमारे पास ही है.
मैने दिव्या की तरफ देखा तो ऐसे फील हुआ, जैसे दिव्या को जलन हो रही थी. फिर मैने दिव्या से कहा-
मैं: क्यूँ जल रही हो?
तो दिव्या और तन्नू इकट्ठे बोले: क्या कह रहे हो, हम जलेंगे? अर्रे ये प्लान तो हम दोनो का था.
तो बे कंटिन्यूड…