गाँव के खेत में पुष्पा भाभी की चुदाई – 2

Hindi Chudai kahani – Gav ke khet mai Pushpa Bhabhi ki chudai तुवर के घने खेत में घुस कर मेरे पास आ गई , आते ही मैंने पुष्पा को बोरे के बिस्तर पर बिठा दिया और बोला साडी ऊपर करो तो पुष्पा ने तुरंत ही साडी उठा दिया तो बुर दिखाई देने लगी तब मैंने प्लास्टिक कि एक पन्नी से कैंची और बीट निकला और बुर के बड़े बड़े बाल को कैंची से काट दिया और बीट लगा दिया और ब्लाउज उतारने को कहा तो पुष्पा ने जल्दी से ब्लाउज भी उतार दिया तो पुष्पा के कखौरी के दोनों तरफ भी बीट लगा दिया और 10 मिनट तक रुकने के लिए कहा तब तक पुष्पा के स्तनो से खेलने लगा ,मस्त मस्त बड़े बड़े स्तनो को चूसने लगा ,पुष्पा भी मेरे लण्ड के साथ खेलने लगी और बोली ”आज ये तो ज्यादा मोटा और लंबा लग रहा है ” [वियग्रा के कारण लण्ड में आज ज्यादा तनाव है] तो मैंने बोला ” नहीं भौजी ये तो रोज ही ऐसा रहता है ” तो पुष्पा बोली ” ठकुराइन बड़ी नसीब वाली है जिसे इतने मोटे और लम्बे लण्ड का सुख मिलता है ” तब मैंने कुछ नहीं कहा और पुष्पा को किस करने लगा पुष्पा खूब गरम पड़ चुकी थी पर मैं अभी और गर्म करना चाहता था ,मैंने पुष्पा को बोला कि लेट जाओ अब तुम्हारे बाल साफ़ कर दू तो पुष्पा लेट गई तो मैं पुष्पा के बुर के बाल को हाथ से घिस घिस कर निकाल दिया बीट हेयर रिमूवर क्रीम के कारण सारे बाल
साफ़ हो गए चूत मस्त चकनी हो गई तब मैंने पुष्पा का हाथ पकड़ा और उसकी चूत पर हाथ रख दिया पुष्पा हाथ लगाते ही चौक गई और बोली ये तो कुंवारे कि तरह चिकनी ही गई फिर मैंने पुष्पा कि ‘कखोरी’ के भी बाल साफ़ कर दिया और पुष्पा कि कई फोटो ले लिया अपने गैलक्सी मोबाइल से और पुष्पा को ओ सभी फोटो दिखाया तो पुष्पा बहुत खुस हुई और बोली मैं इतनी ”स्मार्ट” हु , मैं स्मार्ट सब्द सुनकर पुष्पा से पूछा कि तुम कितना पढ़ी हो तो पुष्पा ने कुछ नहीं कहा और मेरे लण्ड को फिर से खिलाने लगी और बोलती है ”’पहले मेरे तन कि आग बुझाइये जली जा रही हु इस जवानी कि आग में फिर सब बता दुगी आपको” ,तब मैं पुष्पा के सभी कपडे उतार कर एकदम नंगी कर दिया और पुष्पा कि चूत को उसके पेटीकोट से थूक लगाकर साफ़ किया और चूत को चाटने लगा ,पुष्पा तो गर्म थी मेरे जीभ के स्पर्श से पुष्पा के तन वदन में आग लग गई पुष्पा उठकर बैठ गई और लण्ड को पकड़ने लगी तो मैंने लण्ड को पुष्पा कि बुर के पास ले गया तो पुष्पा ने अपने चूतड़ो को आगे खिसकाया और लण्ड को बुर में घुसाने लगी तो मैंने लण्ड को पीछे कर लिया पुष्पा को तड़पाने के लिए तो पुष्पा ने अपने दोनों हाथ को मेरे दोनों कंधो पर लगाया और [लण्ड कि आगे कि चमड़ी हटाये बिना लण्ड पर कंडोम चढ़ा लिया जिससे बहुत देर तक चुदाई कर सकू पुष्पा कि ]
मुझे बोरे के बिस्तर पर उलटा गिरा दिया और मेरे खड़े लण्ड को पकड़ा और मेरे ऊपर चढ़ गई और लण्ड को बुर में घुसेड़ लिया और बैठ गई तब मेरा 10 इंची लंबा और खूब मोटा लण्ड पुष्प कि नाभि तक घुस गया तब मैं हल्का सा उठकर आधा बैठ गया पाँव को फैला कर जमीन पर हाथ को रखकर और पूषा के बड़े बड़े मस्त चुचियो को चूसने लगा और पुष्पा घुटने के बल खड़ी होकर ऊपर -नीचे होने लगी ,पुष्पा खड़े लण्ड में मलखम्ब कर रही थी और मैं पुष्पा कि बड़ी बड़ी चुचियो को चूसता रहा पुष्पा जोर जोर से अपने चूतड़ को मेरे जांघो पर पटक रही थी सुनसान खेत में फट फट कि जोर जोर से आवाज आ रही थी मैं घबरा गया कही कि ये आवाज सुनकर आ नहीं
जाए तब मैं पुष्पा को इसारा किया कि धीरे -धारे करो तो पुष्पा मेरे ऊपर लेट गई और अपनी दोनों टांगो कि पौली को मेरे पाँव में टिका कर मेरे सीने पर अपनी बड़ी बड़ी चुचियो को घिसते हुए आगे -पीछे करने लगी औरमेरी जीभ को अपने मुह में डाल कर चूसने लगी और मुह से उउउउउ उउउ ऊ आ आ आ आ आह आह आह आह सी सी सी स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आआआआआआआ आए अह अह अह अह अह कि आवाजे निकलाने लगी औरजल्दी जल्दी अपनी चुचियो को मेरे सीने पर घिसने लगी इस तरह करीब 9 मिनट हो गए थे पुष्पा के चेहरे पर पसीना आ गया पुष्पा थकने लगी तो मैंने पुस्पा को बोला
कि उठो तो पुष्पा उठ गई ओट मैंने पुष्पा कि बुर में लण्ड को डालकर पुष्पा को उठाने लगा तो पुष्पा बोली क्या कर रहे हो मैं नहीं उठोगी आपसे तब भी मैं नहीं मना और पुष्पा को दोनों हाथो से उठा लिया ,पुष्पा ने अपने दोनों हाथ को मेरे कंधे में डाल लिया और दोनों पाँव को मेरे चूतड़ के पास आपस में फसा लिया तब मैं मजे से पुष्पा को हवा में लहरालहरा कर चोदना सुरु कर दिया पुष्पा मेरे कंधो को पकड़ कर झूलती रही और मेरे गले में जोर जोर से किस करती रही लगातार 6 मिनटक मैं झूला झुला -झूला कर पूषा को चोदता रहा पर मेरे कंधे भी दर्द करने लगे पर पुष्पा अभी तक झरी नहीं तो मैंने पुष्पा को जमीन में बोरे पर लिटा दिया और पुष्पा के ऊपर चढ़ गया तो पुष्पा ने अपनी दोनों टांगो को मेरे पीठ पर रख दिय मैं पुष्पा को बड़े मजे से चोदने लगा पुष्पा बार बार मेरे गालो को -गले को चूसने लगी मैं भी पुष्पा की जीभ को अपने मुह में डाल कर चूसने लगा पुष्पा बड़े मजे के साथ चुदा रही थी पुष्पा के मुह से जोर जोर से उउउ ऊ ऊ आ आ आ आ आ आह आह आह हा सी सी सी सी स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स्स्स्स्स स्स्स्स्स कि आवाज निकालने लगी और कहने लगी जल्दी जल्दी करो ना जान लोगे क्या मेरी तब मैं जोर जोर से जल्दी जल्दी प्यूरी ताकत लगाकर झटके मारने लगा कुछ ही देर में पुष्पा और मैं ढेर हो गए मैं पुष्पा के ऊपर बेजान होकर लेट गया ढेर सारा वीर्य कंडोम में भर गया करीब 3 मिनट तक हांफते हुए पुष्पा के ऊपर पड़ा रहा तो पुष्पा बोली अब उठिए भी तब मैं उठ गया और मोटा सा लण्ड को बाहर निकाला जो वियाग्रा के अशर से अभी तक तना हुआ था जिसे देखकर पुष्पा ने कहा कि क्या हुआ आपका मन नहीं भरा अभी तो और कर लीजिये तब मैंने कहा कि हो गया शान्त पर भौजी आपने तो थका लिया मुझे तो पुष्पा बोली आपने तो हलाल ही डाला आज इसके पहले कभी भी मेरे पहले वाले पति और ये नहीं चोदे थे जितना आपने आज चोदा मजा आ गया आज और फिर पुष्पा मेरे कंडोम में लगे खून को देखी और बोली कि लगता है महीना आ गया फिर पुष्पा उठी और कपडे पहनने लगी तो मैंने पुष्पा को अपनी पत्नी कि ब्रा और पेंटी दिया जो एकदम से नै थी आते समय खरीदा था मैंने पुष्पा को कहा कि पहन लो इसे तो पुष्पा ने एक बार मेरी तरफ देखा और लेकर पहन लिया पहले पैंटी और बाद में ब्रा पहना तो पुष्पा और सेक्सी लगने लगी तो मैंने पुष्पा कि दो तीन फोटो लिया ब्रा और पैंटी में फिर पुष्पा ने पेटीकोट साड़ी-ब्लाउज पहन लिया मैं भी अपने कपडे पहन लिया और एक तरफ से निकल गया खेत से बाहर तो दूसरी तरफ से पुष्पा खेत से बाहर निकल गई बोरे का बिस्तरा साथ लिए हुए और हम दोनों कुछ देर में फिर से प्याज के खेत में बैठ कर बाते करने लगे ,ब्रा पहनने के बाद पुष्पा के बड़े बड़े बूब्स बहुत ही आकर्षक लगने लगे फिर पुष्पा से बहुत से बाते किया पुष्पा ने बताया कि ओ 12 वी तक पढ़ी है पहले वाले पति मर गए तो 70 साल ससुर परेसान करने लगा ओ बोलता कि मेरे साथ सोया कर ,ससुर से परेसान होकर पुष्पा ने दुसरी सादी कर लिया मंगलू अहीर के साथ | बहुत देर तक बाते करने के बाद मैं जब चलने लगा तो पुष्पा बोली कि मैं अभी यहाँ रोज आउगी तो मैंने बोला टीक है और इस तरह लगातार 10 दिन तक पुष्पा कि चुदाई किया 5 दिन तो पुष्पा की माहवारी में ही पुष्पा कि चुदाई किया बिना कंडोम लगाए इसके बाद भी पुष्पा ने कांडोम नहीं लगाने दिया बोली कि मुझे एक लड़का चाहिए जो मंगलू के नाम पर पाल पोश कर बड़ा करुँगी पर ओ होना चाहिए आपका मैंने बोला टीक है पुष्पा को एक मोबाइल खरीद कर दे दिया और रोज बाते करने लगा अब पहले कि तुलना में गाँव भी ज्यादा जाता और पुष्पा को मोका देखकर खूब चोदता पुष्पा को एक लड़का भी हुआ जो कि मेरा ही है ओ अब करीब 15 माह का हो गया है | पुष्पा पहले से कुछ दुबली हो गई पर चुदाई में अब पहले से ज्यादा मजा देती है | जब भी मैं गाँव जाता तो पुष्पा के लिए अच्छी अच्छी साडी ले जाता पुष्पा को एक दम से शहरी बना दिया पुष्पा का बैंक खता खुलवा दिया और उसके खाते में बीच बीच में कुछ हजार रुपये भी डाल देता ये बात आज तक गोपनीय बनी है मैं और पुष्पा दोनों खूब चुदाई करते मोका मिलते ही !
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पुष्पा को पहली बार उसके
घर में चुदाई किया ! पढ़िए पूरी सत्य घटना चुदाई की !

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खेती के कुछ जरुरी काम से अभी दिसंबर माह में गाँव जाना हुआ भयंकर ठंडी पड़ रही 14 दिसंबर को दोपहर में 3 बजे अकेले ही गाँव पहुंच गया खाना खाने के बाद छत में चढ़ गया और पुष्पा के घर की तरफ देखा तो पुष्पा दिखाई नहीं दी तो मैं पुष्पा को तलासने लगा पर नहीं दिखी तो छत नीचे आ गया पुष्पा के घर में सामने गया तो मंगलू की माँ मिली उससे हाल चाल पूछने लगा तो पता चला की मंगलू और पुष्पा दोनो गंगा स्नान के लिए गए हुए है आज साम वाली रेल से आ जायेगे मन ही मन खुस हो गया की चलो कल से पुष्पा मिल जाएगी चोदने लिए ! इसी आशा के साथ रात निकाल दिया 9 बजे सुबह उठा तब भी खूब कोहरा गिर रहा था फिर भी पुष्पा का दीदार करने के लिए बाहर साल ओढ़कर घूमने लगा पर पुष्पा दिखाई नहीं दी तब 10 बजे छत पर चढ़ गया तब देखा की पुष्पा कुछ काम कर रही थी पर उसने मुझे नहीं देखा तो एक छोटा सा पत्थर पुष्पा के पास उछाल दिया तो पुष्पा इधर-उधर देखने लगी तब मैंने एक छोटा सा आँवला पुष्पा को निशाना बना कर फेका जो पुष्पा के टीक सामने गिरा तो पुष्पा मेरे घर की छत की तरफ पलट कर देखि और खुसी उछल पडी और हाथ से इसारा किया की मैं आर ही हु ! तब मैं छत से नीचे उतरा और गेट से कुछ दूर खड़ा हो गया तो देखा की पुष्पा हाथ में लोटा लिए हुए तुवर के खेत की तरफ जा रही थी , मैं भी दुसरी तरफ से जल्दी जल्दी घूमकर तुवर के खेत में घुस गया

जिधर पुष्पा थी और जल्दी से पुष्पा के पास पहुंच गया और जाते ही पुष्पा को सीने से लगा लिया और चूमने लगा करीब 10 मिनट तक चूमने और चूचियोि
को दबाने के बाद पुष्पा बोली ”अब बस भी करिये छोटे ठाकुर” तब मैं पुष्पा पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगा तो फिर बोली ” अरे रुकिए अभी मुझे जल्दी जाना है,रात में कर लेंगे” तब मैंने कहा ” रात में कैसे करोगी” तो पूषा ने बताया की ओ (मंगलू-पुष्पा) नहीं है घर में गंगा स्नान से नहीं आये वही रुक गए ”सनीचर” तक आयेगे तब तक आप रोज आ जाना घर में तब मैंने कहा की ” ओ बुढ़िया तुम्हारी लड़की तो है न ” तब बोली ”लड़की तो मामा के पास है पढ़ाई कर रही शहर में, और बुढ़िया मेरे कमरे से दूर की कोठरी में सोती है ” तब मैंने कहा ” टीक है पर कितने बजे आउगा” तो बोली ” मैं मिस काल दूंगी 10 बजे तक गाँव में सुनसान हो जाता है ” फिर बोली ”अब जाइए यहाँ से कोई देख न ले ” और मुझसे अलग हो गई और खेत से बाहर आ गई और मैं भी बाहर आ गया और घर चला आया व् रात का इन्तजार करने लगा !बड़ी मुस्किल से दिन कटा रात आई और 10 भी बज गए पर पुष्पा की मिस काल नहीं आई तो मैंने रात के साढ़े 10 बजे फोन किया तो पुष्पा-फुसफुसाते हुए धीरे से बोली ” ये बुढ़िया अभी तक खाँस रही है लगता है जग रही है” तब मैंने पुष्पा को बोला ” मेरे घर आ जाओ” तो पुष्पा बोली ”आपके कुत्ते नोच डालेंगे और गेट में ताला भी लगा है” तब मैंने कहा ”ओ सब चिंता छोड़ दो मैं मैनेज कर लूंगा” तो बोली ” ठीक है मैं आती हु आप गेट खोल दीजिये” तब मैं गया और मेन गेट की चाबी लिया और ताला खोलकर पुष्पा पुआल का बिस्तर जमीन में लगा कर रखा था

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वापस आ गया तब भी पुष्पा नहीं आई तब मैंने फिर से फोन किया 15 मिनट बाद तो बोली ”आप आ जाओ बुढ़िया सो गई है” तब मैंने कहा ”ओके” और दबे पाँव पुष्पा के घर पहुंच गया पर इतनी ज्यादा ठंडी थी की ज़रा से देर में ठण्ड में काँपने लगा ! पुष्पा घर दरवाजे खड़ी मिली जैसे ही अंदर हुआ दरवाजा लगा लिया और मेरा हाथ पकड़ कर अपने कमरे में ले गई !पुष्पा के कमरे में पहली बार मैं घुसा हु , अभी तक जितने बार चोदा खेत में ही चोदा पहली बार पुष्पा को उसके घर में चोदने जा रहा हु ! पुष्पा के कच्चे मकान में छोटा सा कमरा है ! भयंकर ठंडी से बचने के लिए धान के पुआल को जमीन पर बिछा रखा था उसी के ऊपर एक पतला से गद्दा किन्तु गद्दे केऊपर चादर नई नई डली हुई थी तकिया में खोल था रजाई तो बिना कवर के थी जिसके सिरहाने पर ज्यादा ही मैली थी तेल लगे थे ! कमरे के अंदर घुसते ही पुष्पा ने कमरे का दरवाजा लगा लिया और बल्व में ऊपर एक कपड़ा फेक दिया मोटा सा जिससे कमरे में उजाला कम हो गया ! तब तक मैं खड़ा ही रहा तो पुष्पा हाथ पकड़ कर बिठाई और लिपट गई मेरे से मैं भी पुष्पा को अपने मजबूत बाहों में भर कर चूमने लगा मेरी सारी ठंडी अचानक गायब हो गई ! पुष्पा को
बाहो में भरते हुए पुष्पा का ब्लाउज और ब्रा का हुक खोल दिया और चुचियो को दबाने लगा और होठो को चूसने लगा पुष्पा भी मेरे होठो को ऐसे चूसने लगी जैसे वर्षो से प्यासी हो, ऐसी लिपटी जैसे नागिन नाग के जिस्म से लिपट जाती है ! क्योकि पुष्पा से एक साल के बाद मिल रहा हु,पुष्पा चुदाई के लिए तड़प रही है क्योकि मंगलू में ओ दम नहीं की पुष्पा की जिस्मानी माग की पूर्ति कर सके ! धीरे से पुष्पा को लेकर लेकर लेट गया और रजाई से ढक लिया पुष्पा को और चूची दबाने लगा और एक हाथ को जांघो में घुमाने लगा इधर पुष्पा मेरे बनियान ,स्वेटर के नीचे हाथ घुसा कर सीने पर हाथ घुमाने लगी सीने के
बालो से खेलने लगी मैंने धीरे से पुष्पा के जांघो से हाथ घुमाते हुए बुर के पास ले गया और बुर को सहलाते सहलाते धीरे से बुर के छेद के मुहाने में बीच की बड़ी वाली ऊँगली से अंदर की सतह पर घुमाने लगा तो पुष्पा अपनी आँखों को बंद कर लिया और दाँतों को आपस में घिसते हुए होठो को चबाने लगी और मेरे सीने से हाथ हटकर मेरे लण्ड को पकड़ लिया और गोल गोल अनडुओ को खिलाने लगी मैं समझ गया अब पुष्पा चुदाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है मैंने पुष्पा की चूची की निप्पल को छुआ तो ओ एकदम से अंगूर के माफिक टाइट और रसीली हो चुकी थी मैंने बिना देरी किये अंगूर को जीभ से चखने लगा और टाइट निप्पल पर जीभ को घुमाने लगा और एक हाथ से पुष्पा के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और साडी सहित पेटीकोट को खिसकाने लगा तो पुष्पा अपने चिकने चूतडो को उठा लिया तो मैंने पुष्पा को नंगी कर दिया और अपने भी चढ्ढी बनियान, लोवर उतार दिया और पुष्पा का ब्लाउज ब्रा भी पुष्पा के तपते हुए सेक्सी वदन से अलग कर दिया और उठकर रजाई के नीचे पुष्पा की बुर को चाटने लगा मुस्किल से एक मिनट ही बुर चाटने के बाद ही पुष्पा भाभी मेरे मुह पर हाथ रखने लगी अपनी बुर को हाथ दबाने लगी हाथ को सर को पकड़ कर अपनी तरफ खीचने लगी तब मैं पुष्पा के ऊपर चढ़ गया और लण्ड को एक ही झटके में बुर में डाल दिया , जैसे ही लण्ड घुसा पुष्पा ने अपने दोनों हाथो के मेरे पीठ पर रखा और कस कर पकड़ लिया और मेरे होठो को,गालों को ,जीभ को लाली पाप की तरह चूसने लगी तो मैंने लण्ड के धीरे धीरे झटके मारने सुरु कर दिया तो पुष्पा ने अपने दोनों हाथो को मेरे नितम्बो पर लगाकर आगे पीछे करने में सहयोग करने लगी और साथ साथ मुझे चूमते भी जाती मैं भी पुष्पा को चूमता जाता और झटके पर झटके मारता जाता पुष्पा के मुह से धीरे धीरे उ उ उ उ उ उ अहहः आअह्ह आअह्ह आअह्ह उउउस्स्स् म्द्पोजुक्न्मोफ़्वेओइझ्र्व कुछ भी अजीब टाइप निकालने लगी मैं समझ गया पुष्पा अंतिम दौर में पहुंच चुकी है और पुष्पा मेरे नितम्बो को जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगी अपने हाथो से और मैं भी रजाई के अंदर पूरी ताकत से पुष्पा की बुर में झटके मारता रहा और फिर ये क्या पुष्पा ने मेरे नितम्बो से अपना हाथ हटा कर इतनी जोर से कस कर पकड़ा की मेरे नितम्ब का आगे पीछे करने में रूकावट आने;लगी तब मैं समझ गया की पुष्पा स्खलित हो चुकी है पर मैं स्खलन से काफी दूर हु अभी ,वियाग्रा और शिलाजीत के दोहरे प्रभाव से मेरी स्तम्भक (ज्यादा देर तक चोदने की क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है) क्षमता बहुत ज्यादा हो गई है ! पुष्पा मुझे चिपकी हुई थी और मेरा टाइट लण्ड पुष्पा की चूत में अभी भी घुसा हुआ था पुष्पा बोली ” का हुआ निपटे नहीं का” तब मैंने कहा ”कहा निपटा धोखा दे दिया तुमने” तो मेरे गालों पर चिमटी लेते हुए बोली ”क्यों ठकुराइन साहब भी धोखा देती क्या ” तब मैं पुष्पा के गोरे गोरे लाल लाल गालो को दांत से हलके से काट लिया और बोला ”अब इस समय तुम्ही ठकुराईन हो” और इस तरह से बातें करते करते ध्यान बट गया और लण्ड को बाहर निकाल लिया और पुष्पा से बातें करने लगा हँसी ठिठोली करते करते 30 मिनट से ज्यादा हो गए तो पुष्पा की चूची की निप्पल फिर से टाइट पड़ गई तो मेरे लण्ड में फिर से तूफ़ान आ गया ! पर इस बार पुष्पा ज्यादा समय लेगी ये सोच कर लण्ड की सुपाड़े को नंगा किये बिना कंडोम चढ़ा लिया और फिर सांड की माफिक चढ़ गया पुष्पा के ऊपर और फिर दे दना दन दे दना दन सुरु हो गया और लगातार एक एक ही पोजीसन में 10 मिनट तक पुष्पा की चुदाई किया और रात भर पुष्पा के पास ही लेटा रहा और सुबह 5 बजे उठकर अपने घर आ गया ! इस तरह लगातार रोज रात में पुष्पा के घर घुस जाता और तबियत से चुदाई करता ! पुष्पा बहुत मजा देती चुदाने में !



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