Khala Ki Beti Ki Machalti Chut

मैंने अपनी पैन्ट उतारी और अंडरवियर पर खड़ा हो गया।

मैं तालाब में उतरा.. तालाब ज्यादा गहरा नहीं था और उसका पानी काफ़ी ठंडा था।

मैंने फ़रीदा के भाई को नीचे बुला लिया और उसको पकड़ कर तैरना सिखाने लगा।

तब फ़रीदा बोली- भैया मुझे भी तैरना सिखा दो ना।
मैंने बोला- हाँ क्यों नहीं.. आ जाओ।

फरीदा अपनी चुन्नी बाँधने लगी थी।
मैंने कहा- चुन्नी निकाल दो.. इससे ख़तरा है।

फ़रीदा ने बिना चुन्नी के पानी में उतर आई। वो तालाब दूसरी तरफ से बहुत गहरा था। फ़रीदा जब पानी में उतरी तो उसका जिस्म पानी में भीगते ही उसका पूरा फिगर दिखने लगा था। उसने काली पैन्टी पहनी हुई थी।
मैं उसे वासना से देखने लगा।

‘भैया ऐसे क्यों देख रहे हो.. मुझे तैरना सिखाओ ना।’

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मैंने उसका हाथ पकड़ कर उससे तैरने का तरीका बताने लगा।
उसको पानी सतह पर सीधा करके उसके जिस्म को अपने हाथों पर साध लिया और उससे कहा- हाथ पैर चलाओ।

उसको तैरना सिखाने के बहाने से मैं उसके चूचे दबाता रहा।
मेरा लण्ड कड़ा हो गया।

नीचे से मैंने जानबूझ कर उसकी गांड को पकड़ लिया।
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फ़रीदा कुछ नहीं बोली, वो तो कह रही थी- भैया ठीक से सिखाओ न!

मैंने एक प्लान सोचा और उसको तालाब में गहरी तरफ़ ले जाकर छोड़ दिया।
फ़रीदा डूबने लगी.. मैं जानबूझ कर उसके भाई की तरफ ध्यान दे रहा था।

वो एकदम घबरा गई और डुपडुप करके पानी पीने लगी।
फरीदा चिल्लाई तो मैंने उसको बचाया और बचाने के बहाने से उसकी चूत को मसल दिया।

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वो बेहोश सी हो गई थी। मैंने उसके पेट पर हाथ रखा और ज़ोर से दबाया.. पर वो होश में नहीं आई।
मैंने उसके होंठों को चूम कर मजा लिया और पेट दबा कर पानी निकाला।

कुछ पल बाद वो होश में आई- भाई, आज आपने मेरी जान बचाई.. थैंक्यू!
‘अरे इसमें ‘थैंक्स’ बोलने की क्या बात है.. चलो तुम ऊपर चलो.. अपने कपड़े सुखाओ।’

मैं उसकी पैन्टी में दिखती गांड को देखता रहा। मेरा लण्ड कड़ा हो गया था। अंडरवियर में मेरा खड़ा लण्ड बहुत विकराल लग रहा था।

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वो मेरे लण्ड के तरफ देखने लगी और हँस पड़ी- भाई ये क्या तुम्हारा हथियार खड़ा हो गया है।
मैं चौंक गया- तुम तो इतनी खुल्लम-खुल्ला बोलती हो?

अब मैंने सोचा कि क्यों न मैं इसकी इस बात का फायदा उठाऊँ।

मैंने कहा- ये तुम्हारी उठी हुई गांड को देख कर कंट्रोल नहीं कर पाया।
वो हँस दी और बोली- चलो अब ऊपर आओ.. मैं आपको कुछ दिखाना चाहती हूँ।

मैं जल्दी से ऊपर गया।
वो खेत में लगी हरी घास में मुझे ले गई, उधर उसने सारे कपड़े उतार दिए।

मैं उसका ये एक्शन देख कर एकदम से चौंक गया।

फ़रीदा बोली- भैया मैंने जानबूझ कर आप के सामने घर पर बहुत एक्सपोज़ किया था.. आप मुझे किस तरह से देखते हो ये मैं सब समझ रही थी। भैया उस दिन तुमने मेरे अंडरवियर को भी चुराया था, ये मैंने देख लिया था। अब मेरे से रहा नहीं गया.. क्यों मैं पराए लोगों से अपनी चूत चुदाऊँ.. आज से मैं तुम्हारी रानी हूँ.. तुम मेरी चूत के राजा। अब में अपनी उफनती जवानी को और बर्दाश्त नहीं कर सकूँगी। मेरी सारी सहेलियां सब लंड का मज़ा ले चुकी हैं। अब मेरी बारी है.. आओ राजा.. मेरी इस चूत की तपिश को अपने मक्खन से ठंडा करो।

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