जवान नौकरानी और मालकिन की तड़प की स्टोरी

मेरा नाम आकाँशा है. मैं एक डॉक्टर हू, और मेरी आगे 24 है, और मैं थोड़ी चब्बी हू. मैं बाइसेक्षुयल हू. लड़कों के साथ तो मेरे सेक्षुयल रिलेशन्षिप रहे है, बुत मैं हमेशा से लेज़्बीयन सेक्स करना चाहती थी. पर कभी मौका नही मिला.

मैने अपनी डिग्री कंप्लीट की और डॉक्टर की जॉब के लिए दूसरी सिटी शिफ्ट हो गयी. वाहा मैं एक फ्लॅट में अकेली रहती थी, और मुझे एक मैड चाहिए थी. एक दिन मैं कार में जेया रही थी, तो एक 18-19 साल की लड़की जिसका नाम सुमन था गजरे बेचने मेरे पास आई. वो बहुत खूबसूरत थी.

मैने उससे पूछा: तुम कितने पैसे कमा लेती हो ये बेच के?

वो कहने लगी: रोज़ के 200-300 हो जाते है.

मैने उससे पूछा: अगर तुम्हे महीने के 20,000 मिले तो काम करोगी मेरे घर सफाई और खाने का? लेकिन रहना तुम्हे वही होगा सारा वक़्त.

वो तो खुश हो गयी.

वो कहती: मैं अभी आपके साथ चलने को तैयार हू. मुझे बहुत भूख भी लगी है. कुछ खाने को मिलेगा ना?

मैने उसे कार में बिताया. उसे खाने को कुछ लेकर दिया. उसके कपड़े लिए बेज़ार से, और घर चली गयी. वो बहुत गंदी हुई पड़ी थी, जैसे बहुत देर से नहाई ना हो. मैने उसे कपड़े दिए, और कहा-

मैं: जाओ आचे से नहा लो.

वो नहा के आई और मैने उसे सब घर की चीज़े बता दी.

फिर एक बात और कही: मुझे मेडम बुलाना है, और काम मैं कोई ग़लती मैं आक्सेप्ट नही करूँगी. ग़लती हुई तो सज़ा भी मिलेगी.

वो झट से बोली: नही-नही, आपको कोई भी ग़लती का मौका नही दूँगी.

मैने रात को एक पॉर्न वीडियो देखी जिसमे एक लेज़्बीयन मालकिन अपनी मैड को सिड्यूस करती है, और उसके साथ सेक्स करती है. ये सब देख के मेरी फुदी फुल पानी-पानी हो रही थी. लेकिन मैने उस वक़्त सुमन के साथ कुछ नही किया, और बस फिंगरिंग करके सो गयी.

अगली सुबा मैं उठी और ड्यूटी पर चली गयी. जाते हुए सुमन को कह गयी की डाल चावल बना लेना. उसे सुनने में ग़लती लग गयी, और जब मैं आई तो सिर्फ़ डाल बनी थी. मेरे पूछने पर उसने बताया की उसे लगा सिर्फ़ डाल बनानी थी. मैने उसे गुस्से में कहा-

मैं: मैने तुझे कहा था की ग़लती नही होनी चाहिए.

वो कहने लगी: मेडम आयेज से नही होगी ग़लती. इस बार माफ़ कर दे.

मैने कहा: अब ग़लती की है, तो सज़ा भी मिलेगी.

वो कहने लगी: आप सज़ा देदे, पर मुझे काम से ना निकालना.

मैने कहा: अभी जेया काम कर जाके. रात को सज़ा भी मिल जाएगी तुझे.

मुझे बहुत इंतेज़ार था रात का. मैने पॉर्न वीडियोस देखी और मेरी छूट पूरी गीली हो गयी थी. मैने अपने निपल और बूब्स को दबाना शुरू किया. मैं बहुत गरम हुई पड़ी थी. मैने सुमन को आवाज़ दी, और वो जल्दी से आ गयी.

फिर मैने उसे कहा: तैयार है सज़ा के लिए?

सुमन: जी मेडम.

मैं कुर्सी पर बैठी थी. मैने उसे अपने पास बुलाया, और अपनी गोद में उल्टा घोड़ी की तरह लिटाया. उसकी कमीज़ उपर की. उसने सिल्क की सलवार पहनी थी, और मैं हल्का-हल्का उसकी बूटी पर हाथ फेरने लगी.

सुमन: मेडम ये आप क्या कर रही है?

मैने ज़ोर से उसकी बूटी की एक साइड पर स्पॅंक किया, और कहा: ये तेरी सज़ा है.

और उसकी ज़ोर से एक आ निकली. फिर मैने उसे ज़ोर-ज़ोर से स्पॅंक करना शुरू किया और कहा-

मैं: आइन्दा ग़लती होगी?

वो आहें भर रही थी और कह रही थी: मेडम मुझे माफ़ कर दे. कभी कोई ग़लती नही होगी.

मैने उसकी सलवार भी नीचे कर दी, तो उसके चूतड़ लाल हो गये थे मेरे स्पॅंक करने से. मैने सलवार उपर कर दी और कहा-

मैं: चल जेया, सो जा.

वो जल्दी से उठ के भाग गयी.

सुमन उसके बाद मुझसे बहुत दर्र के रहने लगी. फिर मैने उसे अपने पास बिताया और कहा-

मैं: देख सुमन, मैं तेरी बड़ी बेहन जैसी हू. तू ग़लती करेगी तो तुझे सज़ा देना मेरा फ़र्ज़ है. जेया अब तैयार हो जा, हम आइस-क्रीम खा के आते है.

और फिर वो ठीक हो गयी. कुछ दिन बाद मैने उससे कहा-

मैं: मेरे पुर जिस्म में बहुत दर्द है. तू मेरी मसाज कर दे फुल बॉडी की.

वो आयिल लेके आई. तब तक मैने रूम में अंधेरा करके कॅंडल्स लगा दी. फिर मैने उसके सामने अपने कपड़े उतार दिए सारे. उसने शरम से आँखें नीचे कर ली.

मैने हस्स के कहा: सुमन तू शर्मा क्यूँ रही है? तेरे पास भी वही है जो मेरे पास है.

वो फिर हस्स के नीचे देखती रही. फिर मैं लेट गयी. वो तो मुझे हाथ लगते हुए भी झिझक रही थी. उसने मसाज करनी स्टार्ट की तो मैं आहें भरने लगी-

मैं: अया, सुमन आराम से कर, दर्द हो रहा है. आअहह आअहह हा इधर कर, मज़ा आ रहा है.

मैने उसे सिड्यूस करने के लिए ये सब बोला. सुमन का चेहरा पूरा लाल हो गया.

मैने कहा: सुमन मेरे बूब्स की शेप कुछ ठीक नही है?

उसने कहा: नही मेडम आचे है.

मैने कहा: अछा जी, ऐसा कर इनकी भी मसाज कर्दे, थोड़े टाइट हो जाएँगे.

वो तोड़ा हेज़िटेट कर रही थी. तो मैने उसका हाथ पकड़ के अपने बूब पर रखा.

फिर मैने कहा: अब कर मसाज.

वो कहने लगी: मुझे करनी नही आती यहा से.

मैने कहा: अपनी कमीज़ उतार.

वो कहती: नही मेडम, मैं नही उतार सकती.

मैने तोड़ा सीरीयस होके कहा: सुमन कमीज़ उतार.

तो वो उतारने लग गयी. मैने पहली दफ़ा उसे बिना कपड़ों के देखा. उसके बूब्स छ्होटे-छ्होटे थे, और निपल हल्के से ब्राउन कलर के छ्होटे-छ्होटे थे. मैने उसका हाथ खींच के अपने करीब किया. फिर उसकी कमर पे दोनो हाथ रखे, और कहा-

मैं: तुझे पता है मैं कब से इसका इंतेज़ार कर रही थी.

वो थोड़ी डोर हुई और कहने लगी: किसका मेडम?

मैने कहा: यही की मैं किसी की मसाज करू. चल अब लेट जेया.

वो लेती और मैने उसकी सलवार भी उतार दी. वो तोड़ा हेज़िटेट हो रही थी, पर मैने इग्नोर करके उतार दी. उसकी छूट पिंक कलर की थी. मेरा दिल कर रहा था की चूम लू सुमन के जिस्म का एक-एक इंच. लेकिन मैने कंट्रोल किया खुद को, और आयिल ले कर उसकी मसाज स्टार्ट की.

मैने पूछा: सुमन तेरा कोई बाय्फ्रेंड नही रहा कभी?

वो कहती: मेडम मैं तो छ्होटे से मकान में अपनी बुद्धि मा के साथ रहती हू. इतना काम करती हू की कभी इन सब का मौका ही नही मिला. लेकिन एक दफ़ा में गजरे बेचने एक आदमी की गाड़ी के पास गयी थी. उसने कहा वो बहुत पैसे देगा अगर मैं उसके साथ सेक्स करूँगी तो. और उसने मुझे एक घंटे के लिए गाड़ी में बुलाया. मैं बैठ गयी क्यूंकी मुझे पैसे चाहिए थे.

मैने कहा: फिर उसने क्या-क्या किया?

सुमन: रात के 2-3 बजे का टाइम था. वो गाड़ी एक वीरान सड़क पर ले गया. उसने मेरे कपड़े उतरे, और मेरे निपल ज़ोर-ज़ोर से चूसने लग गया और काटने लग गया निपल पर. उसने अपनी 2 उंगलियाँ मेरी छूट में डाल दी, और मैं दर्द से मछली की तरह तड़प उठी.

सुमन: फिर उसने अपना लंड निकाला, और मेरे मूह में डाल दिया और आहिस्ता-आहिस्ता 2 से 3 उंगलियाँ मेरी छूट में डाल के अंदर-बाहर करने लगा. अपना लंड उसने मेरे मूह के अंदर इतना तूस दिया की मुझे साँस भी नही ली जेया रही थी.

सुमन: और फिर उसने मेरे मूह में डिसचार्ज करके अपना लंड बाहर निकाला, और अपना हाथ मेरे मूह पर रख के कहा पी इसे. मैने सर हिला के ना कहा तो उसने मेरी छूट पर थप्पड़ मारा और मैं चीख उठी, और मैने उसका पानी पी लिया. उसके बाद उसने अपना लंड मेरी छूट में डाल मुझे छोड़ा.

ये सब सुन के मेरी छूट पानी-पानी हो रही थी. मैने सुमन को सीधा किया, और उपर आ कर उसके होंठ अपने होंठो में लिए, और किस करने लग गयी. उसने मुझे अपनी बाहों में ज़ोर से पकड़ लिया.

मैने कहा: सुमन मैं इस पल का बहुत देर से इंतेज़ार कर रही थी.

वो कहने लगी: मैं भी मेडम.

और वो मुझे चूमने लग गयी. मैने एक दुपट्टे से उसके हाथ उपर करके बाँध दिए. वो लेती थी, और मैने उसकी टाँगो पे बैठ के उसके दोनो निपल अपने हाथ में लिए, और ज़ोर से मसालने लग गयी. वो दर्द और मज़े से तड़पने लगी, और आहें भरने लगी.

मैने उसका एक बूब अपने मूह में लिया और अपने आयिल वाले हाथ से उसकी छूट सहलाने लगी, और नीचे हो कर ज़ुबान से तेज़ी से उसकी छूट चाटने लगी. सुमन पुर सुरूर में आहें भर रही थी. मैने उसके हाथ खोले और उसे ज़मीन पर बिताया, और खड़ी हो कर अपनी टांगे खोली.

सुमन मेरी छूट पर झपट पड़ी. उसने मेरी छूट ऐसे छाती जैसे वो सदियों से प्यासी हो. मैने सुमन के दोनो निपल्स को उंगलियों से पकड़ा, और ज़ोर से खींचने लगी, और सुमन तेज़ी से चाटने लगी मेरी छूट.

हम पूरी रात ऐसे ही एक-दूसरे की छूट चाट-ते रहे, बूब्स सक किए, और फिंगरिंग की. उसके बाद हर 2-3 दिन यही सिलसिला चलता रहा. मैं नये-नये तरीके से हमारी रात और एग्ज़ाइटिंग बनती.

यह कहानी भी पड़े  मेरी दुनिया बदल गई


error: Content is protected !!