ही फ्रेंड्स, थॅंक योउ फॉर युवर वॉर्म वर्ड्स, आंड लोवे फॉर फर्स्ट पार्ट ऑफ थे स्टोरी. जैसे की मैने आप लोगों को बताया की हमने थोड़ी शॉपिंग की, और मोविए देखने चले गये. मोविए देखने के बाद मैं उसे लंच करने ले गया होटेल में. लंच करने के बाद मैं उसे तोड़ा घूमने के लिए जुहू चौपाटी ले गया.
कोविद के बाद तोड़ा क्राउड कम ही था. वो समुंदर देख कर बहुत खुश हो गयी, क्यूंकी वो उप से थी, तो उनसे कभी समुंदर देखा नही था. वो छ्होटे बच्चो की तरह ज़िद करने लगी पानी में जाने के लिए.
तो मैने उसे कहा: तुम जाओ मैं समान देखता हू.
थोड़ी देर पानी में खेलने के बाद मैने उसे चलने के लिए कहा. वो भी बाहर आई, और समान उठा के मेरे साथ बिके पे बैठी. मैं रास्ते में वाइन शॉप पे बिके रोक के ओल्ड मॉंक का खंबा ले लिया. बाजू में एक मेडिकल था, तो मैने वाहा से वॅक्स क्रीम और एक लॅडीस का रेज़र लिया.
फिर हम घर पे आ गये. मैने बॉटल और मेरे कपड़े का बाग ले कर रूम में रख दिया, और उसे वॅक्स और रेज़र दिया.
तो वो मेरी तरफ देख कर पूछने लगी: ये आपने मुझे क्यूँ दिया.
तो मैने उसे समझाया: ये समान तुम्हारे हाथ को और नीचे के बाल सॉफ करने के लिए है.
वो शर्मा गयी.
मैने उससे कहा: जाओ सॉफ कर लो. सो आयेज से कोई भी ड्रेस पहनने में परेशानी नही होगी.
वो सब समान ले कर अंदर गयी. अभी सिर्फ़ 5 ही बजे थे, तो मैं सोने के लिए चला गया. थोड़ी देर में वो मेरे रूम में दौड़ते-दौड़ते आई. उसके आर्म्पाइट्स में शेव करते-करते कट हो गया था, और खून आ रहा था. तो वो दर्र रही थी.
फिर मैने जल्दी से फर्स्ट ाईड में से डेटोल ले कर सॉफ किया, तो उसे तकलीफ़ हो रही थी. मैने उससे पूछा-
मैं: कैसे उसे करते है, पता नही क्या?
तो उसने ना मैं सिर हिलाया.
फिर मैने उससे कहा: मुझसे पूच लेती मैं हेल्प कर देता. तो वो कहने लगी उसे नही निकालने बाल, और दर्र लग रहा था.
फिर मैने उससे कहा: मैं मदद करता हू.
मैं बातरूम में गया, और शेविंग डोम लेके आया, और उसे हाथ उपर करने को कहा. तो उसने ना में सर हिलाया. फिर मैने उससे कहा-
मैं: कोई डरने वाली बात नही है. आराम से बाल निकल जाएँगे.
फिर उसने तोड़ा शरमाते हुए हाथ उपर किए, तो मैने फोम लगा कर तोड़ा फैलाया. फिर 2 मिनिट में रेज़र से बाल सॉफ किए. ये देख कर वो खुश हो गयी, की बिना कटे सॉफ हो गये. मैने दूसरा आर्म्पाइट भी शेव किया, और उससे कहा-
मैं: नीचे के तुम सॉफ करना.
फिर उससे रेज़र पकड़वाया तो उसने वॅक्स स्ट्रिप्स देते हुए कहा: इसे कैसे उसे करते है?
तो मैने उसके हाथ और पैर के बाल वॅक्स करने में हेल्प करी. फिर वो रूम से बाहर चली गयी. ये सब करके मेरा दिमाग़ खराब होने लगा, और लंड खड़ा होने लगा. फिर मैं उसे इमॅजिन करते-करते अपना लंड हिलने लगा, और अपना पानी निकाल कर सो गया.
मेरी नींद 8 बजे खुली, तो मैं फ्रेश हो कर बाहर गया. मैने देखा वो मेरा दिया हुआ त-शर्ट पहने हुए थी.
मैने उससे कहा: अब तुम्हारे कपड़े है, तो वो पहनो. मेरे मत पहनो.
और मैं किचन में से ग्लास लेकर टीवी लगा के बैठा. ओल्ड मॉंक और थंब्स उप लेकर मैने अपना पेग बना दिया, और प्रिया को आवाज़ दे कर खाना लेके आने को कहा. वो चिकन लेके आई, और ग्लास की तरफ देखने लगी.
तो मैने उससे पूछा: पियोगी?
उसने हा में सर हिलाया. फिर मैने उसे ग्लास ले आने को कहा, तो वो अंदर से ग्लास लेके आई. मैने उसके लिए एक छ्होटा सा पेग बनाया. बुत उसने वो झट से टॉप तो बॉटम पी लिया.
फिर मैने उससे पूछा: पहले पी चुकी हो क्या?
उसने बताया: कभी-कभी चुपके से पिता जी की पी लिया करती थी.
मैने सोचा ये सही मौका था उसे पीला कर सच पता करवाता हू. मैने एक स्ट्रॉंग पेग बना कर उसे दिया. ऐसे 3 पेग लगा चुकी थी वो. तब मैने उससे पूछा-
मैं: तुम देल्ही से मुंबई क्यूँ आई.
तो उसने मुझे बताया की वो पैसे जमा करके गाओं में जेया कर शादी करना चाहती थी, और गाओं में खोया हुआ मान चाहिए था. क्यूंकी उसके जानम के टाइम ही उसकी मा के गुज़रने से और पिता जी का सब बर्बाद होने के लिए सब उसको ही दोष देते थे.
उसे नशा चढ़ चुका था. मैने उसे और एक पेग दिया, और पूछा यहा कोई और प्राब्लम तो नही ना?
तो उसने बताया: जब आई थी तब तोड़ा दर्र लग रहा था की एक जवान लड़के के साथ कैसे राहु. बुत बाद में आपकी हालत देख कर सोचा ठीक है कर लेती हू काम. बुत मैने सोचा था उससे भी आप बहुत आचे है. और थोड़े नटखट भी है.
तो मैने उससे पूछा: मतलब मैने ऐसा क्या किया, जो तुम मुझे नटखट बोल रही हो?
उसने बताया: शाम को मैं आपके रूम से जाने के बाद वापस आपके रूम में आ रही थी. तो तब आप अपना हथियार हाथ में लिए बैठे थे.
ऐसे बोल कर वो शर्मा गयी. मैं भी तोड़ा शर्मा गया, और थोड़ी हिम्मत करके उससे कहा-
मैं: देखो, ये शहर है. यहा सब आम बात है. यहा लड़के लड़की में ज़्यादा अंतर नही है. तुम्हे कैसा लगा मेरा हथियार?
तो वो शरमाने लगी. मैं चाहता तो अड्वॅंटेज ले सकता था. बुत मैने नही लिया.
मैने उससे कहा: चलो खाना खाते है.
बुत वो पुर नशे में थी, और बैठे-बैठे ही सो गयी थी. तो मैने उसे वही सोफे पे लिटाया और खाना खा के सब समान उठा कर सोने चला गया. रात को मैं सोया था चादर ओढ़ कर. मैने करवट बदली तो पाया की वो मेरे बेड पर थी. मैं वैसे ही सो गया. सुबा मेरी नींद थोड़ी लाते खुली. सनडे होने की वजह से मैं आराम से उठा.
मैने देखा, तो प्रिया बेड पे नही थी. तो मैं ऐसे ही लेते-लेते सोचने लगा की लड़की अची थी, और बचपन से ताने खा-खा कर बड़ी हुई थी. तो उसका फ़ायदा उठना ठीक नही था. इसलिए मैने सोचा के उसे ज़्यादा परेशन ना करू, और मालिक नौकर का ही रिश्ता रहने डू.
जब मैं बाहर गया तो मैने देखा की प्रिया ब्लॅक टांक टॉप में थी, और नीचे नयी वाली पनटी पहनी थी. घर में घूम रही थी वो. मैने उसे कुछ नही कहा और सोफे पर जेया कर बैठा, और टीवी ओं किया. तभी प्रिया छाई लेकर आई, और मेरे सामने खड़ी हो गयी.
तब मैने उसके हाथ से छाई लेते समय देखा तो उसकी पनटी वाले एरिया में से थोड़े बाल बाहर निकले थे. मैं समझ गया की उसने नीचे के बाल शेव नही किए थे. मैने उसे इग्नोर करते हुए उससे बात करने की सोची. तो वो मुझसे कल रात के लिए माफी माँगने लगी.
मैने उसे कहा: कोई बात नही.
फिर उसने मुझसे पूछा: खाने में क्या बनौ?
मैने उससे कहा: मैं चिकन माँगता हू, वो बना देना. मैं वही टीवी देखने बैठ गया, और थोड़ी देर में चिकन आया. फिर जब मैं प्रिया को देने के लिए किचन में गया, तो उसकी पनटी पीछे से पूरी गांद की दरार में घुसी हुई थी.
वो देख कर मेरा दिमाग़ घूम गया, और मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं झट से प्रिया को चिकन दे कर सीधे बातरूम में घुसा, और किचन का नज़ारा याद करते-करते लंड हिलने लगा, और पानी निकाल कर फ्रेश हो कर बाहर आया.
फिर मैं हॉल में जेया कर टीवी पे मोविए देखने लगा. दोपहर के 1 बजे प्रिया ने आवाज़ लगाई-
प्रिया: खाना रेडी है मालिक.
मैने जवाब दिया तो वो मेरे लिए खाना लेके आ गयी. मैने उसे अपनी ताली भी ले कर आने को कहा. वो माना करने लगी.
मैने उससे कहा: ये पुर घर में हम सिर्फ़ दोनो ही है, और मैं अकेले खाना खा-खा के तक गया हू. आओ मेरे साथ बैठो.
वो खाना लेने अंदर गयी, तो मैं अपनी ताली देख कर हैरान रह गया. उसने बिरयानी और फ्राइड चिकन बनाया था, जो मेरी फॅवुरेट थी. मैं बहुत खुश हुआ, और उसकी वेट करने लगा. फिर वो आई और नीचे बैठ गयी खाना खाने. तो मैने उसे उपर बैठने के लिए कहा.
बुत वो नही मानी, तो मैने ज़्यादा फोर्स नही किया, और खाना खाने लगा. होटेल की बिरयानी खा-खा के मैं घर के स्वाद के आयेज क्लीन बोल्ड हो गया. मैने उसकी तरफ देखा तो वो खाना खा रही थी, और टांक टॉप में से उसके छ्होटे-छ्होटे बूब्स दिख रहे थे. मैं उसे एक टक्क देखते रहा. जब उसका खाना हुआ तो वो मुझे पूछने लगी-
प्रिया: मालिक क्या हुआ?
मैं होश मैं आया और उसे कुछ नही बोल कर ताली ले कर किचन की और जाने लगा. तब मैने नोटीस किया की मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया था. मैने उसे एक हाथ से अड्जस्ट करके हाथ धोया. तब वो मेरे पीछे खड़ी हो कर . रही थी. मैने उसकी तरफ देखा, और नज़र नीचे करके मैं बाहर आ कर बैठ गया.
मैं सोचने लगा की क्या किया जाए. तभी वो अपना काम ख़तम करके मेरे पास आ कर नीचे बैठ गयी, और टीवी देखने लगी. टीवी पे “हटे स्टोरी 2” चल रही थी तो उसमे बहुत हॉट सीन थे. जब भी कोई हॉट सीन चालू होता तो वो च्छूप-च्छूप के मेरे लंड की और देखने लग जाती.
मैने 1-2 बार लंड च्छुपाने की कोशिश की, बुत उसके बाद मैं वैसे ही खड़ा लंड बिना अड्जस्ट किए उसे दिखाने लगा. मोविए ख़तम होते-होते मुझे नींद आ गयी. तो मैं उठ कर अंदर जाने लगा और जाते-जाते उसे कहा-
मैं: शाम को रेडी रहना, तोड़ा घूम कर आएँगे और बाहर ही खाना खा लेंगे.
मैं जब सो कर उठा, तो देखा के 7 बाज रहे थे. तो मैने बाहर जेया कर प्रिया से रेडी होने के लिए कहा, और अंदर जेया कर फ्रेश होकर जब रेडी हो कर बाहर गया, तो मैं प्रिया को देख कर हैरान हो गया. उसने कल ली ड्रेस पहनी थी, और तोड़ा सा मेकप भी किया हुआ था. वो बहुत हॉट लग रही थी.
वैसे तो मुझे भारी हुई लड़कियाँ पसंद है, जिनके बूब्स और आस बड़ी-बड़ी होती है, आंटी टाइप. बुत मैं प्रिया को इस अवतार में देख कर फिसल गया, और अपने लिए गये फैंसले के बारे में सोचने लगा, की मैने कुछ ग़लत तो नही फैंसला लिया.
मैने अपने होश संभाले और उसे बिके पे बिता कर तोड़ा घुमा कर एक छ्होटे से चाइनीस रेस्टोरेंट में ले कर गया. वो अब तोड़ा-तोड़ा मुझसे खुलने लगी थी, और मुझे बार-बार पब्लिक में मालिक-मालिक बोल रही थी.
तो मैने उससे कहा: मुझे पब्लिक में तो मालिक ना कहो. नाम से पुकारो.
बुत उसने मुझे ना कहा.
तो मैने उससे कहा: कोई और नाम से बुला लो.
तो उसने मुझे कहा: मैं आपको जी करके बालौ तो चलेगा?
मैं: हा.
बुत बाद में मैने ठीक से सोचा, तो उप बिहार में लड़कियाँ अपने पति को जी बुलाती है. मैं अंदर ही अंदर खुश हो गया. तब मैने उसकी तरफ देखा. वो शरमाने लगी. मैने उसकी और ठीक से देखा तो वो दिखने में तो अची थी. बुत आइब्राउस और बाल थोड़े शेप में नही थे.
उसका रूप निखार कर नही आ रहा था. हम लोगों ने इधर-उधर की बहुत सी बातें की, और खाना खा कर हम घर की और निकले. मैने उससे कहा अगर वो किचन में नही सोना चाहती, तो वो मेरे रूम में अपना बिस्तर लगा कर सो जाए. वो तोड़ा शरमाने लगी.
हम घर पहुँचे तो उसने मुझे थॅंक योउ कहा, तो मेरे दिमाग़ में क्या आया कुछ पता नही. मैने उसकी गांद पे एक हल्के से ताप किया. वो अंदर भाग गयी, और मैं रूम में आ कर फ्रेश हो गया. मैने देखा वो फर्श पे अपना बिस्तर लगा रही थी, और उसने नीचे पनटी भी नही पहनी थी.
उसके पीछे से उसकी त-शर्ट उपर हो गयी थी, तो मैं उसके नीचे का जंगल देख के उसकी छूट के दर्शन करने के लिए तरस रहा था. बुत बालों के बीच कुछ दिखाई नही दे रहा था, और मुझे बिना अंडरवेर के सोने की आदत लग गयी थी, तो मेरा शॉर्ट्स में तंबू दिख रहा था.
मैं एसी ओं करके चादर लेके सोने लगा, तो वो लाइट बंद करके अपने बिस्तर पर सोने लगी, और मुझे बोलने लगी-
प्रिया: ओ जी आपकी कोई गर्लफ्रेंड नही है क्या?
तो मैने उससे हस्स कर पूछा: क्यूँ क्या हुआ?
उसने बोला: ऐसे ही पूछा.
मैने उसे ना में जवाब दिया, और उसे बताया की मेरी मम्मी बहुत स्ट्रिक्क थी, तो मैं इन चक्करो में नही पड़ा. और जब से जॉब स्टार्ट की थी, एक महीने में ही वर्क फ्रॉम होमे चालू हो गया. तो आइसे ही किसी लड़की से संबंध नही बने. और बातें करते-करते हम सो गये.
नेक्स्ट दे जब उठा तो मैं फ्रेश हो कर काम में लग गया. ऐसे ही बातों-बातों में 5 दिन निकल गये. अब मैं उसकी आस पे ताप करके तोड़ा-तोड़ा दबाने लगा था, और उसके टांक टॉप और पनटी में उसके शरीर को निहारने लगा था और मज़े लेने लगा था. नेक्स्ट वीकेंड पे बहुत कुछ हुआ, वो अब अगली स्टोरी में बतौँगा.