मुझे पूरी नंगी करने के बाद उसने मेरी दोनों टांगों को अपनी कंधों पर रखा और मेरी चूत को चाटने लगा।
मैं सिसकारियाँ भरने लगी।
मैं रोहन के मुंह को अपनी चूत में दबाने लगी।
थोड़ी देर पहले मनीषा के साथ करने के बाद मैंने अपने चूत को साफ नहीं किया था जिस वजह से मेरी चूत से मादक सी गंध आ रही थी जिसे रोहन ने सूंघ लिया और वो बोला- मम्मी ये आपकी चूत से पानी की खुशबू क्यों आ रही है क्या आपने अभी थोड़ी देर पहले… कुछ किया था?
मैं कुछ नहीं बोली।
मां की चूत चूसी
फिर रोहन आगे बढ़ा और उसने अपनी जीभ मेरी चूत में घुसेड़ दी।
उसकी नुकीली जीभ मेरी चूत में हलचल मचा रही थी।
बीच बीच में वो मेरी चूत के दाने को भी जीभ से सहला रहा था।
मैं उसकी हर हरकत पर सिसकारियों से उसका हौंसला बढ़ा रही थी- ओह.. हाआ.. रोहन… और चाटो.. बहुत मज़ा आ रहा है.. ऊहह.. और ज़ोर से चाटो.. अपनी जीभ मेरी चूत में घुसेड़ दो.. बहुत मज़ा आ रहा है.. ऑहह… रोहन…
मेरी चूत अब पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
फिर रोहन उठा और बोला- मम्मी, आपकी चूत तो गीली हो गई, अब आपकी बारी है मेरा लण्ड चूसने की।
रोहन के इतना बोलते ही मैं उठी और उसको लेटा कर उसके ऊपर आ गई।
मैंने रोहन की चड्डी उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे के ऊपर थे।
रोहन का लण्ड पूरी तरह से खड़ा था पर आज उसका लण्ड और दिनों की अपेक्षा बड़ा लग रहा था और उसके लण्ड से पानी भी निकल रहा था।
बेटे का लंड चूसा
मैं रोहन के लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और फिर उसे मुँह में लेकर चूसने लगी।
रोहन भी मेरे बालों को पकड़ कर मेरे मुँह को अपने लण्ड पर दबा रहा था जिससे रोहन का लण्ड मेरे गले तक जाने लगा।
थोड़ी देर बाद मेरी साँस फूलने लगी तो मैंने लण्ड को मुँह से बाहर निकाल दिया।
रोहन का लण्ड गीला हो चुका था और अब वो मेरी चूत में जाने के लिए बिल्कुल तैयार था।
रोहन उठा और उसने अपनी पॉकेट से कोई गोली निकाली और उसे खाकर वापस बेड पर आ गया, मेरी टांगों के बीच आकर बैठ गया।
मैंने उससे पूछा- रोहन यह किस चीज की टेबलेट खाई है तूने? तेरी तबियत तो ठीक है ना?
मेरी बात सुनकर रोहन बोला- नहीं मम्मी, मुझे कुछ नहीं हुआ… यह टेबलेट तो चुदाई का समय बढ़ाने के लिए है।
मैंने रोहन को कुछ नहीं बोला।
मां की चूत में लौड़ा
फिर रोहन ने मेरी टांगों को फैलाया और अपने लण्ड को मेरी चूत पर लगा दिया, पहले धक्के में ही उसने अपना आधा लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और फिर लगातार दूसरे धक्के में रोहन का पूरा लण्ड मेरी चूत के अंदर था।
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फिर उसने लगातार झटकों से मुझे चोदना शुरू कर दिया और मैं भी मस्त होकर सिसकारियों के साथ चुदाई का मजा लेने लगी।
मैं मस्ती में रोहन को और उत्तेजित करने लगी- हाँ… हाँ… बस ऐसे ही! ऐसे ही… मेरे लाल… शाबाश… चोद मुझे! चोद दे मेरी चूत को अपने इस मोटे लंड से! और ज़ोर से… और ज़ोर से! हाँ बेटा..ऐसे ही… बस ऐसे ही चोद मुझे! आहहहह… रोहन.. मेरे लाल… चोद डाल अपनी मम्मी को… आहह…