ही दोस्तों, मेरा नाम रॉनित आहूजा है. मेरी आगे 35 है. मैं शादी-शुदा हू. मैं दुनिया की सबसे खूबसूरत और रोमॅंटिक सिटी उडापुर, राजस्थान से हू. मुझे सेक्स स्टोरीस पढ़ने का बहुत शौंक है. मैं अक्सर इस वेबसाइट पे सेक्स स्टोरीस पढ़ता हू. चलिए पहले आप सब को अपने बारे में बताता हू.
मेरी हाइट करीब 5 फीट 8 इंच है. वेट 84 क्ग है. अछा ख़ासा स्टॅमिना और पवरफुल लंड है, जो किसी भी छूट का भोंसड़ा बना सकता है. आप सब को बता डू की ये जो स्टोरी मैं आप सब के साथ शेर करने जेया रहा हू, ये मेरी रियल स्टोरी है. ये सीक्रेट मैने आज तक किसी को नही बताया, कॉज़ ई’म मॅरीड.
ये स्टोरी है मेरी और मेरे ऑफीस में काम करने वाली उर्मिला की. उर्मिला मेरे साथ मेरे ऑफीस में काम करती थी. वो भी शादी-शुदा थी. उसकी आगे 34 थी, और वो बहुत ही खूबसूरत दिखती थी. उसका कलर बहुत ही फेर था. उसके बूब्स 36द साइज़ के थे. उसका फिगर 36-32-38 था.
जब मैने उसे पहली बार देखा था, तभी से मैने सोच लिया था की इसको अपनी लाइफ में 1 बार ज़रूर छोड़ूँगा. मैने अपने स्कूल और कॉलेज डेज़ में खूब लड़कियों की चुदाई की थी. बुत उर्मिला की बात ही कुछ और थी. वो बहुत ही सेक्सी थी.
उर्मिला काफ़ी कुछ तारक मेहता का ऊलतः चश्मः की बबिता जी जैसी लगती थी. वैसे ही बड़े बूब्स और खूबसूरत चेहरा. उसको देख के कोई भी मर्द उसका दीवाना हो जाए.
तो हुआ यू की जब मैने उर्मिला को फर्स्ट टाइम देखा तो मैं पागल हो गया. ऐसा नही था की मैने इतनी खूबसूरत लड़की पहले कभी नही देखी थी. लेकिन उसमे कुछ अलग ही कशिश थी. मैं अब दिन-रात उसके सपने देखने लगा था. मैं सोचने लगा की कैसे भी करके 1 बार बस उर्मिला को छोड़ना था. लेकिन समझ नही आ रहा था की ऐसा कैसे होगा.
मैने अब तक जितनी लड़कियों की चुदाई की थी, वो सब अनमॅरीड थी. मैं अपनी शादी के बाद तोड़ा सुधार गया था. मैने सोच लिया था की अब हर किसी के साथ सेक्स नही करूँगा. उर्मिला वो फर्स्ट बंदी है जिसको मैने अपनी शादी होने के बाद छोड़ा था.
उर्मिला और मैं ऑफीस में अक्सर अकेले काम करते थे. मैं उससे सीनियर पोस्ट पे था, और वो मेरे अंडर ऑफीस रिलेटेड वर्क संभालती थी. वो मुझे सीनियर होने की वजह से सिर बोलती थी.
स्टोरी लास्ट एअर की है. उर्मिला के जाय्न करने के बाद से ही मैं प्लॅनिंग करने लगा की कैसे उसे छोड़ू. लेकिन कुछ समझ नही आ रहा था. हर रोज़ उसे देख के मॅन ही मॅन उसके सपने देखने लगा था मैं.
धीरे-धीरे मैने उससे बात स्टार्ट की. मैं लंच उसके साथ करने लगा. साथ में लंच करते हुए मुझे पता चला की उसका 1 बेटा था, और उसके पति का गोल्ड का बिज़्नेस था. और वो तो सिर्फ़ अपने टाइम-पास के लिए जॉब करती थी.
धीरे-धीरे मैने उससे फ्रेंडशिप कर ली. अब हम अक्सर मस्ती-मज़ाक करते थे. लंच करते टाइम मैं अक्सर उसे बहाने से टच करता था. मुझे उसकी बॉडी का टच पागल कर देता था. वो बहुत ही सेक्सी खुश्बू वाला देव लगती थी. जब भी मैं उसके पास बैठता था, तो मॅन करता था की बस कैसे भी करके इसे बेड पे ले जौ.
अब हमारी दोस्ती थोड़ी गहरी होती जेया रही थी. मुझे पता था मैं सही डाइरेक्षन में जेया रहा था. मैने उसे अपनी कॉलेज और स्कूल लाइफ के बारे में बताया. मैने उसे अपनी गफ़’स के किससे सुनाए और उसने भी अपने सीक्रेट्स शेर किए.
उसने मुझे बताया की शादी से पहले वो किसी लड़के से बहुत प्यार करती थी. बुत उसमे इतनी हिम्मत नही थी की अपने पेरेंट्स को कह सके, इसलिए उसने अपने पेरेंट्स की मर्ज़ी से शादी कर ली.
उसने मुझे बताया की शादी के बाद उसने उस लड़के की वजह से अपना मोबाइल नंबर चेंज कर लिया था, और अब वो उस लड़के से कभी बात तक नही करती थी. उसने उस लड़के को अपनी लाइफ से निकाल दिया था.
मुझे सुन के खुशी हुई, की अब उसका कोई ब्फ नही था. बुत मुझे लगा की उसे सेट करने में थोड़ी प्राब्लम हो सकती थी. क्यूंकी वो अपने पति की तरफ लायल लगती थी.
1 दिन उर्मिला ऑफीस बहुत अची सारी पहन के आई. वो बहुत खूबसूरत लग रही थी. उसके गोरे बदन पे ब्लॅक सारी बहुत अची लग रही थी.
तो हुआ यू की हम दोनो आस यूषुयल ऑफीस में अकेले थे. उस दिन मेरी नज़र बार-बार उसकी कमर पर जेया रही थी. उसका ब्लाउस पीछे से काफ़ी खुला हुआ था. उसकी बॅक ऑलमोस्ट पूरी दिख रही थी. मेरा मॅन कर रहा था की कैसे भी करके उसे पकड़ के छोड़ डू, बुत ऑफीस में कैसे करू कुछ समझ नही आ रहा था.
थोड़ी देर बाद उसे कुछ समझ नही आ रहा था. एक्स्सेल में कुछ पूछना था उसे. तो उसने कहा-
उर्मिला: रॉनित सिर, एक्स्सेल में फ़ॉर्मूला उसे करना मुझे नही आता. क्या आप प्लीज़ मुझे सीखा देंगे?
मैने कहा: क्यूँ नही (मेरे मॅन में लड्डू फूटने लगे, क्यूंकी जब भी मैं उसे कंप्यूटर पे कुछ सिखाता था, तो बहाने से उसे कही ना कही टच कर लेता था. इससे मुझे अलग ही मज़ा आता था).
तो मैं उसके पास गया और उसे एक्स्सेल में फ़ॉर्मूला कैसे उसे करते है बताने लगा. मेरी लेग्स उसके लेग्स से टच हो रही थी, और कंप्यूटर उसे करते टाइम मैं अपनी कोहनी बहाने से उसके बड़े बूब्स पे टच कर रहा था.
मुझे नही पता की उसका ध्यान था या नही. वो शायद अपने काम में इतनी डूबी हुई थी की उसे पता ही नही चल रहा था की मैं क्या कर रहा था. मेरी कोहनी से मैं धीरे-धीरे उसके बूब्स दबाने लगा.
मैं बता नही सकता क्या फीलिंग थी. इतना मज़ा आ रहा था की क्या बतौ. ये साँझ लो की बस 5 सेकेंड में मेरा लंड खड़ा हो गया. अब मुझे उसके निपल्स फील होने लगे. उसके बूब्स बहुत ही सॉफ्ट थे और निपल्स बहुत ही हार्ड थे.
मैं ऐसे शो कर रहा था जैसे ये सब अंजाने में हो रहा हो. नीचे से उसकी लेग्स का टच और उपर से बूब्स का. मैं अलग ही दुनिया में पहुँच गया था. मैं ऐसे ही थोड़ी देर उसे समझता रहा. फिर अचानक उसे महसूस हो गया की मेरे हाथ उसके बूब्स से टच हो रहे थे. वो तोड़ा पीछे होके बैठी जिससे मेरे हॅंड्ज़ उसको टच ना हो.
मुझे लगा उसे अछा नही लगा. मैने कुछ नही बोला और मैने उसे टच करना बंद कर दिया. फिर थोड़ी देर मैने उसे एक्स्सेल समझाया और फिर समझने के बाद सामने वाली चेर पर जेया के बैठ गया. जिस चेर पर मैं बैठा था, वो एग्ज़ॅक्ट्ली सामने नही थी, तोड़ा अलग तरफ थी. अब एक और चीज़ हुई, जिसने मेरे लंड की हालत ही खराब कर दी.
उसने जो सारी पहनी थी, वो थोड़ी पतली और ट्रॅन्स्परेंट थी. इसलिए सामने से मुझे उसके बड़े गले वाले ब्लाउस में से उसके बड़े-बड़े बूब्स के दर्शन होने लगे. ये वही बूब्स थे जिनके साथ मैं थोड़ी देर पहले बहाने से खेल रहा था.
उसकी खूबसूरत कमर और बड़े बूब्स देख के मॅन कर रहा था की बस पकड़ के छोड़ डू. बुत मैने जैसे एल-तैसे खुद को कंट्रोल किया और आँखों से ही मॅन ही मॅन उसकी चुदाई करने लगा.
मैं च्छूप-च्छूप के उसे देखने लगा. वो जैसे ही मेरी तरफ देखती, तो मैं अपनी नज़रे दूसरी तरफ घुमा लेता था. उसके बड़े और खूबसूरत बूब्स देख के मेरे लंड का बुरा हाल होने लगा. मैं सोचने लगा की ऐसा क्या करू की इसे आज ही छोड़ डू.
उसके बूब्स को देखते हुए मैं कहा खो गया मुझे पता ही नही चला. मैं ये भूल गया की थोड़ी देर पहले उसने मेरे हाथ को खुद के बूब्स से अलग हटा दिया था. मैं मॅन ही मॅन उसे देखते हुए उसकी चुदाई की कल्पना करने लगा. मेरी आँखें उसके बूब्स पर टिकी हुई थी, और मैं उसके ख़यालों में डूबा हुआ था. तभी अचानक उसने मेरी तरफ देख कर आवाज़ लगाई-
उर्मिला: सिर, लंच टाइम.
मैने जैसे कुछ सुना ही नही. फिर उसने दोबारा कहा: अर्रे सिर, क्या देख रहे है?
मैने कहा: कुछ नि. मैं कुछ सोच रहा था.
उसने पूछा: क्या सोच रहे है सिर?
मैने मॅन ही मॅन जवाब दिया: तुम्हे छोड़ने के बारे में सोच रहा हू. बुत मेरी ये बात उसके मूह पे कहने की हिम्मत नही हुई.
मैने उससे कहा: कुछ नही. बॉस ने कुछ काम दिया है उसके बारे में सोच रहा था.
उसने कहा: सिर आप काम बाद में कर लेना, पहले चल के लंच कर लेते है. मुझे बहुत भूख लगी है.
फिर हम लंच करने चले गये. उस दिन लंच में सब्ज़ी के साथ नींबू का मीठा आचार लाई थी. उसने मुझे दिया और कहा-
उर्मिला: सिर टेस्ट करके बताओ कैसा है.
मैने टेस्ट किया. मुझे वो आचार बहुत अछा लगा, तो मैने उसे कहा की बहुत ही टेस्टी आचार है. उसने बताया की वो आचार उसने बनाया था. मुझे लगा उसका मूड ठीक था. मुझे फिर हरकत सूझी. मैने सोचा की अब इस फ्रेंडशिप को यहा से आयेज कैसे ले जौ. तो मैने उससे कहा-
मैं: उर्मिला तुम्हारा मोबाइल नंबर तो दो.
उसने कहा: क्यूँ सिर? आप नंबर का क्या करोगे? अपन रोज़ तो ऑफीस में मिल ही लेते है. वैसे भी मेरे पति बहुत शक्की किस्म के इंसान है. ई’म सॉरी सिर. मैं आपको अपना नंबर नही दे सकती.
मेरा तो जैसे दिल ही टूट गया.
मैने रिक्वेस्ट करते हुए कहा: प्लीज़ यार, दो ना!
उसने कहा: नही सिर. मेरे हब्बी ने माना किया है. ई’म सॉरी!
अब मुझे लगा की यहा मेरी डाल गलने वाली नही थी, और मैं चुप-छाप अपना लंच करके उठ गया. पर मैं इतनी जल्दी हार मानने वालो में से कहा था. थोड़े दिन तक मैने उससे ज़्यादा बात करना बंद कर दिया. ऑफीस के काम से रिलेटेड ही बात करता था. लंच के टाइम पे भी ज़्यादा बात नही करता था.
मैं उसे जताना चाहता था की मुझे उसकी कोई गरज नही थी. फिर कुछ ही दीनो में उसे ये महसूस भी होने लगा. वो बहाने से मुझे काम से बुलाती थी, की मैं उससे हस्स के बात करू. लेकिन मैं तो बस अपना काम करके वाहा से हॅट जाता था. इसी तरह कुछ दीनो तक ऐसे ही चलता रहा. फिर 1 दिन अचानक उसने मुझे लंच पे कहा-
उर्मिला: सिर, आप मेरे साथ ऐसे क्यूँ कर रहे हो?
मैने अंजान बनते हुए पूछा: क्या कर रहा हू?
उर्मिला बोली: सिर आपको पता है मैं क्या बोलना चाहती हू.
मैने आक्टिंग करते हुए कहा: नही, मुझे तो नही पता.
उर्मिला: सिर, आप क्या करोगे मेरा नंबर लेके?
मैने कहा: ई डॉन’त वॉंट युवर नंबर नाउ.
फिर तोड़ा नाटक करने के बाद मैं मान गया और उसने मुझे अपना नंबर दे दिया. उसने मुझे बताया की उसके पति बहुत शक्की किसाम के थे, इसलिए वो मेरा नंबर किसी लड़की के नाम से सवे करेगी.
धीरे-धीरे हमारी दोस्ती गहरी होती गयी. हम अक्सर Wहत्साप्प पे चाटिंग करने थे. मुझे पता चला की वो अपने पति को पसंद नही करती थी. उसने सिर्फ़ अपने पेरेंट्स की खुशी के लिए उससे शादी की थी. उसकी बातों से मुझे लगता था की उसका पति उसे आचे से संतुष्ट नही करता था. वो सेक्स की भूखी लगती थी, पर उसने मुझे कभी कहा नही.
वो अक्सर मुझे लाते नाइट मेसेज कर देती थी. जो मुझे तोड़ा अजीब लगता था. वो कहती थी उसके पति सो गये और उसे नींद नही आ रही थी, इसलिए वो मेसेज कर रही थी. लेकिन मैं उससे रात में कैसे बात करता?
मैं तो खुद शादी-शुदा था. एक दिन मुझे अपना मौका मिल गया. मैने सोचा नही था की इतनी जल्दी वो मुझसे सेट हो जाएगी. लेकिन प्यार की भूखी औरत प्यार के लिए कुछ भी कर सकती है.
तो हुआ यू की हम दोनो हमेशा की तरह ऑफीस में काम कर रहे थे. मैं उसे कंप्यूटर पे कुछ बता रहा था. मैं हमेशा की तरह उससे तोड़ा चिपक के बैठा हुआ था. मैने सोचा यही मौका था. मैने धीरे से अपना हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया.
वो बहुत गरम लग रही थी. मुझे अलग ही आनंद की अनुभूति हो रही थी. वो मज़ा मैं बता नही सकता. वो शायद समझ गयी थी, पर ऐसे शो कर रही थी जैसे उसे कुछ पता नही हो. उसके चुप रहने से मेरी हिम्मत और बढ़ गयी, और मैं अपना हाथ उसकी जांघों पर फेरने लगा.
उसने आक्टिंग करते हुए कहा: सिर, आप ये क्या कर रहे हो?
मैने कहा: उर्मिला, ई लोवे योउ!
वो शॉक हो गयी और कहने लगी: नही सिर, ये ग़लत है. आप और मैं हम दोनो मॅरीड है. ये सही नही है.
पर मैं कहा रुकने वाला था.
मैने कहा: उर्मिला, मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हू. जब से तुम्हे देखा है तब से मैं पागल सा हो गया हू. प्लीज़ मुझे मत रोको.
तोड़ा नाटक करने के बाद वो मान गयी और मैं तो जैसे खुशी के मारे पागल ही हो गया. फिर मैने उसे कस्स के गले लगा लिया. मैं उसके होंठो को किस्सिंग करने लगा और वो एंजाय करने लगी. हम दोनो ने खूब आचे से स्मूच किया.
क्या रसीले होंठ थे, और बीच-बीच में मैं उसके दूध भी दबाता जेया रहा था. पर फिर उसने मुझे रोक दिया और बोली-
उर्मिला: बस, कोई आ जाएगा तो प्राब्लम हो जाएगी.
फिर हम अपने प्लेस पे बैठ के काम करने लगे. बुत मेरा मॅन तो उर्मिला में था. मैने फिरसे मस्ती शुरू कर दी, और वो भी कुछ नही बोल रही थी. मैने सारे के अंदर हाथ डाल दिया और उसके नंगे बदन पे हाथ फेरने लगा, और वो भी मज़े लेने लगी. आज मेरी मनोकामना पूरी होने वाली थी.
जिस पल का मुझे काई महीनो से इंतेज़ार था, वो आने ही वाला था. हम दोनो पूरी तरह हवस में डूबे हुए थे. तभी अचानक हमे कुछ आवाज़ आई. हमे लगा शायद हमारे बॉस आ गये. हमने खुद को ठीक किया, और बॉस के अंदर आने से पहले ही काम करने की आक्टिंग करने लगे.
भगवान का भला हो की हम ऐसी कंडीशन में नही थे की बॉस को कुछ पता चलता. हम दोनो बाल-बाल बच गये. लेकिन ये जो कुछ हम दोनो के बीच जो हुआ था, उसने हम दोनो में हवस की आग भड़का दी थी.
उस दिन के बाद हमे मौका नही मिला. लेकिन उसके ठीक दो दिन बाद ही हमने मिल के खुल कर चुदाई की. ये सब कैसे हुआ, अगर आप सच में जानना चाहते है, तो मुझे मैल करके बताए की आपको मेरी कहानी कैसी लगी.
अगर मुझे कम से कम 10 मेल्स आएँगी तो ही मैं वो कहानी आप सब को सुनौँगा. मुझे आप सब की मेल्स का इंतेज़ार रहेगा. मेरा मैल ईद है [email protected]