कच्ची उम्र की कामुकता Part 4

“तुम प्रेस रिपोर्टर हो या प्राइवेट डिटेक्टिवे…?…….रश्मि उसके तफ़तीश और नतीजे निकाल ने के तरीके से बेहद प्रभावित नज़र आ रही थी.

“मैं सिर्फ़ प्रेस रेपॉर्टर ही हू….लेकिन जासूसी हमे भी करनी पड़ती हैं…..उसे कहते हैं इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट…..खोजी पत्रकार…समझी…?”…..आमिर ने उसे समझाया………”अब तुम मुझे उस रात पार्टी मे जो कुच्छ भी हुआ पूरा सच सच बताओ……और ये भी की रनकु तुम्हे किस बिना पर ब्लॅकमेल कर रही हैं…”

रश्मि ज़ोर ज़ोर से अपना सर इनकार मे हिलाने लगी.

“नही…..मैं नही बता सकती….किसी भी कीमत पर नही….वो लड़की बेहद ख़तरनाक हैं….और फिर….”
वो कहते कहते रुक गयी
“और फिर क्या रश्मि प्लीज़ मुझे बताओ…..अगर तुम नही बताओ गी…तो ना मैं तुम्हारी मदद कर पाउन्गा, ना नीलू की…….इसलिए प्लीज़ बताओ..!’
रश्मि फिर भी चुप रही……वो बताती भी तो क्या बताती……कैसे वो सेक्स की दीवानी हुई थी……कैसे मॉंटी और उसके दोस्त ने उसे लूटा था……और नीलू के साथ एग्ज़ॅक्ट्ली क्या हुआ था,…ये तो उसे भी पता नही था….फिर रिंकू की धमकी का ख़याल भी उसे बताने से रोक रहा था…..वो खामोश रही.
हाँ लेकिन उसकी डॅबडाबेयी आँखो ने आमिर को ये अहसास ज़रूर दिलाया की रश्मि से उस रात के बारे मे कुच्छ उगलवाना, बेहद मुश्किल हैं…….इस पूरे सिलसिले पर उसकी अपनी एक सोच थी,….कुच्छ कॅल्क्युलेशन्स थी…..वाहा क्या हुआ होगा….कुच्छ हद तक वो गेस कर सकता था……रश्मि अगर उसकी पुष्टि भी कर दे, तो भी उसका काम चल सकता था.

“देखो रश्मि, मैं तुम्हारी उलझन समझ ता हू……वाहा उस रात पार्टी के बाद, या दौरान……कुच्छ हुआ था….जो ग़लत था…..नही होना चाहिए था…..क्या मैं सच कह रहा हू…?”
रश्मि ने हाँ मे सर हिलाया.
“क्या तुमने और नीलू ने पार्टी मे शराब पी थी….?”
रश्मि की आँखो से दो बूंदे लुढ़की…..आमिर समझ गया
“क्या वाहा ड्रग्स का भी एस्टेमाल हुआ था……?”……इस सवाल का जवाब बहुत ज़रूरी था.
“मैने नही ली थी……बाकियो का मुझे पता नही…..मैने तो सिर्फ़ थोड़ी सी…..”
“लेकिन तुम्हे पता तो होगा…..रिंकू की पार्टी मे ड्रग्स ली जाती हैं या नही”
“शायद……लेकिन मुझे पक्का यकीन नही”
“तुम्हे पता हैं…नीलू के खून मे बहुत जाड़ा मात्रा मे ड्रग्स पाई गयी थी….?”

रश्मि की आँखे हैरानी से फट पड़ी…….उसके लिए ये शॉक था

“नीलू और मैं, एक दूसरी की बेस्ट फ्रेंड हैं…….कोई भी बात हम एक दूसरी से नही छुपाति थी………अगर नीलू ने कभी भी ड्रग लिया होता, तो वो मूज़े ज़रूर बताती……..उसने खुद हो कर ड्रग्स ली होगी ये नामुमकिन हैं…….शायद उन लोगो ने उसे ज़बरदस्ती दी होगी…”
अब हैरान होने की बारी आमिर की थी……..इसका मतलब नीलू को धोखे से या ज़बरदस्ती ड्रग्स दी गयी थी….फिर उसका बलात्कार किया गया होगा….आमिर मन ही मन सोच रहा था.
“अच्छा ये बताओ, क्या तुमने वाहा सेक्स एंजाय किया था…….?”……..आमिर के इस सीधे हमले से रश्मि एकबारगी कांप उठी……फिर उसने गर्दन ज़ुका दी……आमिर समझ गया.
“ठीक हैं मैं समझ गया……अब ये बताओ…..क्या रिंकू के पास इस बात का कोई सबूत हैं…..तुम्हारे उस सेक्स……..!”………आमिर ने बात जानबूझकर अधूरी छ्चोड़ दी.

रश्मि अब और अपने आप पर काबू नही रख सकी, उसने अपने हाथो मे मूह छुपा लिया…..और रोने लगी……..आमीर एकदम हड़बड़ा गया……रश्मि का रोना लोगो का ध्यान उनकी तरफ खींच सकता था. उसने रश्मि के कंधो पर हाथ रख कर कहा
“रो मत रश्मि…इस उम्र मे ग़लती हो जाती हैं….तुम रोना बंद करो…..वरना हम लोगो की नज़र मे आ जाएँगे…….ख्वंख़्वाह हम पे शक किया जाएगा……लो आँखे पोछ लो…..चाहो तो फ्रेश होकर आओ”…….आमिर ने अपना रुमाल उसे दिया.

“आमिर…..क्या तुम सच मे मुझे रिंकू के चंगुल से आज़ाद कर सकते हो….?”
“बिल्कुल कर सकता हू…..और तुम भरोसा रखो मैं, तुम्हारी किसी भी ग़लती को, तुम्हारे खिलाफ इस्तेमाल नही करूँगा.”
“जिस कमरे मे मूज़े ले जाया गया, उसमे छुपे कमेरे फिट थे…….उस रात मेरे साथ जो भी हुआ……उसकी रेकॉर्डिंग रिंकू के पास हैं…….उसी के दम पर वो मूज़े ब्लॅकमेल कर रही हैं”
“ये तुमने पते की बात कही…..अब ज़रा अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालके बताओ…….क्या बाकी कमरो मे भी छुपे कमेरे हो सकते हैं……क्या तुम्हे किसी खास कमरे मे लाया गया था….या यूही जो खाली दिखा उसमे लाया गया था.
” कमरे का कोई ऐसा खास सेलेक्षन नही हुआ, बस जो खाली दिखा उसमे घुस गये,…….अब बाकी के कमरो मे भी कमेरे लगे हैं या नही, मूज़े नही पता.”
“लेकिन मूज़े पता हैं”……आमिर का चेहरा अब खिल उठा था…..आँखे चमक ने लगी थी.
“क्या हुआ तुम इतने खुश क्यू हो गये…..?”……रश्मि कुच्छ समझ नही पाई.

“रश्मि डार्लिंग……मैं दावे के साथ कहा सकता हू……उस फ्लोर के हर कमरे मे छुपे कमरे लगे होंगे…….जैसे तुम्हारे करतूत की रेकॉर्डिंग हुए वैसे, ही नेल्लु की भी हुए होगी…..एक बार मुझे वो सीडी मिल जाए…..फिर देखना….अगर एस रिंकू नाम की घोड़ी को कुतिया बनाया तो मेरा नाम भी आमिर ख़ान नही”
जाने पहले आमिर ने रश्मि से उसका मोबाइल नंबर. लिया और अपना भी उसे दिया…….इस हिदायत के साथ…….की वो अब एक दूसरे से संपर्क बनाए रखेंगे.

तरुणया अपनी ड्यूटी समाप्त करके अभी अभी लौटी थी, फ्रेश हो कर वो अभी कपड़े बदल ने के लिए अपने वॉर्डरोब के पास खड़ी थी, अपना साँचे मे ढाला जिस्म देख कर उसे, खुद ही अपने आप पर लाइन मारने को जी चाहा…….वो हर आंगल से अपने खूबसूरत जिस्म को निहार रही थी, उसने दोनो हाथ अपने स्तानो के नीचे लेजाकार, उन्हे छुआ, हलके से उठाया……अभी भी काफ़ी कसे हुए थे……कसावट मे ज़रा भी फ़र्क नही आया था….पेट अभी भी पतला था, नाभि की गहराई उसमे चार चाँद लगा रही थी…….कमर की लचक, कुल्हो का उभार, सुडौल लंबी टाँगे……..उसको और सेक्सी बना रही थी…….हूंम्म….’मैं अभी भी क्यामत ढा सकती हू’….उसने मन ही मन सोचा……धीरे धीरे उसने ब्रा पॅंटी को छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए….दोनो हाथ उपर उठा कर, वो किसी मॉडेल की तरह पोज़स देने लगी…….अचानक कॉल्लबेल की आवाज़ ने उसके ‘मोडीलिंग’ को डिस्टर्ब लिया.

“इस वक़्त कॉन होगा…?”……मन ही मन सोचते हुए उसने अपना गाउन पहना, और दरवाजे के कीहोल से देखने लगी……बाहर आमिर खड़ा था…..तरुणया खुश हो गयी…..उसने तुरंत गाउन उतार फेका…..और सिर्फ़ ब्रा पनटी मे ही आमिर के लिए दरवाजा खोला.
दरवाज़े पे खड़ी कयामत देख कर, आमिर भूचक्का सा रहा गया……वो आज से पहले कई बार तनु के यहा आया था,…उसे बेड मे बगैर कपड़ो के देख चुका था, लेकिन आज के जैसा स्वागत उसका कभी नही हुआ था.

“क्या बात हैं, तनु डार्लिंग…….दरवाजे पर ही कत्ल कर देने का इरादा हैं क्या…?”….तनु को बाँहो मे भरते हुए आमिर ने पुचछा…..तनु ने भी उच्छल कर, अपनी दोनो टॅंगो से आमिर की कमर को कस लिया…..आमिर उसे कुल्हो से पकड़ कर, होंठो को किस करने लगा……और ओसी हालत मे हाथ पिछे की तरफ बढ़ा कर फ्लॅट का दरवाजा बंद कर दिया.

“तुम्हारे लिए मेरे पास एक अच्छी खबर हैं…..!……बताओ मुझे बदले मे क्या मिलेगा…?”……तनु आमिर की गोद मे ही इठलाते हुए बोली.
“तुम्हे क्या चाहिए बोलो…….मैं तो हू ही तुम्हारा..!……लेकिन खबर क्या हैं..?”
“पहले मूज़े खूब प्यार करो….मेरा रेप करो…लूट लो मूज़े…..नोच डालो मूज़े….!”…..तनु का ये वाइल्ड रूप देख कर आमिर भी जोश से भरा जा रहा था…..तनु जैसी हाहकारी कयामत उसे खुला निमंत्रण दे रही थी, ललकार रही थी, वाइल्ड सेक्स के लिए…! आमिर जैसे आदमी को और क्या चाहिए था.

उसने उसे अपनी गोद से खिच कर दूर किया और बिस्तर पर पटक दिया.
“तनु की बच्ची…अगर तेरी यही एच्छा हैं तो, ठीक हैं…..अब भुगत ले,…..फिर मत कहना …..हे मैं लूट गयी, बर्बाद हो गयी…!”…..आमिर ने फटाफट अपने कपड़े उतार फेके……तनु के ब्रा का हुक खोलने की बजाय, उसने चुचियो मे हाथ डाल कर, ब्रा को पकड़ा और एक ही झटके मे, ब्रा को नोच कर उतार फेका…..तनु को एक मीठा सा हसीन सा दर्द हुआ…..वो रोमांचित होने लगी…..आमिर ने उसे पेट के बल उलट दिया, …..अब तनु के पूरी गोलाई मे फैले कूल्हे, उसका मूह चिढ़ा रहे थे……उसकी चिकनी, लंबी टाँगे, कुल्हो की दरार मे फसि पॅंटी……पीठ के दबाओ से बाहर को निकली चुचिया……नंगी संगेमरमर सी चिकनी पीठ……कई बार देखा होने के बावजूद…..आमिर पागल हुआ जा रहा था……ये शायद तनु की बोल्ड डेमांड का नतीजा था…….अपने प्रेमी को हर बार अपने जिसम का नया तजुर्बा दिलाना, ये तो तनु की ख़ासियत थी.

आमिर ने बड़े ही ब्रूट, रफ तरीके से तनु की पॅंटी के एलास्टिक मे उंगलिया फसाई….एलास्टिक को कुच्छ खिछा,…और छ्चोड़ दिया……एलास्टिक सटाक से तनु की नाज़ुक पतली कमर से जा टकराया……आअहहाअ……तनु की मादक दर्द भारी आह निकली…..वो अपनी कमर को सहलाने लगी……तब तक आमिर अपने आखरी कपड़े को अभी उतार चुका था…….उसने अब तनु के बदन पर मौजूद पॅंटी को अभी, टांगो से खीच कर निकाल दिया…..तनु का जिस्म इतना मुलायम था की पॅंटी जैसे अपने आप उतरती चली गयी……अब दोनो ही निर्वस्त्रा थे…..तनु आँखे बंद कर के आमिर के अगले हमले की राह देख रही थी…….और हमला हुआ….आमिर ने उल्टी लेटी तनु के जिस्म पर अपने आप को झोक दिया…..उसके मजबूत जिस्म के नीचे तनु पिस गयी……आमिर ने दोनो हाथो से उसकी चुचिया पकड़ ली…..उसका बढ़ता जा रहा हथियार अब तनु के कुल्हो पर अपना रास्ता बना रहा था…….तनु तो इस ब्रूटाल आक्ट से ऐसी उत्तेजित हो रही थी, की खुद ही अपने कुल्हो को उठा उठा कर, आमिर को इशारा कर रही थी, …..बता रही थी उसे क्या चाहिए…….आमिर भी नासमझ नही था,….उसने तनु की दोनो टाँगे और फैलाई……दोनो हाथो से चुचियो पर कहर बरपना शुरू रखते हुए, अपना, अब तक पूरे औकात मे आ चुका हथियार तनु की प्रेमरस से भीग चुकी चूत के होंठों पर टीका दिया…..तनु ने गॅंड और उपर उठाई…..उससे रहा नही जा रहा था…..उपर उठाते ही, चूत के होठ और खुल गये……लंड अब आसानी से आधा अंदर चला गया……तनु की मादक, उत्तेजना से सराबोर सिसकारियो मे इज़ाफा होने लगा…….आमिर की उंगलिया अब निप्पल्स को मसल रही थी……तनु अब और नही बर्दाश्त कर पाई…..उसने अपने आप को डॉगी स्टाइल मे उपर उठा लिया……आमिर ने पोज़िशन अड्जस्ट की…..और शुरू हुआ, एक लगातार पंपिंग का सिलसिला……दोनो ही मंजे हुए खिलाड़ी थे……इस काम मे माहिर थे……चुचिया मसली जा रही थी, चूत पे दनादन स्ट्रोख्क्स लग रहे थे…..दीवारे रगड़ी जा रही थी…….तभी अचानक आमिर को नज़ाने क्या सूझा…..उसने अपना लंड खींच लिया…तनु सोचती रही….बिना कुच्छ कहे, बिना कोई एशारा भी दिए, आमिर ने लंड, तनु की गांद मे डाल दिया….एक ही झटके मे….कुच्छ समझ पाने के पहले ही, तनु की भयंकर चीख दीवारो को तर्रा गयी……लेकिन आमिर रुका नही….वो बेदर्दी से ठोकता रहा……तनु चीखती रही, दर्द सहने की कोशिश मे अपने ही होठ चबाने लगी…..आमिर ने कई बार उसे रिक्वेस्ट की थी, एक बार तनु उसे पिछे का मज़ा लेने दे….लेकिन तनु हर बार, बड़े प्यार से, उसे अगली बार का प्रॉमिस करती रही……लेकिन आज तनु का वाइल्ड मूड देख कर आमिर ने अपनी एच्छा पूरी कर ली……तनु का दर्द अब काफ़ी कम हो गया था…..वो रिलॅक्स हो रही थी…..अब एंजाय भी करने लगी थी

एक लंबे, पसीना छ्चोड़ने वाले फक्किंग एपिसोड के बाद, आमिर और तनु अब एक दूसरे की बाँहो मे सुस्ता रहे थे…….तनु प्यार से आमिर को निहार रही थी…..कैसा मस्त कलंदर हैं ये….कभी लगता हैं,वो उसे अपने प्यार से बँधे हुए हैं, तो कभी लगता हैं,वो उसे आज ही मिली हैं……”ये शायद कभी किसी एक का हो कर नही रह सकता”…..तनु मन मे सोच रही थी, और उसे एस बात की कोई शिकायत भी नही थी…..वो आमिर से और ज़ोर से लिपट गयी.

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“तनु ….तुम कुच्छ खास खबर के बारे मे बताने वाली थी…क्या हैं वो…?”….आमिर के अंदर का पत्रकार अब जाग गया था.
“अरे हाँ….वो तो मैं भूल ही गयी….!”……तनु एक दम से बिस्तर पे उठकर बैठ गयी,..उसकी तनी तनी चुचिया बड़े ही मादक ढंग से हिल गयी…..आमिर ने हाथ बढ़ा कर उन्हे थाम लिया.
“आक्च्युयली आमिर, कल मैं डॉक्टर सिन्हा के साथ, ‘कुक्कु’ गुअरगे पब’ मे गयी थी, वो वाहा के काफ़ी पुराने मेंबर हैं,……मेरी भी काफ़ी दीनो से इच्छा थी, उस पब को अंडर से देखने की, सो डॉक्टर सिन्हा के साथ चली गयी”……..

“तुम वाहा डॉक्टर सिन्हा के साथ क्यू गयी….मुझे कहती तो मैं ले जाता……उसने तुम्हे कुच्छ किया तो नही…….पक्का औरत्खोर हैं साला…!”……आमिर ने उसे खींच के अपने गोद मे बिठा लिया.
“उसने मूज़े कुच्छ नही किया…..मैं कोई छ्होटी बच्ची हू क्या…?’………तनु ने अपनी चुचिया आमिर के मूह की तरफ बढ़ा दी…..मानो कहा रही हो….बच्चियो के इतने बड़े बड़े होते हैं क्या..?

“अच्छा तो फिर…अब आगे भी तो बताओ….!”……आमिर ने अपने मूह के पास आया तोफा बड़े प्यार से कबूला,…वो चुचियो को चूसने लगा.
“आहह…धीरे धीरे आमिर……वो वाहा हमारे पास वाले टेबल पर…..आहह…हा…एक लड़की बैठी थी…वो…उउहह…उउउहह….कह रही थी…उसके पास किसी रश्मि नाम की लड़की की…….दांतो से काटते क्यू हो….अच्छे से चूसो ना…..एक सीडी हैं….और …….क्या हुआ…रुक क्यू गये…?”……तनु बात बता भी रही थी, और आमिर को एंजाय भी कर रही थी…लेकिन अचानक आमिर ने चूसना बंद किया तो वो बौखला गयी.

“क्या….! क्या कहा तुमने…वो लड़की रश्मि के बारे मे बोल रही थी……मुझे पूरी बात बताओ…..बाद मे मैं तुम्हे रुला के छ्चोड़ूँगा”

तनु ने फिर उसे रिंकू और उसके दोस्तो के बीच हुई बातचीत सुनाई……..आमिर शक सही निकाला…..रिंकू के पास उसके, उसके दोस्तो की करतूत दिखाती एक सीडी और थी जो उसने किसी ‘महफूज ठिकाने पर च्छूपा रखी थी……आमिर का काम था अब उस सीडी का पता लगाना.
“तनु आइ लव यू…..यू आर ए डार्लिंग….यू आर सो ग्रेट…!”…….अब आमिर उसे पूरी रात भर छ्चोड़ने वाला नही था……..

रश्मि अभी स्कूल से निकली ही थी की उसे आमिर का फोन आया…..
“हल्लो…..क्या तुम बोल रहे हो आमिर..?”
“हाँ रश्मि…..मूज़े तुमसे कुच्छ ज़रूरी काम हैं,…इस वक़्त कहा हो..?”
“मैं अभी अभी स्कूल से निकली हू…”
“क्या तुम मूज़े…’ग़जाला’ मे मिल सकती हो….ये वही रेस्टोरंत हैं जहा हम परसो मिले थे..”
“लेकिन मैं तो घर के निकली हू….देर होगयि तो घरवाले नाराज़ हो जाएँगे”
“तुम फिकर मत करो, मैं तुम्हारा ज़्यादा वक़्त नही लूँगा”
“ठीक हैं, मैं ऑटो पकड़ कर आती हू…..किराया तुम दे दे ना..”
“ठीक हैं आ जाओ”
रश्मि मन ही मन सोच रही थी अब इस क्या काम निकाला होगा…….कोई टेन्षन की बात तो नही…….अपने सोचो मे खोई थी, उसे पता ना चला की वो कब ‘ग़जाला’ पहुच गयी…….आमिर बाहर ही उसका इंतजार कर रहा था…….उसने ऑटो का किराया चुकाया……और दोनो अंदर एक खाली टेबल देख कर बैठ गये…….आमिर आज उसे पहली बार स्कूल यूनिफॉर्म मे देख रहा था…….बिल्कुल ही अलग लग रही थी, बिल्कुल एक अबोध बच्ची की तरह, मासूम, कमसिन, अल्हड़ और खूबसूरत…….इसके साथ ‘वो’ सब हुआ….!…….विश्वास नही होता….आमिर अपने आप मे सोच रहा था.

“क्या बात करनी हैं…..और ऐसे क्यू घूर रहे हो…?”…..रश्मि ने तुनक कर पुचछा…..आमिर हस पड़ा.
” तुम्हे स्कूल यूनिफॉर्म मे पहली बार देख रहा हू…..बहुत खूब सूरत लग रही हो…..बताओ क्या लोगि….!”
“कोई भी सॉफ्ट ड्रिंक…….!’
आमिर ने दो लिम्का का ऑर्डर दिया
“रश्मि, तुम रिंकू को कितना जानती हो…?”
“मैने तुम्हे पहले ही बताया हैं….जाड़ा नही….बस हल्लो, हाय…..वो भी नीलू की वजह से”……..आमिर कुच्छ पल सोचता रहा.
“मैं पहले तुम्हे कुच्छ बताता हू…..तुम यहा मेरे करीब बैठो.”
लेकिन रश्मि उठने की बजाय, उसे घुराने लगी…..कुच्छ शक की निगहोसे.

“ओह कम ऑन रश्मि….जहा फुक फुक कर कदम रखने चाहिए थे……वाहा फिसल गयी, और मुझ पर भरोसा करने की बजाय शक कर रही हो……..मैं क्या तुम्हे, इस पब्लिक प्लेस मे खा जाउन्गा………कुच्छ बाते ऐसी हैं जो मैं नही चाहता की तुम्हारे अलावा किसी और के कानो मे पड़े….समझी…..!”
अब रश्मि उठ कर उसके बगल मे जा बैठी.
“अब जो कुच्छ मैं बता रहा हू गौर से सुनो……..रिंकू के घर मे हर कमरे मे च्छूपे कमेरे लगे हुए थे…..वो हमेशा नही होते, उस दिन खास लगाए गये थे…….ये बात शायद रिंकू नही जानती थी…..!”
“ये तुम इतने यकीन से कैसे कह सकते हो…..!”
“मैने तुम्हे बताया तो था, मैं एक इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट हू…..तफ़तीश करना, गाड़े मुर्दे उखड़ना मेरा काम हैं……मैने अपने ‘खास’ आदमी यो से, तहकीकात कराए हैं…..एसलिए कहता हू….तुम सिर्फ़ सुनो, समझो…और मेरे कुच्छ सवालो के जवाब दो”
“तुम सवाल बहुत पुछते हो….!”
“और मुझे आता ही क्या हैं……?….चलो अब ध्यान से सुनो,…रिंकू को जब पता चला की नीलू के साथ की गयी हरकते भी रेकॉर्ड हो चुकी हैं…तो उसने उस रेकॉर्डिंग्स मे से सिर्फ़ तुम्हारी वाली, छ्चोड़ कर बाकी की रेकॉर्डिंग मिटा दी…!”……….आमिर अब रुक कर रश्मि के चेहरे को पढ़ने की कोशिश करने लगा.

रश्मि भी भारी उत्सुकता से उसकी बाते सुन रही थी.

“तो उसके पास अब सिर्फ़ मेरी ही सीडी हैं…..उसे वापस पा भी लिया तो, तुम सिर्फ़ मुझे बचा पाओगे……नीलू का क्या……उसके साथ इंसाफ़ कैसे होगा….उससे जनवरो जैसा सुलूक करने वालो को सज़ा कैसे मिलेगी…?”…….आमिर उसका ये गुस्सा देख कर खुश हुआ…….और उन दोनो की दोस्ती देख कर हैरान भी हुआ……लड़की को ‘कच्ची उम्र की कामुकता’ ने बहका ज़रूर दिया था, लेकिन लड़की आदतन बुरी नही थी.

“जो मेरी तहकीकात कहती है, रश्मि, तुम सुनो गी तो दंग रह जाओगी……….कोई बड़ी बात नही की तुम खुशी के मारे, मुझे चूम लो…..!……होंठो पर….!”…….आमिर अब कबूतरी को दाने डाल रहा था…….रश्मि शरमाई…….बोली कुच्छ नही.
“क्या ख़याल हैं……..जानना नही चाहोगी……मेरी तहकीकात क्या कहती हैं…?”…….आमिर अब उसे चिढ़ा रहा था.
“जानना चाहती तो हू….लेकिन वो चुमने वाली बात …..
“अरे छ्चोड़ो भी…….मैं मज़ाक कर रहा था……..अब दिल थाम कर सुनो……..रिंकू को लगता हैं…….ओरिजिनल, उसे फसाने वाली रेकॉर्डिंग मिट चुकी हैं……लेकिन वो अभी भी मौजूद हैं……..!”
“क्या…क्या कहा रहे हो तुम…?”………रश्मि इतनी ज़ोर से चिल्लाई की सभी उसकी तरफ हैरानी से देखने लगे………आमिर ने उसे हाथ पकड़ कर शांत किया.
“ऐसे ज़ोर से चिल्लाओगी तो ……रिंकू तक ये बात उही पहुच जाएगी…..किसिको बताने की भी ज़रूरत नही पड़ेगी……..अपने आप पर काबू रखो”
“लेकिन ये कैसे मुमकिन हैं….?”…….रश्मि की हैरानी और खुशी का कोई ठिकाना नही था……बस उसने आमिर को चूमा नही था.
“उसके ही कुत्तो मे से किसी ने उसकी एक कॉपी अपने पास रखी थी……फिर रिंकू की आँखो के सामने, एडिट करके, तुम्हारे वाला रेकॉर्डिंग रख कर……..बाकी का मिटा दिया था…..रिंकू इस बात से अंजान हैं.”
“तो अब हमे क्या करना चाहिए….वो कौन हैं….किसके पास हैं वो ओरिजिनल सीडी…..हमे कैसे मिलेगी…?”…….रश्मि की एक्सिटमेंट अब कंट्रोल नही हो रही थी.

“मैने एक प्लान बनाया हैं……उसका पूरा होना तुम पर निर्भर हैं……..क्यू की तुम्हे, शायद फिर एक बार…..अपने आप को …..कुत्तो से नुचवाना पड़ सकता हैं….!”

आमिर की बात सुन कर पहले तो रश्मि गुस्सा होने लगी थी, लेकिन फिर कुच्छ सोच कर , उसने हाँ कर दी.
उसका कोमल चेहरा अब फिर से पत्थर सा सख़्त हो गया था.

“मैं तुम्हारे प्लान मे मदद करूँगी……लेकिन मैं किसी भी हालत मे उस चुड़ैल रिंकू के सामने, कुच्छ भी नही करूँगी, जिसके पास वो सीडी हैं मैं उसके पास जा सकती हू……..और कोशिश कर सकती हू, उस सीडी का पता लगाने की, या ओसे चुराने की…….लेकिन क्या तुम्हे पता हैं, वो कौन हैं…?”……रश्मि का चेहरा अभी भी सख़्त था, उसकी आँखे अंगार उगल रही थी, उसने ठान लिया था, नीलू की हालत और अपने ह्युमाइलियेशन का बदला चुकाने के लिए वो खुच्छ भी करेगी.

“रश्मि मैं तुम्हारी भावनाओ को समझ सकता हू……..ठीक हैं मैं कुच्छ ऐसा करूँगा की तुम्हे रिंकू और उसके कुत्तो के सामने नही जाना पड़ेगा……सिर्फ़ विकी नाम के उस लड़के के पास जाना होगा, उसको, अपने जाल मे फसाना होगा….जैसे भी मुमकिन हो….अगर वो तुम्हारा दीवाना बना…..तो उससे वो सीडी हासिल करना कोई बड़ी बात नही होगी”

“क्या तुम मुझे एस विकी के बारे बता सकते हो…?…..और ये भी की तुम इतने यकीन से कैसे कह सकते हो की वो सीडी विकी के पास ही हैं…?”

“देखो अभी एस वक़्त मैं तुम्हे ये नही बता सकता की, मुझे कैसे पता हैं की सीडी विकी के पास हैं……लेकिन यकीन जानो मैं तुम्हे सही वक़्त आने पर ज़रूर बतौन्गा…….रही बात विकी के बारे मे बताने की तो, वो एक 22 साल का हॅंडसम लड़का हैं….अच्छे घर का हैं…..हाइयर मिड्ल क्लास फॅमिली से ताल्लुक रखता हैं…..वो रिंकू को तबसे जानता हैं जब वो दोनो ही बच्चे थे……विकी का बाप और रिंकू के डॅडी अच्छे दोस्त थे, और साथ साथ काम करते थे…….ये तब की बात हैं जब अग्रवाल (रिंकू का बाप) नया नया बज़ाइनेस फैला रहा था, और विकी का बाप उसे मदद करता था…..फिर एक दिन अचानक विकी के पिता, एक रोड आक्सिडेंट मे चल बसे…..और अग्रवाल ने भी धीरे धीरे उस परिवार से मूह मोड़ लिया….बड़ा होने पर, जब विकी समज़दार हो गया तो महसूस हुआ की, उसके पिता की मौत का ज़िम्मेदार, अग्रवाल हो सकता हैं….सही बात का पता लगाने के लिए उसने, पहले रिंकू से दोस्ती बढ़ाई….फॅमिली रिलेशन्स तो थे ही…लिहाजा वो आसानी से अग्रवाल परिवार से चिपक गया……अब उसे क्या पता लगा…क्या वो जान पाया की उसके पिता की मौत का ज़िम्मेदार, अग्रवाल हैं, या फिर सचमुच वो एक हादसा था…….ये मुझे नही पता…..लेकिन अगर उसने रिंकू को अंधेरे मे रख कर, उस रात वाली घटना की सीडी अपने पास रखी हैं तो, जररूर उसने ये बदले की भावना से ही किया होगा….!”………आमिर ने शॉर्ट मे रश्मि को विकी की पूरी दास्तान सुनाई, और वो उम्मीद से रश्मि को घुराने लगा.

“इतनी सारी बाते तुमने, इतने कम समय मे जान ली…..कैसे कर लेते हो ये सब…?”

“रश्मि डार्लिंग मैने तुम्हे पहले ही बताया था, की मैं बहुत ही नायाब चीज़ हू,….बड़ा ही खुराफाती इंसान हू…..और हो सकता हैं, मेरे पास सचमुच जिन्न भी हो…..?……..आमिर उसे टीज़ करते हुए बोला, रश्मि समझ गयी, वो कुच्छ नही बताने वाला.

“तो अब मुझे क्या करना होगा….मैं तो विकी को जानती तक नही…?”

“तुम उसकी फिक्र मत करो, हम तुम्हे उससे टकराएँगे….तुम्हे एक दूसरे के करीब लाने की कोशिश करेंगे……तुम सिर्फ़ मेरा कहना मानो…ओ.के..!”

रश्मि ने सहमति मे सर हिलाया….वो अब वक़्की के बारे मे सोच रही थी.

आमिर से मिल कर जब रश्मि घर पहुचि, तो अंधेरा हो चुका था, और उसे अपने मा बाप को जवाब देना था की, उसे इतनी देर क्यू हुई……….लेकिन कम उम्र मे ही सब कुच्छ जान चुकी रश्मि के लिए, ये कोई बहुत बड़ी बात साबित नही हुई…..उसने बड़ी ही सहजता से बहाना बना दिया, की वो अपनी एक सहेली के साथ पढ़ाई.और एग्ज़ॅम्स के बारे मे कुच्छ डिसकस कर रही थी, इसकी वजह से कुच्छ देरी हुई.
खाना खाने के बाद वो पूरी ईमानदारी से पढ़ाई करने की कोशिश करने लगी, लेकिन आमिर से हुई बाते, उसके दिमाग़ मे घूम रही थी………क्या उसके पिछे लगा वो सेक्स की आग मे ज़ुलसने का, श्राप अभी भी ख़त्म नही हुआ था………कब तक जिंदगी उसे, ये काम करवाती रहेगी……एक बार हुए ग़लती की सज़ा उसे कब तक मिलती रहेगी….?

रश्मि की उधेड़बुन उसे सोने नही दे रही थी…….और अब तो उसे, आमिर के कहने पर विकी को रिझाना था…ताकि उससे वो सीडी हासिल कर सके, या फिर उस सीडी का पता लग सके…..
इन्ही ख़यालो मे खोई रश्मि को ना जाने कब नींद ने आ घेरा

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अगले दिन सुबह जब वो तैय्यार होकर, स्कूल के लिए रवाना हुई……तो वो नही जानती थी की, आज का दिन उसकी जिंदगी मे एक नया, एक ऐसा मोड़ आने वाला हैं, जो उसकी पूरी जिंदगी ही बदल देगा………..वो हमेशा की तरह स्कूल के लिए रवाना हुई.

स्कूल के पास बस से उतरते वक़्त भी रश्मि अपने आप मे खोई हुए थी……अपनी ही धुन मे चली जा रही थी, की अचानक उसे किसी का ज़ोर से धक्का लगा…..वो कुच्छ समझ पाती इससे पहले ही वो सामने से आने वाले एक नौजवान से टकरा गयी, टक्कर इतनी ज़ोर की नही थी फिर भी दोनो ही एकदुसरे मे उलझ कर गिरने लगे……लेकिन उस नौजवान ने फुर्ती से, रश्मि की कमर मे हाथ डाल कर उसे और अपने आप को भी संभाल लिया…..ये सब इतनी तेज़ी से घटा था की रश्मि कुच्छ समझ पाने से पहले ही, ये सब हुआ था…..वो अपने आप को , अपने कपड़ो को ठीक करने लगी…..उसने नज़र उठा कर सामने खड़े, नौजवान को देखा, जो चेहरे पर हलकीसी मुस्कुराहट लिए उसे ही निहार रहा था…..आसपास के, आते जाते लोग भी तमशाई बन कर उन्हे घूर रहे थे……एन सब से रश्मि की हड़बड़ाहट और शर्मिंदगी बढ़ने लगी, उसने जल्दी से निकल जाने की सोचते हुए, उस नौजवान को ‘थॅंक्स’ कहा…..और नीचे गिरी अपनी कितबे उठाने के लिए ज़ुकी…लेकिन झुक ना सकी…..उसके गले को एक झटका लगा…..उसने हैरानी से देखा तो वो और भी शर्मिंदगी से भर गयी………उसके गले की गोल्ड चैन, उस नौजवान के चैन से उलझ गयी थी…..और ऐसी उलझी थी की आसानी से निकलती मालूम नही हो रही थी…….अब क्या करे…?…तमाशबीनो की भीड़ बढ़ती ही जराही थी,…लोग बड़े ही चाव से एक जवान लड़का और लड़की की ये ‘प्यारी सी मुसीबत’ को एंजाय कर रहे थे…….रश्मि की चैन मे कोई हुक नही था जिसे खोल कर वो अपने आप को आज़ाद कर ले……..और चैन फसि थी, लड़के की चैन के हुक मे…….!अब चैन फसि होने के कारण दोनो ही “मजबूरन” एक दूसरे से लगभग चिपक कर खड़े थे……रश्मि की हालत पल पल बुरी होती जा रही थी, लोगो का घुराना अब कॉमेंट्स मे बदल रहा था……और लड़का था की खामोश खड़ा मुस्कुरा रहा था……अब रश्मि की शर्म गुस्से मे बदलने लगी,……….

“सिर्फ़ खड़े खड़े हस क्या रहे हो….?…..निकालो अपनी चैन को…..मुझे स्कूल जाना हैं”…….रश्मि ने उसे डाट दिया.
” आइ आम सॉरी…..बस अभी निकलता हू…….वैसे सच तो ये हैं की आप मुझसे टकराई हैं, मैं नही…….फिर भी आप मुझे ही डाट रही हैं”………लड़का चैन निकालने की कोशिश करता हुआ बोला.
“आइ आम ऑल्सो सॉरी, लेकिन पता नही किसका धक्का लगा की मैं आप से टकरा गयी…….लेकिन प्लीज़ ज़रा जल्दी से चैन को सुलझाइये, सब हमे घूर रहे हैं….!”…….रश्मि भी फील कर रही थी की वाकई उस नौजवान की क्या ग़लती थी, लेकिन उसे टक्कर किसने मारी……?
चैन को सुलझने की कोशिश मे कई बार लड़के की उंगलिया, रश्मि की शर्ट से झँकति चुचियो पर रगड़ जाती…..जिससे रश्मि के बदन मे करेंट दौड़ने लगता…….चेहरे पर हया की लाली बिखर जाती……वो अब लड़के को निहार रही थी……काफ़ी हॅंडसम और शरीफ लगता था…….चेहरे पर बुद्धिमत्ता साफ छलक रही थी……..आँखो मे एक अजीब सी कशिश थी.
काफ़ी देर कोशिश कर चुकने के बाद भी जब चैन की गुत्थी नही सुलझी, तो मजबूरन लड़के ने, अपनी चैन को गले से उतारा, उसी उलझी हुए स्थिति मे उसे रश्मि के गले मे लटकने दिया…..

“……ये उलझन लगता हैं आसानी से नही सुलझने वाली……आप ऐसा कीजिए मेरी चैन को भी साथ ले जाइए, घर जाकर आराम से सुलझाइये, और कल जब आप फिर से स्कूल आएगी, तब अपने साथ ले आइए….ठीक हैं…?”

लड़के के सुझाव पर रश्मि दंग रह गयी….इतनी भारी सोने की चैन वो उसे देकर जा रहा हैं….जब की वो दोनो एक दूसरे को जानते भी नही….
“लेकिन….ये मैं…..इतनी भारी चैन…..कैसे…..हम दोनो ही एक दूसरे से अंजान हैं……

उसकी बात को समझ कर लड़के ने कहा……
“डोंट वरी मिस रश्मि…..मैं आप को जानता हू…..हाँ शायद आप मुझे नही जानती……मेरा नाम विकी हैं…..विकी माथुर….अब तो हमारी जनपहचान भी हो गयी…..अब आप निश्चिंत हो कर जाइए…..कल फिर मिलेंगे……इसी वक़्त, इसी जगह….ठीक हैं..?”………और वो चला भी गया.

अपने पिछे हैरान, परेशान रश्मि को छ्चोड़ कर
तो ये विकी हैं….जीसे फसाना हैं…! लेकिन वो उसे कैसा जानता हैं….? पहले कभी मिले हो ऐसा तो नही लगता…!
अच्छा लड़का हैं….!रश्मि मन ही मन सोच रही थी

विकी को फसाने का अरमान संजोए हुए रश्मि, शायद खुद ही फसि जा रही थी.

रश्मि के मन मे एक तूफान सा उठा था, विकी के बारे मे जो कुच्छ आमिर ने बताया था, उसे याद करके वो पेशोपेश मे घिरी थी. आमिर के मुताबिक, विकी अपने बाप की मौत की वजह तलाशने के लिए, अग्रवाल परिवार से घुलमिल गया था, और रिंकू से ख़ासी नज़दीकिया बढ़ा रहा था……..तो क्या विकी भी, बाकी लड़को की तरह, रिंकू के साथ सेक्स की सभी आक्टिविटीस मे शामिल था…? क्या वो भी औरो की तरह, रिंकू के इशारे पर मासूम लड़कियो पर टूट पड़ता था……जैसे मॉंटी, रोमी, और लकी उस रात उस पर टूट पड़े थे……..विकी देखने मे, बातचीत के तरीके से तो अच्छा लड़का लगता था……..
क्या वो विकी को चाहने लगी हैं…?..क्यू उसके बारे मे इतना सोच रही हैं….?…उसका काम था सिर्फ़ विकी को अपनी जवानी के जलवे दिखा कर, ज़रूरत पड़ने पर, अपने साँचे मे ढले जिस्म से खेलने की एजाजत देकर, वो सीडी हासिल करना, जिसमे उसका भविष्या क़ैद हैं, नीलू का इंसाफ़ क़ैद हैं…….वो क्यू उसके तरफ यू झुकी जा रही हैं……..और फिर विकी उसके बारे मे कैसे और क्या जानता हैं….?….उस रात रिंकू के यहा पार्टी मे क्या विकी भी मौजूद था….?…था तो दिखाई क्यू नही दिया…….ये भी तो एक नयी गुत्थी थी जो रश्मि से सुलझा नही रही थी.

जब काफ़ी देर तक सर खपाने के बावजूद रश्मि किसी नतीजे पे नही पहुचि, तो उसने हॉस्पिटल जाके नीलू को देख आने का मन बनाया.

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मल्होत्रा (नीलू का बाप) अपने आलीशान ऑफीस मे बैठा, कुच्छ फाइल्स देख रहा था,…..देखने वाले को तो यही महसूस होना था की मल्होत्रा बहुत बिजी हैं, लेकिन असल बात ये थी की उसका मन काम मे बिल्कुल नही था. असल मे वो एक फोन का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था. उसकी टेबल पर कई फोन लगे थे लेकिन उसका ध्यान सिर्फ़ अपने मोबाइल पर लगा था………तभी मोबाइल बजा…….मल्होत्रा ने झपट्टा मार कर मोबाइल उठाया…..
“हल्लो……”
“गुड आफ्टर नून सर…..मैं..”
“मैं जानता हू……काम की बात बोलो…काम हुआ की नही…?”……मल्होत्रा बेहद सावधानी बरत रहा था.
“कुच्छ हद तक होगआया हैं सर…….हम जान गये हैं……उस रात की पूरे घटनाक्रम की सीडी तैय्यार की गयी हैं…….उसकी एक कॉपी रिंकू के पास हैं, लेकिन हमे पता चला हैं की वो सीडी एडिटेड हैं…..उसमे से काफ़ी सारा रेकॉर्डिंग मिटा दिया गया हैं………पर एक शॅक्स हैं जिसके पास लगता हैं ओरिजिनल अनेडिटेड सीडी मौजूद हैं…
“कौन हैं वो…..उसके पास कैसे मौजूद हैं वो सीडी……उसे ढुंढ़ो, उससे सीडी हासिल करो……सीडी चेक करो…..अगर ज़रूरत लगे तो उस शक्स को ख़त्म करो…….मैं नही चाहता उस सीडी का, या उस जैसे किसी भी शक्स का वजूद भी रहे….जो आगे हमारे लिए ख़तरनाक साबित हो………और अग्रवाल की गतिविधियो पर नज़र रखना……तुम्हारी पेमेंट, तुम्हारे खाते मे ट्रान्स्फर की जाएगी……मुझे प्रोग्रेस की खबर देते रहना.”……..इतना कह कर मल्होत्रा ने फोन काट दिया

उसने अपनी एग्ज़िक्युटिव चेअर पे बैठ कर, टेबल के दराज से एक स्कॉच विस्की की बोतल बरामद की, अपने लिए एक बड़ा सा पेग बनाया और कुर्सी की पुष्ट से सर टीका कर, आँखे मूंद ली, और फोन पर कही गयी बातो पर सोचने लगा……

उसे ये पता था की, पार्टी की रात, रिंकू के दोस्त जिन कमरो का प्रयोग बेडरूम के रूप मे करने वाले थे, उनमे छुपे कमेरे लगा दिए गये हैं……लेकिन बदक़िस्मती से ये बात उसे पार्टी के बाद पता चली……..उन लोगो से जो पार्टी मे मौजूद थे रिंकू के दोस्त बनकर, लेकिन वो एक खास मकसद के लिए मल्होत्रा के लिए काम कर रहे थे……वो ऐसे लड़के, लड़किया थे, जिन्हे पैसो की सख़्त ज़रूरत थी, अपनी शराब और ड्रग्स के शौक पूरे करने के लिए……और मल्होत्रा ने उनकी इसी ज़रूरत को अपना हथियार बनाया था……आग्रवाल को अपनी बात पर राज़ी करने के लिए.
सब कुच्छ प्लान के मुताबिक हो रहा था…….लेकिन नीलू का कोमा मे चले जाना……और उन कमरो मे छुपे कॅमरो का होना….इन दो बातो ने उसे परेशान कर दिया था…….अगर उस सीडी मे “वो” सब भी रेकॉर्ड हुआ था, जो उसके प्लान के मुताबिक किया गया था……तो वो निसचीत रूप से बहुत बड़े झमेले मे फस सकता था……अब उसके लिए, उस सीडी और उस शक्स का मिलना बहुत ज़रूरी हो गया था.
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रश्मि जब हॉस्पिटल मे पहुचि तो शाम के करीब 5.30 बजे थे, वो सीधे नीलू के कमरे मे पहुचि……बड़े आदमी की बेटी थी…लिहाजा कमरा शाही था….बीमार आदमी की तिमरदारी के लिए पूरी तरह से सुसज्जित था…….नीलू के पास उस वक़्त सिर्फ़ एक नर्स मौजूद थी, लेकिन उस वक़्त सोई पड़ी थी……..रश्मि का मन भर आया…..इतने बड़े घर की बेटी….इतने साधनसंपन्ना लोग थे……क्या नही था उनके पास, दुनिया की हर खुशी, जो पैसो से खरीदी जा सकती थी, वो सब नीलू के घर वालो के पास मौजूद थी…….अगर कुच्छ नही था तो बस अपनी बेटी के लिए वक़्त, प्यार अपनापन, ममता……फूल जैसी बेटी यहा, अस्पताल के एक कमरे मे बेहोश पड़ी हुए थी, और घर का कोई भी मेंबर वाहा मौजूद नही था…….सब अपने अपने “निहायत ज़रूरी” कामो मे उलझे हुए थे…….और बेटी को छ्चोड़ दिया था, एक सोती हुई नर्स के भरोसे………कमाल के लोग, और उनके कमाल के फॅमिली रिलेशन्स……..रश्मि की आँखे भर आई…..वो धीरे से चलते हुए, नीलू के बेड पर बैठ गयी….उसने गौर से नीलू को देखा……वो कोमा मे थी, लेकिन लगता था शांति से सो रही हो…..चेहरे पर मासूमियत अभी भी बरकरार थी, शरीर पर जो जखम हुए थे, वो अब भर चुके थे……लेकिन आत्मा पर लगे जखम शायद ही भरे जाए……….रश्मि की भारी आँखे अब बहने लगी……..कच्ची उम्र की कामुकता का बड़ा ही घिनौना नतीजा उसके सामने था.

पता नही कितनी ही देर वो नीलू को देख रही थी…….अचानक उसे लगा की नीलू की बंद आँखो के पिछे कुच्छ हलचल हुई हैं……वो एकदम हड़बड़ा गयी……ये कैसे हो सकता हैं….? नीलू तो कोमा मे हैं….फिर ये हलचल…?….क्या नीलू होश मे आ रही हैं……क्या उसे नर्स को जगा कर बताना चाहिए……नही नही…..शायद ये उसका वेहम हैं….वो लगातार नीलू को देख रही थी, इसलिए उसे ऐसा भ्रम हुआ हो सकता हैं……..वो फिर से काफ़ी देर तक नीलू को देखती रही, लेकिन एस बार उसे कोई हलचल नही दिखाई दी……..थक कर वो वाहा से चली गयी.

लेकिन नीलू की आँखो मे हुए हलचल को सिर्फ़ रश्मि ने ही नही, किसी और ने भी नोट किया था, जिसने तुरंत मोबाइल पे नंबर मिलाना शुरू किया……..कौन था वो…..?…..किसे बता रहा था….?

दोस्तो अब इस पार्ट को मैं यहीं ख़तम करता हूँ आगे की कहानी जानने के लिए अगले पार्ट का इंत जार करें तब तक के लिए विदा



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