लड़के के पड़ोसन आंटी के साथ मज़ा करने की कहानी

ये स्टोरी तब की है, जब में 12त में था, और मेरी आगे 18 यियर्ज़ थी. हमारे घर के पास में एक फॅमिली रहती थी, जिसमे 4 मेंबर्ज़ रहते थे. शिव अंकल (आगे 38) प्रेस में काम करते थे. उनकी वाइफ अनिता (33 यियर्ज़ के आस पास रही होगी). वो भी किसी मेडिकल कंपनी में जॉब करती थी.

बड़ी बेटी वंशिका 12 साल की, और छ्होटा बेटा राहुल 7 साल का, जिसको हम सब प्यार से कालू बुलाते थे.

हमारे परिवार में बहुत आचे संबंध थे. क्यूंकी मैं पढ़ाई में अछा था, तो शाम को आंटी के कहने पर उनके बच्चो को पढ़ा दिया करता था. काई बार अंकल को प्रेस के काम से आने में लाते हो जाता था. या फिर काई बार वो तौर के कारण 2 या 3 दिन घर नही आते थे.

अनिता आंटी मुझसे बहुत बातें करती थी, और मैं अपने स्कूल में फुटबॉल खेलता था तो मेरा फिज़ीक बहुत अछा था. आंटी हमेशा मेरे फिज़ीक की तारीफ करती थी. काई बार बहाने से वो मुझे टच करती और हग करती.

काई बार वो मेरा चेहरा अपने बूब्स के बीच दबा लेती, और गाल पे किस करती थी. पहले तो मुझे सब नॉर्मल लगता था. अनिता आंटी के लिए मेरे मॅन में कभी ऐसा ख़याल नही था.

पर एक दिन मैं शाम को 6 बजे प्रॅक्टीस से घर लौट रहा था. अचानक मेरे कानो में कॉलोनी के पास के लड़कों की आवाज़ पड़ी. फिर मैं लड़कों की बात वही साइड में च्छूप के सुनने लगा.

लड़के बोल रहे थे: कालू की मा क्या ज़बरदस्त माल है. 36″ के बूबे और 38″ की गांद. साली को छोड़ डालु बना के अपनी रॅंड.

तभी कालू वाहा से निकल रहा था. वो दुकान से कुछ लेके आ रहा था, तो वो लोग उसे तंग करने लगे. लेकिन वो भाग गया.

तभी वो लड़का बोला: हाए कालू! तेरी मा छोड़ डालु.

तभी उन्होने मुझे देखा तो दर्र के मारे भाग गये. पर मेरे मॅन में तो अभी भी वही लाइन चल रही थी “कालू तेरी मा छोड़ डालु”. मैं घर आया, और ख़यालों में खोया हुआ.

अनिता आंटी ने मुझे शायद आवाज़ लगाई, पर मेरा ध्यान नही था. मैं घर में घुसा तो मूमी बोली-

मम्मी: अनिता आंटी ने बुलाया है. तुझसे कुछ काम है. तेरे अंकल 2 दिन के लिए बाहर गये है, तो कालू और वंशिका को उनकी नानी के घर छोढ़ने के लिए बोल गये है. क्यूंकी उनका स्कूल वही से पास है, तो वो वही से स्कूल चले जाएँगे. और सुन, रात को आंटी अकेली है, तो तू वही सो जाना.

पर अभी भी मेरे मॅन में वही बात घूम रही थी. फिर मैने सोचा ये ग़लत था, और मुझे ऐसा नही सोचना चाहिए. और मैं ठीक है बोल के आंटी के घर चला गया.

वाहा पहुँचा तो वंशिका अपना बाग पॅक कर रही थी. कालू टीवी देख रहा था. मैने वंशिका से पूछा-

मैं: मम्मी कहा है?

तो वो बोली: नहा रही है.

मैने कहा: ओक.

फिर मैं आंटी के बेडरूम की तरफ गया, तो बेड पे उनकी ब्लॅक कलर की ब्रा, पनटी और सारी-पेटिकोट जो ऑफीस से आने के बाद उन्होने उतार के रख दिए होंगे, पड़े थे. मैने डरते-डरते पनटी को उठाया और स्मेल की.

ओह भाई! क्या स्मेल थी आंटी की बॉडी की. उनकी छूट की खुश्बू में मैं खो गया था.

तभी अंदर से आवाज़ आई: वंशिका टवल देदे.

पर कालू बाहर टीवी पे गाना तेज़ बजा रहा था, तो वंशिका को आवाज़ सुनाई नही दी. मैं हिम्मत करके बातरूम के गाते के पास गया, और बोला-

मैं: आंटी वो बाहर बाग पॅक कर रही है.

तो वो बोली: बिट्टू तू ही देदे, शेल्फ पे रखा है.

फिर मैं शेल्फ से टवल लेकेर आया. गाते के पास पहुँचा तो आंटी को आवाज़ लगाई. आंटी ने गाते खोला, और उस सीन को देख कर मेरा तो मूह खुला रह गया. मेरे तो अंडरवेर में ही मूठ बह गया. आंटी पूरी नंगी थी, दूध सा सफेद सेक्सी बदन, मोटे बूब्स, और झांतो से भारी हुई छूट.

जब आंटी ने मेरा मूह बंद किया, तब मैं होश में आया, और मूह घूमने लगा. आंटी ने फिर टवल लिया, और फिर वैसे ही बिना गाते बंद किए टवल लपेट के बाहर आय गयी.

फिर वो मुझे बोली: बिट्टू, कालू और वंशिका को उनकी नानी के घर छ्चोढ़ आ. मेरी स्कूटी ले जेया. मैने भी ओक कहा, और बाहर जाने लगा.

तभी उन्होने मुझे रोका, और कहा: बिट्टू, मेरी ब्रा का हुक लगा दे. ये तो फिट हो गयी है. मुझे समझ नही आ रहा था क्या हो रहा है.

ये सुन कर मैं सोच में पद गया. उन्होने फिर आवाज़ लगाई तो मैं डरते हुए गया, और काँपते हाथो से हुक लगाया. फिर वो पलटी, और थॅंक्स बोल के मेरा फेस अपने सॉफ्ट बूब्स में दबा के हग कर लिया. उसके बाद उन्होने मेरे माथे पे किस कर दिया, और बोली-

आंटी: जल्दी आजा, फिर साथ में खाना खाते है.

मैं जल्दी से वाहा से दोनो बच्चो को लेके निकला. फिर मैने उनको नानी के घर ड्रॉप किया. जब मैं रास्ते में लौट रहा था, तो मुझे एक फ्रेंड मिल गया. मैने उससे पूछा-

मैं: कहा जेया रहा है?

तो वो बोला: भांग पीने.

फिर मैने उसको बोला: चल छ्चोढ़ देता हू तुझे.

तो वो बात गया मेरे पीछे. फिर भांग की दुकान से उसने भांग ली. मेरे माना करने पर भी उसने थोड़ी सी थोड़ी सी बोल के आधी भांग मुझे भी पीला दी. हालाकी मैं पहले भी पिया हू, तो मुझे कोई दिक्कत नही हुई.

पर दिक्कत घर आके हुई. जैसे ही मैं घर आया, अपने रूम में गया, और अपने कपड़े चेंज किए. मैने शॉर्ट्स और त-शर्ट डाली. फिर थोड़ी देर अपने कंप्यूटर पे ग़मे खेलने लगा. जब भांग चढ़ने लगी तो लंड टाइट होने लगा.

मॅन किया पॉर्न देख लू. लेकिन तभी मम्मी ने आवाज़ लगा दी की आंटी बुला रही थी. आंटी का नाम सुनते ही लोड्‍ा और टाइट हो गया. अब तो मैने भी इरादा कर लिया था, की कालू तेरी तो सच में अब मा छोड़ डालूँगा.

फिर मैं आंटी के घर पहुँचा, और घर का गाते नॉक किया. आंटी फुल लेंग्थ बातरोब टाइप गाउन में थी. थोड़ी पसीने में थी वो, और हाथ में आता लगा था. शायद वो खाने की तैयारी कर रही थी.

मैं भी गाते बंद करके उनके पीछे किचन में चला गया. वो आता गूँथ रही थी. मैं वही स्लॅब पे बैठ गया. मैने देखा आता सांटे हुए बार-बार उनके बालों की लत्ट चेहरे पर आ रही थी, जो उन्हे परेशान कर रही थी. तो मैं उनके पीछे जाके उनसे चिपक के खड़ा हो गया.

फिर मैने उनके बालों को अपने हाथो से पीछे किया, जिसको देख के उन्होने मुझे एक स्माइल दी, और मेरा गाल चूम लिया. मैने भी सोचा उनके गाल पे रिटर्न किस कर देता हू.

फिर जैसे ही मैं किस करने जेया रहा था, की तभी उन्होने कुछ पूछने के लिए मेरी तरफ मूह घुमाया, और अचानक हुए इस तुर्न से मेरे और उनके लिप्स आपस में टकरा गये.

पर मैं पीछे नही हटा, आंड वो अगले 10 सेकेंड्स के बाद बॅक हुई. मैने उन्हे सॉरी कहा, और बोला-

मैं: मैं गाल पे किस करने जेया रहा था. ग़लती से ऐसा हो गया.

तो वो बोली: कोई बात नही.

और फिर एक बार और उन्होने मेरे लिप्स पे किस कर दिया. मेरा तो लोड्‍ा खड़ा हो गया, जो उनकी गांद पर महसूस हुआ होगा. पर उन्होने रिक्ट नही किया. मैं भी उनकी कमर में हाथ डाले उनकी गांद पर अपना लोड्‍ा धीरे-धीरे रगड़ने लगा, और उनसे बातें करने लगा.

तभी उनका फोन बजा, और उन्होने मुझे लाने के लिए कहा. मैने कमर से हाथ हटाया तो उनके गाउन का नाट ढीला हो गया, जो मैने उस समय नोटीस नही किया.

जब मैं आया फोन लेके तो अंकल की कॉल थी. उनके हाथ खराब थे, तो मैने फोन उनके कान पे लगाया, और फिर साइड में खड़ा होके उनकी बातें सुनने लगा. तब मैने नोटीस किया की नाट लूस होने के कारण उनके बूब्स से लेकर पेट तक के गाउन का एरिया तोड़ा खुल गया था.

आंटी बात करते हुए रोटी बेल रही थी, तो बूब्स भी हिल रहे थे. मेरा तो और टाइट हो गया. फिर उन्होने मुझे फोन कट करने को कहा, और मैने उनसे फोन लेके साइड में रखा. तभी उनका हाथ रोटी बनाते समय तवे पे लग गया. वो चिल्लाई, और मैने गॅस बंद किया.

मैने उनकी उंगली पकड़ के अपने मूह में रख ली, और उसको धीरे-धीरे चूसने लगा. इससे वो भी थोड़ी गरम हो रही थी. फिर थोड़ी देर बाद उन्हे आराम महसूस हुआ. मैने उनके हाथ पे किस किया, और उन्होने भी मेरे हाथ पे किस किया.

तभी उनका गाउन, जो आधा खुला था, नाट खुलने से पूरा खुल गया. अब उनकी पूरी बॉडी ब्लॅक ब्रा-पनटी में दिखने लगी. उन्हे भी एहसास हुआ और वो नाट बाँधने जेया रही थी.

लेकिन मैने उन्हे माना किया, और कहा: रहने दो आंटी, ऐसे भी गर्मी की वजह से आप पसीना-पसीना हो गयी हो.

वो बोली: हा, मुझे फिरसे नहाना पड़ेगा.

फिर वो मेरी तरफ देख के बोली: तू भी यहा गर्मी में बैठे हुए पसीने में भीग गया है. एक काम कर, तू जाके नहा. मैं भी कम ख़तम करके नहा लेती हू.

तो मैने कहा: नही, पहले आप.

तो वो बोली: नही, पहले तू.

इस तरह कुछ देर हमारी तू-तू आप-आप चली.

फिर वो खुद बोली: एक कम करते है, साथ में नहाते है चल.

मेरी तो लॉटरी निकल गयी जैसे. बाकी कहानी नेक्स्ट पार्ट में.

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